मैं देश को गुजरात का नमक खिलाता हूं- नरेंद्र मोदी

(शाहिद सिद्दीकी चार दलों में रह चुके हैं। पूर्व सांसद हैं। साप्ताहिक उर्दू अख़बार के संपादक भी हैं। उन्होंने नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू किया है। सवाल जवाब शुरू होने से पहले इंतनी लंबी प्रस्तावना लिखी है। शायद उन्हें विवाद का अहसास होगा। उससे ज़्यादा यह अहसास होगा कि उनकी नीयत पर भी सवाल उठेंगे। इसलिए ये सारी बातें लिखीं हैं। छह पेज का इंटरव्यू है इसलिए टाइप करने में वक्त लगेगा मगर धीरे धीरे करके यहां डालता जाऊंगा ताकि आप हिन्दी में इस महत्वूपूर्ण इंटरव्यू को पढ़ सकें।)


दो हफ्ते पहले की बात है मैं हेमा की बेटी की शादी में शिरकत के लिए मुंबई गया था। शाम को हम बांद्रा के एक फ्लैट में बैठे थे। हमारे साथ महेश भट्ट,सलमान ख़ान के वालिद सलीम ख़ान और सनतकार(उद्योगपति) ज़फ़र सरेसवाला थे। बातों बातों में गुजरात का तस्करा(ज़िक्र) निकल आया। मोदी के ज़ुल्मों सितम की, गुजरात के मुसलमानों से नाइंसाफियों की बातें निकल आईं। सलीम ख़ान कहने लगे कि शाहिद साहब आपने दुनिया भर के लोगों का इंटरव्यू किया है, कभी नरेंद्र मोदी का इंटरव्यू नहीं लिया। मैंने कहा कि मोदी हमें कभी इंटरव्यू नहीं देगा। नई दुनिया मोदी का सबसे बड़ा मुख़ालिफ़(विरोधी) है और मैं हर टीवी चैनल पर उसके ख़िलाफ़ बोलता हूं। महेश भट्ट बोले कि कोशिश कीजिए क्योंकि हमारे सामने मोदी की राय सामने नहीं आई है। नरेंद्र मोदी भी मीडिया से दूर भागता है और मीडिया भी मोदी की बात नहीं सुनना चाहता। मैंने ज़फ़र से कहा कि कोशिश करके देख लो और राज़ी हो जाएं तो मुझे कोई एतराज़ नहीं है। मैंने १९७७ में इंदिरा गांधी का इंटरव्यू उस वक्त किया था जब आपातकाल के ख़ात्मे के बाद सब उन्हें नफ़रत की निगाह से देखते थे। इंदिरा गांधी क्या सोचती थी, क्या चाहती थी यह पहली बार दुनिया के सामने मैंने पेश किया था। मैंने अटल बिहारी वाजपेयी और आडवाणी का भी इंटरव्यू लिया। ये तो सहाफ़ी(पत्रकार) का फ़र्ज़ है। ख़ासतौर से जो मुख़ालिफ(विरोधी) है, बदनाम है, जिसकी राय से इख़्तलाफ़(असहमति) रखते हैं उसकी सोच तो हमारे सामने आनी चाहिए।

एक हफ्ता बाद मुझे संजय बावसर का फोन आया, जो नरेंद्र मोदी के सचिव हैं। उन्होंने मुझे मोदी का इंटरव्यू करने की दावत दी। मैंने कहा कि मेरी शर्त पर। पहले यह कि मोदी मेरे हर सवाल का जवाब देंगे। दूसरे ये कि मैं जो चाहूंगा उनसे सवाल करूंगा । मोदी के बारे में जानता हूं कि उन्होंने कई बार टीवी चैनलों को इंटरव्यू देते हुए किसी सवाल से नाराज़ होकर बीच में ही इंटरव्यू ख़त्म कर दिया। मैं जानता था कि मेरा इंटरव्यू कड़ा होगा,मेरे हर सवाल हिन्दुस्तान के सेकुलर इंसान के ज़हन में उठने वाले सवाल होंगे। क्या नरेंद्र मोदी इन सवालों को बर्दाश्त करेंगे। अगले दिन फिर संजय का फोन आया कि मोदी जी राज़ी हैं। आप कब आयेंगे। मेरे दिन में कशमकश थी कि मैं मोदी का इंटरव्यू करूं या न करूं। आख़ारकार मैंने फ़ैसला किया कि अपने सवाल रखने में क्या हर्ज़ है।

