tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post2344199028484265554..comments2024-03-22T11:14:13.300+05:00Comments on कस्बा qasba: सेक्स सर्वेravish kumarhttp://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-37106101371304787712007-11-18T16:24:00.000+06:002007-11-18T16:24:00.000+06:00आप के विचार से मै कुछ सहमत हू कि आज भी हमारे हिन...आप के विचार से मै कुछ सहमत हू कि आज भी हमारे हिन्दुस्तान में एक निन्तात गोपनीय विषय में कोई महिला इस तरह से प्रश्न के उत्तर दे सकती है । हम आज भी इतने ज्यादा पश्चिमी नही हुये है कि खुल कर बात कर सके । आप स्वंम् मीडिया कर्मी है । येसी रिपोर्ट की असलियत भली भांती जानते है । ऐसी रिपोर्ट को शायद आफिस के एक कमरे में बैठकर लिखनी होती है । विषय ऊपर से बताये जाते है कि इस पर रिपोर्ट करनी है । सुबह की मीटिंगं मे दिशा निर्देश दे दिये जाते है कि आज इस विषय की स्टोरी करनी है । डेली रूटिन के साथ एक एक्सक्लूसिव भी देनी है । तो इनकी असलियत आप और हम जानते ही है ।<BR/>शशिकान्त अवस्थी<BR/>कानपुर ।शशिश्रीकान्त अवस्थीhttps://www.blogger.com/profile/02111757713040186217noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-66034959013206205442007-11-16T12:56:00.000+06:002007-11-16T12:56:00.000+06:00इस देश में सबसे ज्यादा खुल कर बात राजनीति पर की जा...इस देश में सबसे ज्यादा खुल कर बात राजनीति पर की जाती है. जब राजनीतिक सर्वे की विश्वसनीयता सवालों के घेरे में हो तब इतने नितांत निजी विषय पर किये जाने वाले सर्वे का भरोसा कैसे किया जा सकता है. बहुत सही लिखा आपने. ........ऋतेश पाठकhttps://www.blogger.com/profile/02479171308078803692noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-25702717884157601982007-11-13T09:30:00.001+06:002007-11-13T09:30:00.001+06:00This comment has been removed by the author.Unknownhttps://www.blogger.com/profile/10549142893444959051noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-32230063801309772352007-11-13T09:30:00.000+06:002007-11-13T09:30:00.000+06:00करीब ५ साल क्बल एक ऐसे ही सर्वे से रु-ब-रु होने का...करीब ५ साल क्बल एक ऐसे ही सर्वे से रु-ब-रु होने का मौका मिला था. मेरे एक परिचित इंडिया टुडे के लिए सर्वे कर रहे थे. हमसे कहिन की ये लो ४० पेपर हैं, इनमे मनमाना भर दो. मैं ताजा-तरीन समस्तीपुर से आया था सो विवाह-पूर्व संबंधों वाले कालम में "ना" ही भर दिया, ४० के ४० में. सोचा दिल्ली में भी लोग मेरे जैसे ही सोचते होंगे. बाद में पूछा की टोटल सैम्पल कितना था तो बोले १२००. अब बताईये ४० फर्जी तो केवल मैं ने भरे थे. बाकी भी होंगे मुझ जैसे. तो ये रहा आपका सर्वे. आज पत्रकार बन गया हूँ एक अंग्रेज़ी पत्रिका में तो इसको और करीब से देख रहा हूँ. छलावा अभी भी जारी हैUnknownhttps://www.blogger.com/profile/10549142893444959051noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-6156407661626494892007-11-12T13:17:00.000+06:002007-11-12T13:17:00.000+06:00सवाल काफी गूढ़ है, एक दो शब्दों की टिप्पणी मे सिर्...सवाल काफी गूढ़ है, एक दो शब्दों की टिप्पणी मे सिर्फ़ चर्चा को आगे ले जाया जा सकता है, ना की किसी निष्कर्ष की आशा की जा सकती है. बात की गंभीरता और गरिमा बनाए रखने के लिए बधाईपुनीत ओमरhttps://www.blogger.com/profile/09917620686180796252noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-60953447194681387782007-11-12T09:13:00.000+06:002007-11-12T09:13:00.000+06:00सेक्स सर्वे फर्जी होते हैं। इसमें मुझे तो कोई संदे...सेक्स सर्वे फर्जी होते हैं। इसमें मुझे तो कोई संदेह नहीं है। लेकिन, इतनी सटीक और तीखी टिप्पणी इस पर पहली बार देखी। शनिवार को नाम नहीं नंबर वाली आपकी स्टोरी देखी। बहुत अच्छे से की आपने। मैंने इसी विज्ञापन से जोड़कर विज्ञापनों की दुनिया पर 30 अक्टूबर को एक ऐसा ही लेख लिखा था। विचार आगे बढ़ा, बहुत बढ़िया लगा। <BR/>http://batangad.blogspot.com/2007/10/blog-post_6072.htmlBatangadhttps://www.blogger.com/profile/08704724609304463345noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-71349738909689174022007-11-11T18:53:00.000+06:002007-11-11T18:53:00.000+06:00कई सेक्स सर्वे के आंकडों एवं तरीकों की जांच (पिछले...