tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post3659581519085030978..comments2024-03-11T10:40:44.616+05:00Comments on कस्बा qasba: सिन्धु से गंगा: सभ्यता से सनातन तकravish kumarhttp://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.comBlogger36125tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-57271030913057790932014-05-26T00:54:16.690+05:002014-05-26T00:54:16.690+05:00अच्छा है कि सिंधु पाखंड और कर्मकांडों से बची रह पा...अच्छा है कि सिंधु पाखंड और कर्मकांडों से बची रह पाई है.अल्बानिया की किताब जरूर पढूँगी.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/09484580663230554269noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-80748799887082826872014-05-24T12:59:44.871+05:002014-05-24T12:59:44.871+05:00Sir kabhi kuch padhne se hi bht kuch badal jata h!...Sir kabhi kuch padhne se hi bht kuch badal jata h!<br />Is lekh ko na padhta to shayad hi Albania Ki book padhne ka Mann krta aur shayad hi Sindhu nadi ko janne Ki iccha hoti!<br /><br />Lekin ye dono kaam ab jarur krunga...Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10754154254064080454noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-62687631349598749192014-05-23T06:33:17.873+05:002014-05-23T06:33:17.873+05:00Bahut aachha..pics uploaded kijiye...Bahut aachha..pics uploaded kijiye...Anandita Raiyanihttps://www.blogger.com/profile/13718553809167735175noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-79000591910095918072014-05-22T23:28:29.533+05:002014-05-22T23:28:29.533+05:00Bahut sundarBahut sundarSeemaSinghhttps://www.blogger.com/profile/16509388228693159401noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-68287408487263241502014-05-22T23:26:57.313+05:002014-05-22T23:26:57.313+05:00Ravish sir aap kya likhte hain ----ek dum man bhar...Ravish sir aap kya likhte hain ----ek dum man bhar aata hai...padhkar aisa laga jaise main sindhu nadi ke kinare hi hu basRaju Mahtohttps://www.blogger.com/profile/12761525150149610689noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-77402426901112299152014-05-22T23:25:01.358+05:002014-05-22T23:25:01.358+05:00This comment has been removed by the author.Raju Mahtohttps://www.blogger.com/profile/12761525150149610689noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-58749702928193732502014-05-22T18:21:01.886+05:002014-05-22T18:21:01.886+05:00रवीश बाबू
पहले आप चिट्टी लिखते थे। अब आप ब्लॉग ...रवीश बाबू <br /><br />पहले आप चिट्टी लिखते थे। अब आप ब्लॉग लिख कर आलोचना मांगते है। यह विकास भी अच्छा है सरकारी नहीं तो क्या हुआ कम से कम मदारी का मज़मा तो लगता ही है। आप भी लाजवाब है धार्मिकता पर ब्यंग करते है वो भी नदी नाले कर्मकांड के बहाने। इतने पर ही रुक जाइये कही गलती से वेद वेदांग और उपनिषद पर कुछ कहे तो आपके मदारी ……… ही काट खाएंगे। <br /><br />फुर्सत में सोचियेगा की श्री श्री अमिश त्रिपाठी (इममॉर्टल ऑफ़ मेलुहा वाले) वेणुगोपाल धूत उर्फ़ कार्पोरेट योगी (विडिओकॉन) की दुकानदारी के सामने