१. क्यूं मुझे देखकर तुम लाल हो गए
मेरी हथेली का रंग तो पीला है
२ चांद पूनम का कितना अकेला है
चांदनी में इसके तारे खो गए हैं
३. रंग लेना आज तुम खुद ही
मैं सब रंगों में खो गया हूं
4. मेरी पीठ के पीछे अक्सर वो शिकायत करते हैं
समझदार है काफी,सामने का अंजाम पता है
५. तुम मुझ पर हंसते रहोगे कब तक
मुझे इस बात पर रोना आता है
६. घर में बैठ कर विचारक हो गया हूं
पत्रकार था,वरिष्ठ लेखक हो गया हूं
७. वो हर बात में कहते हैं मुझसे बड़ा कोई नहीं
ये खुदा का इंसाफ है,वर्ना उन्हें भी लंबा बनाता
८. हर लंबू को लगता है उसे आसमान दिखता है
ये खुदा का इंसाफ है,ज़मीन को नीचे बनाया
९. अबे साले तू, किस गली की मूली है
सलाद में कटती है,पराठे में भुनती है
१०. ये नज़्म दस नंबरी है दोस्तों
शायर थोड़ा कम है, दो नंबरी है
चांद पूनम का कितना अकेला है
ReplyDeleteचांदनी में इसके तारे खो गए हैं
holi ki shubhkamnaaye apko...
Holi to 'Krishna' ne kheli
ReplyDeleteAmerican ko lal rang diya
Angrez ko safed
Bharati/ African ko 'kala'
Chinese/ Japanese ko peela...
Hum manav nakalchhi bandar hain
Kachche rangon se hi
Dil khush kar lete hain:(
Holi ki shubhkamnayein
Sabhi ko:)
sunder abhivyakti hai holi mubarak ho
ReplyDeletebahut khub,holi ki badhai.
ReplyDeleteचांद पूनम का कितना अकेला है
ReplyDeleteचांदनी में इसके तारे खो गए हैं
होली की बहुत बहुत बधाई .......
चांद पूनम का कितना अकेला है
ReplyDeleteचांदनी में इसके तारे खो गए हैं
bahut sundar bahut khub
रवीश जी ,
ReplyDeleteलग रहा है आज पूरी तरह होलीमय हो गए हैं .तभी तो धडाधड कवितायेँ निकल रही हैं .
होली की हार्दिक शुभकामनायें आपके साथ पूरे परिवार को .
हेमंत कुमार
बेहतरीन!!!
ReplyDeleteआपको होली की मुबारकबाद एवं बहुत शुभकामनाऐं.
सादर
समीर लाल
क्यूं मुझे देखकर तुम लाल हो गए
ReplyDeleteमेरी हथेली का रंग तो पीला है
नाराजगी तुमसे नहीं दोस्त तुम्हारे चैनल से है
वो सबसे तेज़ है, यार तुम्हारा बड़ा ढीला है।
(बुरा ना मानो होली है। और मानो तो मान जाओ मेरा क्या बिगाड़ लोगे।)
चांद पूनम का कितना अकेला है
ReplyDeleteचांदनी में इसके तारे खो गए हैं
पूनम को दादाजी क्यों नहीं दिखते
नभ को ताकते मेरे प्यारे सो गये हैं
(एक तारा है जिसके बारे में मैंने दोनों बच्चों को कह रखा है कि ये दादाजी हैं जो 4 साल पहले हमको छोड़कर चले गये)
रंग लेना आज तुम खुद ही
ReplyDeleteमैं सब रंगों में खो गया हूं
इस बेदिल दिल्ली में अब
कौन आता है होली मिलने
गलती से कोई आ भी जाये तो
कह देना मैं सो गया हूं।
(कितने दिनों बाद छुट्टी मिल पाई है यार)
मेरी पीठ के पीछे अक्सर वो शिकायत करते हैं
ReplyDeleteसमझदार है काफी,सामने का अंजाम पता है