गांधीनगर में वज़ीरेआला की रिहाइश बहुत खामोश और पुरसकून इलाके में हैं। मोदी की रिहाइश में आम नेताओं वाली गहमा गहमी नहीं थी। हर चीज़ बहुत सिस्टम से थी। मोदी ने मेरी इंटरव्यू की वीडियो फिल्म बनाने का फैसला किया था। उसे टेप करने का फैसला किया था ताकि मैं उनकी कही बातों में कोई मिर्च मसाला न लगाऊं। आधी आस्तीन के गुलाबी कुर्ते में नरेंद्र मोदी मेरे सामने बैठे थे। एक शख़्स जिसे डिक्टेटर कहा जाता है, हिटलर भी, मुस्लिम दुश्मन और फ़िरकापरस्त भी। मोदी के होठों पर मुस्कुराहट थी। मगर उनकी आंखें नहीं मुस्कुरा रही थीं। मोदी ने वादे के मुताबिक मेरे तमाम सवालों के जवाब दिये। मगर बहुत से सवाल वो टाल गए,अपना दामन बचा गए। मोदी बहुत मंझे हुए सियासतदान और निहायत तज़ुर्बेकार खिलाड़ी की तरह मेरे हर बाउंसर से बचने की कोशिश कर रहे थे। मैं मोदी के बहुत से दलायल(दलील) से कत्तई सहमत नहीं हुई, उनके जवाबात से मुतमईन नहीं हूं मगर इनका इंटरव्यू जैसा है वैसा पेश कर रहा हूं ताकि आप मोदी की सोच और उसके ज़हन से वाक़िफ़ हो सकें। इंशाअल्ला अगले हफ्ते मोदी के इंटरव्यू पर अपना विश्लेषण पेश करूंगा। मोदी के सच और झूठ को बेनकाब करूंगा और फिलहाल आप नरेंद्र मोदी का पहली बार किसी उर्दू अख़बार को दिया गया तफ़्सीली इंटरव्यू मुलाहिज़ा फरमायें।

हिन्दू राष्ट्र-

शाहिद सिद्दीकी- नरेंद्र मोदी जी आपका हिन्दुस्तान का तसव्वुर क्या है। क्या आप हिन्दुस्तान को एक हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहते हैं, अगले पचास बरस में आप कैसा हिन्दुस्तान बनाना चाहते हैं ?

नरेंद्र मोदी- हम खुशहाल भारत देखना चाहते हैं। एक मज़बूत भारत देखना चाहते हैं। इक्कसवीं सदी भारत की सदी हो यह हमारा सपना है जिसे साकार करना है।

शाहिद-कहा जाता है कि आप गुजरात को हिन्दूराष्ट्र की तज़ुर्बागाह की तरह इस्तमाल कर रहे हैं। अगर आप मरकज़ में पीएम बन कर आ गए तो आप भारत को एक हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहेंगे। इसमें मुसलमानों और दूसरे अक्लियतों की क्या जगह होगी?

मोदी- पहली बात तो यह कि आज गुजरात में अक्लियतों की जो जगह है वो पूरे मुल्क के मुकाबले ज़्यादा अच्छी है। दूसरे और बेहतर होने की गुज़ाइश इतनी ही है कि जितनी किसी हिन्दी की। मुसलमानों को भी आगे बढ़ने का मौका मिलना चाहिए जितना किसी हिन्दू को। अगर नफ़रत हो तो एक घर भी नहीं चल सकता। एक बहू अच्छ लगे और दूसरी न लगे तो घर में सुकून नहीं हो सकता।

शाहिद-मान लीजिए कि घर में चार बच्चे हैं। इनमें से किसी वजह से एक कमज़ोर है। पिछड़ा है तो क्या इस पर ज़्यादा तवज्जो नहीं होनी चाहिए। क्या आगे बढ़ने के बेहतर मौके नहीं मिलने चाहिए

मोदी- ये तो हमारे आईन ने भी कहा है।जो कमज़ोर है, पिछड़ा है,उसे अलग से सहारा मिलना चाहिए। अगर समाज इसकी ज़िम्मेदारी नहीं उठायेगा तो कौन उठायेगा। मान लीजिए एक ज़हनी तौर पर कमज़ोर बच्चा है तो उसकी ज़िम्मेदारी सिर्फ मां बाप की नहीं बल्कि पूरे समाज की है। अगर हम ये कहें कि तुम्हारे घर पैदा हुआ सिर्फ तुम संभालो तो यह ग़लत होगा।

मुसलमानों के लिए रिज़र्वेशन-

शाहिद- इस मुल्क में जितने सर्वे हुए हैं चाहे सच्चर या रंगनाथ कमीशन, सबका कहना है कि खासतौर पर मुसलमान ज़िंदगी के हर मैदान में खुशुसन तालीम में, इक्तसादी मैदान में बहुत सी वज़ूहात के बिना पर पिछड़ गए हैं। आपके ख़्याल में इन्हें आगे लाने के लिए,इनका हक़ दिलाने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए। क्या इन्हें रिज़र्वेशन नहीं मिलना चाहिए। जबकि पचास फ़ीसदी नौकरियां रिज़र्वेशन में चली गईं हैं। बाकी पचास फीसद में मुसलमान पीछे रह जाते हैं। इसके लिए सभी दरवाज़े बंद हैं। इसे आगे लाने के लिए क्या करना चाहिए?

