tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post6606685972805105908..comments2024-03-22T11:14:13.300+05:00Comments on कस्बा qasba: अनंतमूर्ति का भारतravish kumarhttp://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.comBlogger71125tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-89104831072706759732013-10-03T11:28:43.744+05:002013-10-03T11:28:43.744+05:00यू आर अनंतमूर्ति भारत के प्रमुख लेखकों में से हैं ...यू आर अनंतमूर्ति भारत के प्रमुख लेखकों में से हैं । अंग्रेजी के विद्वान अनंतमूर्ति अंग्रेजी साम्राज्यवाद के घनघोर विरोधी हैं । उन पर हमें नाज है । उनको पढ़ा है , पढता हूँ कोर्स में नहीं होने के बावजूद । <br />…. पर दिक्कत हियाँ है कि पब्लिक इंटेलेक्चुअल , एंकर , पत्रकार , लेखक , कलाकार को 'सेक्युलर ' होना पड़ता है । न हो तो दिखना पड़ता है ! <br />अखबारों -पत्रिकाओं -टीभी चनलों पर लेख आ रहे हैं , परिचर्चाएं , बतकही हो रही है ---मोदी को क्यों नहीं <br />प्रधानमंत्री होना चाहिए ! ' टाटा ' कथित तिस्मार्खाओं को बताना पड़ता है कि भारत समेकित 'समुद्र संगम ' संस्कृति का देस है यहाँ मोदी नहीं चलेगा ! अनंतमूर्ति जैसे लोग यही गड़बड़ा जाते हैं ! और कोई भी गड़बड़ा सकता है ---रविश कुमार भी ! मैं भी , आप भी !<br />अब ज इ से कि रविशजी को सावधानी बरतनी पड़ रही है कि ''…. मैं यह पत्र मोदी के समर्थन में नहीं लिख रहा हूँ । ''<br />मोदी गुजरात के मुख् मंत्री हैं …। यहाँ -वहां पहले भी और अब भी दहाड़ रहे हैं ! यदि कोई कमजोर कड़ी हो , मोदी दंगाई हों तो ये सी बी आयी , कोर्ट -कचहरी , केंद्र सरकार …… किस लिए है ? ये सब जो मोदीमय <br />झोल -झाल चल रहा है वह फर्जीगिरी के अलावा कुछ नहीं है ! यह लोकतंत्र नहीं है ! यह पोलितिकल्ली (इन ) करेक्ट ल ह ट म -पह ट म है । <br />ऐसे इंटेलेक्चुअल नहीं हुआ जाता अनंतमूर्ति जी ! मार्क्स के मानवीय सपनों के देशों का हाल आपको पता होगा । सत्ता की हाँ -में -हाँ नहीं मिलाने वाले लेखकों का वहां क्या हुआ आपसे बढ़िया कौन जान सकता है ! इसलिए मत जाइएगा कही यदि मोदी पीएम बन गए तो भी । अमेरिका में देखिये ना प्रोफ चोमस्की से ज्यादा कौन बुश और अमेरिकी नीतियों का आलोचक होगा । आलोचना करना लेखकों का काम -धाम है। रोजी- रोटी है । सृजन है । देस छोड़ना कोई उपाय नहीं है ! <br />और रविश महराजजी आप भी विदेश में फ्लैट -फ्लैट का सुविचार त्याग दीजिये । समय कुविचारों का है । <br />……एक इंटरव्यू मोदी का क्यों नहीं लेते ? इंटरव्यू में आखों में आँख डा ल कर बात कीजिये ! मोदी को लादेन मत बनाइये । सबूत हो तो बना भी दीजिये । हमें क्या लेना -देना । <br /><br />आरे हाँ --वीर सिंघवी , राजदीप , आशुतोष की तरह मत सोचिये । ----प्रमोद के पाण्डेय SAVITA PANDEYhttps://www.blogger.com/profile/10703021668142985877noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-34757022313617518752013-09-24T23:32:28.181+05:002013-09-24T23:32:28.181+05:00Desh ko kyo parvh na ho?are bhai desh ko ache insa...Desh ko kyo parvh na ho?are bhai desh ko ache insanoki zarurat he,desh ki zarurat modi nahi he mare bhai,ek ghandhiji the gujarat ke or ek modi,ek ahinsa ka pujari or ek hinsa ka pujari,ek satya ka pujari or ek juth ka pujari,soch badlo teacher4gujarathttps://www.blogger.com/profile/08865523331543193549noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-37361679912000818832013-09-23T09:15:16.144+05:002013-09-23T09:15:16.144+05:00शायद कुछ मिसअंडरस्टैंडिंग हो गई है:
