tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post2836361188125695254..comments2024-03-22T11:14:13.300+05:00Comments on कस्बा qasba: तो क्या मोदी की वजह से रह गए आडवाणीravish kumarhttp://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.comBlogger57125tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-26481562768695599412009-05-27T11:32:23.019+06:002009-05-27T11:32:23.019+06:00इस "छद्म वनमानुष" को ब्लॉग पढ़के बड़ी मिर्ची लग गय...<B>इस "छद्म वनमानुष" को ब्लॉग पढ़के बड़ी मिर्ची लग गयी......<br /><br />जो इतने दिनों बाद इसका अनर्गल प्रलाप शुरू हो गया ......<br /><br />अरे बेव..कू ..फ वनमानुष तेरे जैसे ही किसी "छद्म सेक्युलर मुल्ले" ने इस देश का बँटवारा कराया था....<br /><br />तब ना तो कोई हिंदू पार्टी थी ना ही कोई हिंदुओं के बारे मे सोचता था....हाँ मुस्लिम पार्टी ज़रूर थी जिसने देश भर मे लाखों हिंदुओं को मूली गाजर की तरह काटा था......<br /><br />आज जब कोई संगठन उनके विकास के लिए सोच रहा है तो तुम जैसे "छद्म सेकुलरों" को बहुत दर्द हो रहा है.......की कहीं ये देश को एकजुट ना कर दें.....<br /><br />खैर तुम सोच रहे होगे की मैं किसी संगठन से हू तो बता दूं एक आम आदमी ही हू जो केवल देश के लिए सोचता है....<br /></B>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-81526219734491844752009-05-27T06:17:51.220+06:002009-05-27T06:17:51.220+06:00रवीश जी...एक बात पर गौर फरमाइयेगा, आपकी भाषा उन्हे...रवीश जी...एक बात पर गौर फरमाइयेगा, आपकी भाषा उन्हें कड़वी लग रही है जिन्हें मोदी,ठाकरे,वरुण की भाषा में शीरे सी मिठास का अनुभव होता है...बाकी लोग भी इस बात पर गौर कर ले अगर टाइम हो तो.वनमानुषhttps://www.blogger.com/profile/01355881041669667464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-59377431272681790472009-05-27T06:08:36.743+06:002009-05-27T06:08:36.743+06:00"छद्म" एक बढ़िया शब्द है... आरएसएस वाले "छद्म-सेकु..."छद्म" एक बढ़िया शब्द है... आरएसएस वाले "छद्म-सेकुलर" शब्द को बड़े जोश से बोलते समय ये भूल जाते हैं वे स्वयं अपने आप में "छद्म हिंदुत्व" का "छद्म सांस्कृतिक संगठन" हैं. संस्कृति के नाम पर वे बच्चों के मन में क्या जहर घोलते हैं ये मैं आपको अपने ब्लौग पर बताऊंगा(मैं क्या बताऊंगा,उपरोक्त फासिस्ट टिप्पणियों से आप लोगों का इनकी मानसिकता से अचछा परिचय हो गया होगा).<br /><br />अंग्रेजो के जमाने की ड्रेस पहनेंगे, उन्ही के तरीके से सल्यूट मारते हैं, सरस्वती स्कूलों में सन्डे की छुट्टी रखते हैं और बात करेंगे संस्कृति की. घृणा फैलाने के नित नए तरीके खोजता है ये संगठन. इनके मनगढ़ंत डेमोग्राफिक(जनसँख्या) आंकडे देखकर किसी भी पढ़े लिखे आदमी को हंसी आ जाए, इतिहास गढ़ने में तो इनका जवाब नहीं(गाँधी को गोलवलकर से नहीं,गोडसे से रिप्लेस करने की चाहत है इनकी),झूठ की बुनियाद पर तो टिका है ये संगठन...इसके पदाधिकारी और मानने वाले जब "छद्म" शब्द का उपयोग करते हैं तो ये समझ लो कि खुद पर थूक रहे हैं.<br /><br /><br />अचछा, इतना ही नही...ये लोग "छद्म-वंशवाद विरोधी" भी हैं...प्रमोद महाजन के अय्याश लड़के से इन्हें कोई कोई गुरेज नहीं...,उद्धव और राज ठाकरे से तो इन्हें अटूट प्रेम है,बादल के बच्चे तो इन्हें वर्षा की पहली बूँद जैसा सुख देते हैं, गाँधी परिवार का ही वरुण गाँधी इनकी आँखों का तारा है क्योंकि वो काटने मारने की बात करता है न भैया....पर गाँधी परिवार के राहुल प्रियंका सोनिया से इन्हें सख्त घृणा है,क्योंकि वे विकास की बात करते हैं,आपसी भाईचारे की बात पर वोट मांगते हैं... <br /><br />पर बंधू, अगर आज की डेट में कोई गांधी परिवार का अपमान करता है तो इसका मतलब है कि वो देश कि जनता के जनादेश का अपमान करता है जो खुद उस परिवार के सदस्यों को चुनती(ऐसे वैसे नहीं बल्कि बड़े बड़े मार्जिन से) है. अबे जब पब्लिक खुद उनको चुन रही है तो तुम कौन होते हो बोलने वाले...इतनी ही जलन है तो जाके उनके अगेंस्ट इलेक्शन में खड़े हो जाओ (जैसे बजरंगी विनय कटियार खडा हो गया था और जमानत जब्त करवा ली थी). जलनखोरी से कुछ न होगा,पहले उनके जैसा काम करके दिखाओ, जनता से जुड़ के दिखाओ...