लोकपाल को लेकर संसद और सरकार के भीतर भी कम खेल नहीं हुआ । कांग्रेस का कुछ बीजेपी का कुछ लोकपाल । जनलोकपाल तो कभी था ही नहीं ।
अब सवाल यह है कि अण्णा क्या जनलोकपाल के लिए अनशन पर हैं या सलेक्ट कमेटी के लोकपाल के लिए । आज अण्णा का भाषण था कि जो सलेक्ट कमेटी ने पास किया है उसे पास करो । किरण बेदी ने प्राइम टाइम में कहा कि हम केंद्र के लोकपाल के लिए संघर्ष कर रहे हैं । राज्यों में लोकायुक्त के लिए राज्य के लोग संघर्ष करेंगे । यह लाइन नई है क्या ? राज्य में कौन संघर्ष करेगा । किरण जी ने कहा कि अभी हम चाहते हैं कि सौ में अस्सी प्रतिशत पास हुआ है वो ठीक है । बाक़ी का बीस बाद में ले लेंगे । अगर आप बीस प्रतिशत छोड़ सकती हैं तो सरकार को भी दो चार प्रतिशत की रियायत देंगी की नहीं । जेटली ने भी कहा है कि सरकार सलेक्ट कमेटी ले आए और बिना बहस के पास करा ले । सोमवार की जगह शुक्रिवार को ले आए । यह समान पोज़िशन देखकर कांग्रेस को शक हुआ कि किरण बेदी और बीजेपी का मत एक सा कैसे हो गया । किरण नहीं अण्णा और बीजेपी का । वैसे आज के भाषण में अण्णा ने कांग्रेस बीजेपी दोनों की आलोचना भी की है ।
सोमवार से पहले शुक्रवार को लोकपाल पास करने की क्या रणनीति हो सकती है ? दिल्ली में सरकार बनने से पहले अरविंद से एक बड़ा मुद्दा छीन लो ताकि उन्हें कांग्रेस बीजेपी से समर्थन लेने पर मजबूर किया जा सके । अण्णा को सलेक्ट कमेटी वाले लोकपाल के लिए राज़ी कर लो । ताकि अरविंद अण्णा के नाम पर उस लोकपाल को स्वीकार करने के लिए मजबूर हो जायें जिसे वे जोकपाल कहते हैं । फिर बीजेपी या कांग्रेस कहेंगे कि हम भी तो भ्रष्टाचार के लिए लड़ते हैं हमसे बिना शर्तें समर्थन ले लीजिये ताकि वे इसे बाद में 'राजनीति में सबको समझौता करना पड़ता है' के नाम पर भुना लें और अरविंद को किनारे लगा दें । अगर अरविंद ने यह कहा कि यह लोकपाल मंज़ूर नहीं है जिसे अण्णा ने मंज़ूर किया है तो बीजेपी कहेगी (कांग्रेस भी) कि अब इन्हें अण्णा का लोकपाल भी मंज़ूर नहीं । सरकार नहीं बनाते, क़ानून नहीं बनाते तो ये चाहते क्या है । हम पर भरोसा नहीं और अण्णा पर भी नहीं । एक तरह से भ्रम की ऐसी स्थिति पैदा कर दी जाएगी जिससे अरविंद को घेरा जा सके । बीजेपी अपना हश्र कांग्रेस वाला नहीं करवाना चाहेगी । कोई भी दल नहीं चाहता है कि राजनीति में आदर्शों की कोई बात करें और सफल हो । सब मिलकर अरविंद को नकारा साबित कर देंगे । बीजेपी ने अरविंद से लड़ना शुरू कर दिया है । गेम अब शुरू हुआ है । मज़ेदार मुक़ाबला होने जा रहा है । यह मोदी का दाँव है या कांग्रेस का । अरविंद से यह पूछा जायेगा कि आप जिस लोकपाल के लिए राजनीति में आए वो हमने बना दिया । अब राजनीति में आपका प्रयोजन समाप्त होता है । आपको क्या लगता अरविंद के पास कोई जवाब नहीं होगा । देखते हैं । आख़िर कांग्रेस बीजेपी ने अपने चुनावी खर्चे के बारे में नहीं ही बताया , क्या कर लिया पब्लिक ने या आम आदमी पार्टी ने । इन दो दलों से पंगा लेना आसान नहीं है ।
70 comments:
Ravish ji !! Asli rajneeti toh ab suru hui hai lokpal rajneeti aur( lokneeti), ansan par betha kaun, political party kisne banayee,kisko majboori mein lokpal bill pass karna pada agar hua toh paas,aur kisse saath dena pada. Phir bhi karaya sabne aur agle election mein credit sab lenge ki humne karaya aur hamne bhi.
