tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post8858299228430894120..comments2024-03-22T11:14:13.300+05:00Comments on कस्बा qasba: जलो मत रीस करोravish kumarhttp://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.comBlogger31125tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-79226008549050102302009-12-25T00:12:24.080+05:002009-12-25T00:12:24.080+05:00theek hai, lekin kahin kahin aap likhte wakt dhila...theek hai, lekin kahin kahin aap likhte wakt dhila jate hain,koshish kariye samhal kar likhne kee......Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/08517270923818687635noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-31761729247957678712009-10-07T12:04:35.295+06:002009-10-07T12:04:35.295+06:00बड़ा होकर ट्रक बनूंगा। बहुत खूब। कल मेरे मित्र अपन...बड़ा होकर ट्रक बनूंगा। बहुत खूब। कल मेरे मित्र अपने मोबाइल से ली गई एक तस्वीर दिखा रहे थे।<br />लिखा था- लेट मैं नहीं आप हैं। सराय मीडिया इस विषय पर शोध भी करा रहा है। दीवान में लेख भी छपे हैं। मज़ेदार है इन्हें पढ़ना।ravish kumarhttps://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-37021490606445509762009-10-06T22:20:12.783+06:002009-10-06T22:20:12.783+06:00In one of the newspapers in good old days it was r...In one of the newspapers in good old days it was reported how the messages, such as "OK Tata", conveyed that the concerned transport authorities' palms had been duly greased and the truck may be allowed passage without let and hinderance! <br /><br />Bharat is mahan!JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-16939863220350746022009-10-05T16:20:58.708+06:002009-10-05T16:20:58.708+06:00Pichle saal udaipur gaya tha. Ek auto ricksaw ke p...Pichle saal udaipur gaya tha. Ek auto ricksaw ke peche likha tha "bada hokar truck banoonga"kaisee rahee.Mahendra Singhhttps://www.blogger.com/profile/02983305155812215864noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-4514658914017454562009-10-05T15:47:10.024+06:002009-10-05T15:47:10.024+06:00मारुति नू की चलाणा ओ ता साबणदानी है
बसां नू की चला...<b>मारुति नू की चलाणा ओ ता साबणदानी है<br />बसां नू की चलाणा ओ ता खुद जनानी है<br />ट्रकां नू चलाणा ही मरदां दी निशानी है<br /></b><br />इसका अर्थ हुआ कि मारुति को क्या चलाएं वो तो साबुनदानी जैसी छोटी सी है... बस को क्या चलाएं वो तो जनानी (औरत) है<b> क्योंकि बस चलता नहीं चलती है।</b> इसलिए ट्क को चलाना ही मर्दों की पहचान है। <br /><br />हिमाचल प्रदेश में बरमाणा सिमेंट फैक्ट्री के बाहर मैंने एक ट्रक के पीछे इसे पढ़ा था।Aadarsh Rathorehttps://www.blogger.com/profile/15887158306264369734noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-56890679043652188182009-10-05T14:23:44.791+06:002009-10-05T14:23:44.791+06:00रवीशजी मराठी में "रीस" का मतलब घृणा, देस...रवीशजी मराठी में "रीस" का मतलब घृणा, देसी भाषा में जिसे हम घिन कहते है होता है... राजस्थानी में रीस का मतलब क्रोध होता है ...तो क्या ये समझे की जलो मत हमसे घिन करों...या हमसे क्रोध करो..जो भी भारत कीय ही खासियत है ... यहां हर चार कोस पर वाणी बदलती है और कोस-कोस पर पानी"Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10851288873329425502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-1659866064106537412009-10-05T03:38:10.380+06:002009-10-05T03:38:10.380+06:00bahut khoobbahut khoobAmbarishhttps://www.blogger.com/profile/10523604043159745100noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-84733566949959098682009-10-05T03:36:27.281+06:002009-10-05T03:36:27.281+06:00बहुत ही सही संदेश दिया है आपने, "जलो मत, बराब...