तब कही उनकी आलोचना का अधिकार तुम्हे मिलेगा. नही तो "छद्म-आत्मविश्वास" में पूरे देश में सफाचट हो जाओगे. <br /><br />अगर बाबरी विध्वंस का हिन्दुओं में थोडा सा भी समर्थन होता तो ये उसी टाइम बहुमत नहीं लाते क्या? इसीसे पता चलता है कि इनके "छद्म हिंदुत्व" से देश की जनता भली भाँती परिचित है, इन्हें चांस मिला था क्योंकि जनता सीताराम केसरी की समर्थनदाता कांग्रेस से ऊब गयी थी...इनके ६ साल के शासन में ही लोगो ने इनका चाल चरित्र और चेहरा इतना पहचान लिया कि इनको २ बार धोभी पछाड़ मार दिया.सत्ता में आते ही चहुओर जो लूट खसोट मचाई बीजेपी वालों ने और विपक्ष के नेताओं के लिए जो अनाप-शनाप भाषा का प्रयोग किया था "छद्म इंडिया-शाईनिंग" के दंभ में, उसी से पता चलता है कि इनके "छद्म-सांस्कृतिक संगठन" में क्या "छद्म-संस्कार" दिए जाते हैं. ये "छद्मी पार्टी" और उसका "छद्म संघ परिवार" भूल जाते हैं कि जनता जब मारती है तो "छद्म लात" नहीं मारती पूरी लात ही मारती है.वनमानुषhttps://www.blogger.com/profile/01355881041669667464noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-56254530821894122302009-05-23T12:55:01.912+06:002009-05-23T12:55:01.912+06:00रवीश सर, नमस्ते! कल आपका प्रोग्राम एनडीटीवी इंडिया...रवीश सर, नमस्ते! कल आपका प्रोग्राम एनडीटीवी इंडिया में देखा. आप प्राइवेट बनाम सरकारी स्कूलों की बात कर रहे थे. आपने बहुत अच्छी बातें बताईं पर कुछ बातें छूट गईं. जैसे प्राईवेट स्कूल वाले किस तरीके से घूंस बच्चों से इकट्ठी करते हैं फ़िर उसे प्रेक्टिकल एक्जाम में आने वाले जांचकर्ता को खिला देते हैं.<br />किस तरीके से ये अपने ही स्कूल के बच्चों को थोक के भाव नकल करवाते हैं. शायद आपको इसके लिए सबूतों की जरूरत होगी.<br />मैं ये सब सुनी सुनाई बातों के आधार पर नही कह रहा हूं.मैने अपनी आंखो से देखा है. जब मैं रीवा में पढ़ता था तो आठवीं बोर्ड में मेरी स्कूल में जो चेकर आये थे उन्हे बाहर बैठा लिया गया था. और सारे टीचर बच्चों तक चुटका पहुंचा रहे थे.<br /><br />पढाई प्राइवेट स्कूलों में माशाअल्लाह है. मैं सेंट्रल एकैडेमी स्कूल में पढ़ता था वहां के अंग्रेजी के टीचर खुद ही बच्चों को किताब देकर बोलते थे एक्सप्लेन करो. और जब कोई नही कर पाता था तो वो खुद करते थे. लेकिन उनका अंग्रेजी का एक्सप्लेनेशन किताब की भाषा से ज्यादा कठिन होता था.<br /><br />छोटे छोटे टीचरों से लेकर प्रिंसिपल तक सब ट्यूशन खोरी में लिप्त थे इस स्कूल में. ध्यान रहे मैं प्राइवेट सेंट्रल एकैडमी की बात कर रहा हूं ना कि सरकारी सेंट्रल स्कूल की.अंकुर गुप्ताhttps://www.blogger.com/profile/11895780087694607022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-15890559872934868602009-05-23T12:39:19.276+06:002009-05-23T12:39:19.276+06:00Ab aap jaison logon ko mauka to mil hi gaya hai..j...Ab aap jaison logon ko mauka to mil hi gaya hai..jitna man aaye BJP par apna gubaar nikal lijiye..<br /><br />lein jyada dino pahle ki baat nahi hai, chunaav purv aap jaise hi log ah rahe the ki Modi PM banne yogya hain..<br /><br /><br />hair aap jaise logon ne kai baar BJP ke ke khatme ki baat i hai..natija ya raha hai sab jaante hain.<br /><br />Isliye aap jaise salahkaar agar BJP ko salaah na de to behtar hoga. Haan aap apni baate kahte rahiye, aakhir aapo bhi padamshri jo banna hai.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02958728045199271198noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-86472842075742866012009-05-22T00:25:15.867+06:002009-05-22T00:25:15.867+06:00रवीश जी का बौत सटीक विश्लेषण और उस पर पक्ष परिपक्ष...रवीश जी का बौत सटीक विश्लेषण और उस पर पक्ष परिपक्ष की प्रत्याशित प्रतिक्रियाएं. अब मुझे लगने लगा है कि जो लोग बीजेपी/हिंदुत्व/संघ के समर्थक हैं, शायद उन्हीं को ध्यान में रखकर चचा ग़ालिब ने लिखा होगा, "या रब ना वो समझे हैं, ना वो समझेंगे मेरी बात...." भाई जब पहले से ही तै कि इस देश में हिन्दुत्व खतरे में है, मुसलमान हिन्दुओं की कीमत पर मज़े कर रहे हैं, और देश का भला घृणा की राजनीति से ही मुमकिन है, तो फिर आप लाख कहें, कोई क्यों सुनेगा? हां, मुझे कोई एक बात तो पक्के तौर पर बताये कि संघ और भाजपा का रिश्ता क्या है? दोनों एक हैं, या अलग-अलग? क्या संघ भी भाजपा के लिए वही हैसियत नहीं रखता है जिसका आरोप कॉंग्रेस या मनमोहन सिंह पर गांधी परिवार का नाम लेकर लगाया जाता है?डॉ दुर्गाप्रसाद अग्रवालhttps://www.blogger.com/profile/04367258649357240171noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-79441772062224355382009-05-21T17:06:08.279+06:002009-05-21T17:06:08.279+06:00ravishji...
