tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post2491914433516632617..comments2024-03-22T11:14:13.300+05:00Comments on कस्बा qasba: मेरा नंबर ही मेरी पहचान हैravish kumarhttp://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.comBlogger35125tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-82895788942721201782011-02-06T15:30:45.127+05:002011-02-06T15:30:45.127+05:00ravish ji kamal ke ho aap yar, adami ke pahachan k...ravish ji kamal ke ho aap yar, adami ke pahachan ke mayane hi aap ne badal diye.to aaj se koi apne nam se nahi jana jayga.gret idea.zakhmi dilhttps://www.blogger.com/profile/00402242035745784998noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-58101758228861479302010-05-15T23:51:28.465+05:002010-05-15T23:51:28.465+05:00रविश सर,
मै आपको पढ़ते रहता हूँ लेकिन पहली बार आप...रविश सर, <br />मै आपको पढ़ते रहता हूँ लेकिन पहली बार आपको पढ़ कर थोड़ा सोच में पड़ गया हूँ. मै भी इलेक्ट्रोनिक मीडिया का एक विद्यार्थी हूँ और अपनी एक पहचान बनाने के कोशिश में लगा हुआ हूँ. दिक्कत यह है की मै मोबाइल को एक disturbing machine मानता हूँ गैर-जरुरी भी बजता रहता है. कही ऐसा तो नहीं की अपनी एक पहचान बनाने के लिए पहले एक मोबाइल खरीदना पड़ेगा? घर वाला लैंड लाइन काफी नहीं है? समाधान कीजियेगा जरा....नरोत्तम गिरीhttps://www.blogger.com/profile/14948549883046744546noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-14674518672000778632010-05-12T16:53:06.023+05:002010-05-12T16:53:06.023+05:00Badhiya post...
Aur comments padhkar to aur bhi m...Badhiya post...<br /><br />Aur comments padhkar to aur bhi maja aaya. Khaskar JC ks :)Unknownhttps://www.blogger.com/profile/02756609648516232345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-35134111557394592852010-05-11T17:33:32.186+05:002010-05-11T17:33:32.186+05:00कृष्णलीला के अनुसार, कंस को आकाशवाणी हुई कि उसकी ब...कृष्णलीला के अनुसार, कंस को आकाशवाणी हुई कि उसकी बहन देवकी का आठवां लड़का उसकी मौत बनेगा! और इस नंबर ने उसका दिमाग घुमा दिया क्यूंकि काल एक चक्र समान घूमता है, न कि एक रेखा के समान, जिस कारण कोई भी नंबर '८' हो सकता था उसके अनुसार, इस पर निर्भर कर कि पहला किसको कहा जायेगा! सो उसकी सोच ने सारे ७ बच्चों को यूं ही मरवा दिया ('पाप' कमाया?) और फिर भी वो बेवक़ूफ़ बन गया क्योंकि आठवाँ, कृष्ण, फिर भी रातों रात जेल से खिसक गया! और वो नटखट नन्दलाल कहलाया गया! <br /><br />कृष्ण यूं नटखट समझा गया और 'माया' का कारक भी जिसके कारण बड़े-बड़े 'ज्ञानी' कालांतर में असल में महामूर्ख पाए गये और 'बाहुबली' समझे जाने वाले धूल चाटते नज़र आये,,, जिन्होंने भगवान् पर विश्वास नहीं किया, जैसे आज शायद मीडिया में बैठे 'गुरु लोगों' के कारण एक १६ वर्षीय बालक भी कहता है कि वो भगवान को नहीं मानता!JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-52853125306261868092010-05-11T13:42:30.541+05:002010-05-11T13:42:30.541+05:00ravish ji, aapko nahi lagta ab aap bhi masala bech...ravish ji, aapko nahi lagta ab aap bhi masala bechne lage hai ? or subject ki kami ho gai haiAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/13247063924203213441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-43804404107186097112010-05-11T13:15:44.973+05:002010-05-11T13:15:44.973+05:00jindagi ka ganit ..ufan par hai! :)jindagi ka ganit ..ufan par hai! :)Parul kananihttps://www.blogger.com/profile/11695549705449812626noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-11297305089437855502010-05-10T23:02:38.380+05:002010-05-10T23:02:38.380+05:00नंबर की महानता अपने आप में काफी उत्कृष्ट है, बचपन ...