tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post3912009032332878878..comments2024-03-22T11:14:13.300+05:00Comments on कस्बा qasba: भूत होते हैं।ravish kumarhttp://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-16380667005403073852007-06-19T08:56:00.000+06:002007-06-19T08:56:00.000+06:00नसीरमैंने भूत को नहीं देखा। शायद के आधार पर कह सकत...नसीर<BR/>मैंने भूत को नहीं देखा। शायद के आधार पर कह सकता हूं कि आभासी होता है। यह भूत के दिख जाने तक की स्टाप गैप अरेंजमेंट हैं। दिखते हैं आभासी की जगह साभासी लिखा जाएगा। भूत की प्रतीक्षा कीजिए।ravishndtvhttps://www.blogger.com/profile/02492102662853444219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-34035799212955881502007-06-18T22:59:00.000+06:002007-06-18T22:59:00.000+06:00रवीश भाई, आप देख ही रहे हैं कि भूत कितना लोगों को ...रवीश भाई, आप देख ही रहे हैं कि भूत कितना लोगों को भा रहा है। अच्छा एक बात बताइये, भूत भी आभासी ही होता है न्।ढाईआखरhttps://www.blogger.com/profile/01652717565027075912noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-33563668812511247172007-06-18T15:29:00.000+06:002007-06-18T15:29:00.000+06:00आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भूतो पर दिखाये जाने व...आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भूतो पर दिखाये जाने वाले कार्यक्रम की टीआरपी दुगनी हो जाती है। क्योंकि इसे भूत भी देखते हैं। आप अकेले नहीं देखते आपके साथ कई प्रेतात्माएं एक साथ भूत पर दिखायें जाने वाले कार्यक्रम देख रहे होते हैं। जहां कोई नहीं होता वहां भी देर रात भूत टीवी औन कर के देखतेravishndtvhttps://www.blogger.com/profile/02492102662853444219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-63289842571770058572007-06-18T14:49:00.000+06:002007-06-18T14:49:00.000+06:00हमरे इहां भी अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति लगी है अपने...हमरे इहां भी अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति लगी है अपने काम में, अच्छा काम कर रही है!!<BR/><BR/>पर भैय्या! ई सब टी वी चैनल को का हो गया है, सबै भूत दिखाने के चक्कर मा लगे रहते हैं और खासकर तो वो इंडिया टी वी जब तक दिन मे एक दो बार कौनो ना कौनो भूत वाली खबर ना दिखा ले लगता है इनका खाना ही नही पचता!<BR/><BR/>पका डाले हैं ई सब दिखा दिखा के मानो इहां अउ कछु है ही नही दिखाने के लिए।Sanjeet Tripathihttps://www.blogger.com/profile/18362995980060168287noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-22935334781201814452007-06-18T01:47:00.000+06:002007-06-18T01:47:00.000+06:00In my childhood I was told by an elder that even s...In my childhood I was told by an elder that even spirits are divided amongst communal lines.<BR/><BR/>That's why bhoot are Hindu and djinns (jin) are Muslim. :)editorhttps://www.blogger.com/profile/17073543434209800940noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-56882269150740465502007-06-18T01:46:00.000+06:002007-06-18T01:46:00.000+06:00This comment has been removed by the author.editorhttps://www.blogger.com/profile/17073543434209800940noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-67857924531061188342007-06-17T22:50:00.000+06:002007-06-17T22:50:00.000+06:00बस इतना कहूंगी की प्लीज भूतों को रहने दिजीये.. मुझ...