आपका कहना सही है कि आपकी राय बीजेपी क...ravishji...<br /><br />आपका कहना सही है कि आपकी राय बीजेपी को मान लेनी चाहिए। ऐसा क्यों नहीं करते आप बीजेपी के मीडिया सलाहकार बन जाएं। ताकि अगली बार बीजेपी सत्ता में वापिस आ सके।<br />खैर..हिंदुत्व की वकालत करने वालों को जनता ने इस बार सिखाया है। लेकिन गुजरात के पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान एनडीटीवी की ओर से गुजरात दंगों के विषय में दिखाई सीरिज का जनता ने क्या जवाब दिया। ये हम भी जानते हैं और आप भी बेहतर जानते हैं। नरेंद्र मोदी एक बार फिर उन साढ़े पांच करोड़ गुजरातियों के रहनुमा बना दिए गए। तो आपकी नज़र में वे गुजराती क्या हैं जिन्होंने मोदी को जिता दिया?ABHINAVhttps://www.blogger.com/profile/17224591415459251253noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-73981725746615640212009-05-21T15:26:00.505+06:002009-05-21T15:26:00.505+06:00जनाब बहुत खूब लिखते तो बेह्तर ही है किन्तु ब्लागर...जनाब बहुत खूब लिखते तो बेह्तर ही है किन्तु ब्लागर्स और ब्लाग को एक नया उत्साह और ऊंचायी दे रहे है.लिखे रहो भैया .............Krishna Kumar Mishrahttps://www.blogger.com/profile/12675339503489513766noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-84081646015017842462009-05-20T23:21:17.208+06:002009-05-20T23:21:17.208+06:00Nagar ,Chaturvedi and Mahimamahim Ravish g,Aaapko ...Nagar ,Chaturvedi and Mahimamahim Ravish g,Aaapko Bharat ki janta ke dwaraa sat sat naman. Aap logo ke jaise , is hindustan me pahle paida kyun nahi hue, Agar Pahle hote to shayad hindustan ka bahut bada kalyan ho jata. aapke Bichar to itne acchche hai ki log issi ko samjh kar jinda hote. Kabhi aap logon ne aapne apne ghar yani family me jhakne ki kosis ki hai...Mere samjh se ek baar bhi nahi jhanka hoga....kyun aapke sochne se aapka kaam ho jata hoga.<br />jis hindustan ke logon ko aap gali de raho ho...kabhi apne girebaan me jhank kar dekho...Na hum hindu ki baat kar rahe hai na kisi aur dharm ki....Sab apne aap me samporna hai..lekin jaha apne ijjat aur aabru ki baat aati hai to khada hona parta hai..isliye Ab aam hindu khara hone ki kosis kar rha hai ,par aap jaise mahan logon ke chalte wo langda ban kar mar jata hai. AAp ke jaise log apne ijjjat ko nilam karwa dete hain...Jaha tak jute chappl ki baat hai...aap ke jaise mentality wale log hi kiya karte hai...Aaapne RSS aur bjp ka saath bahut bada hi achha bishleshan kiya hai...AGar RSS jaise sanghthan nahi hote to hindustan me AAp nahi hota yani hindu nahi hote....Aap Aass pass ke deso me dekho...Pahle kitne hindu the aab kitne bachhe hain....<br />Nagar ji ...aap bahut achchi tippni dete hai...Pahle aap thoda aapna shirt sambhal le tabhi dusro ke pocket me kuch najar aayega...<br />Aur Ravish Bahu....Appke kya kahne hai....jaise aap janamjaat hi secular janam liye hai....Jis tarah se media me jakar aap aag ugle na kaam kar rahe ...kahi aap ek ussi me jhulas na jaaye..so Thoda sa apne heart ki bhi baat man liye kijiye....Jayda Jhoot bhi kabhi sach ban jata hahi....Aaage aap khud samjhdar hai......Bolne aur karne me bahut farak hota hai....<br />Aaage to saari dunaiya janti hai...ki kaun sach hai aur kaun jhoot...Hamare yaha ki saari media hi videsho ke hatho biki huai hai....isme aapka ka kya dosh.....<br />Media sirf Hinduo ke khilaf aag ugle ka kaam kar rahi hia...Jaha tak Modi ka sawal hai...Jakar Dekho....Gujrat me...Har koi Gujrat ke dango ka naam lekar char gali de deta hai..kya waha Hindu nahi mare gye the....Muslman kya wha chup rah mar rahe the..nahi.....wah Hindu bhi maaare gye the Isko baat ko bhi AAm janta ke saamne lana hoga....Saare tthyon ko saamne lana chahiye.....Ram Shankarhttps://www.blogger.com/profile/16671243303598255541noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-89874443218773822932009-05-20T05:09:59.077+06:002009-05-20T05:09:59.077+06:00तमाम टेलीविजन न्यूज चैनलों को देखता रहता हूं, लेकि...