tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post2595810558842384391..comments2024-03-22T11:14:13.300+05:00Comments on कस्बा qasba: क्या जेल फ्लाप हो सकती है?ravish kumarhttp://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-85016269865600523782009-11-24T12:06:35.895+05:002009-11-24T12:06:35.895+05:00Bahut dukh hai mujhe is baat ka ki yeh film flop h...Bahut dukh hai mujhe is baat ka ki yeh film flop ho gai hai...Ham apna kharcha bhi nahi nikaal paye....Ram N Kumarhttps://www.blogger.com/profile/13203599901505803546noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-85460583397356159292009-11-19T06:44:16.121+05:002009-11-19T06:44:16.121+05:00अच्छी रचना। बधाई।अच्छी रचना। बधाई।मनोज कुमारhttps://www.blogger.com/profile/08566976083330111264noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-12016522986096773372009-11-19T05:31:10.227+05:002009-11-19T05:31:10.227+05:00मधुर की 'जेल'तकनीकी रूप से अच्छी है, पर कु...मधुर की 'जेल'तकनीकी रूप से अच्छी है, पर कुल मिलाकर औसत ही है...मधुर से इससे कहीं ज़्यादा उम्मीदें थी....मधुर की कहानी तीन मिनट के न्यूज पैकेज में सिमट सकती है....Nikhilhttps://www.blogger.com/profile/16903955620342983507noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-47259768443048040742009-11-18T22:16:05.506+05:002009-11-18T22:16:05.506+05:00Movie is good but Madhur is expected to make it be...Movie is good but Madhur is expected to make it better............<br />He is failed to touch the level of 'Page 3' and 'Chandni Bar'Shakeb Ahmadhttps://www.blogger.com/profile/12350309525088858027noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-6463575778255470052009-11-17T20:23:13.357+05:002009-11-17T20:23:13.357+05:002012 ke baare me aapki ky rai hai??2012 ke baare me aapki ky rai hai??ankurbanarasihttps://www.blogger.com/profile/15099361087545216997noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-45285220052200187412009-11-17T19:03:27.619+05:002009-11-17T19:03:27.619+05:00मधुर भंडारकर को शुभकामनाएं.. आपके रिव्यू के बाद फि...मधुर भंडारकर को शुभकामनाएं.. आपके रिव्यू के बाद फिल्म ज़रू देखूंगा... लेकिन बड़े परदे पर इस फिल्म को अजब प्यार की गजब कहनी से कड़ी ॉक्कर मिल रही है...अबयज़ ख़ानhttps://www.blogger.com/profile/06351699314075950295noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-56918423118977789412009-11-17T18:34:05.647+05:002009-11-17T18:34:05.647+05:00रामगढ़। शहर के चर्चित होटल में हुए पटना की युवती क...रामगढ़। शहर के चर्चित होटल में हुए पटना की युवती के साथ गैंग रेप के मुख्य आरोपी होटल ब्यू एंड विजन के संचालक गोरंग राय के पुत्र गोविंदा राय व उसका खास मित्र अशोक ठाकुर ने शुक्रवार की देर शाम मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया है। रामगढ़ पुलिस के भारी दबाव के बाद दोनों दुष्कर्मियों ने नाटकीय ढंग से देर शाम दंडाधिकारी की अदालत में आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस को भी सूचना पहले से मिल गई थी कि दोनों कुकर्मी आज आत्मसमर्पण करने वाले हैं। जिसके बाद से पुलिस वहां सुबह से ही सादे लिबास में तैनात थी। लेकिन देर शाम को दोनों आरोपियों ने पुलिस को चकमा देकर न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। इधर रामगढ़ एसपी अनूप टी मैथ्यू ने पूछे जाने पर बताया कि दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने दबाव बना रखा था। जिसके बाद ही दोनों ने न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया। पुलिस दोनों को जल्द रिमांड पर लेगी। इधर रामगढ़ पुलिस ने शहर के एक युवक गौरी अग्रवाल