कई सेक्स सर्वे के आंकडों एवं तरीकों की जांच (पिछले 20 सालों मे) करने के बाद मैं इस निष्कर्ष पर पहुंचा हूँ कि अधिकतर सर्वे छद्म-जानकारी पर आधारित है. शायद उनमें 10% सत्य, 40% कल्पना, एवं शेष सिर्फ हवा है -- शास्त्री <BR/><BR/>हिन्दी ही हिन्दुस्तान को एक सूत्र में पिरो सकती है.<BR/>इस काम के लिये मेरा और आपका योगदान कितना है?Shastri JC Philiphttps://www.blogger.com/profile/00286463947468595377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-14113484288358022742007-11-11T18:31:00.000+06:002007-11-11T18:31:00.000+06:00धारणायें बदल रही है और समाज को देखने और दिखाने का ...धारणायें बदल रही है और समाज को देखने और दिखाने का तरीका भी। संडे के पेपर और टीवी चैनलों के कार्यक्रमों मे वोही पढाया दिखाया जाता है, जो बिकता है।नितिन | Nitin Vyashttps://www.blogger.com/profile/14367374192560106388noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-29987423433436277652007-11-11T14:05:00.001+06:002007-11-11T14:05:00.001+06:00मैं जो कहने जा रहा हूँ उसे पढ़ कर ये न समझिएगा की म...मैं जो कहने जा रहा हूँ उसे पढ़ कर ये न समझिएगा की में आपसे शादी करवाना चाहता हूँ (आजकल कुछ भी मुमकिन है न) पर कहे बिना रहा नही जाता, "हमारे और आपके विछार काफी मिलते हैं जी"... मैंने ही उस दिन SMS भेजा था आईडिया की रिपोर्ट देख कर.. 'Thanks भेजने के लिए "thanks'Aarishhttps://www.blogger.com/profile/09913586286960488716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-11207699942134233302007-11-11T14:05:00.000+06:002007-11-11T14:05:00.000+06:00This comment has been removed by the author.Aarishhttps://www.blogger.com/profile/09913586286960488716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-17519712559705330702007-11-11T14:02:00.000+06:002007-11-11T14:02:00.000+06:00This comment has been removed by the author.Aarishhttps://www.blogger.com/profile/09913586286960488716noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-63148999342983859072007-11-11T12:06:00.000+06:002007-11-11T12:06:00.000+06:00जब किसी समाज में विकास होता है तो पहले समाज टूटता ...जब किसी समाज में विकास होता है तो पहले समाज टूटता है और बाद में संस्कृति. ये सेक्स सर्वे मेरी इस बात को पुष्ट कर देती हैRajesh Roshanhttps://www.blogger.com/profile/14363549887899886585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-61449530286183644302007-11-11T11:27:00.000+06:002007-11-11T11:27:00.000+06:00इसमे कोई शक नही, कि समाज मे सेक्स सम्बंधित धारणाए ...इसमे कोई शक नही, कि समाज मे सेक्स सम्बंधित धारणाए बदल रही है। ऐसा नही कि यह बदलाव सिर्फ़ बड़े शहरों तक सीमित हो, छोटे शहरों मे भी बदलाव देखे जा सकते है। शादीशुदा लोगो के लिए मूल कारण है, डबल इंकम नो सेक्स/किड्स। पति पत्नी दोनो अपने अपने कैरियर मे इतने बिजी है कि एक दूसरे के लिए वक्त नही निकाल पाते, घर से ज्यादा समय अपने आफिस/ट्रिप मे बिताते है। कैरियर की चाह मे, घर-परिवार पीछे छूटा जा रहा है।नतीजतन दोनो ही किसी ना किसी रुप मे अपने आफिस के किसी साथी से अपनत्व बना बैठते है, जो स्थायी तो नही होता, लेकिन कुछ समय के लिए इमोशनल और शायद फिजीकल सपोर्ट भी देता है। सीधा सीधा डिमांड एन्ड सप्लाई का रुप एप्लाई होता है।<BR/><BR/>युवाओं मे कॉल सेंटर के बढते अवसरों से अमरीकी सभ्यता का असर बढता जा रहा है, वे आधे भारतीय और आधे अमरीकी हो रहे है। इसलिए सोच भी अमरीकी होती जा रही है, मौज और मस्ती की नयी परिभाषाएं गढी जा रही है, किसी भी चीज से गुरेज नही। कुल मिलाकर देखा जाए तो भारत मे काफी तेजी से पश्चिमी सभ्यता का असर बढ रहा है।Jitendra Chaudharyhttps://www.blogger.com/profile/09573786385391773022noreply@blogger.com