tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post4822106351295604421..comments2024-03-22T11:14:13.300+05:00Comments on कस्बा qasba: अधूरी उदास नज़्में- सस्ती शायरीravish kumarhttp://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-39383116911286560732014-04-17T13:15:27.616+05:002014-04-17T13:15:27.616+05:00चंद लाईने पड़ कर .........
अपनापन सा लगने लगा है......चंद लाईने पड़ कर .........<br />अपनापन सा लगने लगा है...........** SAURABH BHATT **https://www.blogger.com/profile/00727397274861300240noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-63877294996067090732009-03-18T20:24:00.000+06:002009-03-18T20:24:00.000+06:00SIR in sab SHAYARAANA ANDAZ ke liye sirf ek shabd ...SIR in sab SHAYARAANA ANDAZ ke liye sirf ek shabd "DHANYAWAD"Rohit Yadavhttps://www.blogger.com/profile/05779879861159482513noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-43378673283775465722009-03-17T14:14:00.000+06:002009-03-17T14:14:00.000+06:00दो टके की शायरी है मेरीचार आने की दाद मिलती हैये ज...दो टके की शायरी है मेरी<BR/>चार आने की दाद मिलती है<BR/><BR/>ये जर्नलिस्ट बड़े फटीचर हैं<BR/>न आशिक हैं न शायर हैं<BR/><BR/>तुम्हारा सारा एसएमएस डिलिट कर देता हूं<BR/>दो चार शब्दों से मेरा काम नहीं चलता <BR/><BR/>सस्ती शायरी में भी कभी कभी गहरी बात हो जाती है।Science Bloggers Associationhttps://www.blogger.com/profile/11209193571602615574noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-11139565518156591482009-03-16T00:40:00.000+06:002009-03-16T00:40:00.000+06:00This comment has been removed by the author.डा0 हेमंत कुमार ♠ Dr Hemant Kumarhttps://www.blogger.com/profile/03899926393197441540noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-23300624164138384722009-03-15T20:21:00.000+06:002009-03-15T20:21:00.000+06:00अच्छा लगा आपने ब्लाग पर इतने अपनापन से दिल की बाते...अच्छा लगा आपने ब्लाग पर इतने अपनापन से दिल की बातें शाया कींसंदीप कुमारhttps://www.blogger.com/profile/01263206934797267503noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-59363335657117438712009-03-15T12:15:00.000+06:002009-03-15T12:15:00.000+06:00३.लौटा दूंगा तुम्हारी आंखों का काजलएक शर्त है, अपन...३.लौटा दूंगा तुम्हारी आंखों का काजल<BR/>एक शर्त है, अपनी नज़रों का पता बता दो<BR/><BR/>नो रिटर्न, नो एक्सचेंज। <BR/>गर पंडित ने दान को कहा है तो आंखों से ही जता दो।Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-17107275879000179022009-03-15T10:27:00.000+06:002009-03-15T10:27:00.000+06:00ज्ञानी कह गए की केवल भूतनाथ शिव की तीसरी आंख में झ...ज्ञानी कह गए की केवल भूतनाथ शिव की तीसरी आंख में झुर्री नहीं पड़ती क्यूंकि केवल वे ही अनंत हैं! फिर भी विचार अच्छा है दिल को बहलाने के लिए!JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-40530571481496749572009-03-15T09:57:00.000+06:002009-03-15T09:57:00.000+06:00तुम्हारी आंखों के नीचे जो झुर्रियां हैंसिलबटों में...तुम्हारी आंखों के नीचे जो झुर्रियां हैं<BR/>सिलबटों में उनकी दिल का दरखास्त छिपा है<BR/><BR/>बहुत बढ़िया ..रंजू भाटियाhttps://www.blogger.com/profile/07700299203001955054noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-63291753006560451342009-03-15T08:11:00.000+06:002009-03-15T08:11:00.000+06:00काफी सताए हुए लगते हो! किसी ने ठीक कहा की हर सताया...