रविश जी अन्ना के बारे में मेरी राय जो दो साल पहले बनी थी वो रामदेव, जेन. वी.पी.सिंह से होते हुए दिल्ली चुनाव में AAP को शर्मशार करने और अब इस पैंतरे तक, और पुख्ता ही हुआ है. किरण बेदी जी के बारे में मुझे ज़रा भी कभी भ्रम नहीं रहा. दिल्ली में पुलिश कमिश्नर नहीं बनना और अरविन्द से overshadowed हो जाना, उनके लिए दो निर्णायक मोड़ रहे हैं. जनलोकपाल आन्दोलन के दौरान उनका यह कहना कि अडवाणी ने मुझे फ़ोन करके कहा- बेटी------- एक अलग कहानी बयाँ करती है. आज मुझे अच्छा लगता है कि मैं AAP से तब जुड़ा जब अन्ना और किरण बेदी जैसे लोग अलग हो गए.मेरा मानना है कि ये तब भी BJP के साथ थे और आज तो अरिविंद/AAP के खिलाफ किसी से हाँथ मिला सकते हैं.तमाम मीडिया यह चिल्ला रहा है कि अन्ना अनशन पर गए तो लोकपाल पर संसद में फिर चर्चा शुरू हो गई ---. यह लोकपाल जरूर पास हो जाना चाहिए और इसका श्रेय अरविन्द या २८ सीटों वाली AAP को नहीं मिलेगा,जिसे घेरने के लिए ही इसे लाया जा रहा है. मुझे बहुत ख़ुशी हुई कि आज प्राइम टाइम में किरण बेदी को अच्छे से घेरा. सच कहूं तो अंत में वो थेथरई करती नज़र आईं.बेशर्मी की भी हद होती है.
Bas yeh chahta hu ki hindustan ki haar na ho jaye, is sab logo ke behkawe me. Jam kar ladunga, "AAP" ke liye, apne liye aur hindustan ke liye. Sach me aaj bada dar lag raha hai ki Jooth ke samne kahi Sach haar na jaye.
आदरणीय रवीश जी,
पहले पहल तो यह मेरा निजी आग्रह है कि आप अपना नाम हिंदी में ही लिखे (अपने ब्लॉग पर भी), ये अंग्रेजी वाला आपको सही से चरितार्थ नहीं करता, यकीन ना हो तो एक बार किसी अंग्रेजी सब्दकोश में देख ले; हो सकता है कि आपने कभी अपने नाम को अंग्रेजी सब्दकोष में होने की उम्मीद ही ना की हो :-)
जैसा कि आप लिखते हैं कि बोलने का अपना अलग साहित्य है, जो कि आपकी पहचान है, पर मैं आपके बोलने और लिखने दोनों से ज्यादा आपके विचारक होने को नमन करता हूँ | यद्दपि मैं आपके स्तुति-गान के मन से यह नहीं लिख रहा हैं हूँ बस “कहने का मन करता है...” इसलिए कह रहा हूँ |
आज का ‘लोकपाल टाइम’ मजेदार था, ख़ासकर देश के मौजूदा परिवेश में, जहाँ तमाम गर्मी के बावजूद इस सर्दी की सबसे गहरी धुंध छाई हुई है | पर व्यक्तिगत सतर पर मुझको लगता है ये अधजले विचारों के कोयलों से निकलने वाले धुएं से बना हुआ स्मोग फैला हुआ है, क्योकि धुंध में सिर्फ आपका दृष्टी-कोण अस्पस्ट हो सकता है पर सांस लेने में घुटन नहीं होती |
उम्मीद है जल्द ही सब स्पष्ट होगा, क्योंकि आपकी नज़र सब पर है और हमारी आप पर | बिना सूरज की किरण पर ना सही पर रवीश पर हम भरोसा कर सकते हैं |
माफ़ी चाहता हूँ, ना चाहते हुए भी कस्बे में आपके काम की चर्चा हो गई, पर क्या करे जैसा कि आपने लिखा है, एक तो ये मुश्किल है, दुसरे कसबे में ही नहीं, पूरे देश में यही आपकी पहचान है |
आपका मौखिक-साहित्य किसी आन्दोलन से कम नहीं, जरी रखिये...
शुभ रात्रि
Mujhe nai lagta Anna manege is naye lokpal ko....avi dekha primetime aaj ka aur bade hi dukh se bol raha hu ki 'Kiran ji par doubt ho raha hai'...
mujhe lagta hai logon ko jyada chinta AAP ki haar aur IAC mein daraar ki ho rahi hia... Age meri samajh mein aisa kuch hona chahiye:
1) IAC (Anna + Kiran ji) aur AAP (Kejriwal and Co) ko ek joint media conference deni chaiye jimein unhe "80% Anna ka Lokpal maan liya hai lekin aage poore ka prayas jaari hai" aisa bolna chahiye.
2) AAP ko aage bolna chahiye Delhi re-election mein original (ab Anna ka to raha nahi) Lokpal bill layenge -> dilli mein. Aur waise bhi Kiran ji ne yehi kaha hai ki har state apne apne lokpal ke liye anshan kare aur fir AAP yeh keh sakti hai ki AAP ne anna ke nirdesh par hi apne state mein political sangharsh karke "apna lokpal" paa liya ... ab baaki desh ki bhi baari hai...
Ab jise credit lena ho leta rahe ... lekin political mileage in 2 points par ab BJP aur Congress nahi le payegi.