तमाम टेलीविजन न्यूज चैनलों को देखता रहता हूं, लेकिन इस समय दो ही लोग अति प्रसन्न नज़र आ रहे हैं। एक हैं महामहिम विनोद दुआ और दूसरे रविश कुमार। शायद दोनों महानुभावों को लग रहा था कि बीजेपी सत्ता में आती तो देश तबाह हो जाता। चलिए शुक्र है पांच साल के लिए देश तबाही से बच गया। रविश जी, क्या आप इसका जवाब देंगे कि एनडीए के शासन में देश रसातल में चला गया था? <br />कान खोलकर सुन लीजिए रविश कुमार, आप बौरा गए हैं आजकल। आपको भी लगने लगा है कि बुद्धिजीवी होने का मतलब है बीजेपी की जी भरकर बुराई करो। तभी तो कल बड़े हिकारत से कह रहे थे हिन्दुत्व मतलब विकास कैसे हो गया। अगर हिम्मत है तो उस पैकेज को फिर से सुनिये रविश कुमार। शिवराज सिंह चौहान ने क्या कहा था और उसके आगे-पीछे आपने क्या कहा। अगर आपकी समझ क्षुद्र है तो दर्शकों को तो बख्श दीजिए। आपके बोल तो वरुण से भी ज़हरीले हैं मरदे। आडवाणी ना तो मोदी की वजह से हारे हैं ना वरुण के कारण। कांग्रेस भी इसलिए नहीं जीती कि मनमोहन आडवाणी की तुलना में मजबूत साबित हुए। कांग्रेस की जीत के बावजूद मनमोहन आज भी उतने ही लाचार, कमजोर और सोनिया सहारे हैं जितने कल थे। चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली है तो हर इलाके में अलग-अलग वजहें हैं। <br />आप कहते हैं अगर जनता ने मोदी को चुन लिया तो इसका मतलब ये नहीं मोदी का पाप माफ हो गया। तो हम इसे इस रूप में भी देख सकते हैं कि अगर जनता ने कांग्रेस को चुना तो इसका मतलब ये नहीं मनमोहन आडवाणी से मजबूत और कुशल साबित हुए। तो क्या इसका ये मतलब है कि जनता महंगाई से खुश है। जनता बेरोजगारी से भी खुश है। महंगाई के दौर में नौकरी जाने से भी खुश है। आखिर तभी तो कांग्रेस को फिर से सत्ता में ले आई जनता। नहीं, रविश कुमार चुनाव नारे से नहीं जीते जाते। अगर नारों से बीजेपी को नुकसान होता तो पीलीभीत में वरुण नहीं जीतते। गुजरात में बीजेपी का मटिय़ामेट हो जाता है। आप कहेंगे गुजरातियों की चेतना अभी जागी नहीं है। आप ऐसा कह सकते हैं क्योंकि आपके हाथ में माइक है। आपके हाथ में कलम है। आप खुश होंगे आपकी लिखाई पर खूब प्रतिक्रिया आ रही है। चलिए खुश रहने को गालिब ये ख्याल अच्छा है।Gujarishhttps://www.blogger.com/profile/02965225111174634039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-68409331476888160702009-05-20T02:39:00.000+06:002009-05-20T02:39:00.000+06:00" एक "परिवार" की गुलामी करते-करते उनका दिमाग इतना ..." एक "परिवार" की गुलामी करते-करते उनका दिमाग इतना भोथरा हो चुका है कि वे देश के भीतर गुपचुप चल रहे "देशद्रोह" को भी नज़र-अंदाज़ कर चुके हैं…।" बहुत सही सुरेश जी। योगी जी जितनी मेहनत राहुल कर दें तो बुखार आ जाए। नजदीक जाकर रवीश जी को देखना चाहिए। योगी जी धर्म गुरू भी हैं कृपया इसका भी ख्याल रखें। शिव स्वरूप बाबा गोरखनाथ पीठ के वह उत्तराधिकारी संत हैं, उनके द्वारा घोषित तिथि पर होली-दीपावली मनती है। इन तथ्यों को थ्यान में रखते हुए कोई टीका-टिप्पणी करें तो ठीक है। उनका सम्मान वह भी करते हैं जो उनको वोट नहीं देते।वेद रत्न शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07181302813441650742noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-29087956784754778712009-05-20T00:30:00.000+06:002009-05-20T00:30:00.000+06:00Ravish Ji Aapke Co-anchar Abhigayan Prakash to Lal...Ravish Ji Aapke Co-anchar Abhigayan Prakash to Lalu Mulayam, Passwan ke harne par aise kush ho rahe hai jaise unke Maa ki sadi ho. Kahi ye bhumihar to nahi hai?Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/12591872933185076602noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-57402495687673646342009-05-19T22:52:00.000+06:002009-05-19T22:52:00.000+06:00रविश जी आपने ठीक कहा, बीजेपी की सांप्रदायिक राजनीत...रविश जी आपने ठीक कहा, बीजेपी की सांप्रदायिक राजनीति की उमर लम्बी नही है ।