नंबर की महानता अपने आप में काफी उत्कृष्ट है, बचपन में क्लास में नंबर लेन का चक्कर, नोकरी में बेतन अच्छे नंबर में पाने का चक्कर, गाड़ी का नंबर , बैंक अकाउंट का नंबर , घर का नंबर , गली का नंबर , TRP का नंबर, कपडे का नंबर, जूते का नंबर, क्रिकेट का नंबर, टीवी और फ़ोन में केवल नंबर ही नंबर , राजनीती में नंबर , कानून का बिभिन्न धराओ का नंबर, समय का नंबर, जनगणना का नंबर ....................मतलब जिन्दगी नुमेरिक(नम्बरी) हो गई है.my great indiahttps://www.blogger.com/profile/04198074945943554362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-58227401383703418202010-05-10T17:30:28.746+05:002010-05-10T17:30:28.746+05:00hello... hapi blogging... have a nice day! just vi...hello... hapi blogging... have a nice day! just visiting here....Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-79645091031347423732010-05-10T12:34:59.432+05:002010-05-10T12:34:59.432+05:00mera ghotala hi meri pahchan hai, man gaye ravish ...mera ghotala hi meri pahchan hai, man gaye ravish babu, aapki parkhi nazar ko, sab jagha chali jati hai, un jagho ko chhodkar jaha aap nahi dekhna chahte. gujrat me chiti ke marne par bhi aap modi ke khilaf panne bhar dete hain, suna hai desh me 2g spectram ka ghotala hua hai.a raja ko mantri banane ke liye media ke mahan logo ne dalali khai hai, koi burka dutt aur "veer" logo ke naam le raha tha, ummid hai aap jaise barik nazar vale is par bhi "safai" likhenge, nahi likh sakte to bata dijiyega, mai intzar na karu, lekin "mera ghotala hi meri pahchan hai"dipeshhttps://www.blogger.com/profile/09413608915625575682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-59536115576487472992010-05-10T10:49:33.195+05:002010-05-10T10:49:33.195+05:00पहचान से याद आया कि बचपन में हमारे बड़े अपने- अपने...पहचान से याद आया कि बचपन में हमारे बड़े अपने- अपने अलग गुट में घूमा करते थे, जबकि हम बच्चे अपने बराबर वालों के साथ खेल में मग्न रहते थे...एक दिन हमारी माँ अपनी साथिनों के साथ बस से किसी स्त्री के घर उसके बच्चे आदि के नामकरण आदि ऐसे किसी संस्कार में गयीं,,,किन्तु आश्चर्य हुआ जब वो जल्दी ही लौट आयीं! कारण? क्योंकि जो नीम का पेड़ उनके घर की पहचान हुआ करता था वो कट गया था और घर का नंबर तो आरंभ में कभी देखा था और वो पेड़ ही पहचान बन गया था :)<br /><br />हम बच्चे तब उन पर हँसे थे!<br /> <br />किन्तु ऐसा ही हमारे साथ लोधी रोड से लौटते समय पंडारा रोड में भी एक दिन हुआ जब नंबर तो याद नहीं था किन्तु एक बार गए थे किसी रिश्तेदार के घर तो सोचा ढूंढ लेंगे पूछ के पड़ोसियों से,,,किन्तु पता न चल पाया, दो चार घरों की घंटी भी बजायी... और यद्यपि एक पडोसी ने चाय भी पिलाई और उनकी लड़की मेरे साथ एनक्वाइरी तक भी गयी! उन दिनों मोबाइल नहीं होते थे, जिस कारण घर से फ़ोन करने पर पता चला कि हम उस हिसाब से उनके घर के नीचे ही थे :)JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-75016520545286991702010-05-09T10:52:24.371+05:002010-05-09T10:52:24.371+05:00कम शब्द ज्यादा बात, क्या बात...