"I will...शायद कुछ मिसअंडरस्टैंडिंग हो गई है:<br /><br />"I will never leave India. The Sangh Parivar is twisting what I said metaphorically. That is what Modi's fascist followers do."<br /><br /><br />http://www.bangaloremirror.com/bangalore/cover-story/Modis-fascist-followers-tell-lies/articleshow/22865782.cms?Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/01460129699745355621noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-8578404749709808582013-09-22T23:28:26.308+05:002013-09-22T23:28:26.308+05:00आज हमारे एक पत्रकार मित्र की पोस्ट पढ़ी , जो उन्हो...आज हमारे एक पत्रकार मित्र की पोस्ट पढ़ी , जो उन्होंने किसी ब्लॉग के हवाले से लिखा था , उसमे उनकी अभिव्यक्ति का कोई हवाला नहीं था. उस पर मैंने एक प्रतिक्रिया दी थी और उसी पर्तिक्रिया को मे यहाँ लिख रहा हूँ. कही कुछ तो गड़बड़ है हमारे डीएनए मे , कोई खुल कर बात नहीं करता. सब गला काटना चाहते है लेकिन हमें 'उफ्फ' की भी इज़ाज़त नहीं देता. हमरे मार्ग दर्शक सिर्फ फ्रांसीसी क्रांति का इंतज़ार करते नज़र आते है. <br /><br />"कही कुछ बहुत वाहियात बाते हो रही है और भारत के बुद्धिजीवी वर्ग सबसे ज्यादा चाटुकार सबसे ज्यादा सरकारी हराम की शाबासी और सहूलियत और तगमो का लोभी है. गुजरात मे कितने लोगो ने मोदी को वोट नहीं दिया लेकिन मुहं मे दही जैम जाता है जब केंद्र की सरकार के कितने खिलाफ वोट दिया जनता ने या किसी भी प्रदेश की सरकार कितने विरोधी वोट के बाद भी सरकार बनालेती है इस पर कोई बात या आकडे नहीं देता. मै भी और लोगो की तरह अपने से मतलब रखता था लेकिन बुद्धिजीवी वर्ग एवं पत्रकारों की गुलाम एवं चरित्र मै उदासीनता पूर्ण गिरावट ने मुझे यह समझने को मजबूर कर दिया है की इन महा मंडित लोगो ने देश का सबसे ज्यादा बेडा गर्क किया है. जाना है तो जाओ किसने रोका है? कायर हो कायर ही रहोगे, गुलाम थे गुलाम ही रहोगे, तलवे चाटने से जन्नत मिलती है यही सीखा है और जो किया है. कौन सी शिक्षा दे रहे हो? यही कह रहे हो की तुम्हारे मन की न हो तो दुनिया उलटी दिखाओ? शर्म नहीं आती है इस जमात को नाक रगड़ते हुये. यही कह रहे हो की मेरे मन का नहीं हुआ तो भाग जाओ? सत्य यही है की पर्लिमेंट्री सिस्टम मै वही सरकार बनाते है जिसको सबसे ज्यादा वोट मिलते है. यदि यह गलत है तो या तो राज शाही की वकालत करे यह सब बुद्धिजीवी वर्ग एवं पत्रकारों या फिर प्रेसिडेटशिअल सिस्टम की. इस की औकात किसी की भी नहीं है. क्यों की पुरे भारत मे अपने बल पर लड़ने की औकात किसी की भी नहीं है. और जब विरोध मे पड़े वोट की जब आप बात करे तब इसका भी हवाला दे की दुनिया का सबसे पारदर्शी एवं शशक्त डेमोक्रेसी अमेरिका मे है और उनके राष्ट्रपति कितने विरोध के वोट के बात भी ४ साल अमेरिका पर बिना इसकी चर्चा के शासन करते है. सही मे इस तरह के किसी भी व्यक्तव्य से दलाली की ही बू आती है".<br />raj_gargihttps://www.blogger.com/profile/00452127528195486352noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-24100125679471574272013-09-22T19:14:08.929+05:002013-09-22T19:14:08.929+05:00संतुलित,तर्क संगत और निष्पक्ष टिप्पणी है रवीश जी। ...संतुलित,तर्क संगत और निष्पक्ष टिप्पणी है रवीश जी। जो अवाँछित था उसे आपने स्वविवेक से खुद ही सम्पादित कर डाला है। सस्नेह,Gangesh Gunjanhttps://www.blogger.com/profile/15090688675574434748noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-80426279750107856852013-09-22T16:37:10.186+05:002013-09-22T16:37:10.186+05:00कुल त ठीक ही कहें है। भषवा भी नीक है। अगर केहु के ...