अन्ना और किरण बेदी का यह बयान न सिर्फ निराशाजनक है मूर्खतापूर्ण है, अन्ना असलतः एक स्थानीय स्वयसेवी ही रहे, मुझे अब पूर्ण विश्वास हो गया है जनलोकपाल आंदोलन का मुखौटा भर ही अन्ना थे, आंदोलन का असली चेहरा कह ले या आंदोलन को उचाई तक ले जाने का काम केजरीवाल और उनकी टीम द्वारा किया गया था.
जनलोकपाल बिल मुझे केजरीवाल का ही ब्रेन चाइल्ड लगता है. अन्ना की हडबडाहट कई सवाल पैदा करता है, पहला सवाल तो यही है कि क्या जनलोक पाल बिल का ड्राफ्ट उन्होंने देखा भी था या नहीं.
एसे में तो शायद केजरीवाल का राजनीति में उतरना सही साबित करता है,कि राजनैतिक संघर्ष से ही असली स्वराज पाया जा सकता है, अन्ना और किरण के डावाडोल इरादों से नहीं.
अब शायद समय आ गया है, राजनीति में उतर कर संघर्ष करने का. मैं उतरने जा रहा हूँ संघर्ष के लिए, जीत मिले या हार परवाह नहीं, पर अब खुद से नहीं हारना.
ये किरण, अन्ना या केजरीवाल के अकेले के बस कि लड़ाई नहीं है, अकेले वोह टूट जायेंगे जैसे अन्ना टूट गए. खुद को, राष्ट्र को जिताने के लिए हमें भी अब उतरना जरुरी है, कल से संघर्ष शुरू.
Kash aapke is blog ko Arvind par len .agar Anna ne ye bill pass kar Diya to, Anna ke khilaf jakar sahi bill Lana ..yahi dharm hai Arvind ka . Ye aadarshon ki larai hai ,agar Anna apna dharm Karne main chhook rahe hain to koi baat nahi wo bhi insaan hain ...ab ye Mahabharat ke yudhh ki shakl le chuka hai ... I have full faith in Arvind team
आपके बारे मे जानने की इच्छा हुई आज तो गूगल किया मैंने तो आपका ब्लॉग मिला, काफी कुछ आर्टिकल पड़े मैंने अच्छे लगे . आपका प्राइम टाइम देखता हु
लिखना तो मे भी चाहता हु...बस सोच रहा था कहा से सुरु करू , लेकिन अब लगता है कुछ मिल गया है मुझे. आपके मिलने की इचा है मन मे शायद कभी मिलना भी हो जाए.
वैसे तो न्यूज़ नहीं देखता था पहले.लेकिन अब देखने लगा हु , राजनीति मे थोडा ज्ञान होने लगा है आप लोगो को सुनता हु.अच्छा लगता है|
करीबन ३ घंटे तक आपके लेखन कार्य को पड़ा तो लगा की आप लेखन की सरलता मे विश्वास करते है....
बाकी बाद मे लिखता हु
आपका धन्यवाद ...
केवल और केवल कूटनीतिक/राजनैतिक नज़रिये से देखें तो सरकार (और विपक्ष, मने बीजेपी ) ने गजब की चाल खेली है। (नैतिकता की बात नहीं कर रहा, उसे फिलहाल अरविन्द के लिए छोड़े देता हूँ )। पहले इन पार्टियों को लगा, चुनाव में करारी हार के बाद आप और अरविन्द को खुद ही शांत होना पड़ेगा । ऊपर से हर टीवी शो पर जाकर "जनतंत्र का "असली" मतलब और उसकी मुसली पॉवर" पर व्याख्यान देने को मिलेगा सो अलग । कहेंगे "बहुत बोलते थे आम आदमी- आम आदमी ,उसी आम आदमी ने ही रिजेक्ट कर दिया"। पर दिल्ली के चुनावी परिणाम ने सब उलट पुलट कर दिया। अपने राजनैतिक आकाश में बादल घिरते देख, इससे बेहतर क्या कर सकते थे कि विरोधी (मने आप ) की ज़मीन ही खींच ली जाय। वैसे ही आप की आलोचना होती रही है कि ये एक "सिंगल इशू पार्टी है"-करप्शन। जिसका मुख्य चेहरा लोकपाल है। अब भीड़ में बिना चेहरे के इन्हें कौन पहचानेगा ? जब ये ख़ुद ही बिल पास करा देंगे, तो अरविन्द के पास क्या होगा अगले चुनाव में वोट मांगने के लिए? (सस्ती बिजली ? ) ऊपर से इधर अन्ना की कृपा से ये हो जायेंगे ८०% मार्क्स से पास (विथ डिस्टिंकशन ) और अरविन्द हो जायें गेफेल। अन्ना , सरकार , विपक्ष सब एक तरफ। अरविन्द लगेंगे मुद्दा बिना एंग्री मैन। ऊपर से कहीं अन्ना का विरोध करने लगे तो भारत की महान गुरु-शिष्य परंपरा खून के आँसू ही न रोने लगे।
दरसरल , अब इम्तिहान केवल आप या अरविन्द का नहीं , हम वोटरों का (भी ) है.। क्या हम इन सब चालों से गुज़रकर अपनी समझ बचा पाएंगे या ८०% मार्क्स से खुश होकर आप एक केस स्टडी ही बकर रह जायेगा ?
