tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post627697449317612092..comments2024-03-22T11:14:13.300+05:00Comments on कस्बा qasba: अधूरी उदास नज़्में- सस्ती शायरीravish kumarhttp://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.comBlogger14125tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-73009074452817018882009-03-08T12:46:00.000+06:002009-03-08T12:46:00.000+06:00श्रेष्ठ नगमानिगार का खिताब तो भई देहाती जी को ही म...श्रेष्ठ नगमानिगार का खिताब तो भई देहाती जी को ही मिलना चाहिए.<BR/>वैसे देहाती के साथ martin का कॉम्बिनेशन समझ नहीं आया<BR/>लग रहा है जैसे "बूढी घोडी लाल लगाम"Satish Chandra Satyarthihttps://www.blogger.com/profile/09469779125852740541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-56644062182869116682009-03-08T11:22:00.000+06:002009-03-08T11:22:00.000+06:00लकड़ियों का कलेक्शन और 2-2 रुपये का चंदागांव से आक...लकड़ियों का कलेक्शन और 2-2 रुपये का चंदा<BR/>गांव से आकर होलिका की याद सताती है। <BR/><BR/>बच के रहना स्किन खराब हो जायेगी,<BR/>बच्चों के बैग में स्कूल से चिट्ठी आती है<BR/><BR/>रंग वाले दिन भी सूखे निकल जाओ<BR/>शहर का बेगानापन, ये दिल्ली बताती<BR/><BR/>न्यूज़ के धंधे में कलर ब्लाइंड हो गये हैं <BR/>लाल के अलावा भी रंग है अब तो होली बताती है।<BR/><BR/>कुछ साल बाद तुझे भूल जाएंगे होली<BR/>दोस्त होगी ब्रेकिंग न्यूज़ है जो रोज़-रोज़ आती है।<BR/><BR/>और कोई काम नहीं है क्या यार। बहुत हो गया, अब श्रेष्ठ नगमानिगार चुन लिया जाये।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-32069075642530386462009-03-08T10:41:00.000+06:002009-03-08T10:41:00.000+06:00एक से बढ़ कर एक। पढ़ कर मज़ा आ रहा है। होलीएक से बढ़ कर एक। पढ़ कर मज़ा आ रहा है। होलीravishndtvhttps://www.blogger.com/profile/02492102662853444219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-46457122675427340762009-03-08T10:37:00.000+06:002009-03-08T10:37:00.000+06:00ये लो रविश भाई पूरी वाली फुल पिनक में::कुछ रंग बचा...ये लो रविश भाई पूरी वाली फुल पिनक में::<BR/><BR/>कुछ रंग बचा कर पास रख लो होली में, <BR/>सफेद कुर्ता सिलवाने में देर हो रही है<BR/><BR/>सियासी मौसम से दिल को बचा लो होली में <BR/>तुम्हारे रंग का जोड़ा लाने में देर हो रही है <BR/><BR/>जरा कुछ देर हमारी राह तक लो होली में <BR/>बचते बचाते गली से आने में देर हो रही है.<BR/><BR/>तिलक लगा के काम चला लो होली में,<BR/>नलके से पानी आने में देर हो रही है.<BR/><BR/>गुझिया नमकीन ही बना लो होली में,<BR/>शक्कर राशन से लाने में देर हो रही है.<BR/><BR/>खर्च मंहगे तुम घटा लो होली में,<BR/>किश्त बैंक की चुकाने में देर हो रही है.<BR/><BR/>पोस्ट रुक रुक कर ही डालो होली में<BR/>पिनक में टिपियाने में देर हो रही है.<BR/><BR/>--होली की मुबारकबाद और शुभकामनाऐं.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-38331642679082489012009-03-08T10:05:00.000+06:002009-03-08T10:05:00.000+06:00This comment has been removed by the author.Udan Tashtarihttps://www.blogger.com/profile/06057252073193171933noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-89987933874460642632009-03-08T02:47:00.000+06:002009-03-08T02:47:00.000+06:00Aaj se aapko follow kar raha hoon.aapka fan hoon. ...Aaj se aapko follow kar raha hoon.<BR/>aapka fan hoon. aapki reporting aur aapki writing ka bhi.<BR/>Jaari rakhiye.Sumithttps://www.blogger.com/profile/05871213787848120659noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-47347852212275736172009-03-08T01:24:00.000+06:002009-03-08T01:24:00.000+06:00बहुत ही अच्छा लिखा है ...वाहबहुत ही अच्छा लिखा है ...वाहअनिल कान्तhttps://www.blogger.com/profile/12193317881098358725noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-64319873296668682362009-03-08T00:49:00.000+06:002009-03-08T00:49:00.000+06:00और लो...