अमानत के गुमनाम दोस्त के नाम

मुझे मालूम है 
तुम सच्चे दोस्त थे उसके,
चाहा था उसे जीने के लिए,
लड़े भी उसकी ज़िंदगी के लिए,
कितना चाहा होगा तुमने उसे,
कितना चाहा होगा उसने तुम्हें,
तुम दोनों ने कितना प्यार किया होगा,
कितने सपने रखे होंगे सिरहाने,
उन सबको हटाकर एक दिन
देखने का मन करता है,
जानने का मन करता है
बताने का मन करता है 
इक दोस्त ऐसा भी होता है 
चुपचाप अकेले में रोता है 
जान पर खेल कर लड़ता है
तुम्हारी आँखों में वो मंज़र 
दर्ज भी होगा और क़र्ज भी,
नहीं बचा सकने की पीड़ा,
तुम्हारी करवटों को कैसे कैसे,
काटती होगी रात भर,
तुम तो मुआवज़े के एलान से भी 
कर दिए गए हो बाहर,
तुम तो इंसाफ़ की लड़ाई से भी 
कर दिए गए हो बाहर,
तुम्हारा दर्द तुम्हीं में जज़्ब हो गया,
जैसे वो दफ़्न हो गई हमेशा के लिए,
हम सबकी नाकामियों में,
दोस्त,
मैं तुम्हारी दोस्ती को चूमना चाहता हूँ,
बाँहों में कस कर रोना चाहता हूँ,
दोस्त,
वो कितना तड़पेगी तुम्हारे लिए,
जन्नत या दोज़ख़ की दीवारों के पीछे,
जाने तुम उसे ढूँढा करोगे कहाँ कहाँ पर,
सिनेमा हाल की सीट पर,
मुनिरका के बस स्टाप पर,
तुमने जो प्यार खोया है,
तुमने जो दोस्ती पायी है,
मैं मिलना चाहता हूँ तुमसे, 
तुम्हारी चाहत के बचे हिस्से में,
अपनी चाहत का इम्तिहान देना चाहता हूँ ।

(ये उस दोस्त के लिए है जो ग़ायब है हमारे बीच होकर भी, जिसकी मोहब्बत अब लौट न सकेगी कभी, इंसाफ़ की तमाम लड़ाइयाँ जीतने के बाद भी)

105 comments:

  1. aapne jis trha se likha hai kafi acha hai aur jis trh ramayan me laxman ki wife ka khee jikr nhi aata hai uske tyag ke baare me logo ko nhi pta kuch issitrh is dost ki khaani hai.

    Muje aacha lga. good one.

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    1. liked it, Please also read ऐसे ही कहीं , एक काली रात में कोई रेप थोड़े ही हो जाता है ! http://wp.me/s9ZH3-1502

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  3. सर आपने इस दुखद घटना के उस पहलू को दिखा दिया जिसपे कोई बात ही नहीं कर रहा था।। निःशब्द हूँ मैं।

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  4. अब क्‍या कहे, दर्द तो बहोत होता है। किससे लङेँ इंसाफ के लिए, उनसेँ जिनको हमने चुनके भेजा है अपने लिए? बाबा भाकरे (नासिक, महाराष्‍ट्र)

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  5. सिनेमा हाल की सीट पर,
    मुनिरका के बस स्टाप पर,
    तुमने जो प्यार खोया है,
    तुमने जो दोस्ती पायी है,
    मैं मिलना चाहता हूँ तुमसे,

    आप हमेशा वहां पहुंचते हैं..जहां हमारी नजर रोज जाते हुए भी नहीं पड़ती

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  6. कोई शब्द नहीं हैं व्यक्त करने को.. बस एक दर्द है एक चुभन है मन रो रहा है.. और इन शब्दों ने और रुला दिया एहसास दिल इया उस दर्द का उस दुःख का जो उस दोस्त ने सहे हैं जो वो दोस्त सहेगा..

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  7. जीवन की जटिलताओं को को समझने का उदाहरन है, जीवन के हर मोड़ पर कोई न कोई राम है और कोई न कोई रावण, फ़िक्र इस बात की है की हर बार रावण ही क्यों जित जाता है।

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  8. जी पवन प्रताप सिंह से सहमत पूरी तरह। काफी अच्छा लिखा है।

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  9. Very Nice Sir G Aap Her Pehlu ko Assan Shabdo me kesse likh dete ho ku6 v Baki Nahi reh Jata

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  10. wakie sir uska dard bhi bahut bara hain, jo shayad hum mai se koi nahi samajh sakta hain, mera salaam us dost ke naam...

