tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post9056277094504495161..comments2024-03-22T11:14:13.300+05:00Comments on कस्बा qasba: मीडिया एक अच्छा बच्चाravish kumarhttp://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-19652348411232583502008-07-06T14:13:00.000+06:002008-07-06T14:13:00.000+06:00एक टीजर देकर गया था कि टी आर पी की हकीकतें सामने ल...एक टीजर देकर गया था कि टी आर पी की हकीकतें सामने लाऊंगा । इन हकीकतों को जानने से पहले ज्यादातर लोगों को ये बताना ज़रूरी है कि ये रेटिंग हासिल करने का तरीका क्या है और कैसे ये आंकड़े तैयार होते हैं । टी आर पी के आंकड़े भारत भर में फैले उन सात हजार मुर्गों की मदद से तैयार किए जाते हैं जो टीआरपी के आंकड़े देने वाली कंपनी के लिए सैंपल हैं, चैनलों के लिए भाग्य विधाता और पत्रकार विरादरी के लिए उनकी अनैतिक वातावरण और बेरोजगारी लाने वाले । मैं इन्हें मुर्गा इस लिए कह रहा हूं क्यों कि ये भाई लोग (अगर टीआरपी कंपनियों की बात मानी जाए ) तो मुफ्त में अपनी जिंदगी को अजाब बनाते हैं । ये अपने घर में बगैर एक भी पैसा लिए एक बक्सा लगाने की इजाजत देते हैं और इजाजत देते हैं हर हफ्ते टीआरपी कंपनियों के आदमी को घर मे घुसने देते हैं । ये आदमी आता है और करीब आधे घंटे की मिस्त्री गिरी करके वो डाटा ले जाता है । इलके अलावा इन मुर्गों को अपना टीवी देखने का तरीका भी बदलना होता है । घर में सेट टॉप बॉक्स के साथ एक रिमोट भी मिलता है इस रिमोट में घर के हर इनसान को अपना वाला बटन दबाकर ही चैनल देखना होता है । यानी दादा जी जब टीवी देखेंगे तो अपना बटन दबाएगे और चुन्नू जब अपना चैनल देखेगा तो वो अपना । इसके अलावा इल घर के किसी भी सदस्य को ये बताने की इजाजत नहीं होती कि टीवी के उपर रखा वो डिब्बा क्या है । यहां तक कि बच्चे भी बाहर अपने दोस्तों को नहीं बताते कि टीवी देखने से पहले रिमोट पर जो बटन दबाया जाता है वो उसे क्यों दबाते हैं । इन मुर्गों का चुनाव कई चीजें देखकर किया जाता है । आमदनी और पढाई लिखाई के हिसाब से इन मुर्गों को चार हिस्सों में बांटा जाता है । लोग इनको एसईसी ए, बी, तथा सी और डी नाम दिया गया है । सी और डी एक ही वर्ग में आते हैं । इसके अलावा आयुवर्ग भी होते हैं जैसे 4+वर्ष 15+वर्ष 25+वर्ष बगैरह । इसके अलावा अलग अलग मार्केट सेगमेंट होते हैं जैसे HSM यानी हिंदी स्पीकिंग मार्केट. और ऑल इंडिया मार्केट. इसके अलावा दस लाख से ज्यादा आबादी वाले इलाकों की टी आर पी अलग होती है और उससे कम वाले बाज़ारों की टीआरपी अलग । सात हजार डिब्बों को उस बाजीगरी से लगाना होता है कि ये सभी ( इलके अलावा भी कई क्राइटेरिया होते हैं ) <BR/><BR/>अब करते हैं चीरफाड़ इस पूरी प्रक्रिया की <BR/><BR/>1. ये आंकड़े सिरफ सीएंडएस यानी केबल टीवी देखने वाले मुर्गों से आते हैं । मेरे पास आंकड़े तो नहीं है पर करीब आधे से कम लोग ही हैं जो डीटीएच और टेरेस्ट्रियल (एंटीना से आने वाला जैसे दूरदर्शन) की जगह केबल टीवी रखते हैं .<BR/>2. ऐसे मुर्गे कैसे मिल सकते हैं जो बगैर चबन्नी लिए तमाम बवाल झेले और घर की प्राईवेसी में हर हफ्ते एक टैमदूत को घुसने दे ?<BR/>3. क्या गारंटी है कि हर बार घर के मेंबर अपना बटन दबाकर ही टीवी देखें । हो सकता है पांच साल का मुन्नू दादा जी के बटन पर ही टॉम एण्ड जैरी देख डाले ।<BR/>4. क्या गारंटी है कि दादा जी अपना फेवरिट चैनल देखते देखते सोएंगे नहीं ।<BR/>5. क्या गारंटी है कि कि घर में हर बार एक सदस्य ही एकबार में चैनल देखेगा ।<BR/>6. ज्यादातर बड़े लोग जब वीकेंड में बाहर होते हैं या फिर कामकाजी दंपतियों के बच्चे स्कूल जाते है तो उनके नौकर ही घर पर टीवी देखते हैं और भूतप्रेत की रेटिंग्स बन जाती है एलीट पैनल की पसंद. यानी एसीसी ए या बी में इस बार खली नंबर वन रहेगा क्योंक घर पर थापा ने उसे देखा है । आरुषि केस में जब इतने नेपाली शामिल हैं तो क्यों न बहादुर उसकी टी आरपी बढाएगा ।<BR/>7. कैसे मुमकिन है कि एसईसी डी और ई के मार्केट में जहां लोग सामाजिक रूप से अक दूसरे से इतना जुड़े होते हैं किसी को डिब्बों के बारे में पता नहीं नहीं चलेगा ।