ऊपर के कथन प्रदीप पंडित के हैं । डायमंड बुक्स ने नरेंद्र मोदी के भाषणों का संकलन छापा है । यह पुस्तक वैचारिक घनत्व के प्रतीक पुरुष राजनाथ सिंह को समर्पित है । ढाई सौ रुपये की इस किताब में नरेंद्र मोदी के तीस भाषणों का संकलन किया गया है । दावा तो शब्दश का है लेकिन कई जगहों पर मामूली त्रुटियाँ भी नज़र आईं । इसमें पटना के गांधी मैदान में दिया गया वो भाषण भी जिसके नीतीश ने परख़च्चे उड़ा दिये थे । जिसका जवाब मोदी की तरफ़ से आना बाक़ी है । उम्मीद है फ़रवरी मार्च की उनकी प्रस्तावित बिहार रैलियों में इसकी झलक मिलेगी । मगर एक साथ नरेंद्र मोदी के भाषणों को पेश करना निश्चित रुप से अच्छा आइडिया है । उम्मीद है कांग्रेसी इसे पढ़कर उन्हें कुछ जवाब दे सकेंगे ! जो मोदी के भाषणों को कई बार पूरा सुने या सुनें बिना ही अपनी बात कहकर निकल जाते हैं । मोदी के भाषणों से लगता है कि वे राहुल के भाषणों को सुनते हैं और अगली रैली में बिन्दुवार जवाब देते हैं । राहुल मोदी को लेकर ऐसे बात करते हैं जैसे कभी उनके टीवी सेट पर मोदी का भाषण ही नहीं आया होगा । उस लिहाज़ से मनमोहन सिंह ने ज्यादा सीधा वार किया है । सोनिया भी कर रही हैं लेकिन उनके हमले को सुनकर यही लगता है कि वे भी मोदी को ठीक से नहीं सुनतीं । नीतीश कुमार ने ज़रूर उनके पटना वाले भाषण को तीन चार बार पढ़ा होगा ! ऐसा लगा ।
पुणे के फ़र्गुसन कालेज में मोदी के भाषण का अंश इस प्रकार है- " वीर सावरकर जी प्रशिक्षा काल में जिस जगह पर रहकर स्वातंत्र्य देवी की उपासना करते थे उस कक्ष में जाने का मुझे सौभाग्य मिला । भारत माँ की उत्कृष्ट सेना करने की तीव्रतम इच्छा के वाइब्रेशन्स उस कक्ष में अनुभव किये ।" इसी तरह से उनके तमाम भाषणों को एक साथ देखने से आप उनकी ख़ूबियाँ,अंतर्विरोध, तथ्य का कथ्य और कथ्य का तथ्य देखेंगे । जो आलोचक हैं उन्हें पढ़ना चाहिए और जो प्रशंसक हैं उन्हें भी । एक नेता को समझने का यह एक अच्छा प्रयास है । हाल ही में कोबरा स्टिंग के संदर्भ में अरुण जेटली का बयान पढ़ा था कि मोदी का विरोध व्यावसायिक रूप से भी लाभदायक हो गया है । इस किताब को देखकर लगता है कि मोदी का समर्थन या भाषणों का संकलन भी घाटे का सौदा नहीं है ! कुछ ही दिन पहले न्यूज़ एजेंसी ए एन आई ने एक रिपोर्ट की थी कि आगरा की रैली में मोदी जिस कुर्सी पर बैठे थे उसे ख़रीदने की होड़ लग गई है । भाड़े पर फ़र्नीचर देने वाला भी कुर्सी की क़ीमत समझ गया है । इसलिए बेचने से मना कर दिया । इंदौर में किसी ने उस कुर्सी के लिए दो लाख रुपये की पेशकश कर दी जिस पर मोदी बैठे थे । समझे !
22 comments:
Ravish Ji...Saalon pahle Ravish ki report ke ek bihar se realted episode mein aapka ek punch line aaj bhi yaad hai..."Gadi patri par aa gayi hai lekin raftaar bahut dhima hai..pata nahi kabtab gumti par ruka rahega bihar...". kya lagta hai aapko...gadi ki raftaar kabhi tez ho paayegi...Nitish Ji ne bhi bahut samay le liya lekin raftaar badha nahi paaye abhi tak...
बोलोगे तभी तो सुने जाओगे, बोलना महत्वपूर्ण है, समझना तो दार्शनिकों का काम है,
असली बात तो है कि मैं बोलू और मैं ही अर्थ बताऊँ, आखिर बात तो मेरी ही है फिर मेरी बातों का कोई दूसरा व्यक्ति अर्थ कैसे निकाल सकता है?
मैंने बोला मेरे चेले अब उसको सही साबित करेंगे इसके लिए फिर चाहे नालंदा को तक्षशिला बताना पड़े या फिर सिकंदर को गंगा तक बुलाना पड़े, वो तो चन्द्रगुप्त का प्रसंग तक अपने हिसाब से बादल देंगे, आखिर "साहब" की बात गलत कैसे हो सकती है।
चाटुकारिता का विरोध करने वाले जब खुद के हितों पर बनती है तो इस हद तक चाटुकार हो सकते हैं इसकी मिसाल है "साहब" के चेले चपाटे...