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  11. दिल भर आता है
    जुबान खामोश हो जाती है
    सारी संवदेना ठहर जाती है
    बार-बार जब उस 'दोस्त' की यद् आती है

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  12. very touching Ravish ji
    see this too http://anoopbhargava.blogspot.in/2006/06/blog-post_26.html

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  13. You touched the stone that was still unturned..superb..

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  14. bahut bahut bahut heart touching <3 !!

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  15. Man ko jhakjorti kavita...nischay hi tasveer ka yah pahlu humse chut gaya tha, wo peeda ,wo ankaha dard...ant heen vedna....raveesh ji aap ko aabhar aur us mitra ko salaam...

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  16. बयाँ करने को अल्फ़ाज कम पड़ रहे हैं। हम सब के भीतर वह दोस्त छुपा है पर चाह कर वह उसकी मदद कर नहीं पाया। आपको यह लिंक पसंद आयेगा। http://kumudni.blogspot.in/2012/12/blog-post_19.html?m=1

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  17. आखौ में आसुँ आ गये ।

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  18. excellent one !

    heart touching one !

    hope for justice that will shake this country like this crime and shake those people who has read this article

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  19. Ravish ji Rula diya aapne to .. :( :'(

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  20. Ravishji dil ko choo gayi...... dil se nikle to dil ko choota hai....

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  21. awesome dont have words for the true love .... god bless him

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  22. कल रात को वह गझल फिर सुनी - "ये ना थी हमारी किस्मत के विसाल ए यार होता..." और उस अनदेखी जोडी के लिए यूंही आँसू बहते गए | भगवान दामिनी की आत्मा को शांति प्रदान करे और उसके दोस्त को धैर्य दे | हम सब उसके दु:ख में शामिल है लेकिन प्यार बिछड जाने का दर्द तो उसेही सहना है | अब भी यह सोचकर मन में रोती हूं कि इन १५ दिनों में उसे एक एक पल याद करके कितना रोया होगा वो |

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  24. कुछ लिखा है 'दामिनी' के लिए,
    सोचा सभी के इस दर्द को बांटू।
    'हम शर्मिंदा है'
    वो कहती है की, "माँ मैं जीना चाहती हूँ!"
    सियासतदा कहते है "हम उसे 'मरने ' नहीं देंगे!"
    आज जब वह इस दुनिया से रुखसत हो गई,
    चारो तरफ रंज है खुद के इंसा होने का।
    हर तरफ कलुषित चेहरे
    जो इंसानियत को शर्मसार करते हुए
    घूम रहे है बस्ती बस्ती।
    कुछ जो मुस्कराते है 'संसद' में बैठ कर
    जब एक औरत, औरत के दर्द को बयां करती है
    अगर दुनिया ऐसी ही है।
    तो अच्छा है वो नहीं रही 'ऐसी' दुनिया में।
    -aj....

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  25. Ager Tum Ye IJazat Do,,,
    K Lab Ko Khol Sakte Hein,
    kuch hum bhi bol sakte hein,
    To tumhein ik lafz kehna hai,
    Teri khush rang mehfil mein,
    SitarA dost suno faryad meri,
    Kabhi dunya thi abad meri,
    Main praim nagr ka baasi tha,
    Or pyar ka itna aadi tha,
    K saans bi pyar sy chalti thi,
    Dharkan bi geet sunati thi,
    Na khana peena ishq siwa,
    Na chalna phirna ishq bina,
    Jeewan me hr su rang hi rang,
    Hr pal me jeeny ki tarang,
    Phir sapna mera toot gyon k chilman mein,
    Wafa gaati hawaon mein,
    Prindon ki sadaon mein,
    Haseen sapno mein,
    khawabon mein,
    Haqiqat mein,
    kitabon mein,
    To yeh hi lafza,
    Wo dais bi muj sy chhoot gya,
    Ab maara maara ghomta hun,
    Jeeny ka sahara dhoondta hun.
    Ay dost suno faryad meri,
    Kabi dunya thi abad meri. kafi hai…?
    “TUMHEIN HUM YAAD KARTE HEIN”……
    Na tum jis ko samaj pao,
    “HUM ITNA PIYAR KARTE HEIN.