मेरा नंबर है 09453...कम शब्द ज्यादा बात, क्या बात...<br />मेरा नंबर है 09453846736Nikhil Srivastavahttps://www.blogger.com/profile/09127448331855827801noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-52190774600322426052010-05-09T08:01:20.408+05:002010-05-09T08:01:20.408+05:00रविश जी, आपको 'बेल-मुंड' ज्योतिषी आदि से अ...रविश जी, आपको 'बेल-मुंड' ज्योतिषी आदि से अधिक लगाव नहीं है इस लिए यह केवल याद दिलाने के लिए संक्षिप्त में है कि एक विषय है जो अनादिकाल से चला आ रहा है और उसे 'न्यूमरोलोजी' कहते हैं,,,जिसमें हर व्यक्ति अपने जन्म की तिथि के अनुसार १ से १२ नंबर (जोडिएक चिन्ह द्वारा) जाना जाता गया है और उसके अनुसार हर व्यक्ति के संभावित गुणों को भी दर्शाया जाता रहा है,,, <br /><br />जबकि किसी भी व्यक्ति के जन्म-कुंडली में भी १२ 'घर' दिखाए जाते हैं 'महान भारत' में अनादि काल से,,,किन्तु इसमें राशि नंबर और उसके आधार पर नामकरण के लिए चन्द्रमा जिस घर में बैठा है उसको अधिक महत्व दिया गया, क्यूंकि चाँद के एक चक्र को एक माह जाना गया,,, और चन्द्रमा यानी इंदु को गुरु माना 'हिन्दुओं' ने, जहां तक मानव मष्तिस्क का प्रश्न है, क्यूंकि इसका सार या रस का मानव सर पर निवास जाना गया,,, और पहुंचे हुए वैज्ञानिक समान, सूर्य को भी ध्यान में रखने के लिए 'अधिक मास' का उपयोग किया गया,,, <br /><br />जबकि पश्चिम में इस प्रक्रिया को आसान बनाने के लिए केवल सूर्य (रवि, भौतिक शक्ति का श्रोत, जो चन्द्रमा तक पहुंच वाले कवि से निम्न श्रेणी का जाना गया), यानी भौतिक शक्ति को अधिक महत्व दिया गया क्यूंकि यह हर वर्ष, हर माह, एक विशेष तारों के झुण्ड ('कोंस्टेलेशन') के बीच में ही दीखता है पृथ्वी से...JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-35140178502145579072010-05-09T07:19:05.627+05:002010-05-09T07:19:05.627+05:00रवीश जी - आपके पोस्ट को पढ़ने के बाद, कुछ ही दिन प...रवीश जी - आपके पोस्ट को पढ़ने के बाद, कुछ ही दिन पूर्व खुद की लिखी रचना का यह टुकड़ा याद आया - <br /><br />बच्चों के भी नामकरण का पहले बहुत विधान।<br />सम्भव आने वाले कल से नम्बर हो पहचान।<br />कोमल भाव हृदय के तब तो होंगे सदा उदास।<br />भैया जी ऽऽऽऽऽऽऽ क्योंकि वक्त नहीं मेरे पास।।<br /><br />सादर <br />श्यामल सुमन<br />09955373288<br />www.manoramsuman.blogspot.comश्यामल सुमनhttps://www.blogger.com/profile/15174931983584019082noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-91574901128024697752010-05-09T00:02:26.690+05:002010-05-09T00:02:26.690+05:00इस भागती हुयी सदी मे जब लोग आईडेन्टिटी क्राईसिस मे...इस भागती हुयी सदी मे जब लोग आईडेन्टिटी क्राईसिस मे है... मोबाईल नम्बर लोगो को एक नयी आईडेन्टिटी देने मे सफ़ल होते है...<br /><br />आपको पढता रहता हू.. टिप्पणी नही कर पाता क्यूकि कभी कभी लगता है इतने लोगो के बीच मे खो न जाऊ.. वो कहते है न ’आईडेन्टिटी क्राईसिस’ :)<br /><br />वेरी नाइस पोस्टPankaj Upadhyay (पंकज उपाध्याय)https://www.blogger.com/profile/01559824889850765136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-60354822023459098002010-05-08T23:15:42.238+05:002010-05-08T23:15:42.238+05:00रवीश जी,
आपकी बात से सहमत हूं। जब से मोबाइल आया है...रवीश जी,<br />आपकी बात से सहमत हूं। जब से मोबाइल आया है आदमी की अहमियत बस फोन बुक में एंट्री के मात्र रह गई है। कभी राह भटके फिर मुलाकात हो गई तो हमनें पूछ लिया "कैसे हो? नंबर तो वही है ना?" चाहे सालो फोन ना किया हो उसे पर उसका नंबर होना उसका आपके ज़हन में होना का संकेत है। <br />थोड़े दिन बाद लोगों के राशन कार्ड से ज्यादा अहमियत टेलीफोन(मोबाइल) नंबर की हो जाएगी। कंपनी वाले आपके होनें वाले बच्चों के लिए मोबाइल नंबर सुझाएंगे। नाम रखनें में पंडित का खर्चा भी होगा। और फिर जब हम किसी का नंबर लिखते है तो उसका नाम भी लिखना पड़ता है, कितनी मुश्किल होती है, जैसे रिमोट ना मिलरहा हो और आपको बैड से उठकर टीवी का चैनल चेंज करना पड़े, ऐसे में हम सोचते हैं कि हम चैनल को आंख दिखाए औऱ वो फौरन चेंज हो जाए।<br />मोबाइल आ गया आदमी आलसी हो गया।नवीन कुमार 'रणवीर'https://www.blogger.com/profile/17518069543329053477noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-53672888181696332222010-05-08T20:34:32.483+05:002010-05-08T20:34:32.483+05:00namaskaar.