मोदी-ऐसा नहीं है। गुजरात में ओबीसी में छत्तीस मुस्लिम बिरादरियां हैं ऐसी हैं जो पिछड़ों में आती हैं। उन्हों वो तमाम रियायतें मिलती हैं जो दूसरे पिछड़ों को मिलती हैं, मैं भी पिछड़ी जाति से हूं। हमें रास्ता ढूंढना होगा। इसमें सबको हिस्सेदारी मिले। जैसे आज स्कूल है, टीतर हैं इसके बावजूद लोग अनपढ़ हैं। इसका हल हमने गुजरात में ढूंढा। हमने तहरीक चलाई कि गुजरात में सौ फीसद लड़कियों को तालीम मिले। सौ फीसद का मतलब सौ फीसद। जून के महीने में जब बहुत गर्मी होती है तो सारे अफसर सारे वज़ीर सारी सरकार एक हज़ार आठ सौ गांवों में घर घर जाते हैं ये देखते हैं कि सारी लड़कियां पढ़ रही हैं। आज ९९ फीसद से ज्यादा लड़कियां स्कूल में हैं। इसमें हर मज़हब की लड़की है। पहले ड्राप आउट चालीस फीसद था। आज वो मुश्किल से दो फीसद रह गया है। अब इसका फायदा किसको मिल रहा है। मेरी हिन्दू मुस्लिम फिलासफी नहीं है। मैं तो यह देखता हूं कि गुजरात में रहने वाले हर बच्चे को इसका फायदा मिले। मेरी दस साल की कोशिश में सबसे ज्यादा खुशी इस बात की है जब मैं किसी हिन्दू स्कूल में वाल्दैन की मीटिंग बुलाता हूं तो वहां साठ फीसदी वाल्दैन आती हैं। अगर मैं किसी मुस्लिम इलाके में मीटिंग करता हूं तो सौ फीसद वाल्दैन आती हैं और इसके अलावा और भी लोग आ जाते हैं।

मुसलमान ज़्यादा जाग रहे हैं-

शाहिद- आपने मुस्लिम इलाकों में ऐसी मीटिंगे की?

मोदी- बिल्कुल, ढेर सारी। बल्कि मेरा तज़ुर्बा यह है कि आज मुसलमान तालीम के ताल्लुक से ज़्यादा जागे हुए हैं। अभी आपको बताऊं कि दाता के पास एक गांव में गया, वो सत्तर फीसद मुस्लिम आबादी का था, तीन बच्चियों ने कहा कि हमें अलग से बात करनी हैं। मुझे पता नहीं था कि वो किस मज़हब से हैं। सातवीं आठवीं की बच्चियां थीं। मैंने सबको बाहर निकाल कर इनसे बात की। वो तीनों मुसलमान लड़कियां थीं। उन्होंने कहा कि हम आगे पढ़ना चाहते हैं। मगर हमारी वाल्दैन अनुमति नहीं देती हैं। आप इन्हें समझाइये। इसी बात ने मेरे दिल को छुआ कि मेरे सूबे में तीन लड़कियां ऐसी हैं जो आगे तालीम हासिल करने के लिए सीएम तक से कहने  और मदद लेने में झिझक नहीं रही हैं। मैंने इनके मां बाप को कहलवाया कि मान जायें। ये दो साल पहले की बात है। मगर ये दोनों लड़कियां आज पढ़ रही हैं।

शाहिद- आप ठीक कहते हैं कि पिछड़ों में मुसलमान को हिस्सा तो दिया गया है मगर मंडल के आने के बाद से पिछले बीस बरस में यह बात सामने आई है कि मुसलमान को इसमें इनका हक नहीं मिलता। मिसाल के तौर पर दस नौकरियां हैं और अप्लाई करने वाले पांच सौ।

मोदी- भारत के आईन बनाने वालों ने गहराई से जायज़ा लिया था कि मज़हब के बुनियाद पर कोई रिज़र्वेशन नहीं होना चाहिए। ये ख़तरनाक होगा । उस वक्त आर एस एस और बजरंग दल वाले नहीं थे।

शाहिद- मुस्लिम लीडर यहां तक कि मौलाना आज़ाद ने भी धर्म के नाम पर मुख़ालफ़त की थी, पिछले चौंसठ बरस के तुज़ुर्बे से यही सीखना भी चाहते हैं। चौंसठ बरस बाद रिज़र्वेशन देते हैं तो इसमें आपको क्या परेशानी है
मोदी- नहीं नहीं, ये वो बदलाव नहीं है। ये एक बुनियादी बात है। आईन के बुनियादी ढांचे में कोई तब्दिली नहीं हो सकती है। मगर मैं दूसरी बात कहता हूं । जिन सूबों को आप तरक्की पसंद और सेकुलर कहते हैं वहां नौकरियों में मुसलमान दो चार फीसद हैं। गुजरात में मुसलमान आबादी का नौ फीसदी और नौकरियों में बारह तेरह फीसद।

शाहिद- गुजरात में मुसलमान पहले से ही आगे थे , आपने ऐसा कोई कारनामा नहीं किया

मोदी- चलिये आपकी बात मान ले। पिछले बीस बरस से गुजरात में बीजेपी की हुकूमत है। अगर हम इन्हें बर्बाद कर रहे होते तो क्या वो इतने आगे होते। अगर हमारा रवैया मुस्लिम मुख़ालिफ़ था तो बीस बरस में पिछड़ जाते। सच्चर का सर्वे हैं। वो तो तब हुआ जब यहां मेरी हुकूमत थी। गुजरात में ८५ से ९५ कत सरकारी नौकरियों में भर्ती बंद थी। भर्ती तो मेरे ज़माने में हुई। कुल छह लाख सरकारी नौकरियों में से तीन लाख मेरे दौर में भर्ती हुए।