को भी पूछताछ के लिए हिरासत में ले लिया है। उल्लेखनीय है कि शहर के सुभाष चौक स्थित होटल व्यू एंड विजन में पटना की छात्रा खुशबू के साथ होटल संचालक के पुत्र, उसके दोस्तों व कर्मचारी ने गैंग रेप किया था। दुष्कर्मियों को घिनौनी करतूत को अंजाम देने के बाद छात्रा के पिता तुल्य चाचा से चालीस हजार रुपए भी छीन लिए थे। वहीं जबरन एक्सिस बैंक के एटीएम से तीन हजार रुपए निकलवाया था। हालांकि घटना के बाद जहां पुलिस ने होटल कर्मचारी की निशानदेही पर कई लोगों को गिरफ्तार किया था। होटल में हुई इस घिनौनी करतूत से शहर के लोग भी स्तब्ध है। <br /><br />jai ho bhumiharo ki or phir bhi laloo ko gali dete hai.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/13425035319249637479noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-87583317340792390432009-11-17T10:47:52.166+05:002009-11-17T10:47:52.166+05:00वैसे तो मुझे पता है कि ९९.५% मैं यह पिक्चर नहीं दे...वैसे तो मुझे पता है कि ९९.५% मैं यह पिक्चर नहीं देखूंगा इसलिए - इस विषय पर कि कोई पिक्चर फ्लॉप होगी या नहीं - टिप्पणी कि आवश्यकता मेरी ओर से नहीं है, क्यूंकि यह शायद 'ज्योतिषी' (बेल्मुंड?) ही कुछ कह सकें यदि रवीश जी, या कोई और, उनसे पूछें तो - और हो सकता है मधुर भण्डारकर की जन्म-तिथि आदि उन्हें चाहिए होगी ...जहां तक 'सच' जानना है तो प्राचीन ज्ञानी कह गए की दूध में कितनी क्रीम है जानना हो तो उसकी एक बूँद ही काफी है, उसे दर्शाने के लिए पूरा दूध लैब में नहीं लाना होगा :) और इसी प्रकार के 'सत्य' की शायद डॉक्टर दराल भी पुष्टि करें...और शायद मीडिया भी करे कि नित्य प्रति समाचार पत्र/ टीवी भी आज केवल 'काली करतूतों' को ही 'ब्रेकिंग न्यूज़' में दिखाते दिखाते नहीं थकते...और यह भी सबको मालूम होगा कि आज तक कोई भी प्रशासनिक सिस्टम फूल-प्रूफ नहीं पाया गया है ! <br /><br />प्राचीन हिन्दू इसे काल का प्रभाव कह गए क्यूंकि, उनके अनुसार, समय सतयुग से कलियुग क़ी तरफ नदी के पानी क़ी तरह नीचे क़ी ओर निरंतर बहता रहता है, और पानी क़ी ही तरह समुद्र से फिर से उठ, बादल बन - (पार्वती, शैलपुत्री, के पिता) हिमालय द्वारा रोक देने के कारण - फिर से बरस दुबारा समुद्र क़ी ओर बह निकलता है, जिससे मानव जीवन तो चलता ही है, साथ-साथ किसी निराकार शक्ति क़ी उपस्तिथि का आभास भी हुवा प्राचीन हिन्दुओं को/ और हो सकता है आज के मानव को भी :) जो 'जय माता दी' ऐसे ही नहीं कहे उठे !JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-56435118304633300332009-11-17T10:14:10.962+05:002009-11-17T10:14:10.962+05:00फिल्मो के सफल या असफल होने का हमारे यहाँ कोई मापदण...फिल्मो के सफल या असफल होने का हमारे यहाँ कोई मापदण्ड नही है ।<br />फिल्मौत्सव पर ताज़ा पोस्ट "पास पड़ोस " परशरद कोकासhttps://www.blogger.com/profile/09435360513561915427noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-38910670047157622392009-11-17T08:18:09.796+05:002009-11-17T08:18:09.796+05:00जेल की कहानी का यथार्थ मल्टीप्लेक्स के यथार्थ से द...जेल की कहानी का यथार्थ मल्टीप्लेक्स के यथार्थ से दूर है। ये और बात है कि किरदार मल्टीप्लेक्स वाला ही है। ये फिल्म एकल सिनेमा में खूब चलेगी। आम लोगों का अनुभव जेल के करीब है। <br /><br />यही बात सच है। मल्टीप्लेक्स के गलबहियां करने वाले दर्शक को अजब प्रेम...