tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post125785261076077690..comments2024-03-22T11:14:13.300+05:00Comments on कस्बा qasba: बेलमुंड ज्योतिषीravish kumarhttp://www.blogger.com/profile/04814587957935118030noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-60902598518529359362008-07-05T16:58:00.000+06:002008-07-05T16:58:00.000+06:00चलिए इसी बहाने देश में एक और मार्केट तैयार हो गई ह...चलिए इसी बहाने देश में एक और मार्केट तैयार हो गई है.zeashan haider zaidihttps://www.blogger.com/profile/16283045525932472056noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-5531813630647783392008-07-04T11:55:00.000+06:002008-07-04T11:55:00.000+06:00Kasam se aaj kal to nwes channels ke jtotishiyo ko...Kasam se aaj kal to nwes channels ke jtotishiyo ko dekh kar darr jata hu.. .. naya libaas naya chasma darawani aanken aur datne wale tone mein bhavishawani... kasam se agar mera bas chala to inhe kisi sin akele mein amruag jarurtravel30https://www.blogger.com/profile/00114463185726816112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-68322677214247230742008-07-01T21:20:00.000+06:002008-07-01T21:20:00.000+06:00रवीश जी, क्या खूब कही..... मज़ा आ गया...चैनल जिस दि...रवीश जी, <BR/>क्या खूब कही..... मज़ा आ गया...<BR/>चैनल जिस दिशा में जा रहे हैं....<BR/>अब तो भगवान बचाए!Rajeshhttps://www.blogger.com/profile/04165703694551551711noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-32992032989393452462008-07-01T11:54:00.000+06:002008-07-01T11:54:00.000+06:00आप बजा फरमाते हैं। शायद इसके पीछे सायकालॉजी यह हो ...आप बजा फरमाते हैं। शायद इसके पीछे सायकालॉजी यह हो कि जब ज्योतिषी खुख्वार होंगे, तभी दर्शक डरेंगे। जैसे धर्माख्यानों में डरा-डरा कर भक्तों में भक्ति की भावना जगायी जाती है।Dr. Zakir Ali Rajnishhttps://www.blogger.com/profile/03629318327237916782noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-25804630885810644792008-06-30T21:46:00.000+06:002008-06-30T21:46:00.000+06:00ऐसा क्या है कि भूत प्रेत तंत्र मंत्र चमत्कार ओझा औ...ऐसा क्या है कि भूत प्रेत तंत्र मंत्र चमत्कार ओझा औघड़ आदि सिर्फ़ हिन्दी के न्यूज़ चैनल्स पर ही दिख रहे है ?हिन्दी टीवी पत्रकारिता किस ओर उन्मुख है ?<BR/>आप ज़्यादा बेहतर समझ सकते है क्योंकि आपकी stories सिर्फ़ TRP मैं ही पिछड़ती है .sanjay vyashttps://www.blogger.com/profile/12907579198332052765noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-6394563916616153242008-06-30T20:47:00.000+06:002008-06-30T20:47:00.000+06:00पूर्णेंदू भाई ने बिलकुल ठीक कहा कि इन चौबीस घंटे क...पूर्णेंदू भाई ने बिलकुल ठीक कहा कि इन चौबीस घंटे की चकल्लस वाली चैनलों के पास कहने के लिये कुछ नया नहीं हैं.लेकिन निश्चित रूप से कहा जा सकता है कि दर्शक भी अब समझदार होता जा रहा है और ये कुचक्र जल्द ही ख़ारिज होगा.sanjay patelhttps://www.blogger.com/profile/08020352083312851052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-8049383757571346582008-06-30T19:54:00.000+06:002008-06-30T19:54:00.000+06:00बहुत सही purnendu भाई मजा आ गया आपकी टिप्पणी पढकर...बहुत सही purnendu भाई मजा आ गया आपकी टिप्पणी पढकर.... आपने चाटुकारिता से पीछा छुड़ाकर कुछ काम की बात की है ....वरना जिस तरह ये माच्चो टाइप चैनल अपना टाइम खुरापाती चीजों को दिखाने में जाया करते हैं वैसे ही .... कुमार आलोक.... जैसे लोग इस ब्लॉग का उपयोग कुछ काम की बातें करने की जगह ....