क्रिकेट जितना सागर प्रशांत है ।
क्रिकेट कितना मनोबल एकांत है ।
क्रिकेट कितना मनोबल एकांत है ।
क्रिकेट जितना काव्य प्रकांड है ।
( यह तस्वीर फ्लिकर से ली गई है । नाम देख नहीं पाया । अब नहीं पता चल रहा है । मगर बेहतरीन है। कविता स्वरचित और स्वटंकित है )
कविता तस्वीर जैसी है और तस्वीर कविता जैसी।
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