हज़ारी प्रसाद दिवेदी, महापंडित राहुल सांकृत्यायन, रामधारी सिंह दिनकर और दामोदर कोसंबी क्यों नहीं टिक पाये और क्यों कभी देवभाषा होने पर भी संस्कृत आज मृत्यप्राय स्थिति में आकर पंडा - पुजारिओं का मंगलचारण हो गया है साथ में ये भी की कौन से मज़बूरी (कम्पल्सन ऑफ़ कोलिशन) था की देवता लोग या तो साँवले या पशुरूप हो गए और देवियाँ कामायनीरूप ……pravasihttps://www.blogger.com/profile/03477643310271115564noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-55579884291516154152014-05-22T16:10:05.154+05:002014-05-22T16:10:05.154+05:00bat to apki solah aana sahi hai......gujrat bhi ga...bat to apki solah aana sahi hai......gujrat bhi gaye.,banaras bhi gaye...ab delhi ki bari haiAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09093513838446259243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-39443133286137665532014-05-22T15:59:38.534+05:002014-05-22T15:59:38.534+05:00विश्वास जी नामोनिया का इलाज ज़रूरी है नही तो अवसाद...विश्वास जी नामोनिया का इलाज ज़रूरी है नही तो अवसाद बढ़ता चला जायेग. देखो पांडे जी लद्दाख चले गये हैं नदी किनारे अकेले बैठे हैं. घोर मानसिक यंत्रणा से गुजर रहे हैं..क्या आप चाह रहे हैं की पांडे जी अगले पाँच साल वही बैठे रहे? देल्ही चुनाव मैं सांप्रदायिक शक्तियो को रोकना भी तो हैNitin Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04591662949097246379noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-30726517857963211882014-05-22T15:30:11.977+05:002014-05-22T15:30:11.977+05:00nitin bhai namoniya kam se kam 5 sal to chalna hi...nitin bhai namoniya kam se kam 5 sal to chalna hi hai..bekar me paise kharch karwa rahe ho bhai logo keAnonymoushttps://www.blogger.com/profile/09093513838446259243noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-82698208888719111652014-05-22T15:19:26.173+05:002014-05-22T15:19:26.173+05:00मैं तो सदा एक ही आयाम देखता हूँ सिकुलर साहित्या म...मैं तो सदा एक ही आयाम देखता हूँ सिकुलर साहित्या मैं , कभी सलमान रुश्दी , तसलीमा वाला आयाम देखा नही. और यह मोदी बीच मैं कहाँ से ले आए बंधु ? आपको नामोनिया हो गया है किसी हकीम से या यूनानी दवाखाने मैं इलाज करवाइएNitin Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04591662949097246379noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-13013344718686645462014-05-22T14:58:52.352+05:002014-05-22T14:58:52.352+05:00नितिन जी जीवन के एक ही आयाम नहीं होते ...............नितिन जी जीवन के एक ही आयाम नहीं होते ...................आपकी तरह ............politics is dynomic, not stable. ...आपसे बड़ा मोदी समर्थक रहा हु .... लेकिन तर्कों से ......अभद्र भाषा और निजी टिप्पणी से नहीं ...........Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/14762040320425897614noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-49289028663043806232014-05-22T13:37:06.586+05:002014-05-22T13:37:06.586+05:00वाह रविश पांडे हिंदू धार्मिक विधियों को पाखंड कह द...वाह रविश पांडे हिंदू धार्मिक विधियों को पाखंड कह देते हो कभी अमन और भाईचारा फैलने वाली क़ौम की किसी रीति रिवाज पर उंगली उठना फिर समझ मैं आ जाएगा धार्मिक असहिष्णुता का असली मतलब.