<br />साथ ही इस बार के चुनाव में जब हम जैसे उवाओ को वोट देने का मौका मिला तो मेरे जैसे<br />कई युवाओ ने कांग्रेस को वोट दिया , कारन हम युवा भारत के विविध धर्मो वाले ताने -बने को<br />छीन- भिन्न नही होने देना चाहते। यह हमारी खूबसूरती है ।Ashutosh saraswathttps://www.blogger.com/profile/04164603215290855077noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-33945257083992744992009-05-19T21:00:00.000+06:002009-05-19T21:00:00.000+06:00मैं जरा बहस को मोड़ना चाहता हूं...यहां जो लिख रहा ...मैं जरा बहस को मोड़ना चाहता हूं...यहां जो लिख रहा हूं वो मेरे ब्लॉग पर भी मौजूद है....कृप्या रविश जी और सभी पाठक ध्यान दें...धन्यवाद...<br /><br /><br />NOW TIME 4 MAYA-MULAYAM<br /><br />AFTER LALU AND PASWAN WHO ARE THE BIG LOSSER IN 15th LOKSABHA NOW IT TURNS TO MAYAWATI AND MULAYAM SINGH,.<br />IT IS SURPRISING THOUGH LALU AND PASWAN LOST BECAUSE THEY IGNORED CONGRESS ANG GAVE AWAY 3 SEATS ONLY. WHILE MAYA AND MULAYAM ARE FIGHTING EACH OTHER TO SUPPORT CONGRESS.<br />THEY ARE IN HURRY WHO CAN REACH PRESIDENT FIRST TO SHOW SUPPORT LETTER TO UPA. LALU AND PASWAN LOST DUE TO NOT SUPPORTING AND IF I AM NOT WRONG MAYA AND MULAYAM WILL FACE THE MUSIC OF SUPPORTING CONGRESS IN UP ASSEMBLY ELECTION NEXT TIME. AND WHAT AJIT SING DO STILL NOT CLEAR. CONGRESS IS TRYING ITS 5 MEMBER TO BE KNOWN AS CONGRESS MEN NOT AS RLD. WELL THEN TO WHOM CONGRESS WILL FIGHT IN UP ASSEMBLY. ONLY AGAINST BJP. AJIT SINGH JOING CONGRESS MEANS CONGRESS WILL BE STRONGER IN WESTERN UP. BUT WHAT ABOUT MAYA AND MULAYAM. TO WHOM THEY OPPOSE. LOOKS LIKE TWO KINGS ARE TAKING SAME PLACE. MAYA AND MULAYAM WILL LOSS THEIR VOTES TO CONGRESS. MUSLIM VOTERS HAVE ALREADY SHIFTED TOWARDS CONGRESS AND SO ABOUT BRAHMIN AND DALIT VOTERS OF MAYA SOCIAL ENGINEERING IF AJIT SINGH CAME TO CONGRESS ITS CONGRESS GOVERNMENT IN UP NEXT TIME, BE SURE IN ADVANCE. WELL THIS IS MASTERSTROKE TO MAKE CONGRESS STRONG IN THE BIGGEST STATE. WHAT VOTER WILL DO WHEN SP AND BSP ARE SUPPORTING CONGRESS WHY NOT GIVE VOTE TO CONGRESS.WHY GIVE VOTE TO SP AND BSP. WELL DONE CONGRESS THINK TANK. IN FACT SEATS OF UPA HAS COME SUCH THAT BOTH SP AND BSP HAVE NO CHOICE BUT TO GIVE SUPPORT TO CONGRESS. OH CONGRESS COULD NOT HAVE DEMANDED FOR MORE. IT HARDLY HAPPENS IN POLITICS. EVEN I DOUBT A MAJORITY GOVERNMENT HAS SUCH COMFORTS AS MR MANHOMAN AND SONIA COMPANY HAS. YOU CAN SAY SAME ABOUT BIHAR CASE WHERE LALU HAS NO CHOICE BUT TO SUPPORT CONGRESS WHOSE MAIN OPPOSITION JDU MAY DO THE SAME IF REQUIRED. POLITICS IS DIRTY GAME BUT THIS IS SUCH A GAME YOU NEVER KNOW WHO WILL DO WHAT OR WHO WILL BE SO MAJBOOR TO DO WHAT MR MULAYAM AND MADAM MAYAWATI ARE DOING.SACHIN KUMARhttps://www.blogger.com/profile/07876633469215289831noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-40378232211094296582009-05-19T19:26:00.000+06:002009-05-19T19:26:00.000+06:00जैसा सरिता जी ने लिखा में लगभग ८ साल से NDTV के दो...जैसा सरिता जी ने लिखा में लगभग ८ साल से NDTV के दो debates देखता आ रहा हूँ और आरंभ में कई वर्षों तक अपनी प्रतिक्रिया निरंतर भेजता भी रहा. किन्तु यह पाया कि 'भारत' मैं मुद्दे ही मुद्दे हैं, समस्या ही समस्या हैं किन्तु निदान नहीं, इस कारण सिर्फ शब्दों का एक तरफा आदान प्रदान ही संभव है - हल की इच्छा करना व्यर्थ है. (कृष्णजी ने भी यही कहा कि फल की इच्छा मत कर!) सब केवल 'टाइम पास' ही है...<br /><br />केवल वे, जो समाधान चाहते हैं शब्दों द्वारा पाना, वो शायद मूर्खता करते हैं...अनुभव सिखाता है 'उपर वाले' पर विश्वास रखना, जिसके बारे में कभी यह प्रचलित था की 'उसकी मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं हिल सकता' :) पहले कुता पूँछ हिलाता था किन्तु अब 'घोर कलियुग' में पूँछ कुत्ते को हिलाती है :) ('मूलाधार' कहूँगा तो किसी की समझ शायद ही आये उसका योगदान, यद्यपि योग 'भारत' की ही देन है - जैसे शून्य भी और 'नादबिन्दू' अथवा विष्णु भी... बच्चों को यदि कहो गीता पढने को तो वो कहते हैं की जब ६० के होंगे, यानि सठिया जायेंगे, तब पढेंगे :)... <br /><br />जय माता की :)JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-87154882504479790962009-05-19T17:46:00.000+06:002009-05-19T17:46:00.000+06:00चलो अच्छा ही हुआ की इस चुनाव मैं बीजेपी की हार हुए...