सियासत का मौसम है बदल न जाना होली में 5 सा...और लो...<BR/><BR/>सियासत का मौसम है बदल न जाना होली में <BR/>5 साल गायब रहे, अब आ रहे हैं टोली में। <BR/><BR/>एक दिन के राजा, चला लेना अपना राज<BR/>कहीं बिक ना जायें गांव एक-एक गोली में। <BR/><BR/>फिर भी दम बाकी है जम्हूरियत में ऐ दोस्त<BR/>वोट समझकर देना, देना ना हंसी ठिठोली में। <BR/><BR/>किसी एक को तो चुनना ही होगा मेरे यार<BR/>बदमाश भी बिकता है लोकतंत्र की बोली में।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-51468508059440720582009-03-08T00:38:00.000+06:002009-03-08T00:38:00.000+06:00लो कुछ और लो, पसंद आये तो दाद देना। आदर्श राठौर भा...लो कुछ और लो, पसंद आये तो दाद देना। आदर्श राठौर भाई आप भी। <BR/><BR/><BR/>होली के लिये नया कुर्ता सिला रहे हो<BR/>यार, तुम तो उल्टी गंगा बहा रहे हो। <BR/><BR/>दर्जी समझदार है जो वक्त पर ना दे पायेगा<BR/>संभालकर कर रख लेना अगली साल काम आयेगा।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-61501337153833317482009-03-08T00:32:00.000+06:002009-03-08T00:32:00.000+06:00थोडा सब्र करो, नेताजी आयेंगे आपके कस्बे भीवादों की...थोडा सब्र करो, नेताजी आयेंगे आपके कस्बे भी<BR/>वादों की लिस्ट बनाने में देर हो रही है |<BR/><BR/>कम्पीटीशन है, कि कहाँ फटे ज्यादा बम<BR/>लिस्ट में टॉप आने के लिए ठेलमठेल हो रही है |<BR/><BR/>करोडों डकारने वालों को मिल रही है जमानत<BR/>बकरी चुराने वाले को जेल हो रही है |<BR/><BR/>८ करोड़ मिले गांधी की टूटी चप्पल पे<BR/>गांधी की उपदेश-नीतियां ढेर हो रही हैं |<BR/><BR/>और, कुछ टिप्पणियाँ बचा के रखना भैया<BR/>मेरी कविता रवीश जी पे सवा सेर हो रही है.Satish Chandra Satyarthihttps://www.blogger.com/profile/09469779125852740541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-44264405607161809032009-03-08T00:04:00.000+06:002009-03-08T00:04:00.000+06:00हिन्दी भाषा के विकास में अपना योगदान दें। रचनात्मक...हिन्दी भाषा के विकास में अपना योगदान दें। <BR/>रचनात्मक ब्लाग <A HREF="http://shabdkar.blogspot.com" REL="nofollow">शब्दकार</A> को रचना प्रेषित कर सहयोग करें। <BR/><A HREF="http://kumarendra.blogspot.com" REL="nofollow">रायटोक्रेट कुमारेन्द्र</A>शब्दकार-डॉo कुमारेन्द्र सिंह सेंगरhttps://www.blogger.com/profile/12857188651209037475noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-28454977872016805902009-03-07T23:55:00.000+06:002009-03-07T23:55:00.000+06:00देहाती जी ने दिल छू लिया,,,,रवीश जी नई विधा में आप...देहाती जी ने दिल छू लिया,,,,<BR/>रवीश जी नई विधा में आपकी रचना पसंद आई। <BR/>रंगों की बात छिड़ी है तो कुछ पंक्तियां मेरी तरफ से भी:<BR/><BR/><I>सपने बेरंग हैं, मृत है हर एक उमंग <BR/>सारी दुनिया भाग रही सुनहरी रेत के संग, <BR/>दिन गुज़रे इनका माया के पीछे<BR/>और कटे रातें कामेच्छा के नीचे, <BR/>भूल से गए हैं सब कि क्या होते हैं रंग...</I>Aadarsh Rathorehttps://www.blogger.com/profile/15887158306264369734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-90170625661755774212009-03-07T23:54:00.000+06:002009-03-07T23:54:00.000+06:00सियासत का मौसम है बदल न जाना होली में तुम्हारे रंग...सियासत का मौसम है बदल न जाना होली में <BR/>तुम्हारे रंग का जोड़ा ढूंढने में देर हो रही है ..<BR/><BR/>बहुत खुब..रंजन (Ranjan)https://www.blogger.com/profile/04299961494103397424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-40438415718411982902009-03-07T23:27:00.000+06:002009-03-07T23:27:00.000+06:00जिस नज़्म में फिट हो लगा लेना। रास्ता देखते रहना त...जिस नज़्म में फिट हो लगा लेना। <BR/><BR/>रास्ता देखते रहना तुम मेरा भी होली में <BR/>ब्रेकिंग न्यूज़ आ गई है,थोड़ी देर हो रही है। <BR/><BR/>होली हो या गोली, रोज़ खबर बेचते हैं<BR/>TRP के चक्कर में ज़िंदगी ढेर हो रही है। <BR/><BR/>न्यूज़ के धंधे में कलर ब्लाइंड हो गये हैं <BR/>लाल के अलावा भी रंग है होली बताती है।Anonymousnoreply@blogger.com