tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post5935654078396706209..comments2024-03-22T11:14:13.300+05:00Comments on कस्बा qasba: ब्रांड बिहारravish kumarhttp://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.comBlogger59125tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-43620437222624189712009-10-01T20:47:37.575+06:002009-10-01T20:47:37.575+06:00great man great
aap media wale hi aise bihar ko bi...great man great<br />aap media wale hi aise bihar ko bihar brand banane mai madat karoge<br />aap bihar ke strenth ko logo mai laoo wo log khud hi waha ke weeknws ko khatm kar denge<br />its realy great job u doMadhurendrahttps://www.blogger.com/profile/01289347284895571768noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-29249924364668037302009-05-31T23:28:14.146+06:002009-05-31T23:28:14.146+06:00Rahul,
Aapne jo bihari logo ke bare me rai di use ...Rahul,<br />Aapne jo bihari logo ke bare me rai di use sirf bihar tak hi simit kyo rakhate hai, National leval pe hi dekh le jo log rahul or sonia ke chamache hai mantripad unhe hi mila. Maharastra ko dekh le Baba ampte or prakash Ampte chnav nahi jit sakte lekin deshmukh jeet jate hai or to or unhe ticket bhi mil jata hai. Kya aap ise chamchagiri nahi mante? Akhir Bombay ki chamak dhamak ke piche kitne marathi logo ki atmhatya chipi hai.<br />Vicharo ka doglapan aap kaha doodhate to o to aap ki ass-pass hi haiNiralahttps://www.blogger.com/profile/03430687215268970504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-52972576074735512722009-05-30T19:02:34.804+06:002009-05-30T19:02:34.804+06:00rahul tumhare pitaji ka naam raj thakre hai na, sa...rahul tumhare pitaji ka naam raj thakre hai na, sachi bolna beta.शैलन्द्र झाhttps://www.blogger.com/profile/03507645622997788610noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-83672701392012878412009-05-30T14:37:42.067+06:002009-05-30T14:37:42.067+06:00ek naya brand bengal me bhi paida hua hai. Mamta b...ek naya brand bengal me bhi paida hua hai. Mamta brand. Aaj kal bahut dhum macha raha hai ye brand. Kuchh ees brand ke baare me bhi likha jaye.Unknownhttps://www.blogger.com/profile/12733384771160345679noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-57786365311874135482009-05-30T07:11:56.796+06:002009-05-30T07:11:56.796+06:00अटलजी से किसी ने कहा कि वे 'अटल' हैं. तो उन्होंने ...अटलजी से किसी ने कहा कि वे 'अटल' हैं. तो उन्होंने कहा, "मैं बिहारी भी हूँ!" <br />शायद 'बिहारी' हम सब भारतियों मैं है किन्तु हम 'कागज़ी भारती' पहले बिहारी, बंगाली, उड़िया, पंजाबी, राजस्थानी, हिमाचली, महाराष्ट्रियन, गुजराती, इत्यादि इत्यादि हैं. <br /><br />शायद अंग्रेजों के कारण इतिहास के एक पन्ने पर थोड़े समय के लिए सब 'भारती' अवश्य कहलाये जा सकते हैं. जब हमारे सब के अंदर 'स्वतंत्रता' की चाह एक चिंगारी के समान उत्पन्न हुई. और दिखावे की कागज़ी स्वतंत्रता प्राप्ति के पश्चात बुझ गयी. और हम फिर से बैताल की तरह पेड़ से उल्टे लटक गए :)<br /><br />निसंदेह हमारा भारत 'महान' है! <br /><br />जय माता की!JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-78322917642239627082009-05-29T21:16:31.784+06:002009-05-29T21:16:31.784+06:00This comment has been removed by the author.anil yadavhttps://www.blogger.com/profile/16738905491616336875noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-33941181326856844672009-05-29T14:58:28.291+06:002009-05-29T14:58:28.291+06:00BIHAR KE VIKASH KE LIYE NITISHJI KO DHANYAVAD
IN...BIHAR KE VIKASH KE LIYE NITISHJI KO DHANYAVAD<br /><br /> INDAL YADAVINDAL YADAVhttps://www.blogger.com/profile/18302330721010142552noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-48993089598997932382009-05-29T12:28:19.877+06:002009-05-29T12:28:19.877+06:00एक ब्रांड तो आप हैं ही कम से कम....निसंदेह..एक ब्रांड तो आप हैं ही कम से कम....निसंदेह..Nikhilhttps://www.blogger.com/profile/16903955620342983507noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-75098798609012376932009-05-28T23:29:22.296+06:002009-05-28T23:29:22.296+06:00हमें तो अपनों ने लूटा गिरो में कहा दम था, मेरी कसत...हमें तो अपनों ने लूटा गिरो में कहा दम था, मेरी कसती थी डूबी वह जहा पानी कम था। कितना सही लगता है बिहार के सन्दर्व में, आज मंत्रिमडल में मीरा कुमार और सुबोध कान्त सही को छोड़ कर कोई भी बिहार का प्रतनिधि नही है। क्या इससे बिहार के विकाश पर कोई प्रभाव नही परेगा? हमारा यही चरित्र है, जो हमें बिहार में फीसदी और बिहार के बाहर अवाल बनता है। हमारेयही सोच और मानसिकता हमें पीछे धकेल रही है। हम दूरदर्शी नही है, पिचले २० साल से बिहार में हमेश केन्द्र विरोधी पार्टी सत्ता में रही है और विकाश पिचार्ता रहा है। लालू और नीतिश ने कुछ हद तक इसे ठीक करने की कोशिश की है पैर ओ नाकाफी है। हमारे बिहारी पत्रकार (अब डेल्ही वाले या नेशनल पत्रकार कहे) भी इस मानसिकता में चार चाँद लगाये है। वास्तव में हम बिहारी इतने तेज़ होते है की हम कालिदास को भी पीछे चोर देते है(जिस पैर पैर बैठते है उसे की काट देते है)। खैर अब साधना चैनल, सहारा समय जिसे न्यूज़ चैनल को न्यूज़ कोल्लेक्ट करने की जरूरत नही है ओ भी लाफ्टर शो देखा कर टाइम पास कर सकते है। देखना ये भी है की नीतिश jइ को केन्द्र सरकार से कितना धन प्राप्त कर सकते है। aभी तक तो केन्द्र की बेरुखी का बहाना चलता रहा है।<br />अब देखना है की रघुवश बाबु & लालू ने बिहार को फंड दिलवाने में मदद की थी की नही? और नीतिश जी इस बार अपने बल पे कितना फंड लेट है। उन प्रोजेक्टों का क्या होगा जो लालू, रघुवंश जी ने शुरू की। या बिहारी एक बार फिर ठगा जाएगा इस टीवी प्रोपंगादा यूध में । आखिर विकास के लिए फंड तो चाहिए न? भाषण से विकाश तो नही होता उसके लिए रुपया चाहिए।Niralahttps://www.blogger.com/profile/03430687215268970504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-18045493231595947832009-05-28T18:10:44.958+06:002009-05-28T18:10:44.958+06:00Adarniye Rahul Jee,
