tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post8113729811945716156..comments2024-03-22T11:14:13.300+05:00Comments on कस्बा qasba: लुंगियां ही लुंगियाravish kumarhttp://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-32942750658720042112010-12-29T20:49:20.675+05:002010-12-29T20:49:20.675+05:00mujhe south Indian loongi pasand hai..kuch dino pe...mujhe south Indian loongi pasand hai..kuch dino pehle meine pondychery ki loongi khareedi lekin wife ne uska kurta banwa liya..Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/11075045851218240758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-12265315312294414292010-12-28T16:13:08.127+05:002010-12-28T16:13:08.127+05:00लुंगी के बारे मैं बहुत कुछ सीख गया..
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सामाजिक सरो...लुंगी के बारे मैं बहुत कुछ सीख गया..<br />.<br /><a href="http://bezaban.blogspot.com/2010/12/blog-post_3230.html" rel="nofollow">सामाजिक सरोकार से जुड़ के सार्थक ब्लोगिंग किसे कहते </a><br /><a href="http://payameamn.blogspot.com/2010/12/blog-post_27.html" rel="nofollow">नहीं निरपेक्ष हम जात से पात से भात से फिर क्यों निरपेक्ष हम धर्मं से..अरुण चन्द्र रॉय</a>एस एम् मासूमhttps://www.blogger.com/profile/02575970491265356952noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-55368915826546602022010-12-27T19:55:20.352+05:002010-12-27T19:55:20.352+05:00aap bhi kya kya likhte hain....aap bhi kya kya likhte hain....Pratibha Katiyarhttps://www.blogger.com/profile/08473885510258914197noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-91366948478486629832010-12-27T15:10:21.084+05:002010-12-27T15:10:21.084+05:00रवीश जी बिलकुल सही कह रहे हैंा कभी मैं भी घर में ल...रवीश जी बिलकुल सही कह रहे हैंा कभी मैं भी घर में लुंगी पहना करता था, हालांकि कभी इसे पहनकर घर की चहारदीवारी से बाहर नहीं निकला करता थाा लेकिन अब तो पायजामा या बरमूडा का साम्राजय हो गया हैा शायद इसलिए कि उसे पहन कर आसपास नुक्कड् या चौराहे की दुकान तक या चहलकदमी करने जाया जा सकता हैा वैसे आपकी पोस्ट को पढ्कर फिल्म 'अग्निपथ' के मिथुन चक्रवर्ती याद आ गये, जिन्होंने फिल्म में क़ष्णन अयर नामक दक्षिण भारतीय व्यक्ति का किरदार निभाया हैाजीवन और जगत https://www.blogger.com/profile/05033157360221509496noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-28323617008303529702010-12-27T14:29:47.903+05:002010-12-27T14:29:47.903+05:00रविश सर...
"लुंगियां ही लुंगिया" पोस्ट प...रविश सर...<br />"लुंगियां ही लुंगिया" पोस्ट पढ़कर सोचा (मुन्नीने) सॉरी लुंगीने कब कब चर्चे जगाये ये देखू तो सही। तब ये आलेख मिला:-<br /><br />प्रभुदयाल श्रीवास्तव का व्यंग्य : लुंगी महिमा बनाम लुंगी पर एक शोध प्रबंध<br />http://www.pressnote.in/joke_98274.html<br />-----------------------------------<br />वैसे एम.पी. विधानसभा के विशेष सत्र मे कांग्रेस विधायक गोविंदसिंह राजपूत लुंगी को चर्चे में लाये थे। राजपूत लुंगी-बनियान एवं खाली बालटी लेकर मुख्य द्वार पर पहुंचे तब उनके वेशभूषा ने सारे विधायकों एवं मीडियाकर्मियों का ध्यान आकर्षित किया। राजपूत हाथ में बाल्टी एवं मग्गा लिए हुए थे और लुंगी पहने थे।<br />-----------------------------------<br />मुझे हॉस्टल निवास का लाभ १२ साल मिला है। कभी लुंगी भी मेरे कपड़ो के फेमिली का हिस्सा बनकर रहती थी। अब लुंगी को बनवास मिला है और बरमुडे ने(तानाशाही कर के) कब्ज़ा ले लिया है। सवजी चौधरी, अहमदाबाद-९९९८० ४३२३८.sanjayhttps://www.blogger.com/profile/09096388439332244294noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-74349824261747873822010-12-27T12:34:59.117+05:002010-12-27T12:34:59.117+05:00रवीश जी , हर तरह की लुन्गिया मिल गयी देखने को........