शाहिद- क्या आपके ज़माने में जो भर्ती हुए उनमें दस फीसद मुसलमान थे

मोदी- नहीं मैंने हिसाब नहीं लगाया। ये मेरी फिलासफ़ी नहीं है। न ही मैं हिन्दू मुसलमान के बुनियाद पर हिसाब लगाऊंगा। मेरा काम है बिना किसी भेदभाव के सबको मौका देना। अगर वो मुसलमान हैं तो उसे मिलेगा। हिन्दू है या पारसी है तो उसे मिलेगा। अगर आप सच्चर की हर बात पर यकीन करते हैं तो फिर सच्चर ने मेरे ज़माने की गुजरात पर जो रिपोर्ट दी है इस पर भरोसा क्यों नहीं करते।

दंगों में क्या हुआ-

शाहिद- अब हम गुजरात फ़सादात की तरफ़ आएं, इस दौरान क्या हुआ, गोधरा में जो लोग जले उनकी लाशों को अहमदाबाद क्यों लाया गया, क्या आपको अंदाज़ा नहीं था कि इसके नतीजे क्या होंगे ?

मोदी-इस सवाल का जवाब मैंने एस आई टी और सुप्रीम कोर्ट को भी विस्तार से दिया है। कोई भी लाश होगी तो उसे वापस तो देना होगा। जहां सबसे ज़्यादा तनाव है,वहां कोई लाश ले जा सकता है? तनाव गोधरा में था। इसलिए वहां से जली लाशें हटानी ज़रूरी थीं। ये पैसेंजर कहां जा रहे थे, ये ट्रेन अहमदाबाद जा रही थी। इनके लेने वाले सब अहमदाबाद में थे। आप बताइये, आपके पास इनके ख़ानदान की लाशें हवाले करने का क्या तरीका था?

शाहिद- आप किसी अस्पताल में लाकर खामोशी से रिश्तेदारों को हवाले कर देते, उन्हें घुमाया क्यों गया

मोदी- आप सच्चाई सुन लीजिए। इतनी लाशें रखने की गोधरा में जगह नहीं थी, लाशें वहां से हटानी थी, इंतज़ामिया(प्रशासन) ने सोचा कि रात के अंधेरे में लाशें हटाईं जाएं,उन्हें उसी रात वहां से हटाया गया, अहमदाबाद के सिविल अस्पताल में ला सकते थे, वो भीड़ भाड़ का इलाका था, वहां तनाव पैदा होता। ये इंतज़ामिया की समझदारी थी कि तमाम लाशों को शोला के सिविल अस्पताल में लाया गया। शोला उस वक्त अहमदाबाद के बाहर था, जंगल था, आज तो वहां ज़िंदगी पैदा हो गई है, शोला से कोई जुलूस नहीं निकला। लाशें खामोशी से रिश्तेदारों के हवाले कर दी गईं थीं। इनमें से १३-१४ लाशें थीं जिनकी पहचान नहीं हो सकी, इनका भी खामोशी से शोला अस्पताल के पीछे दाह संस्कार कर दिया गया। इतनी एहतियात बरती गई मगर अब झूठ चल पड़ा है।

दंगे क्यों नहीं रूके?

शाहिद- इसके बाद पूरे गुजरात में दंगे भड़क उठे, लोग मारे जा रहे थे, घर जलाये जा रहे थे, आप गुजरात के वज़ीरे आला थे, आपको ख़बर तो थी कि अहमदाबाद में क्या होरहा है। आपने इस ख़ून ख़राबे को रोकने के लिए क्या कदम उठाए