App bhi BHARAT MAA KE BETE HA...Adarniye Rahul Jee,<br /><br />App bhi BHARAT MAA KE BETE HAI MAI BHI ISI MAA KA BETA HU. MAI BIHAR KA HU OR MANTA HU HUME BAHUT SI KAMJORI HAI OR INHE SUDHAENA HAI. PAR APPKI BHASHA PADH KAR AISA LAGA KI AAPKO GHAR ME ACHE SANSKAR NAHI MILE HAI. AISE BHASA KE LIYE APP NAHI AAPKA SANSKAR JAWABDEH HAI.<br />MARI BAAT KO ANAYATHA NA LE..<br />APPKA NIRALANiralahttps://www.blogger.com/profile/03430687215268970504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-55080681885383968662009-05-28T15:15:46.435+06:002009-05-28T15:15:46.435+06:00Ravish ji, you have indentified the real cause of ...Ravish ji, you have indentified the real cause of changing Bihar. Realy now Bihar is entering in new era of change and politics.Ajeet Singhhttps://www.blogger.com/profile/05573113963438415352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-88962778061468959532009-05-28T01:18:26.682+06:002009-05-28T01:18:26.682+06:00SACHIN KUMAR
देखिए जब कुछ Engouh हो जाता है तो बद...SACHIN KUMAR<br /><br />देखिए जब कुछ Engouh हो जाता है तो बदलाव की जरूरत होती। INDIAN POLITICS को देखिए। गठबंधन का दौर चला। आज भी है। लेकिन ये गठबंधन का अलग रूप है। कोई मजबूर है समर्थन देने को। सब झोली बढ़ाए है। कांग्रेस कह रही है कि बस करिए हमें नहीं चाहिए। यूपी की हालत देखिए। माया मिली न राम। जीत गया पंजा। माया-मुलायम किंग मेकर बनने के चक्कर में कहीं के ना रहे। अब दोनों ही कांग्रेस का समर्थन कर रहे है। वहीं हाल बिहार का है। काफी कुछ हुआ। बाढ़ आयी तब राजनीति हुई...चली गई तब भी। जात-पात की राजनीति की भी चरम हो गई। जब जनता चेंज करती है तो आपको कुछ करना ही पड़ता है। लालू-राबड़ी के जाने के बाद नीतीश आए। वादे के साथ की हम बदलाव लाएंगे। चाहे मजबूरी में या फिर चाह कर कुछ न कुछ तो करना ही पड़ेगा। सही है दो महीने और साल भर में सबकुछ नहीं बदला जा सकता। वक्त चाहिए। काम करते रहिए...बदलाव तो खुद ब खुद आ जाएंगे। लेकिन ज्यादा खुश होने की जरूरत नहीं है। अगर एनडीए की जीत से आप ये समझने लगे की नीतीश अपराजित हो गए...तो ऐसा नहीं है। ये लालू और रामविलास के miscalculation का नतीजा है। अगर साथ लड़े होते तो 20-25 सीट जीत रहे थे। खैर। इसका मतलब ये भी नहीं कि बिहार में नीतीश राज में कुछ नहीं हुआ। हुआ..अभी बहुत कुछ बाकी है। क्योंकि इतना कुछ खोया जा चुका है कि वक्त चाहिए एक दो साल नहीं कई दशक लग जाएंगे अपनी प्राचीन गौरव को हासिल करने में। हम उम्मीद यहीं कर सकते है कि दिन-ब-दिन बेहतरी की ओर बिहार बढ़ता जाए।SACHIN KUMARhttps://www.blogger.com/profile/07876633469215289831noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-38072152948371805962009-05-27T23:50:20.912+06:002009-05-27T23:50:20.912+06:00rahul ji. mujhe nahi malum ki aap kahan se hain. m...rahul ji. mujhe nahi malum ki aap kahan se hain. main aapki baat se bhi puri tarah asahmat nahi hun. lekin yeh aapki mansikta galat hai. har samaj me alag alag log hote hai. iske liye pure pradesh ke logo ko gali dena sahi nahi hai. bhai saheb aaj videsho me jo indian jhanda buland kiye huen hai unke bare me bhi yehi bola jata hai. aise bhi jab koi insan kisi dusre ke samne kamjor parta hai to woh aap jaisa kuch baatey kehkar apne ko santust karta hai. bhagwan aapko sadbudhi de.dharmendrahttps://www.blogger.com/profile/08077796632213666183noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-13136331886358392392009-05-27T23:36:10.836+06:002009-05-27T23:36:10.836+06:00सालों पहले एक बार बिहार गया था। कुछ दिनों तक रुका ...