बहुत ही सही संदेश दिया है आपने, "जलो मत, बराबरी करो". <br />मुझे अपने बचपन के दिन याद आ गये.. जब संयोग से कभी किसी के मेरे से ज़्यादा अंक आ जाते थे (जो कि बहुत कम ही होता था) और मैं अपने पिताजी को बताता था,"मेरे तो 87 आए, अब उसके 89 आ गये तो मैं क्या कर सकता हूँ.." पिताजी जवाब देते,"अगर तुम्हारे 100 आते तो कोई तुमसे ज़्यादा तो नही ला पाता" वो संदेश मुझे आज भी याद है,"be perfect and no one can beat you"Ambarishhttps://www.blogger.com/profile/10523604043159745100noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-66797587049901295672009-10-04T19:16:40.051+06:002009-10-04T19:16:40.051+06:00गांधी जी का जन्मदिन गया है तो ट्रक के पीछे लिखा हु...गांधी जी का जन्मदिन गया है तो ट्रक के पीछे लिखा हुआ एक स्वच्छ संदेश है---बुरी नज़र वाले तेरा.......भी भला,शशांक शुक्लाhttps://www.blogger.com/profile/00569926392676984136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-79432401717786394712009-10-04T16:22:02.773+06:002009-10-04T16:22:02.773+06:00हां सराय का वह शोध लाजवाब है, ओटो रिक्शा के पीछे क...हां सराय का वह शोध लाजवाब है, ओटो रिक्शा के पीछे क्या है। हमारे यहां भी रिक्शो के पीछे तमाम तरह के संदेस और चित्र गुदे होते हैं.।Girindra Nath Jha/ गिरीन्द्र नाथ झाhttps://www.blogger.com/profile/12599893252831001833noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-33496311545157372572009-10-04T16:13:35.449+06:002009-10-04T16:13:35.449+06:00लेकिन एक संदेश है बिलकुल असली, चैबीस कैरेट का, सौ ...लेकिन एक संदेश है बिलकुल असली, चैबीस कैरेट का, सौ टंच खरा । मूल शायर मिल जाएं तो मेरी बधाई ज़रुर पहंुचाईएगा:-<br />सौ में से निन्यानवें बेईमान/<br />फ़िर भी मेरा भारत महान //Sanjay Groverhttps://www.blogger.com/profile/14146082223750059136noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-54819728023008966162009-10-04T15:37:48.695+06:002009-10-04T15:37:48.695+06:00bihar me tractors pe likha milta hai.....
LATAKALE...bihar me tractors pe likha milta hai.....<br />LATAKALE TO GAILE BETA<br />(LATKE TO GAYE)ashok dubeyhttps://www.blogger.com/profile/05104993946658389378noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-31280920440835708692009-10-04T14:31:33.490+06:002009-10-04T14:31:33.490+06:00आप लोगों ने अनेक तरह के संदेश बताये, पढ़ कर अच्छा ल...आप लोगों ने अनेक तरह के संदेश बताये, पढ़ कर अच्छा लगा, एक खूबसूरत सा संदेश एक कारपोरेट आफिस मे लगा देखा :<br /><br />"Speech is silver then silence is gold"<br /><br />कई बार इसका उपयोग भी किया और कई बार इसे इग्नोर भी किया। जैसा मौका था, परन्तु संदेश अच्छा लगा ।विजय प्रकाश सिंहhttps://www.blogger.com/profile/17982982306078463731noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-3151239611716753552009-10-04T14:00:17.630+06:002009-10-04T14:00:17.630+06:00मुझे लगता है कि संदेश केवल ट्रकों पर ही सही लिखे ह...मुझे लगता है कि संदेश केवल ट्रकों पर ही सही लिखे होते हैं, क्योंकि उनकी किसी के प्रति कोई जवाबदेही नहीं होती। सन्न्न्..से आपके पास से ऑवरटेक कर चुपके से आपको "फिर मिलेंगें" कहते हुए चला जाता है। कोई ज्यादा हॉर्न दे रहा होता है तो "हट पीछे" या फिर सिर झुकाए स्त्री किसी की याद में खोई हुई से बैठी है और ऊपर लिखा है "तुस्सी कद्दों आणगें"...