मोदी- इसके लिए सबसे पहला काम हमनें लोगों को अमन शांति बनाए रखने की अपील की, ये काम मैंने गोधरा से ही किया, इसके बाद अहमदाबाद आकर शाम को रेडियो टीवी से अपील की(क्या कहा गया इसकी कापी मुझे दी गई) मैंने इंतज़ामिया से कहा कि जितनी पुलिस फोर्स है, सबको लगाओ। हालांकि इतना बड़ा वाकया था कि पूरे मुल्क में पहले ऐसा नहीं हुआ था, एक वक्त वो था कि पहले वाक्या होता था, तो अखबार में दूसरे दिन खबर आती थी। फोटो आने में दो दिन लग जाते थे। इतने में एहतियाती कदम उठाने का मौका मिल जाता था। फोर्स भेजने का मौका मिल जाता था। आज टीवी पर वाकये की चंद मिनटों में ख़बर आ जाती है। तस्वीरें दिखाईं जाने लगती हैं। प्रशासन को आज टीवी के स्पीड से मुकाबला करना पड़ता है। अहमदाबाद से बड़ौदा फोन तो मैं चंद मिनटों में कर सकता हूं मगर पुलिस फोर्स भेजनी हो तो दो घंटे तो कम से कम लगेंगे। पुलिस फोर्स टीवी न्यूज़ से मुकाबला नहीं कर सकती। दूसरे मुल्क के दंगों से मैं इसका मुआज़ना(तुलना) करूंगा, जायज़ ठहराने के लिए नहीं। मैं इस बात में यकीन नहीं रखता कि १९८४ में दिल्ली में जो हुआ,इसलिए हमारे यहां हुआ, तो आखिर बात क्या है, मैं इस सोच में यकीन नहीं रखता । दंगा दंगा है। देखिये १९८४ का दंगा हुआ, एक भी गोली नहीं चली, एक भी लाठी चार्ज नहीं हुआ, लाठी चार्ज उस जगह हुआ जहां इंदिरा गांधी की डेड बाडी रखी थी, वहां इतनी भीड़ जमा हो गई थी कि उसे कंट्रोल करने के लिए लाठी चार्ज हुआ। दंगा रोकने के लिए पुलिस का इस्तमाल नहीं हुआ। गुजरात में २७ फरवरी को ही कितनी जगह गोली चली, कर्फ्यू लगाया गया लाठी चार्ज हुआ, कार्रवाई हुई।
-------------------------------------------------
शाहिद सिद्दीक़ी- कहा जाता है कि आप मुल्क़ के वज़ीरे आज़म बनने की तैयारी कर रहे हैं, आप गुजरात से निकल कर कौमी सियासत की ज़िम्मेदारी संभालना चाहते हैं। अगर मुल्क़ के वज़ीरे आज़म बनें तो पांच अहम काम क्या करेंगे।

नरेंद्र मोदी- देखिये मैं बुनियादी तौर पर संगठन का आदमी हूं। कुछ ख़ास हालात में वज़ीरे आला बन गया। ज़िंदगी में मैंने कभी किसी किसी स्कूल के मोनिटर का भी चुनाव नहीं लड़ा। मैं तो कभी किसी का इलेक्शन एजेंट भी नहीं बना। मैं तो इस दुनिया का आदमी भी नहीं हूं। न हीं मेरा इस दुनिया से कोई लेना-देना है। आज मेरी मंज़िल है ६ करोड़ गुजराती । उनका सुख,उनकी भलाई। मैं अगर गुजरात में अच्छा काम करता हूं तो यूपी बिहार के दस लोगों क नौकरी लगती है। मैं हिन्दुस्तान की सेवा गुजरात की तरक्की के ज़रिये करूंगा। गुजरात में नमक अच्छा होगा तो सारा देश गुजरात का नमक खायेगा। मैंने गुजरात का नमक खाया है और सारे देश को गुजरात का नमक खिलाता हूं।

----------------------------------------

शाहिद सिद्दीकी- आप देश के मुसलमानों को क्या पैग़ाम देना चाहेंगे ?

नरेंद्र मोदी-भाई मैं तो बहुत छोटा इंसान हूं । मुझे किसी को पैग़ाम देने का हक़ नहीं है । ख़ादिम हूं । ख़िदमत करता हूं । मैं अपने मुस्लिम भाइयों से कहना चाहूंगा कि वो दूसरे के लिए वोट बैंक बनकर न रहें । आज हिन्दुस्तान में मुसलमान को एक वोटर बना दिया गया है । हम इन्हें जीते जागते इंसान के रूप में देखना चाहते हैं । मुसलमान ख़्वाब देखें ...। उनके ख्वाब बच्चों के ख़्वाब पूरे हों । वो वोटर रहें और अपने वोट का खुलकर इस्तमाल करो मगर इसके आगे एक इंसान एक भारतीय के रूप में देखा जाए । उनकी तकलीफ को समझा जाए । मैं अगर उनके किसी काम आ सकता हूं तो आऊंगा मगर उन्हें भी खुले दिमाग़ से सोचना होगा, देखना होगा ।

36 comments:

  1. अपना पक्ष रखने का मौक़ा तो सबको मिलना चाहिए चाहे वो डिक्टेटर हो या कुछ भी...
    शुक्रिया रवीश जी इस इंटरव्यू को हिन्दी में शेयर करने के लिए..

    ReplyDelete
  2. Aisa Lagta hai ki Shahid Ji bas Arop hee lagana chahte hai. Aaj Bhee inhe Gujraat ki Tarakki Nahi Dikh rahi hai bas Modi ji per Arop lagate rahenge.
    Asam me to Secular Party ki Government hai phir waha pe itni Hinsa Kyu Ho rahi hai, Waha pe Shahid Ji ja ker Gogoi ji per Arop Kyu nahi laga rahe hai.

    ReplyDelete
  3. Thanks Ravish Ji for sharing the interview. When all others are busy in abusing Shri Narendra Midi & Shri Shahid Siddique, you have tried to present this verbatim. Let all interpret it.

    ReplyDelete
  4. bariya......acha laga modi ke vichar jaan kar aur umeed karta hun unke baarein mai jo kuch galafehmiya hai logo ko vo door hongi......

    ReplyDelete
  5. Problem is that people expect that Modi should make anti muslim comments. When he makes pro-muslim, everybody disappoints. People believe in what he never did but they don't believe on what he says. We should expect the fact that Modi is wellwisher of Gujarat, which contains muslims as well. Where is the problem?

