अकबरुद्दीन का बेवकूफीनामा
आंध्र प्रदेश में एक विधायक हुए हैं। अकबरुद्दीन ओवैसी। इन्होंने तसलीमा नसरीन का सर कलम करने का एलान किया है। मुझे लगता है कि जनाब बड़े ही बेवकूफ किस्म के इंसान और मुसलमान हैं। कहते हैं देश के मुसलमानों को इन पर गर्व है। बेड़ा गर्क़ कर दिया इस विधायक ने। लगता है जनता का काम नहीं किया है। इसलिए तसलीमा के बहाने कुछ एंटी इंकंबैंसी को ठीक कर रहा है। ओवैसी को ऐसा कहने के आरोप में जेल में बंद कर देना चाहिए। कम से कम बीस साल के लिए। या फिर ये जब बोले तो माइक हटा देना चाहिए। जैसा कि अब तोगड़िया के साथ होता है। बरखा दत्त ने हिंदुस्तान टाइम्स के कालम में लिखा है दोनों एक ही हैं। आप इस लेख को ओवैसी के प्रति निंदा वचन के रूप में न पढ़े। हमने उनकी अक़्ल और सलाहियत के गुम हो जाने की एक रिपोर्ट लिखाई है। आप बस गुमशुटा रिपोर्ट की तरह ही पढ़ें। इनकी अक्ल मिल जाए तो ब्लाग पर बता दीजिएगा। मैं हैदराबाद जाकर दे आऊंगा। आइये ६० साल होने पर भारत के इन बचेखुचे बेवकूफों का आह्वान करें। आप इसी तरह बने रहें ताकि हम हंसते रहे। सर कलम करेंगे। चार दिन हवालात में गुज़रेंगे बस ठीक हो जाएगा।
मामला गम्भीर है.. ये कोई पहला आदमी नहीं है.. जिसने इस देश में इस तरह की घोषणा की है.. कानून बनाने वाले जब इस तरह की बात करें तो मैं चाह कर भी हँस नहीं पाता.. जिन जेबकतरों से जेलों को भरा हुआ है.. क्या उन जेलों में ऐसे लोगों के लिए जरा भी जगह नहीं है.. या व्यवस्था की नज़र के ब्लाइण्ड स्पॉट पर खड़े हैं ये लोग?
ReplyDeleteसचमुच, रवीश, हंसें नहीं, लात लगायें. उत्तर, दच्छिन, दायें-बायें सब तरफ. ओवैसी बाबू तब भी हंसते रहें तो दो कदम आगे बढ़कर उन पर थूक भी दें. शायद तब इंकंबैंसी भूलकर अपनी गलती का ध्यान करने लगें. न करें तो फिर लात लगायें.
ReplyDeleteप्रमोद जी सही कह रहे हैं!!
ReplyDeleteगनीमत है हैदराबाद में केवल तीन बेवकूफ जमा हो पाए. यूपी और बिहार होता तो इन पागलों की नेतागिरी को चमकाने को हजारों पागल जमा हो जाते.
ReplyDeletethsi is not tru ravish jee in our country no can talk ab muslim fandamentalist not barkha even u r also talking safe -prakash
ReplyDeleteमान्यवर prakash
ReplyDeleteआप पहले बरखा के लेख पढ़े। मै अकबरूद्दीन का बचाव नहीं कर रहा। एक बार फिर पढ़ें। इस आदमी को तुरंत हवालात में भेजा जाना चाहिए। दुनिया का नहीं जानता मगर इस देश बहुत लोग है जो मुस्लिम कट्टरता का विरोध आलोचना करते हैं। मुस्लिम सांप्रदायिकता के खिलाफ हैं। आप यह भ्रम न रखें कि सिर्फ हिंदू सांप्रदायिकता का ही विरोध होता है।
सही सलाह है।
ReplyDeleteहर तरह की कट्टरता और मूढता कोढ़ है . उपचार बहुत ज़रूरी है . यह संक्रामक है . इसलिए तत्काल उपचार की आवश्यकता है .
ReplyDeletesachmuch yah ek vidambna hi hai hamre desh me ki aise log bhi janta dyara chun kar aate hai. kya inhe ye bhi samjh nahi aata ki ye taliban nahi hai balki hindustan hai aur yahan har tarah se abhivyakti ki svatantrata prdan ki gayi hai gali dene ko chod kar. aise log kab tak muslim samaj ke, jo ki etihasik rup se bahut hi samrisdh raha hai, kamio se muh chupate rahenge? aapko sadhuvad agar aap is visay par kuch aur gahri vivechna kar hame padne ka avsar pradan kare.
ReplyDeleteMuslim bloggers have always condemned such actions and statements. Just that some people feel that there is not enough condemnation.
ReplyDeleteMujhey Lagta hai, Aise logo ko aagey laney me media ka bhi kahin haath hai.. abe dekho na Ye miyan Akbaruddin sahab ko koun jaanta tha... do dialog ki wajah se hum isnkey bare me blog me discussion kar rahe hain... Insey zara poochhey Tasleema ke sir kalam karney wale par agar paisa kharch karney ka shok hai to zara un paiso se is Hindastan me gharibi ko door karney me madad karey.. aajkal mulk me badh aayee hui hai .. madad karo un becharo ki jinhey khaney ke liye ek waqt ki roti bhi nahi mil pati.. Issey badi musalmaniyat kya hogi unke liye.... IN sab foohad logo ke bayan ko itni ahmiyat nahi deni chahiye in fohhad bato ke liye...
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