is duniyaa men pahachaan to mile chaah...namaskaar.<br /><br />is duniyaa men pahachaan to mile chaahe numbar se hi mile.<br /><br />mobile ke chalan ne bahut kuchh badal diyaa hai. aadami nambar ban kar raha gayaa hai<br /><br />aapakaa blaag aur tippaDiibaajon kii tippaDiyaan dono hii majedaar hotii hain. isii bahaane desh duniyaa kii charchaa ho jaataa hai.achhaa hai.<br /><br />vaise aapakaa naam nahii nahii nambar kyaa hai. aap apanaa nambar dene men kyon darate hai. yahaan jitane log tippadii likhe hain kisii kaa nambar kisii ko pataa nahiin hai.<br /><br />namaskaar.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14573657526655701999noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-38109051826923924192010-05-08T14:50:57.054+05:002010-05-08T14:50:57.054+05:00unique no ka idia achha hai. mobile no apne aaap m...unique no ka idia achha hai. mobile no apne aaap mein ek pachan ban gaya hai. kewal no likh kar hi vigyapit karna nai vidha ban gai hai.गिरधारी खंकरियालhttps://www.blogger.com/profile/07381956923897436315noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-32152019291215795692010-05-08T14:22:45.908+05:002010-05-08T14:22:45.908+05:00सर जी,
प्रश्न यह है कि आप किस तरह से आइडेन्टीफाई ...सर जी,<br /><br />प्रश्न यह है कि आप किस तरह से आइडेन्टीफाई होते हैं ? बहुत जल्द श्री नन्दन नीलकेनी जी देश के सारे नागरिकों को एक नम्बर देने वाले हैं तब सचमुच वही हमारी पहचान बन जायेगा । ध्यान दीजिएगा ,पहले से ही हमारे तीन नाम होते हैं एक जन्म कुंडली वाला राशि के अनुसार , दूसरा घर पर प्रिय जनों द्वारा पुकारे जाने वाला और तीसरा स्कूल के सर्टिफिकेट वाला ।<br /><br />इनमे अब जुड़ रहे हैं - नये उभरते चौथे नाम जिसकी तरफ आप ने इशारा किया है यानी यह मोबाइल नंबर वाली पहचान , पांचवा भी जल्द जुड़ेगा जब यूनीक नम्बर मिलेगा नागरिकता की पहचान के रूप में । <br /><br />इन सब मे उलझ कर रह जायेगी आपकी असली पहचान ।विजय प्रकाश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/17982982306078463731noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-54940242748186146422010-05-08T13:57:50.993+05:002010-05-08T13:57:50.993+05:00सुन्दर आलेख
नम्बर ही पहचान हैसुन्दर आलेख<br />नम्बर ही पहचान हैM VERMAhttps://www.blogger.com/profile/10122855925525653850noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-86607779720430220612010-05-08T12:42:08.406+05:002010-05-08T12:42:08.406+05:00ईस्माइला हरियाणा गांव में दो गांव हैं 9 और 11
परगन...ईस्माइला हरियाणा गांव में दो गांव हैं 9 और 11<br />परगना 24, महम चौबिसी, 36गढ<br />उसके बाद कालोनियों के नम्बर आये नाम की बजाय सेक्टर-1, 2, 3….…।<br />काफी इमारतें और फ्लैट तो नम्बरों से जानी जाती हैं।<br />अब आदमी भी……………बढिया है। वाह<br /><br />जातिवाद फैलाने वाले अब इसमें जातिवाद फैला सकते हैं।<br />ये रिलायंस है, ये आयडिया है, ये टाटा वाला आदमी है :-)<br />बढिया पोस्ट के लिये धन्यवादअन्तर सोहिलhttps://www.blogger.com/profile/06744973625395179353noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-49392427111285459542010-05-08T12:22:31.355+05:002010-05-08T12:22:31.355+05:00इस दौर की हक़ीक़त यही है....