    ReplyDelete
  6. Modi g wakai mein pm banane layak aadmi hein.

    ReplyDelete
  7. फिलवक्त पेश इंटरव्यू के इस टुकड़े में वाकई मोदी ने बड़े नपे-तुले जवाब दिये हैं। सच्चर कमेटी की रिपोर्ट को ही आधार बनाकर अपने शासन को सुशासन का चोगा पहनाने की कोशिश की है। मुसलमानों के लिए आरक्षण के मामले पर मोदी संविधानपरस्ती दिखा रहे हैं। ऐसी ही संविधानपरस्ती दंगों के वक्त दिखाते तो बेहतर होता। इंटरव्यू के इस टुकड़े में मोदी के जवाब संतोषजनक हैं। उनके मुस्लिमों के गांवों के दौरों की सच्चाई के बारे में तो नहीं पता, लेकिन मोदी अगर ऐसा कर रहे हैं तो सही है। वक़्फ़े के बाद दूसरे इंटरव्यू के दूसरे टुकड़े का इंतज़ार रहेगा। शुक्रिया रवीश भाई।

    ReplyDelete
  8. At times it's necessary to praise the right..and Modi is responsible for all the prosperity around..He has been attracting all the Companies to set up their Plants in Gujarat..and on the other hand, nobody could prove what was his role in Gujarat Riots..
    let him R.I.P. for some time..
    Besides talking about him being Authoritarian, that is a requirement of present..What has Democracy done in India..we need Discipline and we do need Dictatorship..we talk about competing with China..I mean seriously? Is there any comparision? China is way ahead of us and will be...we cannot work after our boss leaves and we talk about progress..shame.

    ReplyDelete
  9. Mera manana hai ki kyun na MODI ko bhi ushi najarariye se dekha jata jaise dusare nateaon ko dekha jata hai, Aarakshan ke mudde par kai students ko jaan gawani padi kya uske liye tatkaleen hukumat ko dosh diya gaya, Assam ke dangon ka daag kyun nahi congress ke chief minister par laga.........Modi hi kyun?

    ReplyDelete
  10. Thnaks for posting this, We are wating for next part...

    ReplyDelete
  11. नरेंद्र मोदी कितना भी अपने को बेकसूर बताते रहें, लेकिन उन पर यकीन नहीं किया जा सकता। दंगों के समय वह मुख्यमंत्री थे और वहां पर जो हुआ, उसकी पूरी जिम्मेदारी उनकी ही थी। उन्होंने तब अहंकारी टिप्पीणियां की थीं, जिनसे यह आभास होता था कि जैसे कह रहे हों कि हां सब मैंने किया है, जो करना हो करलो। दरअसल, वह तब गुजरात की सीमा में रहकर सोच रहे थे। अब जब उनकी महत्वाकांक्षा प्रधानमंत्री बनने की जागी है, तो वह अपनी स्वीकार्यता का दायरा भी बढ़ाना चाहते हैं। सद्भावना उपवास और मुसलमानों को पटाने की मुहिम उसी कड़ी का हिस्सा है। सवाल शाहिद सिद्दीकी की नीयत का भी है। उनका कहना है कि महेश भट्ट और सलीम खान की सलाह पर उन्होंने मोदी का साक्षात्कार लिया है। क्या यह तिकड़ी नरेंद्र मोदी की राह हमवार करने की कोशिश कर रही है? नई दुनिया मुसलमानों के बीच पढ़ा जाने वाला अखबार है। इसकी पॉलिसी वही है, जो पांचजन्य की है। सबसे बड़ा सवाल तो यह है कि नरेंद्र मोदी से शाहिद ने क्या नया कहलवा दिया? ये सब तो नरेंद्र मोदी हमेशा से ही कहते आए हैं। मोदी किसी उर्दू अखबार से कहेंगे कि मैं बेकसूर हूं मुसलमान मान जाएंगे?

    ReplyDelete
  12. Thanks for posting this interview in Hindi, which we can understnad. Rest Narendra Modi is also a politician like other so......
    No Comments.

    ReplyDelete
  13. मोदी भारत का भविष्य निर्माण करेंगे | भारत में गैर हिन्दुओ ने हिन्दुओ पर सैकड़ो दंगे किये है और किये भी जा रहे है ( वर्त्तमान में असाम) पर वे भुलाए जाते रहे है , पर गुजरात में शायद इतना तबियत से मारा है की बारह साल से (शायद कई पुश्तो तक भी ) भुलाए नहीं भूल रहा है | ये एक नामुरा भर है ... तो जेहादियों तुम शांति से जियो और दूसरो को शान्ति से जीने दो |

    ReplyDelete
  14. आपने इस साक्षात्कार को यहां डाल कर इसे दुर्लभ बनने से बचा लिया

    ReplyDelete
  15. मोदी का कोई मुक़ाबला नहीं है न ही मोदी को मुसलमानों से वोट की जरूरत ही है ये मुसलमान का जेहाद है जो अपने को कलपनिक पीड़ित बताता है तथा रोज रोज दंगा करता है अभी असम में हिंदुओं को मार रहा है,गुजरात मे ए जेहादियों की चलती नहीं है अत: ये व्यर्थ का प्रलाप कराते है जिसका कोई ठोस आधार नहीं होता है अगर नरेंद्र भाई नहीं होते तो मुसलमान बेचारे नहीं बच पाते,हिंदुओं को मार कर मुसलमानों ने हिंदुओं से स्थायी दुश्मनी मोल ले ली थी जिसका जवाब बहुत उचित दिया हिन्दुओं ने जिस कारण ही अभी शांति है ये सेक्युलत फेक्यूलर सब किताबी बातें है जिन्हें बहुत जल्दी ही कूडें में फेंक देना चाहिए .................