सरवाइवल के लिये क्या-क्या करना पड़ता है
किसी का हरिराम बनना अब नहीं कोई खता है।
तुम मुझ पर हंसते रहोगे कब तक
ReplyDeleteमुझे इस बात पर रोना आता है
होली तक छोड़ दिया, संभल जाओ
वरना मुझे भी धोना आता है।
(क्या सही वीर रस में मारा है बाप)
वो हर बात में कहते हैं
ReplyDeleteमुझसे बड़ा कोई नहीं
ये खुदा का इंसाफ है,
वर्ना उन्हें भी लंबा बनाता।
पावर का फंडा अलग है प्यारे
चौड़ाई में भी होती है
कैसा लगता अगर हमारा
नियुक्ति पत्र कोई खंबा बनाता।
बहुत सुंदर .... होली की ऐरो शुभकामनाएं।
ReplyDeleteहर लंबू को लगता है उसे आसमान दिखता है
ReplyDeleteये खुदा का इंसाफ है, ज़मीन को नीचे बनाया
आसमान ही तो छूना है मेरे दोस्त
बाकी सारा जहां तो,पैरों में समाया है।
(दुनिया के लंबुओ एक हो जाओ)
अबे साले तू, किस खेत की मूली है
ReplyDeleteसलाद में कटती है,पराठे में भुनती है
रंगों का मेला दिखता है सब्ज़ी का ठेला
कोई तो बात है जो जनता सफेद को चुनती है।
(दुनिया में कुछ ही चीज़ तो सफेद बची हैं, सफेद झूठ के अलावा। सफेद पर दाग मत लगाओ भाई)
क्या बात है आपने बिलकुल झडी लगा रखी है
ReplyDeleteये नज़्म दस नंबरी है दोस्तों
ReplyDeleteशायर थोड़ा कम है, दो नंबरी है
आदमी भी चैनल हो गया,नंबरों से तुल रहा है
TRP का ज़हर ज़िंदगी के रंग में घुल रहा है।
(नंबर हम देंगे भाई आप अपने आप कैसे ले लेंगे। ना तो आपकी नज़्म 10 नंबरी हैं ना आप दो नंबरी। होली मुबारक।)
(पुनश्च: मैंने सिर्फ नौ लिखी हैं, नौ नंबरी)
घर में बैठ कर विचारक हो गया हूं
ReplyDeleteपत्रकार था,वरिष्ठ लेखक हो गया हूं
Thodi der pehle rang-biranga tha
Ab naha-dhokar chakachak ho gaya hoon.
(Martin Dehati ji ne chhod diya tha use poora kar diya hai.)
HAPPY, JOYOUS, FUNNY, COLOURFUL, Boleto Tar-ba-tar, indradhanushi, Super-duper, Zabardast, Xtra-badhiya, Xtra special,
Ekdum mast and dhinchak,
Bole to ekdum jhakaas
“Happy Holi” to u all from ANURAG
होली कैसी हो..ली , जैसी भी हो..ली - हैप्पी होली !!!
ReplyDeleteहोली की शुभकामनाओं सहित!!!
प्राइमरी का मास्टर
फतेहपुर
Just curious to know, Why "Adhure Nazm" and why not "Adhuri Nazmein?"
ReplyDelete4. मेरी पीठ के पीछे अक्सर वो शिकायत करते हैं
ReplyDeleteसमझदार है काफी,सामने का अंजाम पता है
..........bahut sahi,badhiyaa
होली की शुभकामनाएं................
ReplyDeleteचांद पूनम का कितना अकेला है
ReplyDeleteचांदनी में इसके तारे खो गए हैं
चांद भी तो देता है दगा अमावस को
धीरे-धीरे कर कहीं छिप जाता है,
पूछना ज़रा, किससे मिलने जाता है?
होली की हार्दिक शुभकामनाएं...
चेहरे का रंग लाल क्यूँ हुआ?
ReplyDeleteकल ही जाना की गिरगिट ही नहीं मगर्मछा भी रंग बदलता है!