<BR/>8. दिल्ली 6 या ग्वालियर जैसे किसी शहर में अगर हर हफ्ते किसी के घर कोई आदमी आए तो पड़ोसी जिज्ञासु नहीं होंगे । <BR/>9. क्या ये मुमकिन है कि पड़ोसी को उस आदमी के बारे में बताए बगैर ही कोई ऐसे इलाकों में चैन से रह सके ।<BR/>10 क्या किसी रीजनल चैनल के लिए ये जानना नामुमकिन है कि उस के राज्य में दस लाख से ज्यादा आबादी वाला शहर कौन सा है । क्या मध्यप्रदेश में इंदौर की ज्यादा खबरे दिखाकर टी आर पी में खेल नहीं किया जा सकता ।<BR/>11. सबसे उपर ये कि चिंता की कोई बात नही जिन हिंदी समाचार चैनलों की दुर्दशा को लेकर आप चिंतित हैं उनका मार्केट शेयर यानी करीब 50 प्रतिशत सी एंड एस होंम्स में सिर्फ चार से पांच प्रतिशत रहता है और रजत शर्मा का कुकर्मी चैनल इसमें से भी 20 प्रतिशत लोग देखते हैं बस । यानी सिर्फ आधा प्रतिशत टीवी देखने वाले ही देखते हैं इंडिया टीवी को या किसी और नंबर वन खबरिया चैनल को ।<BR/><BR/>संशोधनों का स्वागत हैनुक्कड़ का पनवाड़ीhttps://www.blogger.com/profile/09511596023043815329noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-34524410499303242692008-06-20T12:41:00.000+06:002008-06-20T12:41:00.000+06:00rabish ji aap sahi kha rahe hai ,magar bache or bh...rabish ji aap sahi kha rahe hai ,magar bache or bhi hai jo galti pe galte karte jarahi hai , jiska harjana puri kom ko utana pad raha hai . galti to hoti hi rahe gi jab tak pratibha shifarish ki mohtaj rahe gi . sochana aap jese logo ko hi hoga ki is prakriya me badlaw hona chahiye ya nahi.संदीप सिंहhttps://www.blogger.com/profile/08292119676498666198noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-15635211426799675062008-06-16T18:50:00.000+06:002008-06-16T18:50:00.000+06:00भाई राम कुमार कमेंट लिखने तक तो ठीक है ....लेकिन इ...भाई राम कुमार कमेंट लिखने तक तो ठीक है ....लेकिन इस ब्लॉग पर मै अक्सर ही देखता हूँ कि रवीश जी की धुआँधार चाटुकारिता होती है उनकी हर अदा की तारीफ होती है ....रवीश जी अगर बिना कुछ लिखे ही पोस्ट चिपका दें तो भी बीसियों कमेंट उनकी तारीफ में आ जायेंगे अब ये चाटुकारिता नही है तो क्या है....anil yadavhttps://www.blogger.com/profile/16738905491616336875noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-10796546421293266072008-06-16T13:40:00.000+06:002008-06-16T13:40:00.000+06:00अनिल भाई अगर कोई कमेंट लिख रहा है टू इसमे चाटुकारि...अनिल भाई अगर कोई कमेंट लिख रहा है टू इसमे चाटुकारिता कहा से आ गई. सबसे पहले टू आप अपना ही एक्साम्प्ले ले लीजिये. <BR/><BR/>मीडिया अगर आजकल गजोधर भइया, राखी सावंत और पण्डे-पाखंडियो को दिखा रहा है तो वह टीआरपी के लिए है. आजकल न्यूज़ मिलना मुश्किल हो गया है. किसी भी चैनल पर चले जाइये...कल आईबीएन ७ पर सबसे बरा कंकाल दिख रहा था और डिस्कशन हो रहा था की यह भीम के बेटे घटोत्कच का है या किस राक्षस का. अमा किसी का हो...भाई मेरे न्यूज़ तो दिखा दो की हमारे भारत मे क्या हो रहा है. <BR/>आज एक यह भी न्यूज़ आ रहा था की श्री शांत ने बंगलोर मे झगडा कर लिया है. तिल का तार..Ram N Kumarhttps://www.blogger.com/profile/13203599901505803546noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-5532187878943257472008-06-14T22:26:00.000+06:002008-06-14T22:26:00.000+06:00रविशजी बात तो पते की कही आप ने, लेकिन एक बात तो बत...रविशजी बात तो पते की कही आप ने, लेकिन एक बात तो बताईए की अगर हम अपने गिरेबान में झांक कर देखे तो उन लोंगों जवाब देना उलटा चोर कोतवाल को डांटे वाली बात तो नहीं होगा । आपके जवाब का इंतजार रहेगा.......<BR/>दिनेश .........dinesh mouryahttps://www.blogger.com/profile/05284149038932576333noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-21080396735127802622008-06-14T00:23:00.000+06:002008-06-14T00:23:00.000+06:00फोकटियों नया लेख आ गया है .... आओ और टूट पड़ो....औ...फोकटियों नया लेख आ गया है .... आओ और टूट पड़ो....और रवीश जी की चाटुकारिता में एक दूसरे से आगे निकलने की होड़ में लग जाओ....anil yadavhttps://www.blogger.com/profile/16738905491616336875noreply@blogger.com