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  26. hum samajhate the ki bas behan hamse door gayi hai...ye jo roj marega usko sab bhool hi gaye

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  27. रविश जी .. दर्दनाक पहलु ..आपने उस इंसान का दर्द समझा जहा तक कोई नही पहुच पा रहा।न समाज न सरकार ..शायद न्याय भी नही।शायद इसलिए ही आप रविश है ..

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  28. जहां ना पहुंचे कवि वहां पहुंचे रवि...

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  29. Ravish ji ..sahi kaha aapne .. ye bahot dardnaak pehlu hai ...aur humein uske dard ko bhi samajhna hoga
    ....
    kya aisa nhi ho sakta ki ye dost hamare beech aaye jisse hum inka dard saath mein baant sakein...

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  30. aapka blog mujhe hamare neatao ki yaad dilata hae,kae judna chahte hae honge,kae tumsa banna chahte honge,kae tasveer tang ke ghar mae lagate honge,per kya itni bheed mae mujhe sun paoge,mere vicharo se kuch bun paoge.

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  31. kash har insaan ka dil aap jasa ho
    par aap badal na jaana is matlabi dunia ke sath
    jo vote dete huai yahi sochi hai kaun mera kitna fayda karva sakta khai
    aur phir ek baar phir wohi nikkama chehra usi ya kisi aur roop mein chuun kar aa jata hai

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  32. kash har insaan ka dil aap jasa ho
    par aap badal na jaana is matlabi dunia ke sath
    jo vote dete huai yahi sochi hai kaun mera kitna fayda karva sakta khai
    aur phir ek baar phir wohi nikkama chehra usi ya kisi aur roop mein chuun kar aa jata hai

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  35. kash har insaan ka dil aap jasa ho
    par aap badal na jaana is matlabi dunia ke sath
    jo vote dete huai yahi sochi hai kaun mera kitna fayda karva sakta khai
    aur phir ek baar phir wohi nikkama chehra usi ya kisi aur roop mein chuun kar aa jata hai

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  36. this ought to be placed in prime time ..it may help and improve a life .
    prime time with ravish always great

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  37. i can imagine but when i imagine i feel fear from the moment when he also her what he is feeling now becoz he seen everything in front of eyes.your right 100% sir.

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  38. दिल छु लिया सर जी आपने। वाकई आपने एक ऐसे व्यक्ति का दर्द दिखाया, जिसे हम लोग भूल गए थे। वाकई, वो इन्सान रोज घुट घुट कर जियेगा। हम सब उसके दुःख में शरीक हैं। लेकिन कुछ भी कर ले, हम उसका दुःख, हम कम नहीं कर सकते हैं।

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  39. http://rohitdwivedi369.blogspot.ru/2012/12/delhi-gang-rape-victime-damini.html

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  40. http://rohitdwivedi369.blogspot.ru/2012/12/delhi-gang-rape-victime-damini.html

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  41. dedicated to DAMINI .
    http://rohitdwivedi369.blogspot.ru/2012/12/delhi-gang-rape-victime-damini.html

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  42. दिल छु लिया रविश सर जी आपने। वाकई आपने एक ऐसे व्यक्ति का दर्द दिखाया, जिसे हम लोग भूल गए थे। वाकई, वो इन्सान रोज घुट घुट कर जियेगा। हम सब उसके दुःख में शरीक हैं। लेकिन कुछ भी कर ले, हम उसका दुःख, हम कम नहीं कर सकते हैं। परेश कुमार सिंह , वाराणसी

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  43. रवीश भाई वास्तविक भावभिव्यक्ति

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  44. Your imagination and feelings for pains of unfortunate survivor of tears penetrate deep inside.

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  45. "जायचा देख के बोला ये नज़ूमी मुझ से ,
    जो भी माँगा है वो हर हाल में मिल जायेगा ,
    क्या मुबारक है नया साल जो मैं खुश होऊं ?
    वो जो बिछुड़ा है क्या इस साल में मिल जायेगा.....?"
    [ जाएचा =जन्म-पत्री....नजूमी =ज्योतिषी ]
    डॉ कुमार विश्वास

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  46. YE ACHHA HAI KI VO CHUP-CHAP BAITHA HAI
    THODE DINO ME USKA GUM BHI DUNIYA ME MIL JAYEGA
    AGAR AISE HI BICHHDTE RAHE LAILA O MAJNU
    DUNIYA KA MOHOBBAT K KHUDA SE BHAROSA HIL JAYEGA..!!