<br />वैसे लद्दाख मैं अपना पसंदीदा काम करो और बताओ कितने जात हैं वहाँ kaun उँचा कौन नीचा कौन किसका वोटर है . सामाजिक न्याय हो रहा है की नही.?<br /> वहाँ किसी मांझी को CM बनाने के लिए अब्दुल्ला साहब से भी पूछ लेनाNitin Shrivastavahttps://www.blogger.com/profile/04591662949097246379noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-70832064760256098282014-05-22T13:26:24.338+05:002014-05-22T13:26:24.338+05:00Uttam lekh. Kamal ji ka vyang bhi jabardast ha.Uttam lekh. Kamal ji ka vyang bhi jabardast ha.Mahendra Singhhttps://www.blogger.com/profile/02983305155812215864noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-90806435645484092272014-05-22T12:59:15.554+05:002014-05-22T12:59:15.554+05:00nata log to nadiyo ke bare me khub bolte hai par j...nata log to nadiyo ke bare me khub bolte hai par jab nadiya bolti hai to vinash hi hota hai kya uttarakhand bhul gaye..ab to nadiyo me bhi dar ho gaya hai ki kisi bhasan me mera nam na aa jaye.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/03660590234352577518noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-5530462081226741812014-05-22T12:16:15.283+05:002014-05-22T12:16:15.283+05:00Kitna aasaan hai hindu devi devta par vyang karna....Kitna aasaan hai hindu devi devta par vyang karna... koi virodh nahi.. agar koi aawaaj utaye to communal ho jaaye... aapko yaad ho na ho.. ek dusre dharm ke jo ki secular kahe jaate hain inke eest dev ka cartoon banne par saari duniya me aag lag gayi thi... <br />Respected author ji.. agar aap me himmat ho to ek aisa hi vyang so called secular community ke bare me isi blog ke comment me likhe.. tab mai bhi jaanu ki aap asli vyangkaar hai.. dhanyavaad.<br />govind ballavhttps://www.blogger.com/profile/05021114074356420965noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-25050277941754705502014-05-22T12:13:45.013+05:002014-05-22T12:13:45.013+05:00Hello Ravish Ji,
Main aapke sare blogs padta hu p...Hello Ravish Ji,<br /><br />Main aapke sare blogs padta hu par comment aaj pehli baar kar raha hu. Waise toh aapke sare hi blog aache hote hai par Aapka yeh blog dil ko chu gaya aur aaj ruka nhi gaya comment karne se.<br /><br />Internet par dekh raha hu kaha se milegi yeh Albania ki book.<br /><br />Aapka follower<br />Jitender Saini<br /><br />Jitender Sainihttps://www.blogger.com/profile/02364006980294525432noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-60534101893599610882014-05-22T12:01:27.264+05:002014-05-22T12:01:27.264+05:00Sindhu ke alava BRAHMPUTRA bhi nadi nahi Nad hai.....Sindhu ke alava BRAHMPUTRA bhi nadi nahi Nad hai..govind ballavhttps://www.blogger.com/profile/05021114074356420965noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-68994829970554715262014-05-22T11:57:20.857+05:002014-05-22T11:57:20.857+05:00वाह सर... आपने सिन्धु नदी को याद किया धन्यवाद... आ...