वाजपेयी जी के समय आपके निवास पर दिल्ली के किस बड़े पत्रकार ने पुरानी दिल्ली के व्यंजनों की मौज न उड़ाई होगी । आप पीएमओ में राज्य मंत्री थे । तब आपकी छवि कैसी थी । आपके यहाँ चाट खाने वाले पत्रकारों के ज़हन में कुछ तो नौस्तेल्जिया बची होगी । कोई आपका बखान नहीं कर रहा । एक बार मैं भी सीनियर के साथ लग लिया था । आनंद आ गया था ।
तब लोग कहते थे कि आप वाजपेयी जी के ख़ास है । उनके स्वाद का रखवाला । मैं नहीं मानता कि भारत के प्रधानमंत्री को आपकी कैटरिंग की ज़रूरत पड़ी होगी । लेकिन आपके यहाँ खाने वाले पत्रकार यही कहते थे । वाजपेयी जी जैसे महान प्रधानमंत्री ऐसा क्यों करेंगे जिनके स्वर्ण युग के दम पर बीजेपी इस बार मैदान में है । खाने वाला ही गरियाता है सर । आपकी छवि ज़रूर अच्छी होगी तभी आपको मंत्री बनाया होगा ।
जाने दीजिये । वैसे आपकी छवि पीएमओ में रहते ख़राब हुई क्या या उससे पहले ख़राब हुई या उसके बाद । इसका जवाब इसलिए ज़रूरी है कि मैं हमेशा कमज़ोर के साथ रहा हूँ । आप इस वक्त कमज़ोर लग रहे हैं । अगर विजय गोयल पीएम के दफ़्तर में मंत्री हो सकते हैं तो सीएम के उम्मीदवार क्यों नहीं । अगर विजय गोयल की छवि ख़राब है तो वे दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष कैसे हो सकते हैं । क्या पार्टी को आपके पीएमओ टाइम के बारे में अब पता चला है । अगर हाँ तो क्या पता चला है । दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष बनने से पहले बीजेपी ने आपको केंद्रीय महासचिव बनाया हुआ था । उधर तो आपने कुछ नहीं ' बनाया' न । मने कह रहे हैं । आपकी पार्टी में किसी गोयल के साथ ऐसा हो जाए यह सिर्फ अति राष्ट्रवादी विचारधारा के कारण ही सकता है ।
अजीब है बीजेपी । आप संसदीय बोर्ड को यह चिट्ठी दिखाकर बोल्ड कर दीजिये । चुनाव की कमान देते वक्त तो पार्टी सोचती । भरी रैली में मोदी जी बोल गए कि दिल्ली में विजय ही विजय है । कितने विजय के अरमान जगा गए । हाय । और मोदी जी क्यों फ़ैसला लेने आए हैं । क्या वे पार्टी अध्यक्ष हैं ? क्या वे संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष हैं ? क्या आपकी पार्टी में जो प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार होता है वही मुख्यमंत्री के लिए उम्मीदवार तय करता है । क्या दिल्ली के टिकट भी वही बाँटेंगे ।
आप संसदीय बोर्ड को कहिये कि अगर पार्टी ने आपको हटाया तो कांग्रेसी सवाल करेंगे कि वाजपेयी के मंत्रिमंडल में एक भ्रष्ट भाजपाई था जिसके बारे में अब पता चला है । विजय जी आप सैड मत फ़ील करो । आप पार्टी में ही रहकर सब्र करो । लोगों को कह देना संघर्ष कर रहा हूँ । हर्षवर्धन जी अच्छे हैं । कोई शक नहीं । मगर पार्टी ने उन्हें पहले क्यों नहीं देखा । क्या बीजेपी में किसी को नहीं दिखा कि आपका मुक़ाबला शीला और अरविंद से है । और जिन सर्वे की लोकप्रियता से मोदी जी पीएम इन वेटिंग हो गए, फिर आपके टाइम में वे सर्वे हट बे की तरह क्यों हो गए हैं । आप भी तो सर्वे में शीला जी के बराबर हो ।