मैं इधर मोदी की लगभग सभी रैलियों में उनके दिये भाषणों को सुन रहा हूँ और इस फॉर्मूला पर पहुंचा हूँ
मोदी का भाषण- काँग्रेस और अन्य विरोधियों की आलोचना= मित्रो (मित्रों नहीं !)......कुछ झूठा सच्चा गुजरात के तथाकथित विकास module के बारे में, इस बीच 2 चार बार गिलास से पानी पीना, फिर विरोधी दलों को कोसना, गमछे से पसीना पोछना, फिर कोसना कुछ कपोल कल्पित बातें बोल देना (यह शायद अति उत्साह में हो जाता होगा), फिर कोसना, अंत में धन्यवाद
कभी कभी बिल्ली के भाग्य से भी छींका टूट जाता है और मोदी के case में अगर ऐसा हो जाये तो इसके लिए ज्यादा आश्चर्य नहीं करना चाहिए, कुश्ती में जब सामने मरियल से भी बदतर प्रतिद्वंदी हो तो मरियल भी ख़िताब जीत ही जाता है,
आज़ादी के 66 साल बाद भी आज भारत की दो प्रमुख पार्टियां गरीबी और मंहगाई के ऊपर लड़ रही हैं, इससे इनका चरित्र प्रतिबिम्बित हो जाता है।
Bilkul sahi kaha GR sahab ne aur sabse badi pareshani to ye hai ki ab hamare aur apke paas aur koi vikalp bhi nai hai bhajpa ke alawa.mai bhi bihar ka waasi hoon.maine deekha hai ki nitish kumar bihar me khoob jaatiwaad politics karte hain. ye fark maine apni akhon se dekha hai aur koi ise juthla nahi sakta chahe wo rojgaar ho vridha pension ho ya kuch aur.aaj ke is daur me garib amir ki koi paribhasha nahi,garib ek forward bhi ho sakta hai aur amir ek backward bhi.par afsos nitish kumar abhi tak is chiz ko samajh nahi paye.desh ko narendra modi ki jarurat hai aur bihar ko bhi ...tab shayad kuch badal jaye.
Namo ne bhashan hindi me dene ka agaz PM candidate banne ke bad hee shuru kiya hai to is karan is kitab ko me jaldi kahoonga kam se kam teen char saal ke bad. Tab tak unke bhasno main maturity aa jayegee. Haan Namo charcha ke Kendra me hain isme koi do rai nahin aur unke bhashno ke sunne ke jigyashu bhi hai.
पहली बात की आप जल्दी से बुखार से ठीक हो जायें.....दूसरी बात की हमारे भारत की यह विशेषता है की मांगने वालों को अपना सर भी दे देते हैं पर सर उठानेवालों का सर झुका देते हैं और समस्या ये है की साहेब बोलते समय कितनी भावनाओं को आहत करते हैं यह नहीं सोचते.....
lajawab
Geography badal rahen hain aur badla bhi hain,naye naye rajya aa gayen hain.Moral aur social science to badal hi diya desh ka.History par bhi prayas jari hain.Sardar Patel ko jumle mein tabdil kar diya hain.Ganit to aisee ki ek independent ko paintish support kar ke mukhiya bana dete hain.Sahitya mein balav aapke samne hain.
Managment aur adminstration to bhala inse koi bhi sikhega
Aho bhagya maine engineering padhi thi..
अभी कुछ दिन पहले मैं दिल्ली में था. इसी बिच मोदी जी दिल्ली में ही कैम्प कर रहे थे. तभी एक चुनाव क्षेत्र में प्रचार किया जा रहा था कि सुल्तानपुर में मोदी जी सिंह गर्जना करेंगे. मेरे साथ मेरे दो गुजराती मित्र भी थे.मैंने यूँ ही कहा कि चलो इनकी गर्जना सुनी जाये. तब एक गुजरती मित्र ने कहा कि "वह गरजता नहीं , भौंकता है". मैंने गौर किया और चुप रह गया. उसने गुजरात में मोदी काल के बारे में कुछ तथ्य बताया जिसमे सबसे चौकाने वाला तथ्य था कि पिछले कुछ वर्षों में गुजरात में तक़रीबन ९०० सरकारी स्कूल बंद कराये गए है.उसमे दो स्कूलों पे तो मॉल खड़ा किया गया है. उसने ऐसी कई तथ्य बताये जो मीडिया में नहीं आया. खैर मीडिया वालों को मै दोष नहीं दे सकता.उनमे और राजनीतिज्ञों में तो होड़ सी चल पड़ी है कि कौन अधिक गिरा हुआ है. कृपया इसे सही परिप्रेक्ष्य में लीजिएगा.