वाह सर... आपने सिन्धु नदी को याद किया धन्यवाद... आपके अनुसार लोग सिन्धु नदी को भूल गए है लेकिन आपको पता है की नहीं मुझे नहीं मालूम लेकिन आज भी कई मन्त्रों में सिन्धु का नाम लिया जाता है... एक बात और आपने सिन्धु का तो जिक्र किया और थोड़ा उस सभ्यता का भी लेकिन ये आर्यों की सभ्यता थी उसका भी जिक्र कर देते तो अच्छा होता... उसी आर्य की जिसके कारण इस देश का नाम आर्यावर्त पड़ा.... और उस सनातन संस्कृति का भी जिसका support करने पर लोग communal हो जाते हैं..... केवल चुटकी लेने के लिए लिखे हैं तो कोई बात नहीं लेकिन कोई blame करने से पहले उस विषय की जानकारी होनी चाहिए... नया example केजरीवाल जी है कि किसी को भी चोर कह देते है और साबित करने में टांय-टांय फिस.... <br />govind ballavhttps://www.blogger.com/profile/05021114074356420965noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-1069833278054618822014-05-22T11:29:25.709+05:002014-05-22T11:29:25.709+05:00'आप जहाँ बैठे हैं या बैठे थे' उसके लिए यही...'आप जहाँ बैठे हैं या बैठे थे' उसके लिए यही कहूँगा रविशबाबू कि 'आप बहोत खुश-क़िस्मत हैं!" खैर.....<br /><br />हर संवेदनशील-व्यक्ति नदियों को लेकर भावुक हो ही जाता है.और जैसे हर गाय को माँ माना जाता है वैसे ही हर नदी भी माँ ही लगती है. कौन-सी नदी होगी जिसने हमको 'पोषा' न होगा! पारिवारिक-अतीत बनारस-गंगा-विंध्यांचल से ही जुडा हुआ है लेकिन घाटों ने कभी आकर्षित नहीं किया क्यूंकि वहां शांति नहीं है-मोक्ष का तो सवाल ही नहीं पैदा होता. घाटों को छोड़ किसी भी नदी से एकात्म में कही भी मिलिए, कुछ बूंदे करुणामयी माताओं के लिए छलक ही आती हैं. यहाँ पुणे में भी बहोत सी माँ हैं लेकिन सबका रास्ता रोकने को बाँध खड़े-पड़े हैं. उम्मीद है आने वाला समय नदियों और हमारे लिए बेहतर होगा.<br /><br />:-)Abhayhttps://www.blogger.com/profile/05137491308746254697noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-24951880894173990422014-05-22T11:15:51.272+05:002014-05-22T11:15:51.272+05:00एक छोटा सा व्यंग लिखा है। यहाँ पोस्ट कर रहा हू। ...एक छोटा सा व्यंग लिखा है। यहाँ पोस्ट कर रहा हू। पूरी उम्मीद है आपको पढने में मजा आएगा। <br /><br />भगवान श्री राम अयोध्या से लापता<br />भगवान श्री राम का पिछले १५ दिनो से कोई अता-पता नहीं था। अयोध्या में सभी लोग बहुत चिंतित थे। भगवान श्री राम बिना किसी को बताये इतने दिन के लिए कही आते जाते नहीं है परन्तु इस बार किसी को थाह भी नहीं लगने दी। लक्ष्मण की चिंता बढ़ती जा रही थी। रावण का वध हो चूका था तो किसी और के अंदर राम का अपहरण करने की ताकत नहीं थी। लक्ष्मण ने गुप्तचरों को चारो तरफ राम की खोज में भेज दिया और ऋषि मुनियों को बुलाकर राम की सलामती के लिए यज्ञ शुरू कर दिया। राम का वापस आना बहुत जरुरी था क्योंकि उन्होंने अयोध्या के एनुअल एकाउंट्स पर अभी तक हस्ताक्षर नहीं किये थे और दूसरी तरफ इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस पर नोटिस भेज रहा था। <br /><br />अब भगवान श्री राम को लापता होकर कुल ३० दिन बीत चुके थे। गुप्तचरों को कोई लीड नहीं मिल रही थी। भगवान श्री राम अपना GPS कुण्डल भी महल में छोड़ कर चले गए थे। लक्ष्मण ने आखिर हार मानकर हनुमानजी और सुग्रीव को बुलाने का निर्णय