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  47. तुम सच्चे दोस्त थे उसके

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  48. RVish achha hai ki us dost par kisi ki nazar nahin padi........tanhaiyon me aatma sakshatkar se hi dukh batega....

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  49. Ravish Ji aapki panktiyon ne Dil ko bhar diya, Kuch kahne ke liye hee nahi bacha.
    Saal ke aisee vidai yaad nahee kabhi aisee rahi hogi.kya kahoon

    Bahadur shah jafar -"Baat karnee mujhe musquil kabhi aise to na thi"

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  50. This comment has been removed by the author.

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  51. This comment has been removed by the author.

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  52. http://kabadkhana.blogspot.in/
    bahut hi adbhut rachna ,,,,

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  53. http://kabadkhana.blogspot.in/
    bahut hi adbhut rachna ,,,,

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  54. बढ़िया सर साधारण से शब्दों का इस्तेमाल कर आपने असाधारण बात कह दी है

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  55. यही दर्द आपकी आंखों में रिपोर्टिंग करते वक्‍त एक दिन दिखायी दे रहा था।

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  56. ravisjee yah aalekh "अमानत के गुमनाम दोस्त के नाम" un sabhi pyar karne walo ke liye misal hai ,kyo ki musibat padne par adhikatar stah chhodkar hi bhag jate hai ,, lekin ise padhe ke baad ab ve bhag nahi sakte balki muskil samay me sath denge... jo kuskil me dalte hai unke liye bhi sabak hai yah aalekh ..

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  57. rabish, bahut sentimental kavita,
    badhai

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  58. ravish, bahut sentimental kavita. hamri ladai ka wah hiro hai, shuruaat usne hi ki or khoya bhi bahut kuch, sach me uski pida ankahi hai avi tak, or wah kah bhi nahi sakega.

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  59. @Ravish Bhai.Mai Ek chhote Gav ka Simple Ladka hu.aapki tarah but 9-10 Pm Aapke Programme k liye T.V.on rahta hai.'DAMINI'K Nam Ek Srijan hai jo aapko Mail krna chahta hu.ho sake to apna E mail mere id pe Bhej de Bhaiya Ravish.

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  60. yadi wo n hota to sayad kisi ko pata hi n chalpata .........
    usk liye aap ne likha .
    thanks

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  61. Dil ko jhakjhorne wala hai...very nice sir...!!!

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  62. very Nice ...........Ravish Bhaiya Bahut hi Achi aur practical Baat hai iss kavita Maie...jo AMANAT Ka dost padhe to Aur Royega

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  63. very Nice ...........Ravish Bhaiya Bahut hi Achi aur practical Baat hai iss kavita Maie...jo AMANAT Ka dost padhe to Aur Royega

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  64. Yeh bita hua pal...
    jisne jiya... jise kahin na kahin hum sab bhul gaye..., jo kai raten zindagi aur maut ke bich jeeta raha..
    Ek asahay insan... jo chah kar bhi use bacha na paya...
    sir, shabd nahi hai is marmik kavita ke baare me likhne ka... jiya usne..... par mehsus aapne kiya...
    i salute you.

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  65. दुखद शब्द बन, व्यक्त रक्त वह,
    मर्म अस्त हत, विपद प्राण सह।

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  66. उसने एक दिल की हिफाजत की थी, मंजर का मैताज न वो था, ना उसकी दोस्‍ती। बेहद प्रभावी शब्‍दचयन के साथ मर्मस्‍पर्शी संवेदना । सधन्‍यवाद ।
    ; मयंक दीक्षित

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  67. Ravishji,bhavanao ki pida ki chhatpatahat apke shabdo ke madhyam se mann ko zakzoar gayi... apki abhari hu.

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  68. Soul touching.. really no words to say.......
    :-(
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  69. एक ऐसी अभिव्यक्ति जिसने एक दोस्त का एक दोस्त के प्रति निस्वार्थ समर्पण प्रस्तुत किया है.....

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  70. shukriya ki aap isbaremein sochte hai...

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  71. सर जी जो वेदना आपने जताया है उसका ही हल ढुढने का प्रयास एक कवी का!सर जी इस कविता की समीक्षा अवश्य सूचित करे

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  72. Achee pehel us gumnam dost ko apne shabdoon ke jarea dhudhny ke...

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  73. बहुत दुख हुआ सुन के जान के ......हमारी सहन भूति आप के साथ है ....

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