ट्रक ड्राईवरों की जिंदगी की सच्चाई को बयां करती है औऱ दुख को भी। किसी कवि की "गुलाबी चूड़ियां" कविता भी याद आ गई। जिसमें बस का ड्राईवर अपनी सीट के सामनें के शीशे पर छोटी-छोटी गुलाबी चूड़ियां टांगें है, जो उसकी बेटी की हैं। वो उसे याद करा रही है कि गति नियंत्रित रहे औऱ पप्पा जल्दी आ जाना। दुकानों पर चिपके संदेश तो बेचारे उसी तरह होते हैं जैसे कि पनवाड़ी की दुकान पर धुम्रपान न करनें का संदेश चस्पा किया होता है।<br /><br />"फिर मिलेगें"नवीन कुमार 'रणवीर'https://www.blogger.com/profile/17518069543329053477noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-42075989034175209762009-10-04T13:10:25.964+06:002009-10-04T13:10:25.964+06:00एक बार हरियाणा से दिल्ली हाई वे पे हमने एक ट्रक के...एक बार हरियाणा से दिल्ली हाई वे पे हमने एक ट्रक के पीछे लिखा देखा था <b>".आपां तो ऐसे ही चलेगे "</b> हाय बड़ा क्यूट सा लगा था .जैसे एम् टी वी कहता है "वी आर लाइक दिस ओनली ".....अमूमन सरकारी अस्पतालों ओर स्कूलों में ज्यादा होते है पर बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के बिडला मंदिर में जायेगे तो वहां पथ्थरो पे बड़े खूबसूरत मेसेज है .जो आप पर भी अच्छा प्रभाव छोड़ देते है .....डॉ .अनुरागhttps://www.blogger.com/profile/02191025429540788272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-21021139836150654302009-10-04T12:53:52.816+06:002009-10-04T12:53:52.816+06:00Angreji mein yehi antar ('jalan' aur '...Angreji mein yehi antar ('jalan' aur 'rees') 'jealous' aur 'envious' shabdon dwara darshaya jaata hai - jalan aapki sehat ke liye khatrab hai jabki 'rees' aapko barabari karne ki prerna dene ka kaam karega...JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-33204159163814206442009-10-04T11:32:10.386+06:002009-10-04T11:32:10.386+06:00वाकई रवीश जी, हर जगह गजब के संदेश लिखे मिलते हैं। ...वाकई रवीश जी, हर जगह गजब के संदेश लिखे मिलते हैं। अभी कुछ दिन पहले मैंने भी (एक समझदार शहरी का) संदेश अपने ब्लाग पर चस्पा किया था।Lalit Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/07609471801961605077noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-85803675713163522162009-10-04T08:23:17.785+06:002009-10-04T08:23:17.785+06:00हम तो अपनी मास्टरी दिमाग से इत्ता समझ पाए!
जलो मत ...हम तो अपनी मास्टरी दिमाग से इत्ता समझ पाए!<br /><b>जलो मत रेस करो!!</b>प्रवीण त्रिवेदीhttps://www.blogger.com/profile/02126789872105792906noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-61127164552117359872009-10-04T02:52:52.717+06:002009-10-04T02:52:52.717+06:00रवीश जी एक कहावत है की समझधार के लिए इशारा ही काफी...रवीश जी एक कहावत है की समझधार के लिए इशारा ही काफी है.यह सन्देश भी इसी तरह के इशारे की तरफ संकेत करता है. उधारण के लिए अगर दूकानदार को उधारियो से बचना है तो वो स्टीकर लगा लेता है की "आज नगद कल उधार". टेंपो वाले किराया सम्मान से लेने के लिए स्टीकर लागतें है की "किराया न देना भीख मांगने के बराबर है". इस तरह के अनेको उधारण मिल जायेंगे.<br />नमस्कार! <br />कृपया मेरा ब्लॉग भी पढ़े और अपने कमेन्ट दें. <br />http://neemtola.blogspot.comदस्तकhttps://www.blogger.com/profile/02844638941938729914noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-24395747273645909492009-10-04T01:48:19.454+06:002009-10-04T01:48:19.454+06:00sachin kumar