Jeet hamesha sach ki hoti hai bhale der ho jaye
Sir mujhe nahi lagta AAP ko koi tension lene ki jarurat hai..recent election se congress ko ye samajh aa gaya hai loksabha mein 100 seat laana bhi mushkil..ab vikalp ek hi hai indirectly Arvind ko promote karo kyunki Congress ke pass apna koi chehera nahi hai jo Modi ko counter kar sake..aur uski shuruat kal aapke programme se hui jab Sanjay Nirupam,ne Anna aur BJP ko timing per question raise kiya
Pahali baar aapka Prime time beech main chhod ke chala gaya ... itna dukhi hua Kiran Bedi ko sun ke.
'State ke log karenge anshan ... ', yeah baat 2 saal pahale Ramleela maidan main kah dete to 10 sir bhi appko dikayi nahin dete madam ... kyonki sub log kisi na kisi state se belong karte hain. You are good candidate for Rajya Sabha seat ... please proceed for that without any disguise.
KIRAN BEDI AND ANNAJI are doing bad work. now people of india (not delhi because kiran bedi are trying to make LOKPAL only for centre)state people are stand up and walk with ARVIND KEJRIWAL.. now every step of BJP and CONGRESS are taking him set back...ARVIND JI GO AHEAD ALL INDIAN ARE WITH YOU
सर , लग तो ऐसे रहा है की अन्ना पॉलिटिक्स कर रहे है और अरविन्द आंदोलन कर रहे है
और दूसरा "अन्ना आंदोलन " कभी था ही नहीं अब समज आया वोह अरविन्द आंदोलन ही था हमेशा से ,
आना और कम्पनी की नयी लाइन उन सभी के साथ धोका है जिन्होंने आंदोलन में अपना टाइम लगाया
Charon taraf se Arvind Kejrival ko gherne ki tayari ki ja rahi hai parantu ab tak to 'sabko' ye samajh aa jana chahiye ke aisa karne se aap sabka fayda nahi hoga balki 'AAP' ka junoon aur badhega jo k ek achhi baat hai. Aam Aadmi Party Rocks
kuch to hua hain; kuch ho gaya hain;do char din mein... nice song from KANK .. some crane operated between delhi and Rale Siddhi . some Anna supporters have always been close to BJP. Presume stand change by Anna on CBI ;; by the way some progress ,let us not be cynical some good has happened
Ravish Je..! Maine 2011 se lagatar is anna movement ke touch me raha hun. Or daily update bhi leta hun. Ye to sabko pahle se hi pata tha ki Janlokpal Draft Arvind Jee ne hi prepare kiya tha.
Magar ye anna je ko kya ho gaya ek dam se u turn maar liya.
Ese me kiran bedi ka yah kahna ki AAP agar chahe to vo AAP ki BJP k sath madyastha karva dengi..
Ye lagta hai ki kiran bedi BJP se mil chuki hai or anna ko misguide kar inka irada aane wale chunav me BJP ko benifit pahuchane ka hai.
Kal prime time dekh kar rajniti ka ek naya daur dekhne ko mila. Sch me samgh aaya ki "Bhaut Kathin hai Dagar Panghat Ki".
Sach kahu to bahut dukh bhi hua kam se kam kiran bedi or anna je se esi ummid nahi ki ja sakti thi.
In parivesho me dekhkar yahi lagta hai ki sayad Anna Andolan Kabhi Tha Hi nahi... Asal Mayne me Arvind Aandolan tha.
Ravish bhai,
Afsos jarur hai par nirasha nahi. Arvind ke pas jawab jarur hoga.
Stand anna ne badle hain arvind ne nahi. 80 percent anna or kiran bedi ko kubul hai, arvind ko nai.
Yeh dutbhagypurn hai ki anna jase logo ko bhtkane me kuch intellectual ji-jan se lage hain.
Baki bahut sari baten kai doston ne apne comments me rakhi hain, jo sach se ru-baru bhi karati hain.
main sirf ek bat jarur kahna chahta hu ki yeh desh unhen kabhi maf nahi karega, jo sab kuch galat hote dekh kar bhi chup baithe hain.
Dinkar ki kuch panktiyan yad aa rahi hain...
Samar shes hai, nahi paap ka bhagi kewal byaghr.
Jo tatashth hai samay likhega unka bhi apradh.
Bas itna hi. aapka bahut bahut dhanywad.
