tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post6142372048381237457..comments2024-03-22T11:14:13.300+05:00Comments on कस्बा qasba: मूर्तियों में जड़ मत करो विवेकानंद कोravish kumarhttp://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-74548342327844524472012-10-07T22:51:10.049+05:002012-10-07T22:51:10.049+05:00apka blog acha hai, ghatiya rajniti me mahan vyakt...apka blog acha hai, ghatiya rajniti me mahan vyaktiyo ko log apna trade mark banane par tule hai, meri vinati hai apse ki vivekanand ji par to apne likha hi hai, lekin Dr. Amedkar, Shri Ram, adi bhi iske peedit hain, plesae kuch unke liye bhi likhkar hamari jankari badhaiye.<br />Abhayhttps://www.blogger.com/profile/00707202483700693927noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-11533032703064686622012-01-22T22:10:45.043+05:002012-01-22T22:10:45.043+05:00रवीस जी, मैं आपसे सहमत हूँ, परंतु अगर आप विवेकानन्...रवीस जी, मैं आपसे सहमत हूँ, परंतु अगर आप विवेकानन्द की सोच को परखेंगे तो यह पाएंगे तो उन्होने तत्कालीन समय में भारतीय सभ्यता संस्कृति, समाज के सभी आयामों को सत्य की कसौटी पर परखा और उसमें से जो सत्य पाया उसी की प्रचार किया. यह प्रचारित करते समय उन्होने वैश्विक समाज मे आई आधुनिकिता का भी ध्यान रखा. अतः मेरे विचार में उनके द्वारा निष्पादित विचारों को आप वैचारिक संगम की संज्ञा दे सकते हैं.tanayhttps://www.blogger.com/profile/14554894306906841705noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-20262640284418835902012-01-22T22:08:15.642+05:002012-01-22T22:08:15.642+05:00रवीस जी, मैं आपसे सहमत हूँ, परंतु अगर आप विवेकानन्...रवीस जी, मैं आपसे सहमत हूँ, परंतु अगर आप विवेकानन्द की सोच को परखेंगे तो यह पाएंगे तो उन्होने तत्कालीन समय में भारतीय सभ्यता संस्कृति, समाज के सभी आयामों को सत्य की कसौटी पर परखा और उसमें से जो सत्य पाया उसी की प्रचार किया. यह प्रचारित करते समय उन्होने वैश्विक समाज मे आई आधुनिकिता का भी ध्यान रखा. अतः मेरे विचार में उनके द्वारा निष्पादित विचारों को आप वैचारिक संगम की संज्ञा दे सकते हैं.tanayhttps://www.blogger.com/profile/14554894306906841705noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-39434877453093871842012-01-17T20:00:45.395+05:002012-01-17T20:00:45.395+05:00This comment has been removed by the author.Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-34118591424853510092012-01-17T19:59:20.410+05:002012-01-17T19:59:20.410+05:00आपने विवेकानंद जी के बारे में बहुत ही वैचारिक आलेख...आपने विवेकानंद जी के बारे में बहुत ही वैचारिक आलेख लिखा है ! उनके विचार आज भी प्रासंगिक हैं!Anonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-37520335709710805992012-01-17T17:21:37.232+05:002012-01-17T17:21:37.232+05:00Ravish ji,Vivenkanand ne mujhe hamesha prerna di h...Ravish ji,Vivenkanand ne mujhe hamesha prerna di hai. Mera babuji ko bhi woh bahoot priya the.Kolkata ke Ramkrishna ashram aur Kaniyakumari main ghoom aaya hoon.Unke vyaktitva aur chitra main ek ajib sa sneh hai. Jo apko khinchta hai.Unke vichar jivan main utarne ke liye hai na ki murti ke roop main chouraho per lagane ke liye hai vaise hi jaise ke apne likha Gandhi ji tasveer