चलो अच्छा ही हुआ की इस चुनाव मैं बीजेपी की हार हुए कम से कम सेकुलरिस्म का दंभ भरते पत्रकरों और उनके राजनेतिक आकाओं को आक्सीजन तो मिला ,कम से कम उन्हें भी हिंदुस्तान मैं जीने का मकसद तो मिला, बीजेपी के उन नेताओं को जो वातानुकूलित कमरों मैं बैठकर यह निश्चय करते हैं की किस तरह चुनाव से ठीक पहले यह निश्चित करते हैं की कब हिंदुत्व के मुद्दे को उठाया जाये और कब उससे अपना पाला झाड़ लिया जाये , अवसरवाद की राजनीत जब चर्म सीमा पर पहुँच जाती है तो कुछ ऐसे ही परिणाम होते हैं, मगर इसका मतलब यह कतई नहीं है की आप सभी तथाकथित सेकुलर पत्रकार हिंदुत्व की राजनीत को ही गलत साबित कर दें, और फिर क्यूँ भला हिंदुत्व की राजनीत को आप गलत कहते हैं??? जब जातिवाद की राजनीती गलत नहीं है,अल्पसंख्यकों के नाम पर राजनीती गलत नहीं है तो फिर हिंदुत्व की राजनीत गलत केसे ? चलो हिन्दू बहुसह्न्ख्यक सही पर उससे यह तो साबित नहीं होता की उन्हें कोई तकलीफ ही नहीं देश में,बीजेपी की दुर्गति उनके दोगले पन के कारन हुई न की हिंदुत्व की विचारधारा के कारन,<br />अब बाबर के हिमैती लोगों को बहाना मिल गया गला फाड़कर गरियाने का खुसी मनाएं आखिर मौका मिला हे आपको ,,आप लोग तो तब से खुशियाँ मन रहें हैं जब देश का बटवारा हुआ था और आज भी परिवारवाद की राजनीत से अपने आप को पर उठा नहीं रहे ,,आखिर क्यूँ भूलें हम की हम पहले भी गुलाम थे और आज भी गुलाम,मानसिकता वोही गुलामों की रहेगी और लोकतंत्र कहाँ हे जरा धुन्धकर तो दिखाएँ देश मैं??यह देश परिवार को सौंप दिया हमने और हमारे बच्चों को येही सिखाना रह गया है की वो हमेशा नतमस्तक रहे गाँधी परिवार के सामने क्यूंकि वो हमारे माई बाप हैं ,इस देश मैं हिंदुत्व की बात मत करना वर्ना धर्मनिपेक्षता के सरंक्षक तुम्हे अछूत का दर्जा दे देंगे ,और हिंदुत्व के नाम पर जब अवसरवाद की राजनीत होगी तो यूँ ही अर्थियों की गिनती होगी और हम ताल ठोकर कह सकेंगे देखा हिंदुत्व का हस्र ,,चलो बीजेपी ने सभी धर्मनिपेक्षता का दिन्धोरा पिटते ढोलियों को मौका तो दिया नाचने का....विवेक सिंहhttps://www.blogger.com/profile/16748459714564355163noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-53502189896687096412009-05-19T16:04:00.000+06:002009-05-19T16:04:00.000+06:00do baar se jo aap likh rahe hai usper jo logo ki p...do baar se jo aap likh rahe hai usper jo logo ki pratikiriya aa rahi hai.. usko padh ke laga aacha hai rajniti aur tv aur debats se dur rahna... sabki language bahut aazeeb hai... kya ye wahi hindi bhasha hai jo hum ghar me apno se bolna sikhte hai.. sabki apni rai hoti hai per usko kisi ke liye ise istemal kerna ki wo dushman sa nazar aaye dusre padhne wale ko ye sahi nahi laga... aap log samjhdar log hai.. likhte waqt yaad rakhiye ki jo likha hai wo padhne me bura na lage..<br /><br />thanx <br />saritaAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-52556894696593993752009-05-19T14:27:00.000+06:002009-05-19T14:27:00.000+06:00बजारू चैनल के बिकाऊ, बेतुक्के शायर पत्रकारों पर इत...बजारू चैनल के बिकाऊ, बेतुक्के शायर पत्रकारों पर इतनी बहस?!!!!!<br /><br /><br />प्यारे लालू की हार से परेशान है बेचारे....खूश फहमी में जीने दो....<br /><br /><br />गुजरात को मरने दो, भैये बंगाल में क्या हो गया? सिंगूर के हत्यारों को काहे नकार दिया जनता ने? मारती भी है और सड़क भी नहीं बनवाती....संजय बेंगाणीhttps://www.blogger.com/profile/07302297507492945366noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-5797904094530870562009-05-19T11:31:00.000+06:002009-05-19T11:31:00.000+06:00Really NDTV has adopted a policy to destroy social...<B>Really NDTV has adopted a policy to destroy social harmony by always abusing Hindus and great Indian Culture......(this was in the syllabus of madrsas and Convents but now it is in the agenda of NDTV.)