sayad aaapne apni in tasviro me kewal aaj ke saharanpur ko dhikaya hai real saharanpur ki tasvire chut gayi kabhi moka mile to west U.P. KI SABSE BADI MASALA MARKET JO KI SAHARANPUR ME HI HAI (MORGANJ) KO APNI REPORT ME LAIYE AUR BHI BAHUT KUCH HAI SRE. ME
ravishji.apne yeh btaya ki aap 12 sal school kya krne gye tb to shayd school master mastrniya gmbhir rhi hongi thori bhut aaj ke buche prathmic mc d ke vidaylyo mai prne wale bucho se pooche shayd inki kakshaw mai to koi aata bhi nhi hoga prane ya black board bhr ke dhoop mai beth jati hai mastrniya aur masterji hazri lga ke 1000-1500rs ki koi prane wali rkh ke part time bziness krne chle jate haifir?
रवीश जी, सहारनपुर के घंटाघर की तस्वीरे अच्छी आई हैं. भगत सिंह की प्रतिमा बीच चौराहे पर खड़ी देख कर याद आया-- उनके छोटे भाई कुलतार सिंह का परिवार सहारनपुर में ही प्रद्युम्न नगर में रहता है.भगत सिंह के भतीजे- किरनजीत सिंह और जोरावर सिंह कोलोनाइजर हैं ! कभी अवसर लगे तो सहारनपुर में खाताखेड़ी में वुडकार्विंग में लगे कारीगरों की समस्याओं और जिंदगी पर भी नज़र दौड़ाइएगा . बेहट में यमुना के जलप्रवाह क्षेत्र और वन भूमि में हो रहे पत्थर खनन पर भी दृष्टि डालियेगा. अगर सड़क मार्ग से सहारनपुर आये होंगे तो मार्ग की स्थिति के विषय में ज़रूर प्रश्न उठा होगा और दस टायरा ट्रकों को देखकर समाधान भी हो गया होगा. सहारनपुर से बाहर जाने के लिए मार्ग ढूढना पड़ता है कि कौन सा कम टूटा है. नकुड तहसील के गंगोह इलाके में विगत पौन सदी से अनसुलझे पड़े उत्तर प्रदेश- हरयाणा सीमा-विवाद पर अगली सहारनपुर यात्रा में ज़रूर नज़र डालियेगा. अंत में एक खास बात-- सहारनपुर से लाहौर हाइकोर्ट साढ़े चार सौ किलोमीटर से कम पड़ता है जबकि इलाहाबाद हाइकोर्ट लगभग आठ सौ किलोमीटर !!
रविश जी, उन दो तस्वीरों के बारे में आपने कोई उल्लेख नहीं किया, जिन पर तथाकथित पत्रकार ख़ुद को महिमामंडित करने में लगे हैं। ऐसी तस्वीरें लगे होर्डिंग सहारनपुर में आपको हर गली-मुहल्ले और सड़्कों पर नज़र आयेंगे। और ये सब दलाल, चोर और इतने बड़े उठाईगिरे हैं कि इन्हे पत्रकारिता की क ख ग भी नहीं पता। एक खास बात और इन धंधेबाज़ों के लिये ये लोग सिर्फ़ ब्लैक्मेलिंग करने के उद्देश्य से इस पवित्र पेशे को अपना रहे हैं।
saharanpur is a historical palace in india .b coz it has something very nice like 1-company garden 2-iit one part(iitr) 3-big goverment hospital 4-and the biggest court of up. 5-and biggest railway station in up 6-and handicraft 7-good roads including gt road 8-saharanpur is work to join up by many other states(haryana,uttarakhand,........)
चलिए इन फोटो के बहाने सहारपुर घूम लिया...ज़रूर आप अंबाला की ओर से आ रहे होंगे या जा रहे होंगे..या फिर मुजफ्फरनगर जा रहे होंगे
ReplyDeleteravish sir, kya is hafte aapki report saharanpur par aa rahi hai?
ReplyDeleteचिकनी चमकीली सड़के तो िट्रक फोटोग्राफी लग रही है.
