पिछले महीने ही आ गई थी। लेकिन प्रचार को लेकर संकोच कर रहा था। जब देखा कि आमिर ख़ान अपनी बीस करोड़ की फिल्म बेचने के लिए कुछ भी कर सकते हैं तो मुझे भी दो सौ पचीस रुपये की किताब बेचने के लिए सब कुछ करना चाहिए। आप ख़रीद कर पढ़ेंगे तो अच्छा लगेगा। इसे छापा है अंतिका प्रकाशन ने। संपर्क है- 0120-6475212,antika56@gmail.com,www.antika-prakashan.com।
ज़रूर पढेंगे सर.....
ReplyDeleteपढ़ेंगे।
ReplyDeleteअपनी किताब के बारे में बताने में कैसा संकोच। आपको पढ़ना अच्छा और मूल्यवर्धक लगता है। चाहे पत्रकारिता के नाम पर या साहित्य के नाम पर आपकी लेखनी का हमेशा इंतजार रहता है। आज का युग ही है प्रचार-प्रसार का। बिना जानकारी के आपके किताब तक पहुंचना संभव नहीं था। ऐसे में आपने अपनी किताब के बारे में जानकारी देकर हमारी नजर में अच्छा काम किया है। अपनी किताब के विषयवस्तु के बारे में थोड़ी सी जानकारी देते तो ज्यादा अच्छा होता। हम इस उम्मीद में आपकी किताब के खरीदने जाएंगे कि अपने ब्लॉग की तरह आप अपनी पुस्तक में भी अपनी लेखनी का जादू चलाया होगा। अपनी सोच और नजरिए को बेहतर तरीके से अभिव्यक्त किया होगा। आपकी किताब पढ़ने के बाद ही अब उस पर कोई राय देंगे। किताब की जानकारी देने के लिए शुक्रिया।
ReplyDeleteबधाई हो सर जी.. कोशिश करते हैं पढ़ने का..
ReplyDeleteआज प्रचार का युग है .. इसके बिना काम नहीं चलता .. पुस्तक के लिए आपको बहुत बधाई .. इसकी विषयवस्तु का तो पता नहीं चल पाया .. पर आपके नजरिये से किसी भी विषय को पढना अच्छा लगेगा .. कहां मिलेगी ये पुस्तक ??
ReplyDeleteKhariNdeNge.
ReplyDeleteJab kharid hi leNge to padh bhi leNge.
बधाई.
ReplyDeleteसर किताब के बारे में कुछ बताने चाहेंगे,ये हमारी इच्छा है
ReplyDeletemubaraka ravish jee!!
ReplyDeletezaroor padhenge aur gauree jee ne chhapaa hai to production bhi khoob hoga.
shahroz
badhai!
ReplyDeleteI AGREE WID SANGITA JI.....PRODUCT REQUIRES PUBLICITY.
ReplyDeleteसंकोच कैसा भाई, ये तो बहुत अच्छी खबर है. बधाई.
ReplyDeleteपुस्तक की विषय वस्तु के बारे मे तो बतायें, तभी खरीदेंगे। धन्यवाद।
ReplyDeleteआपकी किताब तो जरूर ही पढेंगे क्योंकि हम आपका कोई भी कार्यक्रम नहीं छोड़ते हैं. बधाई.
ReplyDeleteजय हिन्द, जय बुन्देलखण्ड
aapko bahut badhayi
ReplyDeleteदेखिएगा, किताब छपने वाले अक्सर विवादों में फंस जाते हैं....ज़रा संभल के...
ReplyDeleteधोनी की शादी पर ये लेख पोस्ट की थी..
http://baithak.hindyugm.com/2010/07/dogs-media-not-allowed.html
badhai.
ReplyDeleteThis comment has been removed by the author.
ReplyDeletecongrats sir, but kitaab ke baare main kuch likhenge to acha lagega
ReplyDeleteबधाई...
ReplyDeleteबधाई..
ReplyDeleteहार्दिक शुभकामनायें
ReplyDeleteसंकोच क्यों कर रहे थे जी, आप प्रचार नहीं करते तो हमें कैसे पता लगता।
खरीद कर ही पढेंगें।
प्रणाम
औटोग्राफ देकर गिफ्ट कर दो भाई.....एक दो लोगो को....
ReplyDeleteये तो अच्छा हुआ कि हम आए ही आपकी किताब की ख़बर पाकर, सो ज़्यादा कुछ कहने को रहा नहीं।
ReplyDeleteआपके यहाँ आकर मज़ा आया, सो आते रहेंगे।
खरीदें
ReplyDeleteऔर फिर
देखते रहिए
पुस्तक है
या है चैनल
अथवा
विचारों का नल
पर
पढ़ना भी जरूरी होना चाहिए
सिर्फ देखने से ही क्या होगा ?
अभी फुनियाते हैं गौरी भैया को…बधाई आपको
ReplyDeletesir
ReplyDeletekitab to padhenge hi... bahoot bahoot badhai..
aapki kitab kahan milegi. ise jaroor padna chahungi
ReplyDeletebahut bahut badhai sir :)
ReplyDeleteबधाई
ReplyDeleteआजकल 'अपने मुंह-मियां मिठ्ठू' बनने का ही रिवाज है. जिसको मोडेस्ट प्रोमोशन भी कहा जाता है.