tangne thane ahinsak nahi ho jate.Mahendra Singhhttps://www.blogger.com/profile/02983305155812215864noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-2125816098684661002012-01-16T21:46:24.724+05:002012-01-16T21:46:24.724+05:00Very nicely penned down ...keep writing ...keep sh...Very nicely penned down ...keep writing ...keep sharing Ravish Sir Ria Sharmahttps://www.blogger.com/profile/07417119595865188451noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-34710110097550779802012-01-16T13:40:09.520+05:002012-01-16T13:40:09.520+05:00रवीश जी..अभी हाल ही में कन्याकुमारी विवेकानंद केंद...रवीश जी..अभी हाल ही में कन्याकुमारी विवेकानंद केंद्र गया था. ऐसा मान बैठने की गलती कर बैठा था कि कम से कम यहाँ काम करने वाले लोग विवेकानंद को थोडा बहुत जरूर जानते होंगे.लेकिन निराशा हाथ लगी.एक बुजुर्ग से सज्जन तो कुमारी अम्मान की मूर्ति से बाहर निकालने के लिए राजी ही नहीं थे.यहाँ तक बोल दिया कि अगर तुम कन्याकुमारी देवी के दर्शन नहीं किये तो तुम्हारा हिंदुत्व कैसा और विवेकानंद को क्या समझोगे.बड़ा अफ़सोस हुआ.खैर कुछ कहा नहीं.विवेकानंद साहित्य से काफी लगाव रहा है मुझे.इसलिए कभी कभी पढ़ा भी है.जिस हिंदुत्व की पुरजोर वकालत स्वामी जी ने की है उसमे सारे संत आ जाते हैं.उन्होंने लिखा कि मैं बुद्ध के नास्तिकता में विश्वास नहीं रखता किन्तु बुद्धत्व में रखता हूँ.ऐसे सन्यासी को मूर्तियों बांधकर देखना निश्चित ही हमारी सड़ी गली और पुरोहितवाद से प्रेरित मानसिकता है.संजय भभुआhttps://www.blogger.com/profile/16121674419530599557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-17997731507741069862012-01-16T13:38:47.648+05:002012-01-16T13:38:47.648+05:00रवीश जी..अभी हाल ही में कन्याकुमारी विवेकानंद केंद...रवीश जी..अभी हाल ही में कन्याकुमारी विवेकानंद केंद्र गया था. ऐसा मान बैठने की गलती कर बैठा था कि कम से कम यहाँ काम करने वाले लोग विवेकानंद को थोडा बहुत जरूर जानते होंगे.लेकिन निराशा हाथ लगी.एक बुजुर्ग से सज्जन तो कुमारी अम्मान की मूर्ति से बाहर निकालने के लिए राजी ही नहीं थे.यहाँ तक बोल दिया कि अगर तुम कन्याकुमारी देवी के दर्शन नहीं किये तो तुम्हारा हिंदुत्व कैसा और विवेकानंद को क्या समझोगे.बड़ा अफ़सोस हुआ.खैर कुछ कहा नहीं.विवेकानंद साहित्य से काफी लगाव रहा है मुझे.इसलिए कभी कभी पढ़ा भी है.जिस हिंदुत्व की पुरजोर वकालत स्वामी जी ने की है उसमे सारे संत आ जाते हैं.उन्होंने लिखा कि मैं बुद्ध के नास्तिकता में विश्वास नहीं रखता किन्तु बुद्धत्व में रखता हूँ.ऐसे सन्यासी को मूर्तियों बांधकर देखना निश्चित ही हमारी सड़ी गली और पुरोहितवाद से प्रेरित मानसिकता है.संजय भभुआhttps://www.blogger.com/profile/16121674419530599557noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-29947357064960700062012-01-16T13:33:11.281+05:002012-01-16T13:33:11.281+05:00मनन योग्य..मनन योग्य..Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-19057535542659544612012-01-16T10:37:55.621+05:002012-01-16T10:37:55.621+05:00This comment has been removed by the author.Akhilesh Jainhttps://www.blogger.com/profile/01342599276611624268noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-73866585327210511822012-01-16T00:08:06.492+05:002012-01-16T00:08:06.492+05:00विवेकानंद के विचार और जीनव से बिना गुज़रे हुए न तो...