Ravish ji,, kal aapka primetime dekhne ke baad mujhe bhi yahi sak hua tha, or wo sak sahi lagne jaa rha hai, par ab arvind bhi itni jaldi harne wala nahi hai, pata laga hai ki wo delhi me minority sarkar banane jaa rhe hai, jisse wo BJP or CONG. ko galat savit kar denge is lokpal ke mudde par.
aaj ka jo bakaya Ralegon me hua hai usse me anna or gopal done se sahmat nahi hoon, jaisa socha baisa hi ho rha hai, jab kal anna ne kumar vishwas ki alochna ki ki usne manch ka galat upyog kiya hai, to aaj unhe V K singh ki bhi alochna karni hogi, kyonki wo manch keval janlokal ke baare me bolne ke liye tha na ki AAP ki alochna karne ke liye, jab uspper gopal rai se aitraz jataya tab anna ne V K Singh ko kyon nahi toka???
jab anna khud hi kahte hai ki koi bhi unke aandolan ko support kar sakta hai lekin unhain manch par jagah nahi di jategi tab to gopal rai ko kaise kah sakte hai ki aap yahan humare sath ansan mat karo???????????
जब कोई बात बिगड़ जाए...या फिर गाडी या गज़ेट बिगड़ जाए..या योजना...तो समझदार क्या करेंगे?पूरी बात का फेर विचार शुरू से ही करेंगे-जो शायद आप भी कर रहे हो और हर वो इन्सान जो इस देश,घटना,इसके परिणाम से जुदा हुआ है-चाहे आर्थिक,मानसिक,राजनैतिक,या सिर्फ नैतिक।..और सभी पुनः समीक्षा ही तो कर रहे है!
अर्थात Lok Pal...(1) फिर LP bill...(2) फिर AAP या Kejriwal..(3) फिर dilli चुन व उसके परिणाम..(4) right?
इन सब मैं एक सामान्य तत्त्व है बोले तो...LP,anna,AAP,BJP,CONG,संसद + जन-गण-मन...और वो है भ्रष्टाचार???
अब आसान सी चुनौती ही तो है हम सब के सामने ! अस्पष्ट दृश्य हो तब अपनों को चुनो!:) i mean-जो भ्रष्टाचार के खिलाफ है और जो नहीं है उनकी स्पष्ट पहचान करो..(1) फिर या तो आप खुद भरष्ट हो या तो नहीं हो--क्या हो--उसकी स्व परीक्षा करो...(2) फिर अपनी स्वच्छता या भ्रष्टता:) के हीसाब से अपना नेता/support चुन लो! Simple! बस यहाँ एक जोख़िम है--
"स्वच्छ होकर भी भ्रष्ट का और भ्रष्ट होकर भी स्वच्छ का साथ दे आने की गलती कर देना महज़ एक अस्पष्ट चित्र की वजग से" :)
इसीको 'अन्धाधुधि' कहते है 'लोकभाषा' में और 'जंगल राज' कहते है व्यवस्था की भाषा मैं--कोई एक भी मोर्चा ध्वस्त होने पर (AAP या BJP) sharp observations हम यानिकी जनता खो देते है-और फिर भी शाशन तो दोनों के पास है नहीं तो फायदा कैसे भी हो लबाड शाशक ही को मिलता है---कहनेका तात्पर्य--यही कांग्रेस की भेंट(जंगल राज) है और यही कांग्रेस की नीति(जंगली की तरह झपटना)
आप को लगेगा की अचानक से जंगल? लेकिन सोचो अगर कल kiran bedi कह रही थी उस cbi officer को LP के अंडर रख कर भी तो जीत तो उसीकी होती है जो सत्ता मैं है अर्थात कांग्रेस? अरविन्द और बीजेपी तो बहोत बाद मे आते है!दिख रहा है न?:)
तो मेरे मत से तो जिस LP के लिए सब से पहली जंग छिड़ी गई थी--वह bill (हो सकता है केजरीवाल ने बनाया हो) और वही इन्सान(एना हजारे) और वही स्थिति (दोनों मुख्या राजनैतिक दलों को वर्ज्य(avoid) करना) ही उत्तम होगा
क्यूंकि सिद्धांतों की बात हो तब व्यव्हरू होना मुर्खता है--what is 80% haan? :-\ if i will say call this deadbody an alive person bcz it is a complete body excluding life!:) will you?
And yes ravishji:) i dont think you wr getting bore or confused from politics yesterday:) i guess अपना hair style ही दिखा रहे होंगे ? :) :-p
Joking:) we all have to fight "CLEAN Lok Pal" यूँ ही थोडीना मिल जाएगा?:)ok lets hope for no more corruption :)
Sachinji आप कतई यह न समझें की मैंने गलती निर्देश की-शायद हिंदी फोंट्स के दिखने की वजह से CMP samajh main nahin aaya!:-) + अगर आप sorry कहेंगे तो फिर आप से अगली बार confusion हो तब पूछने मैं शरम व् जीझक महसूस होगी।
Well thanks nd thanks again for ur kind information.
sir, a mistake .. "वी के सिंह रेवाड़ी में अण्णा के साथ हो गए तो अण्णा को बुरा नहीं लगा"
V.K Singh Anna ke saath nhi Modi ke saath sir...
"ho jaata hai kabhi kabhi" as u say... :)
दिल्ली चुनाव के परिणाम अरविन्द के पक्ष में आने के तुरंत बाद अन्ना का लोकपाल के लिए अनशन पर बैठना कुछ तो इशारा दे रहा है.....