चाटुकारिता में ही अपना तन-मन अर्पण कर देते हैं ....anil yadavhttps://www.blogger.com/profile/16738905491616336875noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-38534997877190894712008-06-30T15:44:00.000+06:002008-06-30T15:44:00.000+06:00बजे की जगह बजाय पढ़ेंबजे की जगह बजाय पढ़ेंshuklapurnenduhttps://www.blogger.com/profile/02006518186314801515noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-1990424988636342042008-06-30T15:41:00.000+06:002008-06-30T15:41:00.000+06:00कुछ चैनल हैं जो न्यूज़ चैनल होने का दावा करते हैं।...कुछ चैनल हैं जो न्यूज़ चैनल होने का दावा करते हैं। कुछ पार्टिया हैं जो समाजवादी और साम्यवादी होने का दावा करती हैं। पर सामने वाला जो दावा कर रहा है वो हकीकत हो ऐसा उसके चरित्र को देखकर ही समझा जा सकता है। मेरा मानना है की ज्यादातर चैनल जो कि न्यूज़ चैनल के नाम पर दिखाए जाते हैं दरअसल वो न्यूज़ चैनल हैं ही नही। और हद तो ये है कि इन २४ घंटे के तथाकथित समाचार चैनलों के पास २४ में एक घंटे का भी वक्त सही ढंग का समाचार दिखाने के लिए नही है। और कुछ चैनल तो ऐसे हैं माच्चो टाइप दिन भर कुछ भी पेलते रहते हैं (क्या करें कंट्रोल नही होता आख़िर धैर्य की भी सीमा होती है )सालों ने पत्रकार के बजे ऐय्यारों को भर रखा है। हम सब भी कम चूतिये नही हैं जो अपना कीमती वक्त ( फोकट भाई माफ़ करें ) इन महा...........चैनलों के बारे में लिख कर बर्बाद कर रहे हैं। सालों को इससे भी टी आर पी मिलती है। इग्नोर करना ही सही होगा। <BR/>और आख़िर में एक बात। कुछ सुधी जन यही सब देखते रहते हैं कि ये माच्चो टाइप चैनल क्या दिखा रहे हैं। ऐसे सुधी जनों से विनम्र निवेदन है कृपया इनकी टी आर पी बढ़ाने में भागीदार न बनें।shuklapurnenduhttps://www.blogger.com/profile/02006518186314801515noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-5285848683666935242008-06-30T00:12:00.000+06:002008-06-30T00:12:00.000+06:00ravish ji, bahut hi umda likha hai , kai baar jab ...ravish ji, bahut hi umda likha hai , kai baar jab main ye programs dekta hoon to dar lagta hai ki kahin abhi inme se ek bahar na nikle . abke agar nikla to bolega"kyon be hamare upar likhi post pe comment deta hai aur hansta hai,lagta hai tere mangal ko rahu aur ketu ko shani se milana padega "मयूरhttps://www.blogger.com/profile/16501492326085930640noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-58126239891568949012008-06-29T23:07:00.000+06:002008-06-29T23:07:00.000+06:00अभी दो की ही गुंजाइश है-खूबसूरत या खूंखारअभी दो की ही गुंजाइश है-खूबसूरत या खूंखारSatyendra Prasad Srivastavahttps://www.blogger.com/profile/11602898198590454620noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-2327556053575390882008-06-29T22:32:00.000+06:002008-06-29T22:32:00.000+06:00koi bharosa nahi ye channel vale kisi din sadak pa...koi bharosa nahi ye channel vale kisi din sadak par bhavishya batane vale panditon ke mitthuaon ka live program kar deAnil Pusadkarhttps://www.blogger.com/profile/02001201296763365195noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-19746203203637480102008-06-29T20:31:00.000+06:002008-06-29T20:31:00.000+06:00‘Jyoti’ arthat ‘prakash’ se ‘jyotish’ shabda ki ut...