<b>विवेकानंद के विचार और जीनव से बिना गुज़रे हुए न तो उनके विचार को समझा जा सकता है और न ही उनके जीवन को। वो भारत के सन्यासी हैं। एक ऐसा सन्यासी जिसके जगत में भारत का स्वाभिमान है मगर दूसरों का आदर भी। विवेकानंद पूरब के वो सूरज हैं जो भारत में डूबता है तो उसी वक्त पश्चिम में निकल रहा होता है।</b><br />महान लोगों में ये खूबियां होती है .. इसलिए तो सार्वदेशिक और सार्वकालिक महत्व होता है इनका !!संगीता पुरी https://www.blogger.com/profile/04508740964075984362noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-28608340869964406652012-01-15T19:46:52.704+05:002012-01-15T19:46:52.704+05:00महापुरूषों का इस तरह राजनीतिक पार्टीयों द्वारा चुन...महापुरूषों का इस तरह राजनीतिक पार्टीयों द्वारा चुनकर उन्हें अपने आइ़डियोलॉजी से जोड़कर दिखाना अच्छा नहीं लगता। पार्टियों की वैसे भी कोई स्पष्ट उच्च नैतिकता वाली हरकतें नहीं होती ऐसे में महापुरूषों को अपने पार्टी के ब्रैंड अंबेसेडर के तौर पर प्रोजेक्ट करना महापुरूषों के साथ भी अपमानजनक है। उन्हें एक सीमित तबके का प्रतिनिधित्व देकर उनका कद और छोटा ही कर रही हैं ऐसी पार्टियां।<br /><br /> वैसे मुझे लग तो रहा था कि हर राजनीतिक पार्टी अपना अपना महापुरूष चुन चुकी है और उनके नाम पर खोखली राजनीति करती रही है लेकिन विवेकानंद जी को अभी तक किसी ने नहीं चुना। <br /><br /> गहनता से लिखा गया जानकारी देने वाला लेख। कुछ बातों से मैं भी अनजान था, पोस्ट से जानकारी में वृद्धि हुई।सतीश पंचमhttps://www.blogger.com/profile/03801837503329198421noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-82897004362331580252012-01-15T19:28:18.788+05:002012-01-15T19:28:18.788+05:00कतिपय नए पक्षों,घटनाओं पर विचारशील नजर।उन्हें '...कतिपय नए पक्षों,घटनाओं पर विचारशील नजर।उन्हें 'भारतीय राष्ट्रिय आन्दोलन का आध्यात्मिक पिता'की संज्ञा दी गयी थी।ऐसे विराट युग पुरुष को एकांगी सोच में समेटना सही नहीं है।रोहित बिष्टhttps://www.blogger.com/profile/00332425652423964602noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-40456600074689687382012-01-15T17:12:44.618+05:002012-01-15T17:12:44.618+05:00This comment has been removed by the author.Pradeephttps://www.blogger.com/profile/11190069585714751186noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-49618486393138446902012-01-15T17:12:23.271+05:002012-01-15T17:12:23.271+05:00Very informative...thanks you.Very informative...thanks you.Pradeephttps://www.blogger.com/profile/11190069585714751186noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-52596641942975014892012-01-15T16:54:53.941+05:002012-01-15T16:54:53.941+05:00हालाकी मैं विवेकानंद जी के बारे में ज्यादा नहीं जा...हालाकी मैं विवेकानंद जी के बारे में ज्यादा नहीं जानता ...<br />लेकिन वो एक सन्यासी थे...और शायद धर्म और अधर्म की बातों से बहुत उपर उठ चुके थे. वैसे भी वो सन्यास ही क्या जो कुछ काएदे कानून की नीव पर बना हो <br /><br />वो प्रकाश में प्रवेश कर चुके थेPuneethttps://www.blogger.com/profile/16033070878507734895noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-18432556434116269792012-01-15T14:50:49.175+05:002012-01-15T14:50:49.175+05:00गहन विचारपूर्ण आलेख...गहन विचारपूर्ण आलेख...प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.com