कुल त ठीक ही कहें है। भषवा भी नीक है। अगर केहु के खराब लगा है त उ रऊये के चलते हुआ है। तनि ललित निबंध स्टाइल मे लिखिए न। manoj kumar raihttps://www.blogger.com/profile/05712887128405756902noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-24304769632207460882013-09-22T13:43:23.914+05:002013-09-22T13:43:23.914+05:00मोदी का जीत जाना कत्तई महत्वपूर्ण नहीं है, महत्वपू...मोदी का जीत जाना कत्तई महत्वपूर्ण नहीं है, महत्वपूर्ण और दुर्भाग्यपूर्ण है प्रतिरोध करने वालों के पलायन का एलान करना ।... बहुत अच्छी बात कही है रवीश जी.<br />नन्दभरद्वाज जी की टिप्पणी पर ध्यान दीजिए.<br />Anil Anand जी, परसाई जी की भाषा में एक अदब होता था .. जिसकी दरकार है. सभी जानते हैं मुहं ऊँचा करके थूकने से क्या होता है!<br />vinod kulasri जी, अनंतमूर्ति जी को किसी के आइडेंटीफिकेशन की जरुरत नहीं है.किसी का अनंतमूर्ति जी को नहीं पढ़ पाना अनंत जी की सीमा नहीं हैं, नहीं पढ़ने वालों की सीमा है. नंदकिशोर नीलमhttps://www.blogger.com/profile/03233395700215518607noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-90582110710518218332013-09-22T13:32:08.931+05:002013-09-22T13:32:08.931+05:00बाबा रामदेव को भी इस चक्कर में रोक लिया गया, क्य...बाबा रामदेव को भी इस चक्कर में रोक लिया गया, क्यूंकि अब विदेशों को डर लगने लगा है कि कहीं पूरा भारत पलायन न कर जाये, जैसा अनंतमूर्ति ने कहा। वैसे भी विश्व में कहीं भी कोई बड़ा हादसा हो, एकाध तो भारतीय शामिल होता ही है। Kulwant Happyhttps://www.blogger.com/profile/04322255840764168300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-7637018643993669182013-09-22T13:29:54.675+05:002013-09-22T13:29:54.675+05:00मैं अनंतमूर्ति की दलील से सहमत नहीं हूं, और आपका प...मैं अनंतमूर्ति की दलील से सहमत नहीं हूं, और आपका पत्र कन्नड़ लेख तक पहुंचे न पहुंचे लेकिन इस तरह की दलील कोई आगे न करे, शायद उसके लिए प्रयास है। <br /><br />अनंतमूर्ति का बयान शायद वैसा ही जब चर्चा के दौरान कोई व्यक्ति खुद को असहाय महसूस करते हुए अपने विरोधी की निजता पर हमला करता है। Kulwant Happyhttps://www.blogger.com/profile/04322255840764168300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-73874452080737917582013-09-21T23:12:34.462+05:002013-09-21T23:12:34.462+05:00मोदी का जीत जाना कत्तई महत्वपूर्ण नहीं है, महत्वपू...मोदी का जीत जाना कत्तई महत्वपूर्ण नहीं है, महत्वपूर्ण और दुर्भाग्यपूर्ण है प्रतिरोध करने वालों के पलायन का एलान करना ।...<br />मुझे सच में बहुत हैरानी होती है कि साहित्य अनिवार्यतः प्रतिरोध की रचनात्मकता है जैसी समझ के बीच जीनेवाला साहित्यिक समाज भी क्यों ऐसे फ्लाइ ओवर के बारे में सोच लेता है..मूर्ति साहब यकीनन मोदी के प्रति अपनी असहमति व्यक्त करने में मार खा गए.<br /><br />विनीत कुमारhttps://www.blogger.com/profile/09398848720758429099noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-79940193241814596112013-09-21T17:24:21.852+05:002013-09-21T17:24:21.852+05:00रवीश जी संतुलित उत्कृष्ट लेखन और रिपोर्टिंग के लि...रवीश जी संतुलित उत्कृष्ट लेखन और रिपोर्टिंग के लिए मुबारकबाद आपको ...vinod kumar panthttps://www.blogger.com/profile/13023602577316575801noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-6205369069024470992013-09-21T16:32:17.115+05:002013-09-21T16:32:17.115+05:00रवीश जी आप हिंदी के बेहतरीन एंकरों में से एक हैं (...