रवीश जी , हर तरह की लुन्गिया मिल गयी देखने को.........आजकल तो मेहमानों के लिए भी लोग घरों में एक्स्ट्रा बरमूडा रखने लगे है.जैसे लगा कोई विलुप्त प्राय कपडे पे ये पोस्ट है.लुंगी के ऊपर ये पोस्ट बड़ी अच्छी लगी.उपेन्द्र नाथhttps://www.blogger.com/profile/07603216151835286501noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-2172806897443935332010-12-27T12:19:06.932+05:002010-12-27T12:19:06.932+05:00दरअसल, आप जिस स्कूल के हेडमास्टर हैं, हम भी उसी सो...दरअसल, आप जिस स्कूल के हेडमास्टर हैं, हम भी उसी सोच और तहज़ीब के नर्सरी किड हैं....तो मज़ा आता है, आपके सुर में थोड़ा सुर मिलाय के...Nikhilhttps://www.blogger.com/profile/16903955620342983507noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-91258716697245995982010-12-27T12:01:47.821+05:002010-12-27T12:01:47.821+05:00ख़ूब मज़े ले रहे हैं आप। सही हैख़ूब मज़े ले रहे हैं आप। सही हैravishndtvhttps://www.blogger.com/profile/02492102662853444219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-51981802178471129272010-12-27T11:41:16.989+05:002010-12-27T11:41:16.989+05:00तो भाइयों और बहनों, लीजिए पेश है वो फिल्मी नगमा जि...तो भाइयों और बहनों, लीजिए पेश है वो फिल्मी नगमा जिसमें शायद पहली (और आखिरी बार) लूंगी आई थी....<br />''अजी लूंगी बाँध, के करें गुज़ारा भूल गये पतलून ''...तुम्हारी याद सताती है...जिया में आग लगाती है...<br />हाहाहा...Nikhilhttps://www.blogger.com/profile/16903955620342983507noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-77330560698310151112010-12-27T09:57:48.964+05:002010-12-27T09:57:48.964+05:00मजेदार लगा लुंगी और कैप का काम्बिनेशन, सलामत रहे स...मजेदार लगा लुंगी और कैप का काम्बिनेशन, सलामत रहे सदा.Rahul Singhhttps://www.blogger.com/profile/16364670995288781667noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-44610284868975981172010-12-27T09:27:57.283+05:002010-12-27T09:27:57.283+05:00बढ़िया लगी यह लुंगी पोस्ट।
वैसे मैं भी घर में ...बढ़िया लगी यह लुंगी पोस्ट। <br /><br /> वैसे मैं भी घर में लुंगी पर ही रहता हूँ। श्रीमतीजी खोपचन देते रहती हैं कि तनिक गत से कपड़ा तो पहन लो....कोई मेहमान ही आ जाय अभी.......लेकिन अपन हैं कि वही लुंगी पहने-पहने प्रधानमंत्री मनमोहन और राष्ट्रपति बराक ओबामा सब से मिल लेते हैं, भले ही टीवी पर ही क्यों न मिल रहा होउं :)<br /><br /> ये अलग बात है कि वह लोग मुझसे नहीं मिलते। <br /><br /><b>सोचते होंगे जिसके पास लुंगी बदल कर पैंट पहनने तक की फुरसत नहीं उसके पास हमसे मिलने की फुर्सत कैसे होगी :) </b>सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-86769963688775301192010-12-27T09:12:44.131+05:002010-12-27T09:12:44.131+05:00रविश सर..आप कहां-कहां चले जाते हैं?? आपके लिए ये ल...रविश सर..आप कहां-कहां चले जाते हैं?? आपके लिए ये लाईन उल्टी करनी पड़ेगी..वैसे तो है कि जहां ना पहुंचे रवि..वहां पहुंचे कवि लेकिन आपके लिए ही ये कहा जा सकता है कि जहां ना पहुंचे कवि..वहां पहुंचे रवि..लाजवाब..ऐसे ही ख़ुद को आज़माते जाईये और हमे सीखाते जाईये..chaibiskutthttps://www.blogger.com/profile/07117290050657494128noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-32874350288727422242010-12-27T08:44:02.366+05:002010-12-27T08:44:02.366+05:00bilkul...lehariyaa lungi...bilkul...lehariyaa lungi...ravish kumarhttps://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-24147830784659358932010-12-27T08:41:04.441+05:002010-12-27T08:41:04.441+05:00हर वर्ग के लिये लुंगी।हर वर्ग के लिये लुंगी।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com