बहुत कुछ बदल गया........इस दौर की हक़ीक़त यही है....<br />बहुत कुछ बदल गया.......ये भी उसी का हिस्सा है.<br />अच्छा लेख या यू कहिए अच्छी फोटो पत्रकारिता..सहसपुरियाhttps://www.blogger.com/profile/09067316996435869621noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-67351544445130743522010-05-08T11:47:46.725+05:002010-05-08T11:47:46.725+05:00"मेरा नंबर ही मेरी पहचान है", शायद इसका ..."मेरा नंबर ही मेरी पहचान है", शायद इसका उचित उदहारण यह Ad है .....<br /><br />"अब मेरा भी नंबर है..."Rakeshhttps://www.blogger.com/profile/10857984367068455011noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-66389401007996792852010-05-08T11:47:46.726+05:002010-05-08T11:47:46.726+05:00This comment has been removed by the author.Rakeshhttps://www.blogger.com/profile/10857984367068455011noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-3730692211431703242010-05-08T11:32:47.171+05:002010-05-08T11:32:47.171+05:00रविश जी, 'मेरा भारत महान' है... यहाँ जेरो ...रविश जी, 'मेरा भारत महान' है... यहाँ जेरो ('०') अनंत का; एक (१) अदिति/ आदित्य यानी सूर्य का, दो (२) नंबर चन्द्रमा का, इत्यादि, इत्यादि '०' से '९' नंबर हमारे पूर्वज दे गए, दस (१०) तक और उन्हें मानव की तुलना में सौर मंडल के विभिन्न अमृत सदस्यों के साथ जोड़ गए (दिग्गजों, अथवा दशानन और दशरथ से, यानी दश दिशाओं के अलग अलग '८' राजा, और दो विपरीत गुण वाले दो राजाओं तक उपरी और नीची दिशाओं के लिए),,,और हर मानव को इन 'ग्रहों' के सार से बना एक अत्यंत अस्थायी पुतला जिसे कलियुग में कोई अज्ञानी नंबर देना चाहता होगा, जैसे जेल में कैदियों को दिए जाते हैं,,,और मजा यह है कि हमारे ज्ञानी पूर्वज 'अमृत आत्मा' को 'अस्थायी शरीर' के भीतर आम कैदी समान कैद बता गए,,,जो एक दिन बिना खबर किये निकल जाता है और किसी दूसरे नंबर के शरीर में चला जाता है बिना कोई संकेत छोड़े,,,और वो दूसरा नंबर किसी जानवर का भी हो सकता है! जिस कारण कुत्ते बिल्लियों आदि को भी नंबर देना आवश्यक है (जो शायद परमात्मा के बस का ही है :) यह कलियुग यानी अंधेर युग की निशानी है शायद...JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-38150954674046128872010-05-08T11:21:22.372+05:002010-05-08T11:21:22.372+05:00रवीश जी को सादर प्रणाम....भाई जी ये तो बहुत बडा पर...रवीश जी को सादर प्रणाम....भाई जी ये तो बहुत बडा परिवर्तन है,सोचिये!एक नाम के तो कितने ही लोग होते है,अगर लोग नम्बरों से पहचाने जायें....तो कभी कोइ गुम ना होने पायेगा..नाम भले गुम जायेगा..चेहरा भले बदल जायेगा..सबका नम्बर ही सबकी पहचान है....गर याद रहे.........Anoop Aakash Vermahttps://www.blogger.com/profile/03733212501581660966noreply@blogger.com