समझ आती है जेल नहीं। किसी से तहसील तक नहीं जाया जाता कि स्थायी निवास प्रमाण पत्र बनवा लाएं। एआरटीओ दफ्तर नहीं जा सकते कि डीएल रीन्यू करा लें। बारहवें दर्ज़े में पढ़ रहे बच्चे जानते तक नहीं, कि कचहरी और जजी क्या होते हैं। अंग्रेजी में भी पूछकर देखी उन्हें नहीं पता। ज्यादातर को ये भी नहीं पता शिक्षक दिवस क्यों मनाया जाता है। क्या समझेंगे जेल का यथार्थमधुकर राजपूतhttps://www.blogger.com/profile/18175900220847414275noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-59114670481815006022009-11-17T04:05:19.718+05:002009-11-17T04:05:19.718+05:00Film bahut hi achchhi nahin to bahut buri bhi nahi...Film bahut hi achchhi nahin to bahut buri bhi nahin aur jaisa aap kah rahe hain ki thodi aur behtar ho sakti thi.. to mere khyaal se aajtak aisi koi film nahin bani jise dekhkar ye baat na dohrai ja sake.. kam se kam main apne nazariye se dekhta hoon to andar ka kalaakar isme kamiyan nikal kar behtar banane ka dawa karta hai... Neel Nitin Mukesh ne jaroor kai jagah overacting ki.. kai scene me to jis tarah ke expression nahin aane chahiye the wo aaye..<br />Manoj Ji to vaise hi manjhe hue kalakar hain unki tareef koi nai baat nahin.. haan mere khyaal se jo side hero suicide kar leta hai wo Neel se kahin behtar actor hai...<br />Jai Hind...दीपक 'मशाल'https://www.blogger.com/profile/00942644736827727003noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-20789998484741926872009-11-16T22:32:30.090+05:002009-11-16T22:32:30.090+05:00जेल एक बेहतरीन फिल्म है....रवीशजी ..यकीनन..जेल एक बेहतरीन फिल्म है....रवीशजी ..यकीनन..Dr. Shreesh K. Pathakhttps://www.blogger.com/profile/09759596547813012220noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-45388771951446747792009-11-16T20:12:05.310+05:002009-11-16T20:12:05.310+05:00अभी देखी नहीं है. लेकिन सच्चाई को प्रदर्शित करने ...अभी देखी नहीं है. लेकिन सच्चाई को प्रदर्शित करने वाली फिल्म मासिज के लिए नहीं, क्लासिज के लिए होती है. <br />आज के ज़माने को सच्चाई दिखाना भी अति आवश्यक है.डॉ टी एस दरालhttps://www.blogger.com/profile/16674553361981740487noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-10602394385706616992009-11-16T16:17:11.370+05:002009-11-16T16:17:11.370+05:00aap raj thakery ke bare me kya sochete hai...........aap raj thakery ke bare me kya sochete hai.........Amarjeethttps://www.blogger.com/profile/12573715134505419796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-69279240578475137552009-11-16T16:15:32.819+05:002009-11-16T16:15:32.819+05:00aap Raj thakery ke bare ke kya sochete hai.Please ...aap Raj thakery ke bare ke kya sochete hai.Please aapne vichar vyaqt kare.............Amarjeethttps://www.blogger.com/profile/12573715134505419796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-46753094518629143302009-11-16T16:15:31.950+05:002009-11-16T16:15:31.950+05:00aap Raj thakery ke bare ke kya sochete hai.Please ...aap Raj thakery ke bare ke kya sochete hai.Please aapne vichar vyaqt kare.............Amarjeethttps://www.blogger.com/profile/12573715134505419796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-81529848563511355102009-11-16T16:00:42.896+05:002009-11-16T16:00:42.896+05:00सुबोध! क्या बात कही है आपने :)सुबोध! क्या बात कही है आपने :)Aadarsh Rathorehttps://www.blogger.com/profile/15887158306264369734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-12739808800768677452009-11-16T14:59:03.166+05:002009-11-16T14:59:03.166+05:00kisi ndtv numa channel ki khabar jaisi hai film,.....kisi ndtv numa channel ki khabar jaisi hai film,...so film ka chalna ya na chalna,flop ya hit hona be-mayni hai,...film vahi jo sach dikhaye,(beshak glamorous style mein),aur sach hit ya flop nahi hota......Unknownhttps://www.blogger.com/profile/06782360176088403100noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-9893607665387357862009-11-16T14:49:31.830+05:002009-11-16T14:49:31.830+05:00मै अपने विचार रखूं तो फिल्म देखकर दुख हुआ. दुख इस...