ReplyDeleteचित्रों में छिपा संवाद।
ReplyDeleteन्यूज़ परिक्रमा और अमृतवर्षा के विज्ञापनों वाली तस्वीरें देखने के बाद यह विश्वास और पुख्ता हो जाता है कि एक तस्वीर हजार शब्दों पर भारी होती है।
ReplyDeleteभागलपुर के बाद सहारनपुर घुमना भी बहुत अच्छा लगा ...
ReplyDeletesayad aaapne apni in tasviro me kewal aaj ke saharanpur ko dhikaya hai real saharanpur ki tasvire chut gayi kabhi moka mile to west U.P. KI SABSE BADI MASALA MARKET JO KI SAHARANPUR ME HI HAI (MORGANJ) KO APNI REPORT ME LAIYE AUR BHI BAHUT KUCH HAI SRE. ME
ReplyDeleteravishji.apne yeh btaya ki aap 12 sal school kya krne gye tb to shayd school master mastrniya gmbhir rhi hongi thori bhut aaj ke buche prathmic mc d ke vidaylyo mai prne wale bucho se pooche shayd inki kakshaw mai to koi aata bhi nhi hoga prane ya black board bhr ke dhoop mai beth jati hai mastrniya aur masterji hazri lga ke 1000-1500rs ki koi prane wali rkh ke part time bziness krne chle jate haifir?
ReplyDeleteरवीश जी,
ReplyDeleteसहारनपुर के घंटाघर की तस्वीरे अच्छी आई हैं. भगत सिंह की प्रतिमा बीच चौराहे पर खड़ी देख कर याद आया-- उनके छोटे भाई कुलतार सिंह का परिवार सहारनपुर में ही प्रद्युम्न नगर में रहता है.भगत सिंह के भतीजे- किरनजीत सिंह और जोरावर सिंह कोलोनाइजर हैं !
कभी अवसर लगे तो सहारनपुर में खाताखेड़ी में वुडकार्विंग में लगे कारीगरों की समस्याओं और जिंदगी पर भी नज़र दौड़ाइएगा .
बेहट में यमुना के जलप्रवाह क्षेत्र और वन भूमि में हो रहे पत्थर खनन पर भी दृष्टि डालियेगा.
अगर सड़क मार्ग से सहारनपुर आये होंगे तो मार्ग की स्थिति के विषय में ज़रूर प्रश्न उठा होगा और दस टायरा ट्रकों को देखकर समाधान भी हो गया होगा. सहारनपुर से बाहर जाने के लिए मार्ग ढूढना पड़ता है कि कौन सा कम टूटा है.
नकुड तहसील के गंगोह इलाके में विगत पौन सदी से अनसुलझे पड़े उत्तर प्रदेश- हरयाणा सीमा-विवाद पर अगली सहारनपुर यात्रा में ज़रूर नज़र डालियेगा.
अंत में एक खास बात-- सहारनपुर से लाहौर हाइकोर्ट साढ़े चार सौ किलोमीटर से कम पड़ता है जबकि इलाहाबाद हाइकोर्ट लगभग आठ सौ किलोमीटर !!
ravish ji kya baat hai maza aa gaya saharanpur darshan ek nazar me .....great photos :)
ReplyDeleteरविश जी, उन दो तस्वीरों के बारे में आपने कोई उल्लेख नहीं किया, जिन पर तथाकथित पत्रकार ख़ुद को महिमामंडित करने में लगे हैं। ऐसी तस्वीरें लगे होर्डिंग सहारनपुर में आपको हर गली-मुहल्ले और सड़्कों पर नज़र आयेंगे। और ये सब दलाल, चोर और इतने बड़े उठाईगिरे हैं कि इन्हे पत्रकारिता की क ख ग भी नहीं पता। एक खास बात और इन धंधेबाज़ों के लिये ये लोग सिर्फ़ ब्लैक्मेलिंग करने के उद्देश्य से इस पवित्र पेशे को अपना रहे हैं।
ReplyDeletewaha rajniji or ravish ji aapke baare mai kuch nahi kahooga.
ReplyDeletesaharanpur is a historical palace in india .b coz it has something very nice like
ReplyDelete1-company garden
2-iit one part(iitr)
3-big goverment hospital
4-and the biggest court of up.
5-and biggest railway station in up
6-and handicraft
7-good roads including gt road
8-saharanpur is work to join up by many other states(haryana,uttarakhand,........)