पूर्वी दिल्ली के सोनिया विहार की दुनिया दिल्ली की सामान्य तस्वीरों से काफी अलग है। यहां रहने वाले लोगों को शाहदरा वाली सड़क पर आने के लिए ही न्यूनतम पांच किमी की पैदल,साइकिल या टैम्पो,बस यात्रा करनी पड़ती है। यमुना के बांध को पुस्ता कहते हैं। बांध से ही सड़क निकल कर प्लॉटो में जाती है। इन सड़कों के नाम अभी दिल्ली के फटीचर नेताओं के नाम पर नहीं पड़े है। इसीलिए इनके नाम पहला पुस्ता, दूसरा पुस्ता, तीसरा पुस्ता और चौथा पुस्ता टाइप के हैं। हर पुस्ते के बीच काफी दूरी है। ज़ाहिर है पैदल या साइकिल से काफी यात्रा करनी पड़ती है। इसलिए लोगों ने दो पुस्तों के बीच एक और रास्ता खोज निकाला है। अब इनका क्या नाम रखें तो हल यह निकाला गया होगा कि चार और पांच पुस्ते के बीच का रास्ता तो साढ़े चार पुस्ता ही होना चाहिए। सिम्पल गणित। बाकी तस्वीरें भी सोनिया विहार की हैं। आखिर की तस्वीर पुरानी दिल्ली की है। जाबांज़ मर्दों के लिए वाली तस्वीर।
"इन सड़कों के नाम अभी दिल्ली के फटीचर नेताओं के नाम पर से नहीं पड़े है।"
ReplyDeletesahi farmaya, R. Sir...
savji chaudhari, Ahmadabad.
रविश, मैं भी यही लाइन कोट करूँगा कि इन सडकों के नाम अभी दिल्ली के फटीचर नेताओं के नाम पर नहीं पड़े हैं |
ReplyDeleteseriously , well said
addhyatmajanardantripathi.blogspot.com ko bhi padhen.aur apni pratikriya byakt karen.aapke lekh se maa 100%sahmat hun.
ReplyDeleteSorry to comment in english, unfortunately i dont know hindi typing. Your work is outstanding, well done sir. hope to see this honesty for ever.
ReplyDeleteregards
amit tomar
dehra dun