अभी कुछ दिन पहले मैं दिल्ली में था. इसी बिच मोदी जी दिल्ली में ही कैम्प कर रहे थे. तभी एक चुनाव क्षेत्र में प्रचार किया जा रहा था कि सुल्तानपुर में मोदी जी सिंह गर्जना करेंगे. मेरे साथ मेरे दो गुजराती मित्र भी थे.मैंने यूँ ही कहा कि चलो इनकी गर्जना सुनी जाये. तब एक गुजरती मित्र ने कहा कि "वह गरजता नहीं , भौंकता है". मैंने गौर किया और चुप रह गया. उसने गुजरात में मोदी काल के बारे में कुछ तथ्य बताया जिसमे सबसे चौकाने वाला तथ्य था कि पिछले कुछ वर्षों में गुजरात में तक़रीबन ९०० सरकारी स्कूल बंद कराये गए है.उसमे दो स्कूलों पे तो मॉल खड़ा किया गया है. उसने ऐसी कई तथ्य बताये जो मीडिया में नहीं आया. खैर मीडिया वालों को मै दोष नहीं दे सकता.उनमे और राजनीतिज्ञों में तो होड़ सी चल पड़ी है कि कौन अधिक गिरा हुआ है. कृपया इसे सही परिप्रेक्ष्य में लीजिएगा.
Sir Mai aapke blog ko regular padta hun. Maine ek pustak likhi hai. Kya aap mujhe apna e-mail id denge taki mai aapse aapka adress lekar aapko wo book bhej saku.
Mera e-mail id: knandan214@gmail.com
Sir Mai Aapke Blog ko regular padta hun. Maine ek pustak likhi hai aur mai use aapko bhejna chahta hun. Kya aap mujhe apna e mail id denge jisse mai aapse aapka official address le saku.
Mera e-mail id:
knandan214@gmail.com
thanks ravish.
the report by manish kumar on quality of primary teachers of bihar.
itne varshon ki jaddojahad ke baad bhi kuch accha nahi nikal raha
Aap ke dost ne sahi bataya,bhokta he...gujarat ki sachi bat media me nahi nikalti,par adhikash Gujarati kattar panthi he so modi gujarat me chalta he,
Baki to ghadhi bhi gujarati the
Gandhiji ki book SATYA NA PRAYGO or modi JUTHA NA PRAYGO,
Ravish namashkar hai aapko. ..ji isliye nahin leekha ki aap mujse chote hai...bahut din-o se soch raha thaa ki aap se kaise baat ho sakti hai. .Twitter ka khayal asya..2 din pehle follow kiya thaa...lekin woh aaj aam aadmiyon ke liye block kar diya hai...mein toh sirf aapk programme ki tareef karna chahata hoon. ..kriypa aapna twitter sab ke liye open rakhe...dhanyawad. Sunil. @twitter haps4u.
Ravish namashkar hai aapko. ..ji isliye nahin leekha ki aap mujse chote hai...bahut din-o se soch raha thaa ki aap se kaise baat ho sakti hai. .Twitter ka khayal asya..2 din pehle follow kiya thaa...lekin woh aaj aam aadmiyon ke liye block kar diya hai...mein toh sirf aapk programme ki tareef karna chahata hoon. ..kriypa aapna twitter sab ke liye open rakhe...dhanyawad. Sunil. @twitter haps4u.
Ravish "Sir"... Ya aur behtar Sir Ravish, Jo bhi kaha jaye kam hai... Aapke Prime Time ko dekh dekh kar desh k loktantra par Thoda vishwas jaaga hai... Lagne laga ki abhi bhi Tantra main log hain.
Modi ji k bashno par itni pratikriya kabhi kabhi samay bitana ka maksad lagne laga hai... Main khud Lucknow ka hun aur mere mama gujrat k "Anand"main rehte hain. Har bar gujrat Jaane par yahi lagta hai ki kahin mera Nepal ya Bangladesh main toh nahi. Neta, journalist, ya virodhi dal sirf history aur geography ki galtiya dhoondne main vyast hai.. toh kuch aur 2001 k dangon main khoye hai.. koi Pata nahi sadak, bijli, paani,school, jaise issues par dhyan nahi deta..
Khair main hun Aam Aadmi .. jisse koi modi, rahul ya mulayam, nitish nahi ... Sakratmak badlav chahiye... Bharat ka ujjawal bhavishya nahi ek muskurata vartmaan chahiye..
Aakash Pathak
Can you support this cause:
https://www.causes.com/campaigns/70172-get-peoples-agenda-set-by-people-ectoral-refroms
https://www.facebook.com/agenda2014election
https://www.thunderclap.it/projects/6907-agenda-2014-general-election
Can you support it by involving people in discussion. What is new in this is that we are asking leaders to include this in their manifesto. We want leaders to get mandate on this. It should work as a referendum and people who are against it should know they would be rejected. As a result we believe later in the LS or RS those will not delay these reforms:
https://www.causes.com/campaigns/70172-get-peoples-agenda-set-by-people-ectoral-refroms
https://www.facebook.com/agenda2014election
https://www.thunderclap.it/projects/6907-agenda-2014-general-election
Ravishji. Bullet Raja film pe Aapke review ka wait kar rahen hain.
i think NArendra MOdi को सुनने में ज्यादा मज़ा है और MMS को पढ़ने में:)
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