रवीश जी आप हिंदी के बेहतरीन एंकरों में से एक हैं (या शायद एक ही हैं) और अनंतमूर्ति जी भारतीय भाषाओं के बेहतरीन लेखकों में से एक। तो सम्मान मैं दोनों का करता हूँ। पर लेखक महोदय ने कोई बहुत आपत्तिजनक बात कही हो ऐसा मुझे नहीं लगता। अभी मोदी साहब बस पी एम पद के उम्मीदवार भर हुए हैं कि उनके अंधभक्त अपनी पार्टी के शीर्षस्थ नेता को गरियाने से बाज नहीं आ रहे हैं। कल्पना कर ही सकते हैं कि वो पी एम बने तो आलोचकों का क्या होगा? उनकी बानरी सेना उनके विरोधियों के सफाए में लग जाएगी। आप अभी नमो बाबा के खिलाफ बोलिए फिर देखिये उनकी बानरीसेना कैसे आपके पीछे हाथ धो कर पड़ जाएगी। आप तो टी वी वाले हैं कुछ हुआ तो हल्ला मच जाएगा। वो तो लेखक हैं उनकी सुरक्षा कौन करेगा। तो उन्होंने सोचा होगा के कट लेते हैं यहाँ से। Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/03014717195779176780noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-81264508006511342882013-09-21T15:49:57.008+05:002013-09-21T15:49:57.008+05:00अपनी दलीलों में भरोसा है तो यहीं रहिये । लड़िये और...अपनी दलीलों में भरोसा है तो यहीं रहिये । लड़िये और हारने के बाद भी लड़ते रहिए । हम आपका सम्मान करेंगे ।SPDR_Sharmahttps://www.blogger.com/profile/04445814696735676226noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-9723258755386990432013-09-21T15:49:43.067+05:002013-09-21T15:49:43.067+05:00अपनी दलीलों में भरोसा है तो यहीं रहिये । लड़िये और...अपनी दलीलों में भरोसा है तो यहीं रहिये । लड़िये और हारने के बाद भी लड़ते रहिए । हम आपका सम्मान करेंगे ।SPDR_Sharmahttps://www.blogger.com/profile/04445814696735676226noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-67007982787969179792013-09-21T11:51:59.112+05:002013-09-21T11:51:59.112+05:00rAVISH JI ACHHE LEKH KE LIYE BADHAYEE. BUDHIJEEVIO...rAVISH JI ACHHE LEKH KE LIYE BADHAYEE. BUDHIJEEVION KA PALAYANVADI HONA UCHIT NAHI NA<br />DAINYAM NA PALAYANAप्रवाहhttps://www.blogger.com/profile/15435043128175358420noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-27485345814571819882013-09-21T11:49:47.415+05:002013-09-21T11:49:47.415+05:00rAVISH JI ACHHE LEKH KE LIYE BADHAYEE. BUDHIJEEVIO...rAVISH JI ACHHE LEKH KE LIYE BADHAYEE. BUDHIJEEVION KA PALAYANVADI HONA UCHIT NAHI NA<br />DAINYAM NA PALAYANAप्रवाहhttps://www.blogger.com/profile/15435043128175358420noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-66293270527080917762013-09-21T11:37:18.225+05:002013-09-21T11:37:18.225+05:00हमारे वीज़ा की भी व्यवस्था हो जाती।हमारे वीज़ा की भी व्यवस्था हो जाती।प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-44818945886451193232013-09-21T11:09:29.618+05:002013-09-21T11:09:29.618+05:00रवीश जी...आपके इस स्तंभ ने मुझे हरी शंकर परसाई द्व...रवीश जी...आपके इस स्तंभ ने मुझे हरी शंकर परसाई द्वारा रचित व्यंग रचनाओ की याद दिला दी...सरल और सटीक व्यंग श्रेणी में उत्कृष्ट रचना है ये...आपको शत्-शत् नमन ...सस्नेह, अनिलAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/06180218100223035909noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-23115081622809185882013-09-21T10:54:03.826+05:002013-09-21T10:54:03.826+05:00This comment has been removed by the author.