‘Jyoti’ arthat ‘prakash’ se ‘jyotish’ shabda ki utpatti hui. Agyan ke andhkar se gyan ke prakash yani ujale ki ore lejane wala tha yeh shastra, kintu Satya Yuga mein poora hua. Kali Yuga athva ‘andher yuga’ mein avashyambhavi hai agyanta ka hi prabhav adhik hona…TV ke karan belmund mein bhi dikhne lage hain, jyotishi hi nahin any kshetraon mein bhi…Satya Yuga ke Shivji ko arpit phal jaise…<BR/><BR/>Aisa mana jata hai ki Krishna yani Kalu natkhat hone ke karan kal ko Satyuga se Kaliyuga ki ore le ja rahe hain - yani vipareet disha mein usi ‘fokatiya’ shunya ki ore jis-se drama athva Ram leela/ Krishna leela kabhi bhootkal mein arambh hui thi… Aur kahavat hai, “Majboori ka nam Mahatma Gandhi (ek aur ‘belmund’).” Bazaar mein kewal jhoot hi bikega, aur majboori mein kharida bhi jayega…JChttps://www.blogger.com/profile/05374795168555108039noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-78834493303873916472008-06-29T19:15:00.001+06:002008-06-29T19:15:00.001+06:00Bahut shandar post hai.Aapne to jyotish ka sach ba...Bahut shandar post hai.Aapne to jyotish ka sach bata diya hai.Arfanhttps://www.blogger.com/profile/16416890931155242547noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-39580169690161648062008-06-29T19:15:00.000+06:002008-06-29T19:15:00.000+06:00Bahut shandar post hai.Aapne to jyotish ka sach ba...Bahut shandar post hai.Aapne to jyotish ka sach bata diya hai.Arfanhttps://www.blogger.com/profile/16416890931155242547noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-52564217791690465112008-06-29T18:06:00.000+06:002008-06-29T18:06:00.000+06:00वाह चतुवेॆदी जी वो तोता वाला कंसेप्ट अगर चैनल वाले...वाह चतुवेॆदी जी वो तोता वाला कंसेप्ट अगर चैनल वाले ले आये तो बडा मजा आयेगा ...तोता को पंछियों में ब्राह्ण समझा जाता है जब वो पिंजडे से बाहर निकलता है और एक पुजाॆ उठाकर तमाशे वाले पंडित जी को देता है सचमुच चैनलों पर दिखने वाले बेलमुंड ज्योत्सियों से ज्यादा प्रासांगिक और दशॆनिय लगता है ।कुमार आलोकhttps://www.blogger.com/profile/05450754013929589504noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-79347000611172249552008-06-29T17:12:00.000+06:002008-06-29T17:12:00.000+06:00पता नही आगे आगे क्या क्या देखने को मिलेगा रवीश भाई...पता नही आगे आगे क्या क्या देखने को मिलेगा रवीश भाई। भगवान ही मालिक।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-75232616374673409582008-06-29T16:54:00.000+06:002008-06-29T16:54:00.000+06:00रवीश भाई, समाज में भले ही महिला ज्योतिषियों की ताद...रवीश भाई, समाज में भले ही महिला ज्योतिषियों की तादाद बहुत कम है लेकिन हिन्दी समाचार चैनलों पर महिला ज्योतिषी भी अब पीछे नहीं हैं, अनुपात निकालेंगे तो फिफ्टी-फिफ्टी बैठेगा. हर चैनल ने महिला ज्योतिषी बिठा रखी हैं, अगर इन्हें ज्योतिषी कहने में ऐतराज हो तो टैरो कार्ड रीडर, क्रिस्टल गेज़र कह सकते हैं. अब कसर रह गयी है हस्तरेखा विशेषज्ञों, रमल विद्या जानने वालों, तोता से भविष्य वाला कार्ड निकलवाने वालों की.<BR/><BR/>देखते जाइए, जिस दिशा में टीवी चैनल जा रहे हैं उसमें यह सब भी होगा. आज कल एक चैनल पर महिला क्रिस्टल गेज़र का प्रोमो आ रहा है, जिस तरह वह बोलती है उससे मारे डर के रोएँ खड़े हो जाते हैं. आख़िर में वह कहती है- आपका अमंगल नहीं होगा, सुनाने में आता है- आपका मंगल नहीं होगा!विजयशंकर चतुर्वेदीhttps://www.blogger.com/profile/12281664813118337201noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-13270751015946072922008-06-29T15:33:00.000+06:002008-06-29T15:33:00.000+06:00बात ज्योतिष की चली है रवीश भाई तो दूर तलक जाएगी. ह...