प्रतिभा पाटिल पहली महिला राष्ट्रपति। इंदिरा गांधी पहली भारत की महिला प्रधानमंत्री। किरण बेदी पहली महिला आईपीएस। हमने इस देश में महिलाओं के लिए इतने दरवाज़े बंद कर रखे हैं कि जब भी कोई खुलेगा पहला होने का रिकार्ड बना देगा। अब भी कई दरवाज़े खुलने बाकी है। कई जगहों पर पहली बार महिलाओं को नामज़द होना है। इसलिए महिला पाठक निराश न हों।
मैं कई जगहों पर पहला होना चाहता था। मगर मेल यानी पुरुष होने के कारण चांस समाप्त हो गया है। राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, पत्रकार आदि आदि। सब जगह मुझसे पहले के मर्द पहुंच चुके हैं। परिवार में भी भाई बहनों में चौथे नंबर हूं। पहला नहीं हुआ। कुछ भी करता हूं सबके करने के बाद। बैंक में खाता भी सबसे बाद में खुला।
पहला होने का गुमान मुझको नहीं हुआ। प्रतिभा पाटिल से ईर्ष्या हो रही है। एक सीट बची थी मार ले गईं। क्या मेरे लिए अब भी कोई मौका है? जैसे मैं अगर राष्ट्रपति बन जाऊंगा तो क्या मेरे पत्रकार साथी लिखेंगे कि मैं अपने गांव से राष्ट्रपति बनने वाला पहला हूं। स्कूल से राष्ट्रपति बनने वाला पहला हूं। फलां मोहल्ले का पहला बच्चा जो बड़ा होकर राष्ट्रपति बना। दोस्तों, जवाब दो।
हिंदी सिनेमा में पहला प्यार को लेकर सैंकड़ों गाने हैं। पहला प्यार लाए जीवन में बहार। लेके पहला पहला प्यार। तुम भी पहले पहल। हम भी पहले पहल। कितना अच्छा है। वहां हर दूसरी फिल्म में पहला होता रहता है। इधर लोकतंत्र में एक ही बार क्यों होता? क्या प्रतिभा ताई के बाद कोई सुनीता आंटी राष्ट्रपति बनेंगी तो वो दूसरी कहलाएंगी? किस आधार पर? सुनीता आंटी तो अपने परिवार से पहली ही होंगी न। क्या सिर्फ पद पर आने की गिनती ही गिनी जाएगी? पदस्थापित को भी काउंट किया जाना चाहिए। कैसे लिखेंगे? क्या इस मामले में भी ग्रेडिंग सिस्टम नहीं होना चाहिए? एनसीईआरटी क्या कहती है? इसी पहले के कारण कलाम साहब इतिहास में दर्ज नहीं हुए। कम से कम कलाम राष्ट्रपति बनने वाले अपने पिता के पहले बेटे हैं और गांव के पहले निवासी। इससे पहले मुसलमान राष्ट्रपति हो चुके हैं मगर कलाम पहली बार हुए हैं। वो मुसलमान हैं मगर कई मायनों में पहली बार हैं। इसलिए इतिहास में उनके लिए भी जगह रिजर्व की जाती है। गिनिज बुक वाले को भगाओ। मनोज पाकेट बुक्स को लाओ। इस तंग किताब का ही दिल बड़ा हो सकता है। हर पहले पर एक छोटी किताब।
तो दोस्तों, निराश न हों। अब भी चांस है। कहीं न कहीं पहली बार होने का। जहां कोई पहले पहुंच चुका है वहां भी पहले पहल होने का। आप बस पहुंचें तो? प्रतिभा जी की जय? तुम भी पहले पहल। हम भी पहले पहल। किसी समझदार ने नई फिल्म उमराव जान का गाना लिखा
रवीश भैया दुखी मत हो। पहला प्यार तो तुम्हारा अपना मामला है । लोगों को उससे जयादा कुछ नही लेना देना नही है, सिवाय की आपके पहले प्यार का यह दूसरा तीसरा या ... प्यार हो !
ReplyDeleteप्रतिभा पाटिल से इतने दुखी मत हो । आप के लिये बहुत सी जगहे खाली है। जैसे की पहला पेशेवर पत्रकार राष्ट्रपति, पहला इलेक्ट्रोनिक मीडिया का पत्रकार...
लगे रहो, हमारी शुभकाम्नाएं
और भी हैं पहला ब्लागर राष्ट्र्पति!
ReplyDeleteरवीश कुमार,
ReplyDeleteपहली बार...
गए एन ब्लाक मार्केट के कस्बा'बार'
फिर किया 'कार-ओ-बार'
तब गए घर'बार'!
पहली बार...
दिल छोटा मत करो कस्बा ब्लोग शुरु करने वाले तुम पहले हो रिकार्ड कर लो
ReplyDeleteरवीश जी पहला होना या बनना खास नहीं है बल्कि पहले होने को पहली तरह पेस करना एक कला है शायद सीधे साधे गांव वालो के लिए इस तरह की पहल करना आसान नहीं है
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