बस इतना कहूंगी की प्लीज भूतों को रहने दिजीये.. मुझे बच्पन से भूत-प्रेत के किस्से , कहानियां, फ़िल्में, किताबें, धारावाहिक सभी पढने देखने और सुनने का बहुत शौक रहा है.. अगर भूत नहीं रहे तो ये सब कहां से आयेंगे.. मुझे भूत पसंद हैं../ और सही है.. जो दिखता नहीं वो किसी को कैसे दिखेगा.. इस्लिये भूत को भूत ही रहने दिजीये..Monika (Manya)https://www.blogger.com/profile/02268500799521003069noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-13797755562861594572007-06-17T22:49:00.000+06:002007-06-17T22:49:00.000+06:00न भी हो तो क्या फर्क पड़ता है। भूत से ज्यादा परोपक...न भी हो तो क्या फर्क पड़ता है। भूत से ज्यादा परोपकारी और समाज सेवक शायद ही कोई हो। दिखते नहीं, फिर भी कितनी मदद करते हैं। छोटे बच्चे की बदमाशी से परेशान मां से लेकर रोज चालाक होते दर्शकों की चुतरता से परेशान चैनल चलाने वाले दिग्गजों की। दरअसल अब भूत ही भविष्य है।Satyendra Prasad Srivastavahttps://www.blogger.com/profile/11602898198590454620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-38970952011017176532007-06-17T22:48:00.000+06:002007-06-17T22:48:00.000+06:002००5 के अक्टूबर-दिसंबर अंक में2००5 के अक्टूबर-दिसंबर अंक मेंविनीत उत्पलhttps://www.blogger.com/profile/10187277796958778493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-50772363346575857832007-06-17T22:45:00.000+06:002007-06-17T22:45:00.000+06:00रविशजी,आज से करीब डेढ़ साल पहले प्रेस इंस्टीट्यूट आ...रविशजी,आज से करीब डेढ़ साल पहले प्रेस इंस्टीट्यूट आफ इंडिया की पत्रिका विदुर में मैंने लिखा था'अंधविश्वासों को पुख्ता करता मीडिया'.यदि आप उसे पढ़ें तो कुछ बातें तो समझ में आ ही जायेगी.विनीत उत्पलhttps://www.blogger.com/profile/10187277796958778493noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-67922211995527765422007-06-17T21:26:00.000+06:002007-06-17T21:26:00.000+06:00भूत प्रेत हो या ना हों पर भूत सचमुच हमें बचपन से ल...भूत प्रेत हो या ना हों पर भूत सचमुच हमें बचपन से लुभाते आये हैं। हम भी अपने बच्चों को भूत आया कह कर कभी सुलाते तो कभी खिलाते आये हैं। और हमारे माता पिता भी। <BR/>अच्छे अच्छे बहादुर अकेले में किसी परछाई को देखकर भूत का भ्रम पाल लेते हैं ( मैं भी) और अच्छे अच्छे नास्तिकों को उस समय हनुमान चालीसा याद आ जाता है। :)<BR/>भूत प्रेतों पर जनप्रिय लेखक ओम प्रकाश शर्मा का पिशाच सुन्दरी नामक उपन्यास बहुत चर्चित है। पचासों बार यह उपन्यास पढ़ा होगा पर अब भी पढ़ने में मजा आता है।Sagar Chand Naharhttps://www.blogger.com/profile/13049124481931256980noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-14946686825009394722007-06-17T21:04:00.000+06:002007-06-17T21:04:00.000+06:00रवीश जी,आपने विदर्भ की कवरेज की है, वहां एक अंधश्र...रवीश जी,<BR/><BR/>आपने विदर्भ की कवरेज की है, वहां एक अंधश्रद्धा निर्मूलन समीती है। यह समिती खूले आम चुनौती देती है कि भूत प्रेत या कोई भी चमत्कार दिखाओ, २ लाख का इनाम पाओ!<BR/><BR/>आज तक किसी ने यह पुरस्कार नही जिता है!<BR/>एक समय मैने भी इसके लिये काम किया है!Ashish Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/02400609284791502799noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-61397881539919783222007-06-17T20:01:00.000+06:002007-06-17T20:01:00.000+06:00मैं देख रहा हूं! आपके इस लिखे में ही भूत दिख रहा ह...मैं देख रहा हूं! आपके इस लिखे में ही भूत दिख रहा है!.. अभी कुछ नन्हें सिपाही हल्ला मचाते हुए भी आएंगे कि देखो, फिर भूत को चढ़ा रहा है!.. आप भूत की बात निकाल के खामखा एक नया पिटारा खोल रहे हैं! कहनेवाले कहेंगे रवीश कविताओं से मार खाने के बाद अब एक नए प्रतीकवाद में उतर रहे हैं.. उतरिए तो संभल के उतरियेगा, साथी.azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.com