    ReplyDelete
  16. Congress is using Muslims as a vote bank simce 1947. No doubt about that. Now after this interview critic are saying Modi need Muslim's vote. I dont agree with them what ever happen in 2002 is past. People are keeping it alive becauseso they can use it to get votes from muslims, as more muslims dies then Hindus in 2002 riots. No discussion from where it starts or who started it? Why people in the train were burned alive? We should try to forget this 2002 incident, I know it is hard. Let's just focus on the development of Gujarat. Why there is never a discussion on develpoment of any State in any TV channel's show? Ravishji can you please arrange such discussion. In the 21st century I guess development and growth of people is the first priority for any state or any contry, then any other issues.

    ReplyDelete
  17. I am 100% agree with Mr. Modi and strongly hope that Modi will become PM of India and Hindus are safe only in Modi's Raj. and he is the most secular leacder of India.

    ReplyDelete
  18. आपने यहां यह साक्षात्‍कार देकर बहुत अच्‍छा कार्य किया है। दुनिया के सामने सत्‍य आएगा।

    ReplyDelete
  19. sabse pahle mai sahid ji ko sudhubad deta hu ki unhone ek ptrakar ka dhrama nibhaya. Modiji ne kya kaha aur unka nihitarth kiya hai sab apne anusar lagayenge. punah Ravish ji ko bhi sadubad sesh ka intjar hai.

    ReplyDelete
  20. Mr. Shashid has done a great job, and we require secular Muslims and not Muslims of Taliban mentality.Muslims must know who is their real enemy and simply the real enemy is secular parties. and BJP has done wonderful jobs for Muslims also. e.g. Modiji in Gujarat.

    ReplyDelete
  21. urdu ke anpadhon ka kaam aasan kar diya. acchha kiya.

    aur us se bhi behtar ye ke apne karyakram men un ko benaqab kar diya jo seculaism ke naam pe sab ka gala ghontne ko taiyyar hain.

    shaahid siddiqi jo views aur news ka bejhaD (moTe anaaj ka betartiib dher) bana rahe hain, vo farq karna siikh len.

    badhai aur shukriya

    ReplyDelete
  22. agar godhra me sirf hindu hi mare hote to shayad is desh me kisi ko yaad bhi nahi hota ki train ki poori bogi me itne hinduon ko jalakar maar diya gaya tha........ khaskar unhe jo gandhiji k naam par hinduon k vote aaj bhi lete hain or muslim bhaiyon ko to vote k alawa unohne kabhi kuchh samjha hi nai.......

    ReplyDelete
  23. अपना पक्ष रखने का मौक़ा तो सबको मिलना चाहिए

    ReplyDelete
  24. sabko apna paksha rakhne ka moka milna chaiye, pichle 10 saal se secularisto ko modi virodh ke alwaa kuch nahi mila sabki roti chalni chaiye modi virodh par hi sahi. Sahid siddique ji ne himmate karke interview kiya or or usko apne paper me chhapa bhi Ravish ji Jitna appne likha usko pad kar to nahi lagta ki Shadid ji ne aisa kuchh kiya ki unko party se nikal diya jay. lekin unki party secular hai but Asaam ke dango pe chup hai ek bhi shabd nahi nikala abhi tak.
    Lekin ek kadwa sach ye hai ki kuch log sirf vote bank hi bane rehna chahte hai apne vote ko use nahi karna chahte.
    Shahid ji ne jo poochha sahi poocha kyoki ek patrakar ko juban se kadwa hi hona chaiye.

    ReplyDelete
  25. जाहिर सी बात है कि गुजरात दंगों के लिए मोदी को हमेशा दोषी ठहराया जाता रहेगा.पर किसी भी सभ्य समाज में व्यक्ति को अपने किये पर पश्चाताप या प्रायश्चित का मौका जरुर मिलना चाहिए.मोदी दंगों के लिए अपने को आज भी दोषी नहीं मानते,किन्तु उनके व्यवहार और चिंतन में जो बदलाव दिखाई दे रहा है,वह इस सभ्य समाज के लोगों को भी समझना और महसूस करना चाहिए.
    मुसलमान क्यों यह समझने को तैयार नहीं हैं कि अब मोदी उनके दुश्मन नहीं हैं.अगर होते तो गुजरात में मुसलमानों के साथ क्या भेदभाव नहीं हो रहा होता ?