<br /><br />I think Soon NDTV will convert itself into a Muslim Communal channel its agenda will be to always back Muslim Communal parties and make this country a worst place to live by destroying our social harmony.<br /><br />Bycott NDTV..!!<br />Bycott NDTV......!!<br />Bycott NDTV..........!!<br /></B>Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-39584262568309230022009-05-19T08:34:00.000+06:002009-05-19T08:34:00.000+06:00achchha vishleshan...bdhaii, Ek nazriya yah bhi de...achchha vishleshan...bdhaii, Ek nazriya yah bhi dedkhe...<br /><br />चुनाव नतीजे के पश्चात्……"अब विश्लेशन करना है" प्रस्तुत है,<br /> क्रप्या पिछ्ली रचना "अब गिनती करना है" के सन्दर्भ मे देखे…<br />http://mansooralihashmi.blogspot.com<br /><br />सोच में किसके क्या था अब यह गिनती करली है,<br />शौच में क्या-क्या निकला यह विश्लेशन करना है।<br /><br />सर पर बाल थे जिसके, वह तो बन बैथे सरदार, <br />औले गिर कर फ़िसल गये, विश्लेशन करना है।<br /><br />'वोट' न मिल पाये, ये तो फिर भी देखेंगे,<br />'वाट' लगी कैसे आखिर! विश्लेशन करना है।<br /><br />सब मिल कर सैराब करे यह धरती सबकी है,<br />फ़सल पे हो हर हाथ यह विश्लेशन करना है।<br /><br />'अपने ही ग्द्दार', यही इतिहास रहा लेकिन,<br />'कौन थे ज़िम्मेदार', यही विश्लेशन करना है…।<br /><br />-मन्सूर अली हाश्मीMansoor ali Hashmihttps://www.blogger.com/profile/09018351936262646974noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-9611666501752845502009-05-19T08:33:00.000+06:002009-05-19T08:33:00.000+06:00टाइपिंग एर्रोर का सुधार और साथ में माफ़ी मांगूंगा ब...टाइपिंग एर्रोर का सुधार और साथ में माफ़ी मांगूंगा बिलकुल ८४ दंगों के माफ़ी की तरह <br /><br />"चुनाव ड्रामा ख़त्म हो गया , मनमोहन जी का pm बनना तो फिक्स था ही ,"(माने pm बनना sure था ही ?)Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-68776251484118936162009-05-19T08:21:00.000+06:002009-05-19T08:21:00.000+06:00मुद्दे बहुत थे और सचमुच हैं भी.आत्मविस्मृत होकर जम...मुद्दे बहुत थे और सचमुच हैं भी.आत्मविस्मृत होकर जमीन से हमेशा ऊपर उड़ने वाले बीजेपी के अभिमानी नेता न तो सही मुद्दों को पकड़ पाए न उसे उचित समय पर पूरी ताकत से उछाला .बहुत अच्छा हुआ आडवानी हार गए ,जिस नेता या पार्टी का दुराव जनता से इतना बढ़ जाए कि उसे उसके नज्ब का अहसास ही न हो उसे हारना ही चाहिए .<br /><br />"आडवानी इन dreamland" में pm बनने वाली कोई बात वात पहले से ही नहीं थी .आडवानी ,उनके सपने और उनकी महत्वाकांक्षा को ढोते ढोते बीजेपी का भी कचूमर निकल ही गया .सुना है अडवानी सन्यास वान्यास नहीं लेंगे और बीजेपी का भुरता बनाने के लिए आगे भी अपना बोझ पार्टी पर लादे रहेंगे.बहुत अच्छा है "राम लल्ला" करे विदाउट रिसर्च काम करने वाली बीजेपी इसी तरह धीरे धीरे गायब हो जाए. भगवा brigade में तर्कबुद्धि भले ही हो पर ये लोग हमेशा ही अदूरदर्शिता और फेलुआ रणनीति के शिकार हो जाते हैं. <br /> अब लगता है की भारत की ६० प्रतिशत शिक्षित जनता को साम्प्रदायिकता,छद्म धर्मनिरपेक्षता ,धर्मनिरपेक्षता, या आडवानी निंदा पाठ पढाने की दरकार नहीं.<br />भारत के राजकुमार राहुल सीधे,सच्चे हैं ,समाज सेवक तो ठीक हैं परन्तु राजनीति के तीन तेरह में अभी और माहिर होने की जरूरत है .<br />राजमाता और राजकुमारी यद्यपि उन्हें बैकिंग दे दे के परिपक्व करने का पूरा प्रयास कर रही हैं परन्तु उनमे अभी भी दृढ़ता और तर्कबुद्धि की भारी कमी है .यकीनन राजकुमार के राज्याभिषेक का इन्तजार पूरा भारत वर्ष कर रहा है खैर तबतक कार्यवाहक नरेश से काम चलाया जाए .किसी कठपुतली को बैठा कर सत्ता राजकुमार युवराज के लिए रिज़र्व रखा जाए जब तक वे परिपक्व न हो जाएँ .एक ही तो हैं हमारे राजकुमार यदि कोई दूसरा हो भी तो उस ओर कोई क्यूँ देखे राजपाठ आखिर राज वंशज को ही सौपा जाता है न लिहाजा सबका ध्यान राजकुमार को जल्दी से जल्दी बड़ा करने में है .<br /><br />अभी कुछ दिनों पहले तक दो कौड़ी के लोग प्रमोशन न होने के चलते इर्ष्या और डिप्रेशन के शिकार होते जा रहे थे.हां तो रविश जी पर अब मनमोहन का बेलआउट पैकेज और पे कमीशन अवार्ड खा-पी के काफी लोग बौरा रहे हैं और मनमोहन द ग्रेट गाथा गा रहे हैं .आप उनमे से एक बिलकुल नहीं हैं लगता है .