भारतीय मर्द के गाल पर विदेशी स्त्री का चुंबन- विरोध करेंगे ?
भारत की संस्कृति ख़तरे में है । जाने कब से है । दुनिया की हर संस्कृति को दूसरी संस्कृति से ख़तरा लगता है । फिर धीरे धीरे संस्कृतियां एक दूसरे से प्रभाव और आदान प्रदान के नाम पर कुछ चुरा लेती हैं । कई बार तो बिना बतायें । फिर हल्ला मचाती है हम ओरिजनल और वो ड़ुप्लीकेट । कई संस्कृतियां एक दूसरे में सीधे प्रवेश कर जाती हैं । संवाद भी होता है । मगर संस्कृतियां एक दूसरे का भय फैला कर कइयों के हित साधने का माध्यम भी बनती रहती हैं ।
वर्ना ऐसा क्यों होता है कि रिचर्ड गेर ने शिल्पा के कपाल प्रदेश पर चुंबन लिया तो खतरा पैदा हो गया । एक ओर गेर तो एक ओर पांच हज़ार साल की संस्कृति की बेटी । बेटी वाले कमज़ोर होते हैं । दहेज लोभी सामाजिक संस्कृति में यह संस्कार होता है । बड़ा सवाल है कि चुंबन के ख़तरे पर सिर्फ उत्तर भारत में ही बवाल क्यों मचता है ? पूर्वोत्तर भारत के नौजवान क्यों नहीं पुतला फूंकते ? क्यों नहीं दक्षिण भारत के नौजवान गेर के मुंह पर या स्टार न्यूज़ के दफ्तर पर इडली सांभर फेंक देते हैं ? या फिर ऐसा होता भी है तो हमें पता नहीं चलता ? क्या केरल के किसी चौक पर शिल्पा रिचर्ड चुंबन के खिलाफ पुतले फूंके जाते हैं ? या हम भारतीय संस्कृति की रक्षा करते वक्त सिर्फ उत्तर भारत की दादागीरी का ढोल पीट रहे होते हैं । कुछ हद तक महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश की दादागीरी । संस्कृति के इस रक्षा अभियान में मेघालय के युवाओं को क्यों नहीं शामिल किया जाता ? वो तो कह देंगे कि इसमें कौन सी बड़ी बात है ?
एक सवाल और है । जिस पर मैं एसएमएस पोल कराना चाहता था । हो न सका । सवाल है कि अगर किसी मंच पर मुझे या किसी हिंदुस्तानी युवक के खुरदरे गाल पर हालीवुड की अभिनेत्री एलिज़ाबेथ टेलर चुंबन लेती तब भी क्या भारतीय संस्कृति ख़तरे में पड़ जाती ? तब भी क्या इसे बार बार दिखाया जाता ? तब भी क्या मेरे पुतले फूंके जाते कि संस्कारवान देश का नौजवान अपने गाल पर किसी विदेशी विवाहित, अविवाहित महिला को चुंबन की इजाज़त देता है । मेरी पत्नी को एतराज़ न हो तो आप कौन है बवाल करने वाले । और होगा भी तो पत्नी से जूते घर में खाऊंगा आप कौन है मंच पर जूता फेंकने वाले ? आप राय भेजेंगे । एसएमएस या कमेंट्स के ज़रिये । हां रिज़र्व बैंक के गवर्नर की तरह मैं भी आपको भारतीय संस्कृति के कहीं भी भज जाने की गारंटी देता हूं । इसका कुछ नहीं होगा । आप चुंबन लेना चाहते हैं या देना चाहते हैं..कैरी ऑन । भारतीय संस्कृति में जब सारे अधिकार बेटों के नाम हैं तो ख़तरा भी बेटों के चुंबन से होना चाहिए । गर्भ में बेटियों को मार देने वाले इस संस्कारवान महान देश में बेटियों के चुंबन कर लिए जाने पर बवाल मचता है तो दांत किटकिटाने लगते हैं । सोचता हूं दुनिया में ढोंगी कहीं बहुमत में है तो यही देश हो सकता है । बेरोज़गारों को एक बिजनेस आइडिया देना चाहता हूं । कोई दुकान नहीं चल रही हो तो संस्कृति की रक्षा की दुकान खोल लें । चल जाएगी ।
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ReplyDeleteHAAN YEH BATAYEN KEE KRANTI KAHAN TAK PAHUNCHEE..MAZAA AAYA
ReplyDeleteJAI BHARAT JAI ISLAM
ReplyDeleteJAI BHARAT JAI ISLAM
ReplyDeleteYAAR THODEE DAARU PEE LE HAI MAAF KARNA ..MAIN NASHE ME HUN
ReplyDeleteYAAR THODEE DAARU PEE LE HAI MAAF KARNA ..MAIN NASHE ME HUN
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ReplyDeleteचुंबन चर्चा पर यह तो आपने अच्छी सजावट.. सजावट क्या पूरा वर्कशाप-सा खोल रखा है.. नामधारी गुमनामाओं की झंडी टांगने की ऐसी क्या बेचैनी आन पड़ी थी?.. फ्रीक आउट हॉरर फिल्म वाली सीनरी लग रही है.. साधो! साधो!..
ReplyDeleteThis one is realy great brother. Mere office mein bhi kai log hain jo hai tauba macha rahe the. Mera itna kahna hai ki jab shilpa ko nahi problem to hum-aap kaun hote hain halla machane wale.
ReplyDeleteWaise ek baat aur hai. ye halla kewal camera dekh kar hi machate hain. Nahi to in bhole logo ko itna kya maloom. Aapki hi biradri walo ne inhe sikhya hai.
Chalo aapne rona chod diya nahi to mujhe lag raha tha ki aap is baat par bhi kuch rone wala hi post likh batihte. Dont mind.
Hats Off for this Post. :)
आपकी प्रविष्टि पर नामधारी गुमनामों के हमले से अवगत हुए। उन्हें कहना है,'हाफ़ पैन्ट खोल के,तब बोलो वन्दे मातरम'
ReplyDeleteji ha yah sach hai ki bharat me ldkiyo ke sath bhed bhv kiya jata hai. lakin aad laker aap nast hoti sanakrit se andhakja nahe kar sakate.
ReplyDeletesir sab ne aapni rai de di..sanskruti par dag lag gaya...lakin kisi ne silpa se pucha ki aap ko koi dikkat hai???ya un ke ghar walo se koi virod hai...shilpa k chumban ko lakar virod karne vale log chupke se kisi videshi ladki se chumban late hoge tabhi unki sanskruti kaha gai...virod karna dhong hai faltu k natak hai...desh main aase kai mudde hai jis par viraod karna jaruri hai...takat ho to karo...
ReplyDeleteAti uttam. Bingo...
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