tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post3364723470366212541..comments2024-03-11T10:40:44.616+05:00Comments on कस्बा qasba: अटारी वाया अटैचीravish kumarhttp://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-15560576947729810202007-02-20T23:47:00.000+06:002007-02-20T23:47:00.000+06:00अच्छा है...अच्छा है...azdakhttps://www.blogger.com/profile/11952815871710931417noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-64661687061951126872007-02-20T13:31:00.000+06:002007-02-20T13:31:00.000+06:00बहुत दिनों बाद आखिर आप मिल ही गये संवाद करने को. अ...बहुत दिनों बाद आखिर आप मिल ही गये संवाद करने को. अब तक आपकी बातों पर कान लगा रहता था अब आपके कान में भी कुछ कह पाऊंगा. सालों से आपकी एक-एक रिपोर्ट जैसे आज भी आंखों के सामने हैं. और कल तो गज़ब ही गया... कल हमारे अपने रवीश कुमार का व्यवस्था पर गुस्सा ऑनएयर फुट पड़ा. उन्हें झुंझलाहट थी कि हालात बदलते क्यों नहीं... कैसे हमारे नेता चैनलों पर चेहरे चमकाते हुए सफेद झूठ बोल जाते हैं? आप जैसे चंद पत्रकारों का गुस्सा ही तो जो आज चैनलों की भेड़चाल में कुछ उम्मीद जगाये हुये है. अब आप आप यहां कस्बे में हैं तो मुलाकात होती रहेगी. मौका निकाल कर हमारे <A HREF="http://www.lokmanch.com" REL="nofollow">लोकमंच</A>पर भी आइयेगा.SHASHI SINGHhttps://www.blogger.com/profile/15088598374110077013noreply@blogger.com