स्कॉटलैंड में पुनर्जन्म बनाम उत्तर प्रदेश में एक ही जन्म



मेरा अब उत्तर प्रदेश और बिहार में कोई भी जन्म न हो । ऊपर वाले के दरबार में अपनी इस वसीयत को पहुंचा दिया है । देवी देवता हैरान थे । पूछा क्या हुआ वत्स यहां नहीं तो कहां पुनर्जन्म । मैने कहा आप भी निकलो यहां से । कितने साल से और कितने जन्मों से काशी, मथुरा में अटके पड़े हो । कोई और प्रदेश, विदेश नहीं देखना क्या ? आप क्यों स्थायी भाव से हिंदी पट्टी में अटके हुए हैं ? देवी देवताओं ने कहा हम ८४ करोड़ योनियों को मोनिटर कर रहे हैं । जब तक इंसान इसे पूरा नहीं कर लेता कहीं नहीं जा सकते । कहो तो तुम्हें यहीं पुनर्जन्म का आशीर्वाद दे दूं । मैंने कहा बिल्कुल नहीं । आप का शुक्रिया ।

अगर पुनर्जन्म ही होना है तो स्कॉटलैंड में क्यों न हों ? उसमें कोई बुराई है । नए रिश्तेदार होंगे । दोस्त होंगे । नई सड़क और कस्बे होंगे । कब तक शिल्पा और बिपाशा के यूपी बिहार में आग में जलते रहेंगे । वहां ठंड में मज़े करेंगे । बच्चन जी अगले जन्म में शूटिंग करने आएंगे तो अपने घर में ठहरायेंगे । पूछेंगे बिहार उत्तर प्रदेश में पुनर्जन्म के बाद कैसा लग रहा है । कुछ फ्रेश एयर है भी कि नहीं । मुलायम कैसे हैं ? लालू नीतीश किधर हैं ? अलग अलग हैं या एक ही जगह हैं । सड़कें तो होंगी नहीं । कहां पढ़े आप । इस जन्म में भी खप्पर के स्कूल में पढ़े क्या ? बलिया टू बनारस वाली सड़किया कैसी है बच्चन बाबू ? हम तो स्कॉटलैंड में पुनर्जन्म के बाद एन्ज़ॉय कर रहे हैं । बुलेट ट्रेन में चलते हैं । आप तो वही एक्सप्रैस में न । किराया तो नहीं ही बढ़ा होगा । मुख्तार का प्रचार करके लौट रहे हैं लगता है । इधर तो सब कुछ नया है । जानते थे कि उधर कुछ नहीं बदलने वाला । न भगवान न आप लोग । इसीलिए टाइम से पहले निकल लिए । एक ही प्रदेश को कितने जन्मों तक देखते रहेंगे । यदि हो पुनर्जन्म मेरा तो इधर कभी न हो । उधर हो ।

10 comments:

  1. अमां स्कॉटलैंड ही काहे?
    भगवान भी सोच समझकर डिसीजन लेंगे। यूपी के भैया को सीधे स्कॉटलैंड। यूपी बिहार, से बाहर निकाले ठीक है, चलो मध्य प्रदेश मे ला पट्के, ज्यादा से ज्यादा महाराष्ट्र मे। कोई बहुत ज्यादा अच्छे करम किए होते तो गोवा मे।

    ऐसा थोड़े ही होता है कि अमिताभ को यूपी मे ही, और तुमको स्कॉटलैंड। ये तो नाजायज मांग है। मै इसके खिलाफ़ स्टे लेकर आता हूँ। (वैसे भी अच्छी चीज के खिलाफ़ स्टे जल्दी मिलता है।)

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  2. अमिताभ का ये प्रचार देख कर मुझे भी एसी ही खीज होती थी।

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  3. isi ko kahte hain swarthandhta... asamajikta... apna scotland mein jugaad set kar liya... aur baaki log kya khaaj lage kukur jan hain?... hadd hai, yaar...