सालों पहले एक बार बिहार गया था। कुछ दिनों तक रुका भी। इत्तफ़ाक से मैं पटना या किसी बड़े शहर में नहीं गया था, बल्कि मैं बांका ज़िले के एक इंटीरियर प्लेस में गया था। वहां बिताए उन सिर्फ़ कुछ दिनों की यादें अब भी साथ हैं। अगर उस दौर को याद करूं (और विकास के मामले को नज़रअंदाज़ कर दूं) तो मुझे तब भी वो जगह रहने लायक लगी थी। हां ये ज़रूर था कि बिजली, मोबाइल जैसी चीज़ें तब वहां नहीं थीं। ये अच्छी बात है अगर अब बदलाव आ रहा है, क्योंकि बाकी चीज़ों में तो बिहार कभी पीछे नहीं था।Amithttps://www.blogger.com/profile/17546887211217561952noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-63689728808310070352009-05-27T21:56:39.784+06:002009-05-27T21:56:39.784+06:00पता नही बिहार कितना बदला है....लेकिन मेरी राय बिहा...पता नही बिहार कितना बदला है....लेकिन मेरी राय बिहारियों के बारे में सिर्फ इतनी ही है कि वो पीठ पीछे बुराई और चुगली करने ,,,,खेमेबाजी करने और बॉस लोगों को तेल लगाने में माहिर होते हैं.....rahulhttps://www.blogger.com/profile/07632184950377038974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-23136682865059545422009-05-27T21:24:43.188+06:002009-05-27T21:24:43.188+06:00Ummidon ka dabav Bihar mein kuch aur sakaratmak pa...Ummidon ka dabav Bihar mein kuch aur sakaratmak parivartan laye, yahi kaamna hai.अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-52431082102978806222009-05-27T21:22:58.837+06:002009-05-27T21:22:58.837+06:00rahul jee bas itna hi kahoge. aur aage badho.rahul jee bas itna hi kahoge. aur aage badho.dharmendrahttps://www.blogger.com/profile/08077796632213666183noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-48949740673899118752009-05-27T21:22:03.009+06:002009-05-27T21:22:03.009+06:00बिहार में बदलाव तो दिख रहा है किन्तु ऐसा लग रहा है...बिहार में बदलाव तो दिख रहा है किन्तु ऐसा लग रहा है कि बिहार के इतिहास के कारण आम आदमी कों, बिहारियों कों भी, विश्वास नहीं हो पा रहा है कि यह स्तिथि ज्यादह देर तक इसी तरह बनी रह सकती है...समय ही शायद बता पायेगा 'ऊँट किस करवट लेटेगा'...किन्तु 'आशा पर संसार टिका है'...जय हो!JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-18629939502924364242009-05-27T20:14:00.730+06:002009-05-27T20:14:00.730+06:00bihar badal raha hain or bahutjald hi ek viksit rr...bihar badal raha hain or bahutjald hi ek viksit rrajya ke rup mein ubherega....nitish kumar ne yah bta diya hain ki mehnat or imandaari se kuch bhi sambhav hain...<br /><br /><br /><br />www.piyushrsahay.blogspot.comPiyush R Sahayhttps://www.blogger.com/profile/08588575391959843184noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-68273160270791661582009-05-27T19:32:22.949+06:002009-05-27T19:32:22.949+06:00एक बिहारी सौ बीमारी....