tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post6127045669028099002..comments2024-03-22T11:14:13.300+05:00Comments on कस्बा qasba: लोकतंत्रravish kumarhttp://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.comBlogger15125tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-25477831046392737752013-08-20T15:27:21.760+05:002013-08-20T15:27:21.760+05:00टीवी और अखबारों में बयान देने वाले बयानवीर नेता जन...टीवी और अखबारों में बयान देने वाले बयानवीर नेता जनता से पूरी तरह से कटे हुए हैं । जनता लाचार है !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09020626739518277962noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-13403999473985485292013-08-20T15:27:04.603+05:002013-08-20T15:27:04.603+05:00टीवी और अखबारों में बयान देने वाले बयानवीर नेता जन...टीवी और अखबारों में बयान देने वाले बयानवीर नेता जनता से पूरी तरह से कटे हुए हैं । जनता लाचार है !Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09020626739518277962noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-72561949798877006252013-08-15T01:12:02.843+05:002013-08-15T01:12:02.843+05:00आज के भ्रष्ट्राचार से इलेक्ट्रोनिक मीडिया भी अछुता...आज के भ्रष्ट्राचार से इलेक्ट्रोनिक मीडिया भी अछुता नहीं है, आपने भले ही आज जनसंचार में PH.D क्यों न कर रखी हो लेकिन आज का इलेक्ट्रोनिक मीडिया तो उसी फ्रेशर को नौकरी देता है जिसने जनसंचार में डिप्लोमा इनके द्वारा चालए जा रहे संस्थानों से कर रखा हो .. ऐसे में आप जनसंचार में PH.D करके भले ही कितने रेजिउम इनके ऑफिस में जमा कर दीजिये लेकिन आपका जमा रेजिउम तो इनके द्वारा कूड़ेदान में ही जायेगा क्यों की आपने इनके संस्थान से जनसंचार में डिप्लोमा जो नहीं किया है ..आखिर मीडिया क्यों दे बाहर वालों को नौकरी ? क्योंकि इन्हें तो आपनी जनसंचार की दुकान खोल कर पैसा जो कमाना है .आज यही कारण है की देश के इलेक्ट्रोनिक मीडिया में योग्य पत्रकारों की कमी है. देश में कोई इलेक्ट्रोनिक मीडिया का संगठन पत्रकारों की भर्ती करने के लिए किसी परीक्षा तक का आयोजन भी नहीं करता जैसा की देश में अन्य नामी-गिरामी मल्टी नेशनल कंपनियाँ अपने कर्मचारियों की भर्ती के लिए परीक्षा का आयोजन करती है. यह महाबेशर्म इलेक्ट्रोनिक मीडिया तो सिर्फ अपनी पत्रकारिता संस्थान की दुकान चलाने के लिए ही लाखों की फीस लेकर सिर्फ पत्रकारिता के डिप्लोमा कोर्स के लिए ही परीक्षा का आयोजन कर रहा है. आज यही कारण है कि सिर्फ चेहरा देकर ही ऐसी-ऐसी महिला न्यूज़ रीडर बैठा दी जाती है जिन्हें हमारे देश के उपराष्ट्रपति के बारे में यह तक नहीं मालूम होता की उस पद के लिए देश में चुनाव कैसे होता है? आज इलेक्ट्रोनिक मीडिया के गिरते हुए स्तर पर प्रेस कौसिल ऑफ़ इंडिया के अध्यक्ष भी काफी कुछ कह चुके है लेकिन ये इलेक्ट्रोनिक मीडिया की सुधरने का नाम ही नहीं लेता ….इलेक्ट्रोनिक मीडिया तो पैसों से खेलने वाला वो बिगड़ा बच्चा बन चुका है जो पैसों के लिए कुछ भी कर सकता हैAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/10795609342998137439noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-55359950090250003502013-08-13T18:42:01.945+05:002013-08-13T18:42:01.945+05:00इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए नियम-कायदे उस समय बदल ज...इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के लिए नियम-कायदे उस समय बदल जाते है जब यह खुद गलती करता है. अगर देश का कोई भी मंत्री भ्रष्ट्राचार में लिप्त पाया जाता है तो ये चीख-चीख कर उसके इस्तीफे की मांग करता है लेकिन जब किसी इलेक्ट्रोनिक मीडिया का कोई पत्रकार भ्रष्ट्राचार में लिप्त पाया जाता है तो ना तो वह अपनी न्यूज़ एंकरिंग से इस्तीफा देता है और बड़ी बेशर्मी से खुद न्यूज़ रिपोर्टिंग में दूसरो के लिए नैतिकता की दुहाई देता रहता है. कमाल की बात तो यह है की जब कोई देश का पत्रकार भ्रष्ट्राचार में लिप्त पाया जाता है तो उस न्यूज़ रिपोर्टिंग भी बहुत कम मीडिया संगठन ही अपनी न्यूज़ में दिखाते है, क्या ये न्यूज़ की पारदर्शिता से अन्याय नहीं? हाल में ही जिंदल कम्पनी से १०० करोड़ की घूसखोरी कांड में दिल्ली पुलिस ने जी मीडिया के मालिक सहित इस संगठन के सम्पादक सुधीर चौधरी और समीर आहलूवालिया के खिलाफ आई.पी.सी. की धारा ३८४, १२०बी,५११,४२०,२०१ के तहत कोर्ट में कानूनी कार्रवाई का आग्रह किया है. इतना ही नहीं इन बेशर्म दोषी संपादको ने तिहाड़ जेल से जमानत पर छूटने के बाद सबूतों को मिटाने का भी भरपूर प्रयास किया है. गौरतलब है की कोर्ट किसी भी मुजरिम को दोष सिद्ध हो जाने तक उसको जीवनयापिका से नहीं रोकता है लेकिन एक बड़ा सवाल ये भी है की जो पैमाना हमारे मुजरिम राजनेताओं पर लागू होता है तो क्या वो पैमाना इन मुजरिम संपादकों पर लागू नहीं होता? क्या मीडिया लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ नहीं है ? क्या किसी मीडिया संगठन के सम्पादक की समाज के प्रति कोई जिम्मेदारी नहीं बनती है? अगर कोई संपादक खुद शक के दायरे में है तो वो एंकरिंग करके खुले आम नैतिकता की न्यूज़ समाज को कैसे पेश कर सकता है? आज इसी घूसखोरी का परिणाम है कि इलेक्ट्रोनिक मीडिया का एक-एक संपादक करोड़ो में सैलरी पाता है. आखिर कोई मीडिया संगठन कैसे एक सम्पादक को कैसे करोड़ो में सैलरी दे देता है ? जब कोई मीडिया संगठन किसी एक सम्पादक को करोड़ो की सैलरी देता होगा तो सोचिये वो संगठन अपने पूरे स्टाफ को कितना रुपया बाँटता होगा? इतना पैसा किसी इलेक्ट्रोनिक मीडिया संगठन के पास सिर्फ विज्ञापन की कमाई से तो नहीं आता होगा यह बात तो पक्की है.. तो फिर कहाँ से आता है इतना पैसा इन इलेक्ट्रोनिक मीडिया संगठनो के पास? आज कल एक नई बात और निकल कर सामने आ रही है कि कुछ मीडिया संगठन युवा महिलाओं को नौकरी देने के नाम पर उनका यौन शोषण कर रहे है. अगर इन मीडिया संगठनों की एस.ई.टी. जाँच या सी.बी.आई. जाँच हो जाये तो सुब दूध का दूध पानी का पानी हो जायेगा.. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में आज जो गोरखधंधा चल रहा है उसको सामने लाने का मेरा एक छोटा सा प्रयास था. में आशा करता हूँ कि मेरे इस लेख को पड़ने के बाद स्वयंसेवी संगठन, एनजीओ और बुद्धिजीवी लोग मेरी बात को आगे बढ़ाएंगे और महाबेशर्म इलेट्रोनिक मीडिया को आहिंसात्मक तरीकों से सुधार कर एक विशुद्ध राष्ट्र बनाने में योगदान देंगे ताकि हमारा इलेक्ट्रोनिक मीडिया विश्व के लिए एक उदहारण बन सके क्यों की अब तक हमारी सरकार इस बेशर्म मीडिया को सुधारने में नाकामयाब रही है. इसके साथ ही देश में इलेक्ट्रोनिक मीडिया के खिलाफ किसी भी जांच के लिए न्यूज़ ब्राडकास्टिंग संगठन मौजूद है लेकिन आज तक इस संगठन ने ऐसा कोई निर्णय इलेक्ट्रोनिक मीडिया के खिलाफ नहीं लिया जो देश में न्यूज़ की सुर्खियाँ बनता. इस संगठन की कार्यशैली से तो यही मालूम पड़ता है कि इलेक्ट्रॉनिक मीडिया में तमाम घपलों के बाद भी ये संगठन जानभूझ कर चुप्पी रखना चाहता है. <br />धन्यवाद.<br />राहुल वैश्य ( रैंक अवार्ड विजेता),<br /> एम. ए. जनसंचार<br /> एवम<br /> भारतीय सिविल सेवा के लिए प्रयासरत<br />फेसबुक पर मुझे शामिल करे- vaishr_rahul@yahoo.com और Rahul Vaish MoradabadAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/10795609342998137439noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-38920620432181795772013-08-12T13:36:14.207+05:002013-08-12T13:36:14.207+05:00FREEDOM OF SPEECH SAHI TO HAI BUT ISME BHI KUCCH L...FREEDOM OF SPEECH SAHI TO HAI BUT ISME BHI KUCCH LIMITATION HONA CHAHIYE KUYUKI JAB YE NIYANTRAN KE BAHAR JATI HAI TO PROBLEM CREATE KARTI HAI...