इस तरह के संदेशों से कुछ याद आया। 20...sachin kumar<br /><br />इस तरह के संदेशों से कुछ याद आया। 2002 के आस-पास बैंकिंग की तैयारी कर रहा था। एक दिन मैं सड़क से जा रहा था सामने मेरे कोचिंग के सर दिख गए। मैंने उन्हे नमस्कार कहा...उन्होने कहा 73 गुणा 7= 511. कुछ देर बात हुई फिर अंत में मैने पूछा कि ये 511 वाली बात क्या थी। उन्होने कहा राह चलते आप क्या करते है। कुछ जवाब नहीं सूझ रहा था। फिर उन्होने बताया मैं 73 का पहाड़ा याद कर रहा था। उसके आगे दिन से मैं सड़कों पर चलते वक्त गाड़ी का नंबर देखा करता था। जैसे-5678 मैं उसको multiply करता ये 1680 हो जाएगा पहले 5 की तरफ से गुणा करता फिर अंत की तरफ से...इस बीच कोई दूसरी गाड़ी दिख जाती और कब कहा से कहा पहुंच जाता। इससे मेरी calculation speed बढ़ गयी थी। मैं 200 के set में 180 avg score करने लगा था अभ्यास में 188 तक पहुंचा था...लेकिन ‘भला’ हो तब के वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा का जिन्होने बैंकिंग भर्ती बोर्ड ही भंग कर दी। खैर लेकिन ऐसे संदेश बड़े काम के होते है।SACHIN KUMARhttps://www.blogger.com/profile/07876633469215289831noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-44792857913253776312009-10-04T01:35:54.242+06:002009-10-04T01:35:54.242+06:00sachin kumar
इस तरह के संदेशों से कुछ याद आया। 20...sachin kumar<br /><br />इस तरह के संदेशों से कुछ याद आया। 2002 के आस-पास बैंकिंग की तैयारी कर रहा था। एक दिन मैं सड़क से जा रहा था सामने मेरे कोचिंग के सर दिख गए। मैंने उन्हे नमस्कार कहा...उन्होने कहा 73 गुणा 7= 511. कुछ देर बात हुई फिर अंत में मैने पूछा कि ये 511 वाली बात क्या थी। उन्होने कहा राह चलते आप क्या करते है। कुछ जवाब नहीं सूझ रहा था। फिर उन्होने बताया मैं 73 का पहाड़ा याद कर रहा था। उसके आगे दिन से मैं सड़कों पर चलते वक्त गाड़ी का नंबर देखा करता था। जैसे-5678 मैं उसको multiply करता ये 1680 हो जाएगा पहले 5 की तरफ से गुणा करता फिर अंत की तरफ से...इस बीच कोई दूसरी गाड़ी दिख जाती और कब कहा से कहा पहुंच जाता। इससे मेरी calculation speed बढ़ गयी थी। मैं 200 के set में 180 avg score करने लगा था अभ्यास में 188 तक पहुंचा था...लेकिन ‘भला’ हो तब के वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा का जिन्होने बैंकिंग भर्ती बोर्ड ही भंग कर दी। खैर लेकिन ऐसे संदेश बड़े काम के होते है।SACHIN KUMARhttps://www.blogger.com/profile/07876633469215289831noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-55015218198086606642009-10-04T01:26:18.244+06:002009-10-04T01:26:18.244+06:00अच्छा है! ऐसे ही मन करते रहना चाहिये। रीस का मतलब ...अच्छा है! ऐसे ही मन करते रहना चाहिये। रीस का मतलब मेरी समझ में भी गुस्सा ही होता है लेकिन अब जब कह दिया तो कह दिया। मनीषा का कमेंट पढ़कर मजा आया। :)अनूप शुक्लhttps://www.blogger.com/profile/07001026538357885879noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-63640427505539095182009-10-04T01:15:34.318+06:002009-10-04T01:15:34.318+06:00@ Ratan ji,
हमारे राजस्थान में तो रीस का मतलब क्रो...<b>@ Ratan ji,<br />हमारे राजस्थान में तो रीस का मतलब क्रोध करना होता है |</b><br /><br /> रतन जी, रीस का मतलब भोजपुरी और अवधी में भी क्रोध ही होता है । वास्तव में ये सभी भाषाएं थोडी बहुत बदलाव के साथ हिंदी पट्टी में बोली जाती हैं।सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-3057934203658994612009-10-04T00:29:30.629+06:002009-10-04T00:29:30.629+06:00बदलाव तो प्रकृति का नियम है। संदेश भी बदल रहे हैं।...बदलाव तो प्रकृति का नियम है। संदेश भी बदल रहे हैं।दिनेशराय द्विवेदीhttps://www.blogger.com/profile/00350808140545937113noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-86667095360164726932009-10-03T23:58:11.976+06:002009-10-03T23:58:11.976+06:00सॉरी रवीश। तुम कमेंट देखकर घबरा मत जाना। अभय के यह...सॉरी रवीश। तुम कमेंट देखकर घबरा मत जाना। अभय के यहां करना था, तुम्हारे यहां कर दिया। जाने दिमाग कहां है। कहीं मुझे प्यार तो नहीं हो!मनीषा पांडेhttps://www.blogger.com/profile/01771275949371202944noreply@blogger.com