नाइंसाफ़ी हर्षवर्धन जी के साथ भी हो रही है । चुनाव के लिए उन्हें कितना कम वक्त मिलेगा । आपकी छवि तो ख़राब होगी अब । पार्टी आपको हटाकर उन आलोचनाओं को मान्यता दे देगी कि आप जी वही सब हो । करप्ट वरप्ट । आपने तीस प्रतिशत सस्ती बिजली देने का वादा किया था मगर आपकी पार्टी ने तो आपको फ़्री का करंट लगा दिया । एक ऐसे समय में जब साफ़ सुथरी छवि वाले येदुरप्पा जैसे नेता एनडीए या पार्टी में आ रहे हों आप जैसे दाग़दार छवि वालों का रहना ठीक नहीं है ।
बस एक दो दिनों के बाद दिल्ली के उन तमाम पोस्टरों पर आपका चेहरा तो नज़र आएगा मगर आप नहीं होंगे । लोग कहेंगे कि अरे पोस्टर तो नहीं फटा है फिर भी हीरो ग़ायब है । मुझे लगता है कि बीजेपी उन पोस्टरों को भी बदल देगी । कहीं ये सारे होर्डिंग आपने अपने पैसे से तो नहीं लगवा रखे हैं । अरे बाप । मर गए । जाने दीजिये । हर्षवर्धन से एक सबक़ तो सीख सकते हैं । बहुत मैनेजमेंट न भी आए तो भी अगर बंदा ईमानदार है (आपकी पार्टी के अनुसार) तो उसका टाइम आता है । वैसे एक आइडिया है । आप अपनी पार्टी के लोकपाल गुरुमूर्ति जी को क्यों नहीं बुलाते जिन्होंने गडकरी को क्लिन चिट दी थी । अरे हाँ मोदी से ये तो पूछ ही लेना विजय जी कि गडकरी जी को क्यों इंचार्ज बनाया फिर । आपका कोई साथ न दे तो मैं हूँ ।
जाने दीजिये । अब आडवाणी के समर्थन में बयान मत दीजियेगा । पार्टी में रहिये और मिलकर काम कीजियेगा । दिल्ली में जब मोदी जी प्रधानमंत्री बनेंगे तब पीएमओ में आ जाइयेगा । छोड़ दीजिये ये हठ । विजय मल्होत्रा का हाल देख कर भी आप नहीं चेते । दिल्ली बीजेपी में केंद्रीय राजनीति से जो भी प्रदेश में गया है उसे पनडुब्बा खींच लेता है । हर्षवर्धन जी को ढेरों शुभकामनायें । आपको भी ।
आपका
रवीश कुमार 'एंकर'
haha... sahi se maje liye hai :P
ReplyDeleteदिल्ली में विजय हों या ना हों ..दिल्ली की 'जय हों' होना जरूरी है...हाँ लेकिन 'कॉमनवेल्थ जैसी जय हों नहीं होनी चाहिए| महंगी पड़ी थी|
ReplyDeleteबाकी हिस्साबाँट अभी बाकी है| किसको 'दिल्ली की कुर्सी' मिलती है और किसको 'दिल्ली में कुर्सी' मिलती है...आर्टी-पार्टी नेतृत्व महफ़िल सजने तक तय कर ही लेगा|
Bahut sahi Ravish..Maje bhi le liye ..aur ye bhi dhyan rakha ..ki Bura na man jaye Goyal ji..Wo kya hai na suna hai ye rote bahut jaldi hai..!!!
ReplyDelete"आपने तीस प्रतिशत सस्ती बिजली देने का वादा किया था मगर आपकी पार्टी ने तो आपको फ़्री का करंट लगा दिया " हाहाहा ! कमाल है !
ReplyDeletemaja aabi giyo......bahut hi khoob aur clear latter likha hia aapne vijay goel ke liye.....waise unke liye bad luck hai pehle to bechare ko arvind ji ne challenge kiya ki agar aukaad ho to shila dikshit ke khilaf lado lekin lade nhi aur ab party ne unhe cm candidate bhi nhi banaya...mujhe unse puri sahanbhuti hai.........