वित्तीय घाटे को पूरा करने के लिए और डूबती कंपनियों को बचाने के लिए कभी कभी नए नोट छापने पड़ते हैं ,नोटों की अधिकता के कारण स्टॉक मार्केट कसीनो से अनजान रहने वाले गरीबों के पास संचित नोट अवमूल्यित हो कागज़ बनते चले जाते हैं .कहीं यही तो नहीं घटित हो रहा है ?,खैर ठीक ही है भाई उद्योगपति चंदा देते हैं और परोक्ष रूप से सरकार की नकेल थामते हैं तो सरकार की प्राथमिकता लिस्ट में पहला नाम उन्ही लोगों का होगा न.बेचारा गरीब आभाव के कारण मरता है तो उसे बेलआउट करने कोई नहीं पहुचता उल्टे उसी से अमीरों को बेलआउट करवाया जाता है .<br /><br /><br />चुनाव ड्रामा ख़त्म हो गया , मनमोहन pm फिक्स तो था ही ,अब पत्रकार बंधु चुनावी afteraffects और sideeffects से जल्दी उबरकर और मनमोहन स्तुति छोड़ कैमरा लेके पड़ताल करें की घटती मनमोहनी मुद्रास्फीति के कारण नंगे गरीबों की थाली में से क्या क्या नयी चीज़ गायब हो चुकी है .गरीबों का होना अर्थव्यवस्था और नई नई कल्याणकारी योजनाओं और उसपर समर्पित धन के बंदरबांट के लिए बहुत जरूरी है लिहाजा कितने नए लोग इस श्रेणी में शामिल हुए इसे भी पता लगाने की जरूरत है.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-51661359577687119972009-05-19T07:27:00.000+06:002009-05-19T07:27:00.000+06:00सतही तौर पर देखें तो राजनीति में मीडिया के प्रभाव ...सतही तौर पर देखें तो राजनीति में मीडिया के प्रभाव कों नकारा नहीं जा सकता. किन्तु मीडिया स्वतंत्र नहीं है... <br /><br />इसका प्रचार खूब किया गया कि अब समय जवान लोगों का है और मनमोहन कों केवल 'night watchman' बताया गया... <br /><br />कांग्रेस ने राहुल और प्रियंका आदि कि साफ़ सुथरी छवि को टीवी के माध्यम से सामने रखा. और बीजेपी ने जाने अनजाने दूसरे राहुल कों - (सोनी) टीवी के माध्यम से. किन्तु यह राहुल, गाँधी नहीं, महाजन था, प्रमोद महाजन का बेटा, जो अपनी 'काली करतूतों' से आधुनिक युवा पीड़ी का बिगडा चेहरा सामने ले कर आया - संजय दत्त के समान जिसे कांग्रेस ने नहीं अपनाया, उसकी बहन कों चुना. उसी प्रकार, लम्बी रेस के घोडे समान, दूर की सोच ध्यान में रखते हुए - जैसे कभी मनेका/ वरुण कों उन्होंने मीडिया की हवा नहीं लगने दी थी...JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-67179839754923011702009-05-19T00:47:00.000+06:002009-05-19T00:47:00.000+06:00इतना गुस्सा .....ठंड रखिये रवीश जी....कांग्रेसियों...इतना गुस्सा .....ठंड रखिये रवीश जी....कांग्रेसियों तक आपकी बात पहुंच गई है.....लेकिन लाल दाग कैसे छुड़ाएँगे....anil yadavhttps://www.blogger.com/profile/16738905491616336875noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-67144328423556250092009-05-19T00:06:00.000+06:002009-05-19T00:06:00.000+06:00रविश
पहली बार लगा की घटिया किस्म का राजीनीतिक विवे...रविश<br />पहली बार लगा की घटिया किस्म का राजीनीतिक विवेचना हुई है क़स्बा में. देखो दोस्त मुद्दा तो बहुत है लेकिन आप और हम किसको उछालना चाहते हैं वो इस पर निर्भर करता है. बिहार की जनता सेकुलर शब्द को कूड़े में दाल दी. बिहार की जनता ने बता दिया की सेकुलारिसम और कमुनालिस्म केवल टीवी चैनल पर दो takiye पत्रकारों और छुटभैये नेतावों को शोभा देती है. <br />कर्णाटक में कांग्रेस और छुटभैये पत्रकारों/नेतावों को लगा की चढी बनियान से ही बीजेपी को हराया जा सकता है. जनता ने चड्ढी पॉलिटिक्स को नकार दिया. संग्लिअना जैसे नेता चले थे chirstian card खेलने और जनता ने उनको सबक सिखा दिया. <br />रही बात शरद यादव की तो उनको अछि तरह से मालुम है की यादव के नाम पर मधेपुरा से कुँख पाद कर जित पाते हैं. जादा बकर बकर ना करें. उनको मालूम है की जादा बड बोलेपन उनको ले डूबेगा. रही बात अडवाणी की अंतिम लेख लिखने लायक आपकी जानकारी नहीं है. आप उतना बड़ा लेख नहीं लिख सकते. आप टीवी पर बहुत ही नकारात्मक सोच से डूबे नजर आये. हमेश whining (कुनमुनाते) नजर आये. ये एक पत्रकार की पूरी प्रतिभा को गुड गोबर कर देती है. आप बाकी के पत्रकारों के तुलना में बहुत बौने नज़र आये पैनल में. <br />आप में अभी बहुत सुधर की जरूरत है टीवी पर सामने आकर प्रस्तुति करने में. उम्मीद है की आप सबक और positive feedback lekar सुधर करेंगे. <br />धन्यवाद.उपाध्यायजी(Upadhyayjee)https://www.blogger.com/profile/18237857671780290231noreply@blogger.com