एक बिहारी सौ बीमारी....rahulhttps://www.blogger.com/profile/07632184950377038974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-59057984925707564902009-05-27T16:59:05.782+06:002009-05-27T16:59:05.782+06:00sushant sir, aapki vichar swagatyogya hai. kash re...sushant sir, aapki vichar swagatyogya hai. kash really hamara bihar aur humlog badal jate, unki soch badal jati. mujhe khushi hai ki reservation ko support karne walo me koi jha bhi hai varna log aaj bhi vp singh ko kya kya nahi kahte hain. sushant sir 1965 or 66 me america me rang bhed kannon banaya gya aur aaj waha ka president ek black hai. jiska pura america ne swagat kiya lekin kya hamare yahan yeh sab possible abhi dikhta hai. lekin kuch bhi ho aapke bichar subh hain aur bihari ko ispar chlna hoga.dharmendrahttps://www.blogger.com/profile/08077796632213666183noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-71065057170798719042009-05-27T13:20:50.265+06:002009-05-27T13:20:50.265+06:00गुस्ताख उर्फ मंजीतजी...दूसरे राज्यों में व्याप्त ज...गुस्ताख उर्फ मंजीतजी...दूसरे राज्यों में व्याप्त जातिवाद की बात मैं मानता हूं लेकिन मैंने ज्यादा उस पर चर्चा इसलिए नहीं की क्योंकि मैं दूसरे राज्यों के बहाने बिहार के जातिवाद को जस्टिफाई करने जैसा कुछ काम नहीं करना चाहता था। लेकिन एक बात मुझे समझ नहीं आई कि आरक्षण और 'तुष्टिकरण' को खत्म करके जातिवाद को कैसे खत्म किया जा सकता है? वैसे भी ये शब्द खासकर तुष्टिकरण तो संघ के डिक्शनरी में इजाद किया गया है, उसका संदर्भ ब्रांड बिहार और जातीय विमर्श से मेल नहीं खाता।<br /><br />रही बात आरक्षण की तो इस पर लगभग आमसहमित बन गई है और सबसे बड़ी अदालत ने भी इसे सही माना है। तात्कालिक तौर पर भले लगे कि इससे जातिवाद मजबूत हुआ है लेकिन लंबे समय के लिए ये बड़ा फलदायी है-मुझे लगता है कि इसे एक झटके में खारिज करने के फैसले पर आप फिर से विचार करें। आरक्षण,आजाद भारत में सबसे बड़ा राजनैतिक, समाजिक और आथिर्क विमर्श है-यह एक ऐसा समुद्र मंथन है जिससे ज्यादातर अमृत ही निकला है, विष एकाध बार ही। <br /><br />आपने बाप-बेटे और पारिवारिक रिश्तों के बल पर नौकरी की बात की है-उसे मैं मानता हूं। दरअसल यह दुर्वल मानवीय भावनाओं की अभिव्यक्ति है और इससे पूरी तरह मुक्त होना किसी भी व्यवस्था में संभव नहीं-फिर भी जातिवाद से इसकी तुलना नहीं की जा सकती जो सामूहिक रुप से किसी को बेवजह या तो गले लगा लेती है या बिल्कुल खारिज कर देती है।sushant jhahttps://www.blogger.com/profile/10780857463309576614noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-48033567017024204452009-05-27T10:36:35.469+06:002009-05-27T10:36:35.469+06:00बधाई हो....आज पहली बार रविश जी ने कोई अछा ब्लॉग लि...<B>बधाई हो....आज पहली बार रविश जी ने कोई अछा ब्लॉग लिखा है बिना किसी लाग लपेट .....<br /><br />बिहार के विकास से ही देश का भला होना है ये तो तय है पर वहाँ के नेता ज़रा देर से ये बात समझ पाए...<br /><br />नीतीश जी को शुभकामनाएँ...........