मुद्दा

प्रिय मुद्दा 

जब से तुम कभी राष्ट्रीय बनकर तो कभी क्षेत्रीय बनकर रोज़ रात न्यूज़ चैनलों पर आने लगे हो तब से तुममें कोई माद्दा नहीं बचा है । मुद्दा तुम कभी कभार ही ठीक लगते थे । मार धाड़ से भरपूर लव स्टोरी हो गए हो । चार लोग आते हैं । कुर्सी जमाते हैं । फिर तुमको टेबल पर लिटाते हैं फिर तुम्हारी चीड़फाड़ कर देते हैं । पट्टी वट्टी बाँध कर तुम्हारी टट्टी निकाल देते हैं । तुम मुख्य रूप से सरकार के ख़िलाफ़ होते हो और विपक्ष के साथ । तुम बनते भी हो और बनाए भी जाते हो । मुद्दा तुम न होते तो चैनलों के प्राइम टाइम अनाथ लगने लगें । इसलिए तुम रोज़ होना । लंगोट से लेकर रेनकोट तक हो जाना ताकि तुम पर लोग चर्चा कर सकें । मुद्दा तुम एक पुरानी रज़ाई हो जिसे हर सर्दी से पहले धुना जाता है । काता जाता है और फुलाया जाता है । तुम उस लुंगी की तरह हो जिसे एक वक़्ता मुरेठा बना लेता है तो दूसरा फेटा बाँध कर कच्छा तो तीसरा न्यूट्रल  गमछा बनाकर कंधे पर रख लेता है । चैनलों की अदालत में तुम्हारा निपटारा फ़ास्ट ट्रैक कोर्ट की तरह हो जाता है । मैगी बनी नहीं कि मुद्दा निपट गया । मुद्दा तुम समझते नहीं । तुम्हीं तो हो जो प्रवक्ता बनाते हो । तुम्हीं तो हो जो श्रोता बनाते हो । मुद्दा तू क्या चीज़ है बे । इत्ती देर से तमीज़ से बोल रहा था स्साले दिमाग़ ख़राब हो गया तुम्हारा । तू बोर नहीं होता रोज़ रात को लात खा खा कर । मुद्दा तुम जूत्ता हो । जिसे मर्ज़ी पहनकर चला जा रहा है । मुद्दा तुम कब तक इस स्टुडियो से उस स्टुडियो में घूमते रहोगे । पत्र लिख रहा हूँ । मित्र का समझ कर पढ़ लेना । मुद्दा तुम ख़त्म हो रहे हो । दोहरावन में कम पड़ रहे हो । जहाँ हो वो कमी है जहाँ नहीं हो वहाँ और भी कमी है । मुद्दा तुम टीवी छोड़ दो । गाँव धर लो । मरे तो हुए ही थे अब पिटे पिटे से लग रहे हो । नाशपिटे कहीं के ।

तुम्हारा
रवीश 

7 comments:

  1. मुद्दा तू मुदई हो गया है बे. जान खाए रहता है. रात को टीवी पर ताकते हैं और भोरे अखबार में..चिरकुट तू चिमचिमी बन गया है, न गलता है न सड़ता है. भाग तेरी तो..

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  2. मुद्दा बिन सब सून नगरिया,
    जैसे फाटी सोन चदरिया।

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  3. मुलायम ने कार सेवको पर गोली चलवाई और आज तक न्यूज पर सार्वजनिक रूप से इस बात की पुष्टि कर गलती भी मांगी !!! कोई ह्ल्ला नही , कोई गुल्ला नही !!!

    बोधिगया हमले की पूर्व जानकारी होते हुए भी नितिशुद्दीन कुरैशी का कुम्भकर्णी नींद सोना और हमले हो जाने के बाद लकीर पीटना !!! और कल मिड डे मिल का भोजन ही बन गया नौनिहालों का भक्षक और लील गया कई जिन्दगी !!! कोई ह्ल्ला नही , कोई गुल्ला नही !!!

    उत्तराखंड की त्रासदी में दब गयी हजारो साँसे , तस्वीरों के फ्रेम में ही सिमट कर रहे गये अपने और नीच लिखा गया रामबाना से गुमशुदा या केदारनाथ से लापता !!! कोई ह्ल्ला नही , कोई गुल्ला नही !!!

    झंडे के दिखावे के बाद भेजी गयी सड़ी हुयी राहत सामग्री के नाम पर दिखावा और माँ बेटे की चस्पा फोटो !!! कोई ह्ल्ला नही , कोई गुल्ला नही !!!

    बेशर्मी का बदरंग मुखौटा इख्तियार करते हुए गुजरात से भेजी गयी उम्दा राहत सामग्री का कांग्रेसियों का अपने घर ले जाना और राहत सामग्री के नाम पर लोगो और जन मानस से धन की मांग करना मगर वाह री मिडिया !!! कोई ह्ल्ला नही , कोई गुल्ला नही !!!

    अब सिक्के के दुसरे पहलू पर आते हैं -

    मोदी ने गुजरात के दंगो में एक चींटी को भी मसलने का आदेश नही दिया और २००२ के बाद ऐसी कोई त्रासदी गुजरात में दुबारा हुयी भी नही !!! मगर हंगामा आज तक होता हैं !!!

    मोदी का उत्तराखंड जाकर राज्य सरकार की मदद की पहल करना !!! हंगामा हो गया !!!

    आतंकवादी इशरत '' जहाँ '' अपने चार शांतिदूत खसमो के साथ हरो के जहाँ के लिए चली गयी !!!! हंगामा हो गया !!!

    बिन ब्याई कुतिया का पिल्ला हवाई कार के मोदी टायर के नीचे आकर कुचल गया और समस्त कुकुर जाति धरने पर बैंठ गयी !!! हंगामा हो गया !!!

    सेकुलरिज्म के बुर्कीले कीड़ो का नकाब क्या उठा दिया !!! हंगामा हो गया !!!

    नकली नौटंकियो भाँड़ो के शोज पर १०००/- के टिकेट और मोदी के भाषण लिए सिर्फ पांच रूपये का शुल्क लिया जाना !!! हंगामा हो गया !!!!

    आखिर मोदी के नाम पर '' हंगामा क्यों बरपा '' रहता हैं ??? ये कौन सा सिक्का हैं जिसके दोनों पहलुओ में साम्प्रदायिकता का , सेकुलरिज्म का आवरण छपा हुआ हैं ??? जब सिक्का खोटा नही , तो खोट में सिक्का क्यों ???? क्या राष्ट्रवादी होना गुनाह हैं ???

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  4. मुद्दा मगर मुद्दा है,

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  5. मुद्दा को लतियाना और गरियाना भी तो एक मुद्दा ही है.

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  6. India's future ka comment 100% sahi.Naye ko aana hee hoga- Bhale option kuaan ya khanyee ka hee ho. Taag toottee ho tab bhi.
    Rahi mudde kee baat to leader nahi to mudda nahi.

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