आप लोग खाली निचलका फोटॊ देखते हैं, तनी ऊपरो नीहारिए तब इसका राज़ पता चलेगा। दिखा IDEA का ऐड है और उसका स्लोगन है What an idea sir ji एक आडिया जो बदल दे दुनिया !!!
SACHIN KUMAR DELHI ME HYDERABAD HOUSE HAI....AND MANY PLACES SUCH THING LIKE THAT....BUT IN WHOLE THERE IS ONLY ONE SACHIN...ISNOT THAT? AGAIN SAYING....LONDON KI PADHAI AARA ME...FOREING MINISTER HAS ALREADY SAID WHY GO OUTSIDE...EVERYTHING IS HERE...SARE JAHA SE AACHE.....AND THE KAPIL SIBBAL IS DOING NO DOUBT ENGLISH MEN HAVE TO AARAH WHO KNOWS....
मुझे आस्चर्य हुआ की मेरी टिप्पणी जो मैंने कल डाली थी नहीं दिख रही है :)
मैंने लिखा था की कैसे यू पी / बिहार वाले अंग्रेजी में गड़बड़ कर देते हैं - जैसे बोर्ड में लिखा है, "INDIA'S LARGES HARDMARE..."
खैर कोई प्रॉब्लम नहीं क्यूंकि पढने वाला जानता है की लिखने वाला क्या कहना चाहता है...अंग्रेजों के समय में क्यूंकि सरकारी कार्यालयों में बाबू अधिकतर बंगाली होते थे जिस कारण अंग्रेजों में प्रसिद्ध हो गया था, "What Ghose writes / Bose understands" :)
london ab bhi incash kiya ja sakta hai..jabke IT mein hum unse aage hain..thanks for posting this pic..main kayi baar is raaste se guzra hoon.
ReplyDelete"भोपाल में भी ब्रिटिश इंस्टीट्यूट है अग्रेज़ी सीखने के लिये ...."
ReplyDeleteप्रणव सक्सैना amitraghat.blogspot.com
आईडिया से लेकर गिफ्ट कॉर्नर तक सब है।
ReplyDeleteदो गज़ जमीं भी न मिली
desh tarkki per hai :))))))))))
ReplyDeleteबढ़िया है जी विदेश नही जाना पड़ेगा अब:))
ReplyDeletewaah!!
ReplyDeleteये फोटू लंदन का है या आरा का?
ReplyDeleteyahaan se bharteey peet ke to nahi bhagaaye jayenge !
ReplyDeleteआईडिया अच्छा है, बिना पासपोर्ट वीजा और खर्च के यह मिले तो क्या बुरा है।
ReplyDeleteअरे हम तो पहिले से जानते हैं कि आरा में कुछ भी हो सकता है...इ त केवल लन्दन के पढ़ाई है!!
ReplyDeleteजय हो! अउर यह फोटू कस्बा मे. धन्यवाद भाई.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeleteआप लोग खाली निचलका फोटॊ देखते हैं, तनी ऊपरो नीहारिए तब इसका राज़ पता चलेगा। दिखा IDEA का ऐड है और उसका स्लोगन है
ReplyDeleteWhat an idea sir ji
एक आडिया जो बदल दे दुनिया !!!
सही है विरु ।
ReplyDeleteबात तो अच्छी है पर ६० साल बाद भी लन्दन का हौआ बना रखा है |
ReplyDeleteSACHIN KUMAR
ReplyDeleteDELHI ME HYDERABAD HOUSE HAI....AND MANY PLACES SUCH THING LIKE THAT....BUT IN WHOLE THERE IS ONLY ONE SACHIN...ISNOT THAT? AGAIN SAYING....LONDON KI PADHAI AARA ME...FOREING MINISTER HAS ALREADY SAID WHY GO OUTSIDE...EVERYTHING IS HERE...SARE JAHA SE AACHE.....AND THE KAPIL SIBBAL IS DOING NO DOUBT ENGLISH MEN HAVE TO AARAH WHO KNOWS....
मुझे आस्चर्य हुआ की मेरी टिप्पणी जो मैंने कल डाली थी नहीं दिख रही है :)
ReplyDeleteमैंने लिखा था की कैसे यू पी / बिहार वाले अंग्रेजी में गड़बड़ कर देते हैं - जैसे बोर्ड में लिखा है, "INDIA'S LARGES HARDMARE..."
खैर कोई प्रॉब्लम नहीं क्यूंकि पढने वाला जानता है की लिखने वाला क्या कहना चाहता है...अंग्रेजों के समय में क्यूंकि सरकारी कार्यालयों में बाबू अधिकतर बंगाली होते थे जिस कारण अंग्रेजों में प्रसिद्ध हो गया था, "What Ghose writes / Bose understands" :)
आपको होली की रंग भरी शुभकामनाएँ !
ReplyDeleteगूड्.... वैSSSSSरी गूड !!
ReplyDelete- आनंद
Kash, India mein bhi london jaisi padhai-likhai ki suvidha hoti to Arrah ya or kahi aise sineboard nahi dikhai dete.
ReplyDeleteDurgesh,Arrah