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09431522085421121272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-69447220986500568392013-08-11T16:12:11.407+05:002013-08-11T16:12:11.407+05:00क्रांति एकदम धीमी होती है। चाहे नेताओं के बयानों ...क्रांति एकदम धीमी होती है। चाहे नेताओं के बयानों मैं या लोगों के विरोध मैं। <br />क्यूंकि ज़िन्दगी,समाज,राजनीती या कह लो power की लढ़ाइ ये सभी के सभी तो चलेंगे ही न?(कुछ नहीं होगा तो वह समकालीन हस्तियाँ :) और कुछ रीत रीवाज)<br />stivan spilburg की fevourite line<br />" ज़िन्दगी अपना रास्ता खुद ढूंढ लेती है "<br />:)nptHeerhttps://www.blogger.com/profile/18101668006499121498noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-7379484749897167122013-08-11T08:56:20.449+05:002013-08-11T08:56:20.449+05:00aap ki aab tak ki sabse paripaqwa rachna. . .aap ki aab tak ki sabse paripaqwa rachna. . .Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/00410153077701106775noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-80881500508992320552013-08-11T08:47:29.910+05:002013-08-11T08:47:29.910+05:00#ठीक है......#ठीक है।#ठीक है......#ठीक है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/03847517582093513088noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-13514530301009354322013-08-11T07:42:56.297+05:002013-08-11T07:42:56.297+05:00इसमें गलत भी तो कुछ् नही है. आधे सेज्यादा मतदाता अ...इसमें गलत भी तो कुछ् नही है. आधे सेज्यादा मतदाता अब यही फेसबुकिया लोग ही तो हैं.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13191236041947386729noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-22228057504010851372013-08-11T01:18:36.419+05:002013-08-11T01:18:36.419+05:00हम सब 'अमौन' है और कड़ी आलोचना करते है।
अम...हम सब 'अमौन' है और कड़ी आलोचना करते है।<br />अमौन' के योग्य 'मौन' । :)nptHeerhttps://www.blogger.com/profile/18101668006499121498noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-76406333491715769812013-08-11T01:16:36.009+05:002013-08-11T01:16:36.009+05:00हम सब 'अमौन' है और कड़ी आलोचना करते है।
अम...हम सब 'अमौन' है और कड़ी आलोचना करते है।<br />अमौन' के योग्य 'मौन' । :)nptHeerhttps://www.blogger.com/profile/18101668006499121498noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-72182412644924551432013-08-10T23:52:33.760+05:002013-08-10T23:52:33.760+05:00#ठीक है!!!!
?????#ठीक है!!!!<br />?????Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/03847517582093513088noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-49128691467656610352013-08-10T22:36:38.134+05:002013-08-10T22:36:38.134+05:00Bhaiya to isme kya galat haiBhaiya to isme kya galat haiAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/05673615529586849795noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-61866268088251804632013-08-10T22:12:04.452+05:002013-08-10T22:12:04.452+05:00या लोक लोक करते करते लॉक हो गये हैं।या लोक लोक करते करते लॉक हो गये हैं।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-13027433124523774642013-08-10T20:08:54.144+05:002013-08-10T20:08:54.144+05:00फ़ेसबुक पर हीँ आधा चुनाव होगा इसबार……फ़ेसबुक पर हीँ आधा चुनाव होगा इसबार……आशुतोष कुमार पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/05511604292724969861noreply@blogger.com