ReplyDeleteइस पोस्ट की चर्चा आज सोमवार, दिनांक : 21/10/2013 को "हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल {चर्चामंच}" चर्चा अंक -31पर.
ReplyDeleteआप भी पधारें, सादर ....नीरज पाल।
Sir ji agar vijay goel ne padh liya to bas smjho ki itni bejjati to kejriwal ji ne b nahi ki unki jitni aap ne...suprb
ReplyDeleteहाहा कह के ली है आप ने विजय जी की मे तो आप की इस लखे का दिल से आभारी हु.
ReplyDeleteधन्य हो रविश बाबु............
जब ये जनता की पीड़ा को समझकर टीवी कैमरों के सामने भोकार पार के रोये थे तभी पार्टी को मालूम पड़ गया था कि ई कार्यकर्ता है नेता नहीं ।
ReplyDeleteअब आफ द रिकार्ड रोयेंगे ।
रवीश जी,आज की राजनीति एक्सक्लूजन (exclusion)की राजनीति हो गयी है. अभी तक जो चल रहा था वो Take the least worst out of available वाली बात थी. लेकिन आम आदमी पार्टी के आने से ये समीकरण थोडा बदल गया है. अब स्थिति ऐसी है की take the best out of the available bests. अब विजय गोयल साहब कौन सी श्रेणी में आते हैं ये तो वही जाने लेकिन कही ऐसा न हो की विजय बाबु की पतवार भाजपा की नैया ही डूबा दे (वैसे भी दिल्ली में भाजपा की स्थिति कोई बहुत विशेष नहीं है..)
ReplyDeletelekin aapne to unka namak khaya hai.
ReplyDeleteइसे कहते है नमक का हक अदा करना,गोयल जी की खातिरदारी का पूरा कर्ज़ चुकता कर रहे है, पर शायद आप उनके अकेले समर्थक है
ReplyDeleteआप जैसा शुभचिंतक रहे तो गोयल जी राजनीति छोड़ समाज सेवा में लगना पसंद करेंगे..सहानुभूति ऐसी छीलनेवाली कि बोकला का अता-पता नहीं.:)
ReplyDeleteAre bhai eto hona hi taha
ReplyDeleteJaha modi Ho vaha acho acho ki chuti hojati he,usaka kam hi logo ko ladavana he,
Hamare gujarat me kashubhai ki kya halat hui?
Feku aya gujarat se feku aya...bhai
sir rajneta pe to log comment kar hi dete hai, aakhir public property sabki hoti hai.sahi likha hai,acha likha hai ,wo to aap har bar likhte hai.aur last me,kuch risky kam bhi kijiye.waise nai dunia me indian express ke shekhar gupta ke bare mejo likha ja rha hai wo such hai kya.sochiye na ,likh hi dijiye.aur apne vadra sahab ke bare me na likhiyega.(sir aap ka program "ravish ki report,hum log primetime fablous")
ReplyDeletesir rajneta pe to log comment kar hi dete hai, aakhir public property sabki hoti hai.sahi likha hai,acha likha hai ,wo to aap har bar likhte hai.aur last me,kuch risky kam bhi kijiye.waise nai dunia me indian express ke shekhar gupta ke bare mejo likha ja rha hai wo such hai kya.sochiye na ,likh hi dijiye.aur apne vadra sahab ke bare me na likhiyega.(sir aap ka program "ravish ki report,hum log primetime fablous")
ReplyDeleteक्या सर, एक तो विजय जी ऐसे ही चुनावों को हर्ष झेल नहीं पा रहे हैं और आप उनकी पूरी शालीनता से टांग खिचाई कर रहे है। कहना पड़ेगा मजा आ गया...पैसा वसूल(इंटरनेट प्लान का)
ReplyDeleteVery Well Said...
ReplyDeleteHarshvardhan ji ko CM ka candidate banwa hee diya. Krishnamurariji ke comments ke bare me kya khayal hai.
ReplyDeletedesh ka aap jaise sache patrkar ki jarorat hai...
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