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  4. मूनादी :- सुनो सुनो सुनो !! अब कस्बे वाले बाबा स्कॉटलैंड मे बैठ कर प्रवचन करेंगे . सभी मोहल्ले वाले अब उनकी हाईटेक कुटिया मे पाए जाएँगे . लेकिन गुरु जी , उ गुलाबी रंग काहे लगाए हैं अपने उपर ? कुछ गड़बड़ नही लगता ?

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  5. जितेंद्र जी
    सब चलेंगे । मैंने तो सिर्फ इच्छा ज़ाहिर की थी । प्रमोद जी चलें तो वहां की आबो हवा मे खाज नहीं होगा । खुजलाने के लिए भारत आया करेंगे । गर्मियों में । पर यह भी सही है भगवान स्काटलैंड ही क्यों मध्यप्रदेश चुन लेंगे तब क्या होगा ।

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  6. Mr. Ravish. Pata nahi aap apne aas paas se itne dukhi kyon rahte hain? Mujhe nahi pata lekin jo mujhe pata hai ki aapne UP-Bihar ki tulna bahar ke kisi bhi desh se kiya hai jo galat hai. Burai kaha nahi hai. Aap ke liye janakari google par crime in scotland search kar le phir pata chal jayega ki waha jakar bhi aap dukhi hi rahenge. Ye mera dawa hai. Waha par aapko his/her hyness kahna padega. Yaha aap ye jo blog likh rahe hain mumkin hai ki ispar bhi pabandi ho jaye. Ye bharat hai. Democracy ka sabse achha udaharan. Door ka dhol suhana lagta hai mere bhai. Isi UP-Bihar mein kai cheje achhi hain. Shayad aapki najre na dekh pati ho (jo lagta nahi hai). Aapka rona mujhe samjh se pare lagta hai. UP-Bihar ka virodh samjh mein aata hai lekin iske baraksh aap kisi aur ko tarjeeh de rahe hain baat gale se nahi utarti.
    Aapke is post ka kada virodh karta hu agar mere shabdo se na lage to bhi main kar raha hu yeh samjh jaroor lijiyega. Rethink on ur post. Get Well Soon :)

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  7. Main yeh dekhkar dukhi ho raha hu ki ravish kumar kasba wale nahi NDTV india wale ke is post par 4 aise comment hain jo is par ha mein ha mila rahe hain. Maine aapke Special Report ko dekhkar aapko jana hai. Usme hamesha theam ka ujla paksh dikhate the lekin idhar aapke post ko padh kar dukhi ho jata hu. Aap is post ko dekh hi le.

    http://merasapna.wordpress.com/2007/04/13/indian-news-channel-walo-ka-maansik-diwaliyapan/

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  8. राजेश भाई
    एक दम से सुखी तो नहीं हूं लेकिन हां दुखी भी नहीं । यह लेख छुटकारा पाने के लिए कम उससे कहीं ज़्यादा नई जगह देखने की ललक से लिखा गया है । वाकई दुनिया में कोई भी जगह नहीं जहां झंझटें कम हो गई हों । पर कितनी बार एक ही माटी एक ही देश । इसी जनम में लोग कई देशों को जी रहे हैं । हम तो यहां से फुर्सत पाने के बाद अगले जनम की बात कर रहे हैं ।

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  9. aakhir mene aapako blog par dhoondh hi liya.. kitane dino se talaash kar raha hu magar ye kyaa main aaya aur aap dusare desh me jaane ki baat kar rahe hai.. abhi to ham baithenge batiyaayenge... marane do sasure bachchan ko vo to apane upar chada amar aur mulaayam ka ahasaan utaar raha hai.. ab to maaya bahan aay gayi hai to amitaabh bhi up ki or sir karake bhi nahi soyegaa... janm lene ki to baat hi kyaa hai.. mayaa bahan har us se chun chun kar badala lengi jo bhi mulaayam-amar ki toli me paaya jaata hai ya usaka gungaan karata hai..... ab me kuch aur khaas lataash karake laata hu aapake liye jo baaki kisi ki samajh me nahi aayegaa yaani koyi tadakata bhadakata story idea... fir milenge... dhanyavaad... shyam pammar..... meerut vaale....

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