Aaj kal sabhi party and neta aap ke peechey pad gaye hai shyad kisi ke paas koi kaam nahi bacha hai
sab ki khwahish hai ki aam aadmi party sarka bnaaye
taki sabhi news chanls ko breaking news mil jaye
breaking news ------plat gaye kejriwal, ya fir bacground main bjta hua gana
kya hua tera wada
pankaj saxena
Aaj kal sabhi party and neta aap ke peechey pad gaye hai shyad kisi ke paas koi kaam nahi bacha hai
sab ki khwahish hai ki aam aadmi party sarka bnaaye
taki sabhi news chanls ko breaking news mil jaye
breaking news ------plat gaye kejriwal, ya fir bacground main bjta hua gana
kya hua tera wada
लगता तो ये है की अन्ना राजनीति कर रहे है और अरविंद आंदोलन :)
Aaj apse sehmat nahi hu Ravish...
Kisi ko aankh band karke support karne ka natiza tha.. Indira is India and India is Indira...wahi aj Arvind ke sath ho raha hai.... Jo andolan karte hai wo sarakar nai chala sakte... is mrig trishna ko todne ka mauka Arvind ko milna chahiye.... ye dekhna dilchasp hoga ki kahi.. Arvind Delhi ke Mamta Banarjee toh nahi????
ऱवीश जी, बहुत ही पारखी नजर है आपकी. घटनाओ को सूंघकर सही परिद्रिश्य देख लेने की छमता के लिए साधुवाद. बहुत पुराना दर्शक और पाठक हूं आपका. प्रशंसक भी हूं. आपका भी और आपके विचारो का, आपकी सच्चाई का भी. अरविंद को चारो तरफ से घेरनेकी तैयारी है. बिलकुल वैसे ही जैसे महाभारत मे अभिमन्यु को घेर था. मगर अरविंद भी बडे जीवट वाले इन्सान हैं. हार नही मानेंगे वो. हम सब पीछे खडे है उनके.
Nice vinay bhai... ...
Nice vinay bhai... ...
अच्छी बातों के लिये गन्दी राजनीति गन्दी बात है।
अरविन्द ने आज मास्टर स्ट्रोक चल दिया है , लोग कहते हैं सीधे लोग राजनीति नहीं कर सकते ,पर अरविन्द ने आज सोनिया और राजनाथ को चिट्ठी लिख कर BJP और Congress की नींद उदा दी है |
कोई भी दल नहीं चाहता है कि राजनीति में आदर्शों की कोई बात करें और सफल हो । सही बात कही आपने रवीश जी|
हकीकत तो यह है , की बीजेपी और कांग्रेस ने सत्ता पाने के लिए अपने आदर्शों को मिटटी में मिला दिया है , जब पार्टी में ही 100 में से 99 लोग बेईमान होंगे ,तो एक अच्छा आदमी क्या कर लेगा |
मोदी की भी यही समस्या है ,BJP को कोई नहीं चाहता ,सब लोग मोदी को चाहते हैं ,
हालाकि मोदी की राजनीति हिंदुत्ववादी है ,पर वे जिस विचारधारा से आते हैं ,उसको बदल नहीं सकते ,बदलना भी नहीं चाहिए |
मेरा मानना है की मोदी के प्रति नफरत ठीक नहीं,पर भ्रष्टाचार पर जो लड़ाई अरविन्द ने लड़ी है,वो सदियों तक इतिहास में याद करी जायेगी |
हाँ इस देश को मोदी जैसा सशक्त नेता चाहिए ,पर अरविन्द जैसा नेता गाँव गाँव चाहिए |
दो चार अरविन्द हो गए तो UP से SP,BSP की राजनीति ख़त्म हो जायेगी , देश में अगर UP और बंगाल सुधर गया तो देश सुधर जाएगा |
आज जो कबूलनामा अरविन्द ने पड़ा media के सामने वो पहले कभी नहीं पड़ा गया |
अरविन्द भी ईट का जवाब पत्थर से दे रहे हैं |
जैसे दिल्ली ने अरविन्द को आजमाया है ,उसी तरह देश अरविन्द से पहले मोदी को आज़माना चाहता है , अरविन्द का नंबर मोदी के बाद है|
अगर मोदी देश को चलाने में असफल हुए तो ,ये सत प्रतिशत होगा की लोग अरविन्द को PM देखना चाहेंगे |
पर अभी के लिए दिल से आवाज़ मोदी के लिए आ रही है , और AAP मोदी का गेम न बिगाड़ दे इसकी चिंता भी , पर जो भी है , भारतीय संविधान ने AAP की राजनीति से अपनी खोई हुई साक वापस प्राप्त कर ली है |
अन्ना और अरविन्द की दरार से बीजेपी और कांग्रेस के घर में पार्टी मन रही है ,
पर गोपाल राय ने कुछ गलत नहीं कहा था ,अन्ना भी राजनीती सिख गए हैं , उनको AAP का समर्थन करना चाहिए ,न की बीजेपी और कांग्रेस के लोकपाल |
sab partiya ek hai.isliye lokpal ko latka rahi hai
sab partiya ek hai.isliye lokpal ko latka rahi hai
Ravish ji, aap to hindi ke bahut achche jaankar hain to mujhe lagta hai Harishakar Parsai ki yeh kahani aapne zarur padhi hogi, magar fir bhi share kar rahe hain kyonki yeh bilkul fit hai iss lokpal ke mudde par:
http://arbitspeak.blogspot.in/2011/12/bhed-aur-bhediye.html#!/2011/12/bhed-aur-bhediye.html
Thank you sir....