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/06180218100223035909noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-73414546221555815312013-09-21T10:24:16.197+05:002013-09-21T10:24:16.197+05:00Having enjoyed your writing and your show for some...Having enjoyed your writing and your show for some time now, I am disappointed in this post. UAR was not actually talking of emigrating to another country, he was talking about how he would not want to live in a country that votes someone like Modi to the post of PM. Haven't many of us said the same in jest? There is a fine line of difference between the words and the message intended to be conveyed - I think this once you got a bit carried away or excited in your criticism of him.Niyaahttps://www.blogger.com/profile/08286872917149749564noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-90419387754704700402013-09-21T10:16:17.647+05:002013-09-21T10:16:17.647+05:00रवीश जी आप भारतीय पत्रकारिता की पहचान हैं एक स्तंभ...रवीश जी आप भारतीय पत्रकारिता की पहचान हैं एक स्तंभ हैं , एक मानक हैं ....क्या संतुलित लेख लिखा है आपने अपनी बात कहने के लिए ....दिल से मुबारकबाद आपको आपके उत्कृष्ट लेखन और रिपोर्टिंग के लिए ....!sarfarazasalamevolved.blogspot.comhttps://www.blogger.com/profile/06746327733882168365noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-81427310411849183942013-09-21T08:29:07.926+05:002013-09-21T08:29:07.926+05:00लगता है आनन्दमूर्ति साहब कमल हासन से प्रेरित हैंलगता है आनन्दमूर्ति साहब कमल हासन से प्रेरित हैंदिवेंद्र सिंह 'देव'https://www.blogger.com/profile/03586853086253694014noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-25348367351734319502013-09-21T08:22:09.263+05:002013-09-21T08:22:09.263+05:00Hi Ravish,
I appreciate the commitment and passio...Hi Ravish,<br /><br />I appreciate the commitment and passion with which you 'anchor' news and let me tell you your news is never "gutterchhap". Having said that i would like to underscore the fact that you are getting sentimental over Ananthmurthy's statement which is itself a very strong way of fighting the the threat called Modi to the nation's secular character. Sheer reportage at times does not work to change people's minds as much as a figure of speech does. Further, i am intrigued by how this statement could have helped Modi in any way. As i can see you don;t respond to comments on you blog, but if you deign to oblige, please do so.Hemang Ashwinkumar Desaihttps://www.blogger.com/profile/17342373924879993074noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-22128067960193195912013-09-21T05:32:44.344+05:002013-09-21T05:32:44.344+05:00kuch mufatkhor free me surkhiya chahte hai ..ye ka...kuch mufatkhor free me surkhiya chahte hai ..ye kaun hai moorti? koi nayi kitab likh kar baitha honge..bik nahi rahi hogi<br />dinesh manserahttps://www.blogger.com/profile/01971543575805711996noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-79562140220675516372013-09-21T01:51:12.182+05:002013-09-21T01:51:12.182+05:00yar koi btayega ki 'HINDI' mein type kaise...yar koi btayega ki 'HINDI' mein type kaise kiya jata hai?Rajat Jaggihttps://www.blogger.com/profile/02061602114606540641noreply@blogger.com