लिया। लक्ष्मण ने ये निर्णय देर से लिया क्योंकि सुग्रीव के वानर सेना का खर्च उठाना बहुत महंगा है और इस बार तो मार्च के सर्विस टैक्स का पेमेंट भी नहीं हुआ है। हनुमानजी को तो जैसे तैसे ताज पैलेस के VVIP सूट में ठहरने का इंतज़ाम करवा दिया परन्तु सुग्रीव की बानर सेना को कहा ठहराए ? अंततः सुग्रीव की बानर सेना को रामलीला मैदान में ठहराने का इंतज़ाम किया गया। हनुमानजी और सुग्रीव की सेना भगवान श्री राम की खोज में लग गए। <br /><br />४५ दिन बीत चुके थे और अभी भी भगवान श्री राम का कोई अता पता नहीं था। हनुमानजी और सुग्रीव हर मीटिंग में राम को न ढूंढ पाने के नए नए बहाने देते थे। सुग्रीव सेना का एक बंदा जो आईआईएम से mba करके आया था उसने अपने प्रेजेंटेशन में साफ साफ बता दिया की हो सकता है भगवान श्री राम मलेशियन एयरलाइन को ढूंढने चले गए है और हमें अब उन्हें कलयुग में जाकर ढूंढना पड़ेगा। लक्ष्मण ने कहा तुम्हारी बात में दम है परन्तु कलयुग में जानेवाली मशीन तो अभी तक नहीं बानी है। झट से आईआईएम वाला बोल पड़ा की एनिसेंट एलियन में दिखता है की पुष्पक जहाज एक स्पेस क्राफ्ट है और शायद उससे हम काल में सफर कर सकते है। अब लक्ष्मण ने रिटायर्ड लोगो की कमेटी बनाकर उन्हें कलयुग में भेजने का प्रस्ताव दिया। जामवंत जी उस दाल के चेयरमैन थे।<br /><br />सतयुग से कलयुग में आने का सफर बहुत ही लम्बा था आखिर करोडो प्रकाशवर्ष की दुरी तय करके जामवंत जी कलयुग में पहुँच गए। जहाँ भी जाते लोग उन्हें घूर घूर कर देखते। कई बार तो प्राणी संग्रहालय वाले उनके पीछे पड़ गए और उन्हें जानबचाकर भागना पड़ा। कई दिन बीत चुके थे परन्तु भगवान श्री राम का कोई अता पता नहीं था। जामवंत जी रोज़ स्काइप पर अपना दिन भर का ब्यौरा लक्ष्मण को दे देते थे। आखिर एक दिन जामवंत को लीड मिल गई। किसी ने बताया की कुछ दिन पहले एक आदमी भगवान श्री राम का वेश बनाकर यहाँ आया था और कह रहा था मुझे नमाज पढनी है। परन्तु लोगो ने उसे कोई बहरूपिया और पागल समझकर भगा दिया। शाम को जामवंत जी ने लक्ष्मण को स्काइप किया तो पता चला की भगवान श्री राम अयोध्या आ चुके है। <br /><br />भगवान श्री राम के आने पर एक चिंतन सभा बुलायी गई। उस सभा में सभी ने भगवान श्री राम से इतने दिन लापता रहने का कारण पूछा।<br /><br />भगवान श्री राम ने कहा की वो एक दिन शाम को अयोध्या की यात्रा कर रहे थे तभी उन्होंने ने एक धोबी को बोलते सुना की भगवान श्री राम सेक्युलर नहीं है। मै धोबी के पास गया और उससे पूछा की भाई ये सेक्युलर का मतलब क्या होता है। धोबी ने बताया की जो हिन्दू मस्जिद में जाकर नमाज पढता है उसे सेक्युलर माना जाता है। धोबी ने बताया की उसे कही से पता चला है की भगवान श्री राम के पास सेक्युलर होने का सर्टिफिकेट नहीं है। मैंने धोबी से पूछा की भाई ये सर्टिफिकेट कहाँ बनता है तो उसने बताया की कलयुग में कुछ राजनितिक दल है जो मस्जिद में नमाज पढने पर हिंदुवो को सेक्युलर सर्टिफिकेट गैरंटी के साथ बनाकर देते है। धोबी कह रहा था की अगर इस बार भगवान श्री राम के पास सर्टिफिकेट ना होगा तो मुझे वोट नहीं करेगा और इस लिए मै सेक्युलर सर्टिफिकेट बनवाने कलयुग में चला गया था। <br /><br />भगवान श्री राम की कलयुग यात्रा का जिक्र फिर कभी करेंगे। <br /><br />https://twitter.com/ActorInLifeकमलhttps://www.blogger.com/profile/03191683692596888259noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-75009944135391984682014-05-22T11:07:24.005+05:002014-05-22T11:07:24.005+05:00धन्यबाद रविश जी ऐसा टॉपिक चुनने के लिए. नदियाँ सदा...