aap ho toh koi in parties ki soch ko aage tak samajh sakta hai....thode dino ki baat hai...aap bhi ek mudda ban baithenge(thodi sambhaal ke kariye patrakaarita).....kal ndtv awards mein aap nahi deekhe......ek sawaal ye bhi hai jab bhartiyo ko bhartiya hone ke liye award diya jaa raha hai toh bhi english mein.....kahi toh apni bhaasha ko aage rakho....chaliye bhaasha ki ladaai phir kabhi....filhaal toh aapke blog ko share kar raha hoon fb pe...
रवीश जी , कृपया अपना इ मेल आई डी भेज दीजिये आप से एक विशेष सूचना शेयर करनी है.
snpssaini@gmail.com
वी के सिंह रेवाड़ी में अण्णा के साथ हो गए तो अण्णा को बुरा नहीं लगा । जबकि वो राजनीतिक मंच था, pls correct it as BJP manch
वी के सिंह रेवाड़ी में अण्णा के साथ हो गए तो अण्णा को बुरा नहीं लगा । जबकि वो राजनीतिक मंच था, pls correct it as BJP manch
very nice keep it up ravish G
well said ravish ji,par situation mazedar nahin dukhad zaroor hai.lokapl ki hatya ka liya teen satambhon ke sath chautha satambh (media)bhi utna hi zimmedar hai.teen din tak fake sting chalane wale aj 11 mpss ke sting par bilkul khamoshhain.ap hi umeed ho bus...
भाई रविश जी , जो लोग आपके ब्लॉग पर आपकी तारीफ लिखते हैं, सिर्फ उन्ही के कमेंट्स सुरक्षित हैं, बाकी सब के हटा दिए गए हैं.. देख कर अच्छा लगा...
रेवाड़ी का मंच ex-serviceman का मंच था , पर आपके चश्मे में शायद यही दिखा होगा..
ये ब्लॉग, समझदार , पारखी और बिना किसी पूर्वग्रह के समझ रखने वालो को अपनी बात रखने का एक मंच भी देता है.. विचार की गुलामी नौजवानो को शोभा नही देती विचार की क्रांति और सच की पहचान होनी चाहिए ... मुझे यहा लोगो की राय पढ़ कर अच्छा लंगता है ... बाकी जगहो पर (जैसे टाइमस ऑफ इंडिया) नौजवानो के कॉमेंट्स से उनकी रूढ़िवादी सोच और सोच की गुलामी पर अफ़सोस होता है...
डर लगता है , सच में डर लगता है
होंसला देने में , जवाब लिखने में , डर लगता है
हैं बहुत सवाल....
कि है उजाला अभी या वहि अँधेरी रात है
कि है हम में कुछ महक या वही पुरानी बात है
कुछ नया करने की है उमंग या लूटने आये देश है
है हममें कुछ सहज या इसके पीछे कोई भेष है
अब कैसे यकीन दिलाएं उस आस को
सहमी सहमी सी डरी उस साँस को
बहुत डर है उन साँसों में
दुःख में कति उन रातों में
कैसे यकीं दिलाएं कि वोह तोह काली रात थी
आम की आवाज न सुनने वालो की बात थी
पर है सूरज अभी छिपा नहीं और कुछ क्षणों की घात है
अरविंद अभी रुका नही और आम आदमी का साथ है…
पुलकित
ye sab lokshabha chunao ke liye ho raha hai.anna ji soche apna lokpal to pass hoga nahi to kam se kam unka pass ho jaye..congress soch rahi hai pass ho jayegz lokpal to lokshabha me jayda sit ayengi,isi firak me bjp hai.aur anna ji bechare ansan pe hai wo ansan karte rah jate lekin unka bil kabhi pass nahi hota.wo dar gaye hai sarkar se nahi to wo ansan mumbai me kahe kar rahe hai delhi me kaena chahiye tha..dar ke soch rahe hai sarkal jokpal pass kar rahi hai to wahi sahi.. Janta ke nagar me anna ji ka ijat bach gaa sarkar ko vote mangne ka trika mil gaya.
वी के सिंह रेवाड़ी में अण्णा के साथ हो गए तो अण्णा को बुरा नहीं लगा ।
You have nicely narrated what I wanted to.
ha ha ha loved your article ravish ji.
Your way of presentation is unique.
Good words keep it up.
रविश जी.. आप भी आप कैंप मई हो लिए.. अच है.. part time देशभक्त बन गए अप भी.. खैर ,अपने बीजेपी और कांग्रेस और किरण बेदी जी की नियत तोबता दी पर AAP के बारे मई भी बात करते तो अच होता..