काफी सताए हुए लगते हो! <BR/>किसी ने ठीक कहा की हर सताया हुआ शायर होता है!JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-71688021661613836272009-03-14T22:23:00.000+06:002009-03-14T22:23:00.000+06:00रवीश जी, आपकी शायरी अधूरी है, उदास है लेकिन सस्ती ...रवीश जी, <BR/>आपकी शायरी अधूरी है, उदास है लेकिन सस्ती नहीं. <BR/>मुझे लगता है ये वो जज्बात हैं जो सिर्फ रवीश के सीने में दफ़न हैं और बड़ा पत्रकार रवीश कुमार और उसकी पेशागत मजबूरियां उसे बाहर नहीं निकलने देतीं। <BR/>इन नज़्मों को पढ़ने के बाद एक पुराना गीत याद आ रहा है-<BR/>सीने में जलन, आंखों में तूफान सा क्यों हैं?<BR/>इस शहर में हर शख़्स परेशान सा क्यों हैं?<BR/>समझ नहीं आता ये इंसान की कमज़ोरी है या इस शहर में जीने की मजबूरी?बागी बलियाटिकhttps://www.blogger.com/profile/08585081958772272019noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-76865724350545683832009-03-14T22:01:00.000+06:002009-03-14T22:01:00.000+06:00सचमुच बहुत सस्ते शेर हैं. इतने सस्ते कि इन्हें गीद...सचमुच बहुत सस्ते शेर हैं. इतने सस्ते कि इन्हें गीदड़ कहने में भी संकोच होता है.इष्ट देव सांकृत्यायनhttps://www.blogger.com/profile/06412773574863134437noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-48209085660561974872009-03-14T21:57:00.000+06:002009-03-14T21:57:00.000+06:00सारे रिश्ते बदल रहे हैंजो साथ थे मुकर रहे हैंकल कु...सारे रिश्ते बदल रहे हैं<BR/>जो साथ थे मुकर रहे हैं<BR/>कल कुछ और नये बन जायेंगे<BR/>अफसोस नहीं,बस याद आयेंगे<BR/><BR/>बढ़िया अभिव्यक्ति . लिखते रहिये ..धन्यवाद.समयचक्रhttps://www.blogger.com/profile/05186719974225650425noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-89066465797798725392009-03-14T21:33:00.000+06:002009-03-14T21:33:00.000+06:00लौटा दूंगा तुम्हारी आंखों का काजलएक शर्त है, अपनी ...लौटा दूंगा तुम्हारी आंखों का काजल<BR/>एक शर्त है, अपनी नज़रों का पता बता दो<BR/>bahut hi sundermehekhttps://www.blogger.com/profile/16379463848117663000noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-7787138310869158382009-03-14T21:15:00.000+06:002009-03-14T21:15:00.000+06:001 din main 3 3 post....kamal kar diya.1 din main 3 3 post....kamal kar diya.इरशाद अलीhttps://www.blogger.com/profile/15303810725164499298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-999240208146969582009-03-14T20:56:00.000+06:002009-03-14T20:56:00.000+06:00४.तुम्हारी आंखों के नीचे जो झुर्रियां हैंसिलबटों म...४.तुम्हारी आंखों के नीचे जो झुर्रियां हैं<BR/>सिलबटों में उनकी दिल का दरखास्त छिपा है<BR/>सुंदर अभिव्यक्ति।रज़िया "राज़"https://www.blogger.com/profile/12190998804214272758noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-50231636607468666342009-03-14T20:43:00.000+06:002009-03-14T20:43:00.000+06:00ओह, ग्यारहवीं नंबर की आखिरी शेर क्या बड़ी ऊंची च...ओह, ग्यारहवीं नंबर की आखिरी शेर क्या बड़ी ऊंची चीज़ कही जायेगी? खामख्वाह फ़ोन कंपनियों का काम नहीं बढ़ायेगी?azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-25516295646587097642009-03-14T20:06:00.000+06:002009-03-14T20:06:00.000+06:00सर, आपने और गिरि ने मिलकर ब्लॉग पर कविता का महौल ब...सर, आपने और गिरि ने मिलकर ब्लॉग पर कविता का महौल बना दिया है। एमए में पैसे के लिए लिखी एक कविता हाथ लग गयी, मैंने भी उसे ब्लॉग पर चढ़ा दिया है। ब्लॉगवाणी के लोकेशन के हिसाब से ठीक आपके नीचे।विनीत कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09398848720758429099noreply@blogger.com