मै अपने विचार रखूं तो फिल्म देखकर दुख हुआ. दुख इस बात पर हुआ कि जेल में जिस तरह से केस कि निर्णय और तरीखों का दौर चलता है उसे देखकर लगता है कि जैसे हमारे यहां कानून मतलब बेगुनाहों को सज़ा, और जेल मतलब अच्छे लोगों का जमावाड़ा, लेकिन क्या करें आज के परिपेक्ष्य में सही है कि बेगुनाह आदमी ही जेल की हवा खाने जाता है और जब तक वो बेगुनाह साबित होता है तब तो उससे ज्यादा दिनों कि जेल वो काट चुका होता है। बिलकुल सही दिखाया है मधुर ने, मुझे तो वो सीन सबसे सही लगा कि जज ने कलैंडर और आदमी की शक्ल देखकर अगली डेट दी थी बिना सुनवाई कियेशशांक शुक्लाhttps://www.blogger.com/profile/00569926392676984136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-12665718338494286082009-11-16T13:42:25.792+05:002009-11-16T13:42:25.792+05:00आपके रिव्यु से लग रहा है कि ये भी मधुर कि बाकि फिल...आपके रिव्यु से लग रहा है कि ये भी मधुर कि बाकि फिल्मों की तरह खास होगी...रंजन (Ranjan)https://www.blogger.com/profile/04299961494103397424noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-82916133262589182172009-11-16T13:03:56.503+05:002009-11-16T13:03:56.503+05:00अभी तक देखी नहीं है पर इस सब्जेक्ट पर पहली बार किस...अभी तक देखी नहीं है पर इस सब्जेक्ट पर पहली बार किसी भारतीय ने फिल्म बनायीं है ...होलीवुड में इस सब्जेक्ट पर बहुत फिल्मे बनी है सार्थक भी .....अभी कल ही वर्ल्ड मूवी पर ऐसी ही एक फिल्म आ रही थी .मधुर ,अनुराग कश्यप .नीरज ,इम्तियाज़ जैसे लोगो को चलने न चलने जैसी फ़िक्र नहीं करनी चाहिये .उनका अपना एक दर्शक वर्ग है ...ओर आने वाले हिंदी सिनेमा में वे एक महत्वपूर्ण स्थान रखते है ....जब बवंडर जैसी सार्थक फिल्मे जो नारी विषयक सब्जेक्ट को अच्छी तरह से उठाती है खुद कोई भी फिल्म वाला उसे किसी पुरूस्कार श्रेणी में नहीं रखता तो आप यहाँ क्या उम्मीद करगे .लोग ब्लेक पर अमिताभ ओर रानी की वाह वाह करते है जो अंग्रेजी फिल्म से उठाई गयी कथा है ओर नसीर द्वारा अभिनीत "स्पर्श " भूल जाते है ....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-85813532200043097072009-11-16T12:22:18.408+05:002009-11-16T12:22:18.408+05:00सुरेश जी से सहमत.सुरेश जी से सहमत.सागरhttps://www.blogger.com/profile/13742050198890044426noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-21685241959811786972009-11-16T11:03:07.248+05:002009-11-16T11:03:07.248+05:00मधुर भण्डारकर कैसी भी फ़िल्म बनायें… वह समाज और देश...मधुर भण्डारकर कैसी भी फ़िल्म बनायें… वह समाज और देश में फ़ैले सड़ांध मारते मवाद को दर्शाने वाली बेहतरीन फ़िल्म होती है… हो सकता है जेल फ़िल्म धीमी हो, फ़ैशन फ़िल्म भी ऐसी ही थी। मधुर अब हिट या फ़्लाप की दौड़ से आगे निकल चुके हैं… वे ऐसी ही सच्चाईपरक फ़िल्में बनाते रहें यही सदिच्छा है…Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02326531486506632298noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-60669565483378776392009-11-16T10:58:14.898+05:002009-11-16T10:58:14.898+05:00फिलहाल, अभी जेल देखी नहीं है जब देख लेंगे तब बता द...फिलहाल, अभी जेल देखी नहीं है जब देख लेंगे तब बता देंगे।Anshu Mali Rastogihttps://www.blogger.com/profile/01648704780724449862noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-1736821019149940252009-11-16T10:54:40.830+05:002009-11-16T10:54:40.830+05:00jee..... haan....yeh film maine 18 saal pehle dekh...jee..... haan....yeh film maine 18 saal pehle dekhi thi...BEHIND THE BARS....<br /><br />achchci thi....<br /><br />desi version ka nahi pata.......डॉ. महफूज़ अली (Dr. Mahfooz Ali)https://www.blogger.com/profile/13152343302016007973noreply@blogger.com