क्या दिल्ली में आप ने वोट ये कहकर नहीं मांगे थे की 'अन्ना का जन्लोक्पल लायेंगे'?? क्या आपको नहीं लगता की अगर अन्ना का जन्लोक्पल आ गया तो आप क पास लोक सभा चुनाव तक कुछ कहने को नहीं होगा.. ?? जरा इस एंगल पे भी कुछ बतियाते ..
जिस प्रकार कांग्रेस चाहती है की भारत में गरीबी और अशिक्षा बरकरार रहे उस्सी प्रकार आप बी चाहती है की जन्लोक्पल न बने ताकि चुनाव मई मुद्दा मिल सके.. अगर ऐसा नै होता तो उत्तराखंड में जब अन्ना का हूबहू लोकपाल पास हुआ था तो AAP का उसका कभी mention नहीं किया ताकि बीजेपी की तारीफ न हो सके.. जब AAP ने भी जन्लोक्पल को राजनीती से मिला दिया है तो जब ये ही काम बीजेपी और कांग्रेस कर रहे हैं तो इसमें क्या फर्क है..
खैर ये सब लिखना PART TIME देशभक्तों की बात नहीं है
रविश जी आप जो भी लिखते है कमाल का लिखते है साथ ही आप जो बोलते है वो भी कमाल का होता है आपकी बातो में व्यंग के तीर मुस्कराहट के साथ नेताओ को लाजबाब कर देते है बस आपकी वजह से प्राइम टाइम देखते है हम......
Dukh hua hai par Nirasha Nahi, Dukh isliye ki anna aur kiram bedi ne desh ki ladai ko apne naak ki ladai bana di, Anna ka ye kahna ki humne to apna lokapal paas kar liya jo log isse sahmat nhai apna andolan kare, credit lene ki hod ko darshata hai. Par Nirash isliye nahi hoon ki Arvinda hai na, aur arvind kabhi haar hi nahi sakta kyonki ye ladai to uski hai hi nhai ye to AAm AADMI ki ladai hai aur AAM AAdmi ne dikha diya ki wo haar nahi sakta hai. Jai Hind
दिग्विजय सिंह ने कहा चुनाव लड़ के दिखाओ , अन्ना ने कहा आन्दोलन कर के दिखाओ
Ravish ji ek sawal hai aapse. Santosh bhartiya apne aapko ptrakar kehte hai.
kya watav main wo hai? yadi ha to wo anna ke manch oar kya kar rahe hai.
mujhe to lagta hai santosh ji ne apna kaam badal diya hai
shyad is baar anna ko mnaanane
ya yu kahe bhtkane ka contract mila hai
I really feel that first Anna Andolan was meant to project BJP as clean option to corrupt politics by congress.... but unlike everyone's expectation kejriwal turned out to be spoiler in this conspiracy.....
now things are pretty much clear.....
Ravish jee
hame aap jaise bebak journalists ki sakht jaroorat hai.
Respect
Ravish ji, dukh ye hai ki desh mein naitikta na thi aur na hai, par har aadmi aise bol raha hai jaise unhone naitikta ka beeda utha rakha hai, aur baki sab ne chori aur thagi ka.
Arvind aur unki party bhi yahi kar rahe hain. Koi baat nahi, agar neta banna hai to koi issue to utha kar apna astitv banaye rakhna hoga. Par isme koi achcha ya bura nahin hai, hamaam mein sab nange hain.
Ravishji,aap ka aakalan bilkul sahi sabit hua.jo congress party ANNA ko giraftar tak karane par amada thi usi ke yuaraj aur anna ek doosare ko congratulate karr rahe hai.ANNAka ego bhi logon ke samne aa gaya.
Aaj lokpal pass hua aur jan shayad kahi peeche chut gaya. Jan ki ladai ab arvind jari rakhnge
BAHUT SIMPLE SI BAAT HAI....ANNA HO YA BEDI YA RAMDEV SAB KA KACHRA HO CHUKA HAI AB NAHI AANE WAALA YOUTH INKE SAATH KABHI....ARVIND KEJRIWAL KI UNDISPUTED KING OF AAM ADMI FIR CHAAHE PARTY HAARE YA JEETE....JEETEGI ISKA PAKKA IRAADA HAI YE HOKE RAHEGA....JANLOKPAL BILL ANNA KE BHOOKE REHNE SE NAHI AA RAHA JO WO SOCH RAHE HAIN AUR PYAR BHARE KHAT LIKH RAHE HAIN...YE AAYA HAI TO DILLI MEIN BAJI BAND KI WAJAH SE ANNA JI KAAN KHOL KE ACHE SE SUN LIJIYE NAHI TO BUDAPAAPE MEIN BAHUT LOGON KI IZZAT GAYI AUR AAP BHI UNME SE EK HO SAKTE HAI.
ANNAN BEDI RAMDEV SAB KI BANI BANAYI IZZAT JA CHUKI HAI UNKE KUKARMO SE....AAM AADMI IS UNDISPUTED KING. BAAKI PARTIES DHOBI KE KUTTE SE BHI BARBAAD HAIN NA GHAR KI NA GHAAT KI.
baat to aapki sahi hai....aaj ye blog padha lekin hua bilkul wahi h jo aapne kaha tha
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