    ReplyDelete
  26. Modi allowed an anarchy to prolong long enough to make sure that a communal environment persists and that would eventually give him better chances to win the state assembly elections. I think he got inspired by Congress's butchering of sikhs in 1984. not many people have been punished for anti sikh riots. Modi might have thought that If Rajiv gandh can got away with it then why not him ? Had the Indian police/judicial system punished culprits of anti sikh riots Gujrat riots would have never happened.

    ReplyDelete
  27. Gujarat episode is over. Now modi is matured and he has the will and power to do something for india. So i think we should understand his exceptional abilities and give him a chance to do something for our nation.

    ReplyDelete
  28. Narendr Modi ka interview padhkar aisa laga ki unhone Siddiqui saheb ko gujrat ki sachchayi batayi aur jamini hakikat se vakif karaya agar yah sab sach hai ,to koyi karan nahi banta ki shaheed siddiqui ko parti se nikala jaye muslimo ke rahnuma kahlane vale mulayam singh yadav is bina par unko parti se nikal diya ki ve ek hinduvadi neta BJP ka bhavi PM ka interview kyun liya kya unki vafadari keval itni si bat par shak ke ghere me aati hai yah ek prashn hai aur midiya evam akhbaron ne is paricharch rakhni chahiye jo keval muslimo ki bat kare vah secular hai aur jo sabki bat kare vah achhut BJP ko jitna marji yah kangres achhut kah le janta unke sath hai aur iska faisla aane vale chunavon me dikhayi dega
    ashok kumar dubey

    ReplyDelete
  29. 19992 mandir-masjid durghatna ke samay main bhi wahan tha , ek eent (brick) lekar main bhi laut raha tha. Kisi parichit ne mang liya to maine de diya tha.
    Kash wo eent aaj mere paas hota to in algawad,atankwad, jatiwad, dharmik unmad ko janam dene walo ka sar jaroor phodta.

    Modi can not be a pm. Guaranteed. Shartiya taur pe big no .

    ReplyDelete
  30. रविश जी ने ये साक्षत्कार हिंदी मे लिख कर बहुत अच्छा काम किया है इससे कम से कम मोदी जी का पक्ष तो सामने आया
    कहा जाता है की भारत की ये विशषता है की यहाँ बोलने की आजादी है पर इस बात से दुःख होता है की जब मोदी जी की बात आती है तो ये आजादी तथाकतित गेर सम्रदिकता और सम्प्रदिकता मे बदल जाती है
    इस देश के अल्पसंख्यक और उनके समर्थन करने वाले तथाकतित सामजिक लोग और तथाकतित गेर सम्प्रदिक शक्तिया कभी पड़ोस मे पाकिस्तान मे अल्प्संक्यक और भारत मे कश्मीर के अल्प्संक्यक की परिस्तिथि पर या गोधरा कांड पर खामोश हो जाते है ये लोग मोदी को इस प्रकार बदनाम करते है जेसे मोदी भी दंगइयो के साथ तलवार लेकर अल्पसंख्यक के पीछे दोड रहे थे. ये लोग केवल मोदी के नाम पर अल्पसंख्यक का शोषण करते है और हमारे देश के अल्पसंख्यक इनके जाल मे फस जाते है

    ReplyDelete
  31. aage kya hoga wo to samay batayega, but sir g a lot of thnx is interview ko aasan banane k liye...

    ReplyDelete
  32. thanks ravish bhaiya

    hindi anuvad ke liye dhanyavad

    aaj padkar laga ki modi ji ko janbhujh kar fasayan ja raha hai

    ReplyDelete
  33. प्रिय रवीश जी,
    हिंदी लेखन के लिए शुक्रिया।

    . . . दिनेश पाण्डेय,
    मध्य प्रदेश।

    ReplyDelete
  34. mai puri tarah janta hoon ki, shree narendra modi ko, fasaya ja rahatha,aur hai, ye baat mai puri imandari se kah sakta hoon,magar kuchh to khas baat hai, ki modijiki kuchh n kuchh to majbooriya hai ya us daur me rahi hogi,jisne unhe publically kuchh khas hamare muslim bhaioke liye karnese roka hoga, yeh chiz akshar apni family me bhi hoti hai, phir ve to pure gujarat ko lekar chal rahe hai, aur ab aage bhagwan kare pure hindustan ko lekar chale.... mera matlab pure hindustan ko... koi ek ya do ko nahi... is bharat me rahnewale sabhi hindustani pahle hai,aur baad me insan, aur uske baad me ve koi bhi ho sakte hai... jai hind _ santoshsingh.

    ReplyDelete
  35. siddiqui ji,
    aap dwara liye gaye interveue se pahle prastawna hi bata raha hai ki aap ek kaum ki numaindgi karte huye, hindustani hone ke bawjud kaise purwagrah yukt hain.muslman jo ki jahzeeb ke liye hi jana jata hai lekin kattarta uski rag-rag men hoti hai.
    apno ke madhya hui bat ka jo byora aap dwara diya gaya , usme saf dikh raha hai,aur jab purwagrah grastata ka chashma laga ho to duniya kaisi dikhegi ??????????????

    ReplyDelete