ReplyDeleteआजकल 'अपने मुंह-मियां मिठ्ठू' बनने का ही रिवाज है. जिसको मोडेस्ट प्रोमोशन भी कहा जाता है.
ReplyDeleteआजकल'अपने मुंह-मियां miththoo बनने का रिवाज ही चल pada है.. jise मोडेस्ट प्रोमोशन कहा जा sakta है
ReplyDeleteरवीश साहब लिखते रहिये बिना सिले की परवाह किये बगैर क्यूंकी मात्र राजकीय सम्मान- प्रशस्ति पत्र किसी को श्रेष्ठ साहित्यकार नहीं बनाते
"यहाँ अंधे हैं आइनों के गाहक
यहाँ गूंगों को ज़ोमे-खुशनवाई....” [सुरीले कंठ का अहंकार ]
हम भी छपवायेंगे कभी अपनी किताब।
ReplyDeleteलेकिन पहले ढाई सौ वाली पढेंगे।
रवीश जी की किताब आ गयी ...वाह...ब्लॉग और टीवी पर तो आप बतियाते ही रहे है .. अब आपको किताब में भी पद पायेंगे... शुभकामनाये....
ReplyDeleteरवीश जी अभी तक रवीश की रिपोर्ट का प्रमोशन देखा था...आज किताब का भी प्रमोशन देख लिया...भई बिना प्रोमोशन के काम ही कहाँ चलता है....? लगे रहिये रवीश बाबू ... ये बताये इस किताब में किसके बारे में लिखा है आपने....
बहुत बहुत बधाई..जरुर पढ़ी जायेगी.
ReplyDeleteबहुत-बहुत बधाई. आपकी किताब बाजार में आई.
ReplyDeletecongrats sir ji ....aapki kitaab jaroor padege aur dusro ko bhi kahenge padne .....aur mujhe pura yakeen hai ki aapki 250 rs ki kitaab aamir ki 20 crore ki film pe bhari padegi ....
ReplyDeletecongrats on ur new book !
ReplyDeleteक्या बात है बधाई बहुत बहुत, पढ़ना तो पड़ेगा ही।
ReplyDeleteबधाई बहुत बहुत...
ReplyDeleteपढ़ेगें पढ़ेगें ।
ReplyDeleteअभी पता चला, जल्दी ही पढ़ना पड़ेगा
ReplyDeleteरवीश कुमार जी, मैं आपसे मिलना चाहता हूं। मुझे आप तक पहुंचने का और कोई माध्यम नहीं मिला, इसलिए मैंने इस ब्लॉग का सहारा लिया है। उम्मीद करता हूं आप मुझे मना नहीं करेंगे। neerajexpress@gmail.com पर अपना जवाब भेजने का कष्ट करें।
ReplyDeleteबहुत बधाई हो आपको! कुछ जुगाड़ लगाते हैं पाने का. नहीं तो समीर चचा टोरंटो मंगवाएंगे तो हम तो बगले में हैं, धउग के जाके लेले आयेंगे
ReplyDeleteरवीश जी,
ReplyDeleteआपकी किताब के लिए बधाई।
जरूर पढ़ूंगा खरीद कर।
बहुत बहुत बधाई हो...ज़रूर ख़रीद कर पढ़ेंगे....बेचने की चिंता ना करे किताब का पहला संस्करण बिक ही जाएगा...
ReplyDeleteAgle Saptah Patna Ja raha hoon..
ReplyDeleteRavish ki Kitab Patna mein kahan milegi..
padhenge jarur padhenge...are sir, jor jor se bhi nahi padhenge taki padosi apni ek prati khud kharid kar padhe :)
ReplyDeletejarrror padege
ReplyDeleteaachi lagi to dusaro ko bhi kahege.
ReplyDeleteगरदा मचा दिए आप तो
ReplyDeleteगरदा मचा दिए आप तो
ReplyDeleteहमारी तरफ से भी मुबारकबाद ले लो।
ReplyDelete- आनंद
बधाई हो श्रीमान मैंने आपके लिखे लेखा पढ़े काफी अच्छा लिखते है आप. आपकी किताब आएगी जरुर पढेंगे सर
ReplyDeletedear ravish ji
ReplyDeletei wish to congrat u 4 ur impressive writings and timely comments.
ur column in hindustan hindi every wednesday is liked by all of our friends, may GOD bless u with more energy to feel and emphasise social issues, human concerns and individual writer's commitments.
regds, again congratulations and good wishes.
-om sapra
N-22, dr. mukherji nagar,
delhi-9
9818180932
kitab likhne aur prakashit karwane par bahut bahut badhai . aapki kitab padhne par maza to ayega. Jald padhenge. Kya aap bata sakte hai ki jamshedpur me kitab kanha milegi. Achchha hota kitab ke ekadh ansh blob par dal dete.
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