धन्यबाद रविश जी ऐसा टॉपिक चुनने के लिए. नदियाँ सदा से ही मानव सभ्यता की जीवन रेखा रही है.नदी-घाटी सभ्यता से आगे आ जाने के बाद भी हमारे जीन में इसका डीएनए मौजूद है.कुछ नहीं जानते हुए भी भावुक हो जाते हैं.सिन्धु नदी से हमारा भावनात्मक लगाव न के बराबर है.एक ऐतिहासिक ज्ञान है. सरकार के लिए इस नदी का दोहन करना या पाकिस्तान को सबक सिखाना - यही दो उद्देश्य है.रविश जी अन्य नदियों की तरह इस नदी पर भी खतरा है. आपने सिन्धु को zanskar से मिलने से पहले देखा है या बाद में, यह तो पता नहीं लेकिन दोनों का फर्क समझना रुचिकर होगा. तिबत्तन पठार जो की विश्व का तीसरा सबसे बड़ा बर्फ का भण्डार है, गर्मी में बढ़ोतरी के कारन तेजी से पिघल रहा है. तिबेत्तन ग्लेसिअर विश्व के किसी ग्लेसिअर की तुलना में बहुत ही तेजी से पीछे की तरफ हट रहे हैं. रविश जी नदियों को नाले में बदलते मैंने अपने इसी जीवन काल में देखा है.खैर, विकास के इस अन्धनुकरण के दौर में कौन सोचे. सिन्धु की कसम लोग क्यूँ खाए.बाप की कसम कोई खाता है भला. कसमें तो माँ की खाई जाति है.ऋग्वेद सिन्धु एकमात्र नदी है जो पुल्लिंग (पुरुष)है.<br />मुझे लगता है कि गंगा का सजावटी निखार करने का प्रयास किया जाएगा. गंगा को प्रतीक बनाकर भूपेन हजारिका ने एक गीत लिखा और गाया था- वो गंगा तुम, वो गंगा बहती क्यूँ हो. Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/01117226831708884317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-89921291582635056022014-05-22T11:04:04.644+05:002014-05-22T11:04:04.644+05:00Gambhir Lekin sundar lekh sir ji.Gambhir Lekin sundar lekh sir ji.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/02278213236422842791noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-82995548971513020332014-05-22T10:41:08.944+05:002014-05-22T10:41:08.944+05:00Koshi Nadi dekhe hue 15 sal se jyada ho gaya ab n...Koshi Nadi dekhe hue 15 sal se jyada ho gaya ab nahi pata ye nadi kaisi dikhti hi.Suna hi Vikas ho gaya hi.Pul, Bandh, Road sab ban gaya hi.<br /><br />Dhoop me us nadi ka rup ur usme chamakti Machliya hamesha ke liye sath ho gai.<br />Subah ur sham kabhi nadi kinar nahi Gujar saki , us samay bhi sundar hi dikhta hoga.<br /><br />Us tarah se ab shayad kabhi na dekh sakuAnonymousnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-81545710667381088312014-05-22T10:38:46.467+05:002014-05-22T10:38:46.467+05:00बहुत सुन्दर आलेख रविश जी। सच्चाई यही है की अभी तक ...बहुत सुन्दर आलेख रविश जी। सच्चाई यही है की अभी तक हम नदियों के अस्तित्व को लेकर चिंतित दिखते है। शायद इनका विलुप्त और इनके धार का स्वरूप बदलना बस एक कारण भर है। हमें इनका अस्तित्व अपने वजूद को बनाये रखने के लिए आवश्यक है इस अवधारणा से मुक्त है। कुछ के गंभीर चिंता को छोड़ दिया जाय तो ज्यादातर इसमें मुद्दा ही ढूंढते रहे है। आम जन आस्था के सैलाब में डुबकी भर लगाने के आगे इसमें तैरने से कतराते ही है। कौशल लालhttps://www.blogger.com/profile/04966246244750355871noreply@blogger.com