बात ज्योतिष की चली है रवीश भाई तो दूर तलक जाएगी. हमारी चैनलों का इस बात के लिये तो अभिनंदन किया जाना चाहिये कि नये नये काँसेप्ट ढूँढ निकालते हैं. सो क्रिएटिविटी के लिहाज़ से तो इनका ख़ैरमकदम(?) करना चाहिये. अब रही ज्योतिष की बात तो इसका प्रभाव तो हर युग में रहा है और रहेगा भी क्योंकि मनुष्य मूलत: एक परेशान रूह है.ज़िल्लतें हैं,तल्ख़ियाँ हैं और हैं ज़माने भर के तनाव.सब अपने किये कराए ...लेकिन समाधान चाहिये नजूमी की किताब में.उसके चिंतन,केलक्यूलेशन और मशवरे में.और हाँ याद आया सबसे बड़ी परेशानी इस समय की है न्यूक्लियर फ़ैमिली <BR/>पध्दति का ईजाद हो जाना.आज आदमी पिता,चाचाओं से अलग रहता है,अपने निर्णय हैं,अपनी ग़लतियाँ हैं और हैं अपने क्रिएट किये हुए दुराग्रह. पहले देखिये संयुक्त परिवार थे..तीन भाई साथ रहते ..किसी एक का समय ख़राब चल रहा है तो दूसरे का ठीक चल रहा है,तीसरा परेशान,बीमार है तो पहला मस्त है ...सो परिवार का समय कभी ख़राब होता ही नहीं था. अब जिन परेशानियों को हमने बटोरा है तो ज़माना तो उसे भुनाएगा ही.दुकान भी चलाएगा. एक अच्छे-भले शास्त्र की रेड मार कर रख दी है. आपके बहुचर्चित एवं बहु-पठित ब्लॉग के ज़रिये एक वाक़या शेयर करना चाहूँगा.मुझे लगता है काफ़ी लोगों को इससे ज्योतिष का फ़ंडा साफ़ हो जाएगा.<BR/><BR/>आज़ादी के पहले मेरा शहर इन्दौर एक रियासत था.होल्कर रियासत जिसकी क्रिकेट टीम के जलवे पूरे विश्व में थे.महाराज शिवाजीराव होल्कर बेंडा राजा (बेंडा मालवी में सिरफ़िरे को कहते हैं)के नाम से जाने जाते थे. उनके महल के सामने से यदि कोई पुरूष खुले माथे (पगड़ी/टोपी बग़ैर)निकल नहीं सकता था.<BR/><BR/>अंग्रेज़ भारत आ चुके थे.स्थानीय साहब बहादुर ने एक दिन बेंडा राजा को ख़बर दी कि एक अंग्रेज़ एस्ट्रॉलाजर इन्दौर आया है और ग़ज़ब का केलक्यूकेशन देता है. एक बार महाराज उसके हुनर को परखें.महाराज ने पहले प्रस्ताव नकार दिया.बाद में अंग्रेज़ बहादुर के इसरार पर उस अंग्रेज़ ज्योतिष को दूसरे दिन का समय दिया. <BR/><BR/>ठीक समय पर ज्योतिषि रेसीडेंसी कोठी से बग्घी में सवार हुआ.राजबाडे़ (महाराज के निवास) पर पहँचा.जैसे ही बग्घी से उतरा , राजप्रासाद के भव्य बड़े दरवाज़े की दोनो तरफ़ से जहाँ सुरक्षाकर्मी या दरबान खडे रहते हैं , दो सिपाही निकले और अंग्रेज़ एस्ट्रॉलाजर के माथे पर जम के जूते जमाना शुरू किये. इस अनपेक्षित हमले के लिये ज्योतिष तैयार नहीं था.चिल्लाया..वॉट इज़ धिस फ़ुलिशनेस ! (ये क्या बदतमीज़ी है) ऊपर झरोखे में बेंडा राजा ठहाके लगा कर चिल्लाया...डिडंट यू चैकअप<BR/>योर ओन हॉरोस्कोप टुडे दैट धिस इज़ गोइंग टू हैपन (क्या आज आपने ख़ुद अपनी जन्म पत्री नहीं देखी जिसमें आपको ये जूते खाने का लिखा होगा)<BR/><BR/>रवीशभाई क्या आज कोई बेंडा राजा है इन धंधेबाज़ ज्योतिषियों के लिये ?sanjay patelhttps://www.blogger.com/profile/08020352083312851052noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-91235495133637984772008-06-29T15:09:00.000+06:002008-06-29T15:09:00.000+06:00माफ़ कीजियेगा मैं इन ज्योतिष्यो के बारे में बोलते ...माफ़ कीजियेगा मैं इन ज्योतिष्यो के बारे में बोलते वक्त थोड़ा आप लोगो से छुट चाहूँगा... एक दर्शक फ़ोन पर पूछता है गुरु जी मेरा फला फला को जन्मदिन है, मुझे मेरी राशि नही मालूम, टकला ज्योतिष कहता तुम्हे यही नही मालूम.... मैं कुछ नही कर सकता. किसी और को फ़ोन करो. ये लाइव प्रोग्राम की बात है.Rajesh Roshanhttps://www.blogger.com/profile/14363549887899886585noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-6145298560011119245.post-56493402866876917752008-06-29T14:23:00.000+06:002008-06-29T14:23:00.000+06:00आप ज्योतिषी की बातें करते हैं, धार्मिक चैनलों के प...आप ज्योतिषी की बातें करते हैं, धार्मिक चैनलों के प्रवचनकार भी इससे बढ़कर और गए गुजरे हैं!रवि रतलामीhttps://www.blogger.com/profile/07878583588296216848noreply@blogger.com