<br /></B>RAJhttps://www.blogger.com/profile/16161966957835689608noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-57938791960405353592009-05-27T10:04:35.146+06:002009-05-27T10:04:35.146+06:00सुशांत जी, बिहार ही नहीं देश में हर विमर्श अंततः ज...सुशांत जी, बिहार ही नहीं देश में हर विमर्श अंततः जाति-विमर्श पर टिक जाता है। संसद में महिला आरक्षण विधेयक ही लीजिए। जाति के नाम पर ही तो लटक गया है। दूसरी बात, बिहार और मीडिया-जहां बिहारियों की तादाद रेखांकित किए जाने योग्य है- अब कुमार-युग में जी रहा है। बिहार में नीतिश कुमार है एनडीटीवी में रवीश कुमार। कुमार उपनाम से जाति का पता नहीं चलता। लेकिन क्या इससे भी आगे यह बात नहीं है कि नीतिश कुमार का वोट बैंक भी एक खास जाति के लोगो में तगड़ा है। और हर चुनाव जाति के आधार और समीकरणों को ध्यान में रखकर लड़ा जाता है। <br /><br />लालू युग में जातिवाद कम होने की बजाय बढा ही। और ऐसे जातिवाद फतवा जारी करने और अरण्य रोदन से कम भी नहीं होगा। देखता हूं कि जातिवाद का ठीकरा बिहार के सर पर फोड़कर लोग बाग-बाग हो रहे हैं। लेकिन मेरा मानना है कि जाति के चक्कर में दिल्ली महाराष्ट्र, दक्षिण के राज्य, हरियाणा, पंजाब-जैसा कि आपने उल्लेख किया है सचखंड ौर सच्चा सौदा के संदर्भ में- यूपी, उड़ीसा, हर राज्य घनचक्कर हैं। कहीं कम कही ज्यादा। <br /><br />जाति के कंपार्टमेंट को कम करना है तो पहले आरक्षण और अल्पसंख्यक तुष्टिकरण जैसी नीतियों से बाहर निकलना होगा। और जाति ही क्यों संप्रदायवाद पर लोग क्यों चुप्पी साध जाते हैं। विकास के ढूहों पर खड़े लोग अपने खूनी पंजे पीछे क्यों छुपा लेते हैं? जब तक देश के सभी नागरिकों को एक समान, बिना उनके उपनामों और मज़हब के, कानून की नजर में एक नहीं माना जाएगा। जाति-फाति मिटाने की बात करना ढोंग है। <br /><br />वैसे, खुद को जातितोड़क मानने वाले मीडिया के लोग एक दूसरी तरह के जातिवाद से ग्रस्त हैं। लेकिन वह जाति कास्ट की नहीं है, लेकिन है खानदानी। फिल्मों की ही तरह पिता का काम मीडिया में आगे बढ़ाने के काम में आता है। है या नहीं। आईएएस-पुत्रों और बड़े पत्रकार-पुत्रों के लॉन्चिंग पर कुछ कहेंगे? बिना जैक के नौकरी खोजने वाले किसी भी फ्रैशर के फ्रस्टेशन में इसका जवाब मिल सकता है। रवीशजी, ये भी जातिवाद ही है। कुछ वैसा ही कि पिता के काम-धंधे से बेटे की जाति तय कर दी जाए। उत्तर-वैदिक काल में शायद जाति का निर्धारण ऐसे ही हुआ था। है न?Manjit Thakurhttps://www.blogger.com/profile/09765421125256479319noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-88496551465896685732009-05-27T06:33:28.228+06:002009-05-27T06:33:28.228+06:00बिहार के बारे में ज्यादा नहीं जानता...हालांकि समाच...बिहार के बारे में ज्यादा नहीं जानता...हालांकि समाचारों में बिहार किसी न किसी कारण से छाया ही रहता है..तब भी नहीं जानता...मेरी एक दोस्त हैं..बिहार की हैं..उनसे पूछता हूँ तो वो भी चुप्पी साध जाती हैं...शायद वो खुद भी बिहार को ठीक तरह से नहीं जानती... आपके ब्लौग और यहाँ प्रकाशित टिप्पणियों से बिहार के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला...इसी तरह लिखते रहिये और हम सभी का ज्ञानवर्धन करते रहिये.वनमानुषhttps://www.blogger.com/profile/01355881041669667464noreply@blogger.com