tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post6112846728849166720..comments2024-03-22T11:14:13.300+05:00Comments on कस्बा qasba: ब्लागपत्यravish kumarhttp://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.comBlogger10125tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-53850046965507413222007-03-13T20:22:00.000+06:002007-03-13T20:22:00.000+06:00हम भी यहॉं होकर गए हैंहम भी यहॉं होकर गए हैंमसिजीवीhttps://www.blogger.com/profile/07021246043298418662noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-32774458153119916692007-03-13T17:31:00.000+06:002007-03-13T17:31:00.000+06:00दूबे जीब्लाग प्रसिद्ध अब जगत प्रसिद्ध की जगह ले चु...दूबे जी<BR/>ब्लाग प्रसिद्ध अब जगत प्रसिद्ध की जगह ले चुका है । ब्लाग लिखने का मकसद ही है कि अधिक से अधिक लोग पढ़ें । मिठाई की जगह हम आपको ब्लागिठाई खिलायेंगे । पढ़ने के लिए शुक्रिया<BR/><BR/>रवीशravish kumarhttps://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-65286369354405209642007-03-13T15:34:00.000+06:002007-03-13T15:34:00.000+06:00Aap yunhi likhte rahen.hum blogment karte rahenge....Aap yunhi likhte rahen.hum blogment karte rahenge.waise hamare yahan bhi aapka blog kafi famous hota ja raha hai.badhayiyan...muh mitha kab kara rahe hain...batase se.Anil Dubeyhttps://www.blogger.com/profile/13940260890852995932noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-82860216942644055132007-03-13T01:05:00.000+06:002007-03-13T01:05:00.000+06:00ह्म्म, ब्लॉगपत्य,ब्लॉगक,ब्लॉगसास,ब्लॉगबहू सही शब्द...ह्म्म, ब्लॉगपत्य,ब्लॉगक,ब्लॉगसास,ब्लॉगबहू सही शब्द गढ रहे हो।<BR/>टिप्पणी तो ब्लॉग के माथे पर लगी सिंदूर की रेखा की तरह होती है (इसका मतलब होता है रिस्क नही है, चले आओ)<BR/>बकौल शुकुल बिना टिप्पणी पोस्ट उजड़ी मांग की तरह होती है। <A HREF="http://hindini.com/fursatiya/?p=36" REL="nofollow"> बाकी इधर पढो </A><BR/><BR/>तीन साल पहले ब्लॉग-टिप्पणी पर हमने भी एक थीसिस लिखा था, <A HREF="http://www.jitu.info/merapanna/?p=113" REL="nofollow">नोश फरमाएं </A>।Jitendra Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/09573786385391773022noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-86807287659016347522007-03-12T20:58:00.000+06:002007-03-12T20:58:00.000+06:00आपके ब्लॉगपत्य जीवन के लिए हमारी ओर से भी ब्लॉगकाम...आपके ब्लॉगपत्य जीवन के लिए हमारी ओर से भी ब्लॉगकामनाएं स्वीकार कीजिए। :)ePandithttps://www.blogger.com/profile/15264688244278112743noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-27927171164520787772007-03-12T17:34:00.000+06:002007-03-12T17:34:00.000+06:00प्रमोद जी गड़ही कहां खोद रखे हैं । मुझे अधमरा करके...प्रमोद जी गड़ही कहां खोद रखे हैं । मुझे अधमरा करके क्या मिलेगा । हिंदी को दैनिक कालजयी रचनाओं से क्यों वंचित करना चाहते हैं ? मैं अब लेखक के साथ प्रकाशक भी हुआ जा रहा हूं । कभी राजकमल तो कभी वाणी तो कभी सारांश हुआ जा रहा हूं । आप मुझे मत मारें । गड़ही को बचा कर रखिये । कभी किसी व्यक्ति पर हम दोनों की सहमति बन गई तो मिल के कूटा जाएगा । रवीशravishndtvhttps://www.blogger.com/profile/02492102662853444219noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-33418592812007965072007-03-12T16:28:00.000+06:002007-03-12T16:28:00.000+06:00मैं तो फ़िलहाल कमेंटबाज़ ही बन पाया हूं। हर बात कह...मैं तो फ़िलहाल कमेंटबाज़ ही बन पाया हूं। हर बात कहने में कंजूसी कर जाता हूं। ऐसा नहीं कि अपना अलग ब्लॉग बनाना फिज़ूलख़र्ची मानता हूं। दरअसल अपनी चादर ही छोटी है। बस आप कहते जाइए और जो बातें मेरी समझदानी में फंस गई उस पर कुछ बक दूंगा। लेकिन कहते ज़रूर रहिए। क्योंकि मैं कमेंटबाज़ हूं। और इसके लिए आपकी ब्लॉगबाज़ी निहायत ज़रूरी है।Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/17582146888418258654noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-22854620358802457842007-03-12T15:39:00.000+06:002007-03-12T15:39:00.000+06:00ऐसा है, साथी, मैं आपके दफ्त्री सहकर्मियों की तो न...ऐसा है, साथी, मैं आपके दफ्त्री सहकर्मियों की तो नहीं जानता, लेकिन ब्लागजगत में आपकी भाषाई कलाबाजियां जिस तरह की हममें ग्रंथियां उपजा रही हैं, इच्छा तो यही होती है कि आपको किसी गडही में बुडो-बुडो के कूटा जाये!<BR/>-प्रमोद सिंहazdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-7482622990495601702007-03-12T14:39:00.000+06:002007-03-12T14:39:00.000+06:00ब्लॉगपत्य का धर्म आपने बखूबी समझाया है, अच्छा लगा।...ब्लॉगपत्य का धर्म आपने बखूबी समझाया है, अच्छा लगा। स्वीकारें एक ब्लॉगमेण्ट हमारी ओर से भी :-)Pratik Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/02460951237076464140noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-33199296665771582462007-03-12T13:35:00.000+06:002007-03-12T13:35:00.000+06:00ये लीजिये, पहला ब्लागमेंट्स मेरी ओर से। भई पिछले द...ये लीजिये, पहला ब्लागमेंट्स मेरी ओर से। भई पिछले दो-ढाई साल से जो अनुभव हमने किया है उसे आपने शब्द दिया है। <BR/>वैसे शुरुआती दौर में मैं इस मामले खुशकिस्मत रहा, मेरी बॉस ये कहतीं थीं कि मैं ऑफिस का काम निपटाने के बाद अगर ब्लॉगिंग करता हूं तो उससे मेरी रचनात्मकता को विस्तार मिलेगा जो अंतत: संस्थान के हित में होगा... भगवान सभी ब्लॉगरों को ऐसी रहमदिल बॉस दें।SHASHI SINGHhttps://www.blogger.com/profile/15088598374110077013noreply@blogger.com