दिल्ली में नरेंद्र मोदी की रैली के दूसरे दिन यानी आज कई अख़बारों के साथ ये ' पुलआउट' आया है । इसमें जा़री करने वाले का नाम कहीं भी नहीं है । मगर ये अंदाज़ा लगाना मुश्किल भी नहीं कि काम किसका हो सकता है । इसके कार्टून में सरकार के काम की तारीफ़ की है जिससे साफ़ है कि कांग्रेस का काम है ।
कांग्रेस मोदी को फेंकू कहती है तो मोदी के समर्थक उससे पहले से राहुल को पप्पू कहते आये हैं । मेरे लिहाज़ से दोनों ही उचित नहीं है ।
लेकिन इस कार्टून वाले पोस्टर से अंदाज़ा मिलता है कि मोदी और राहुल की टीम के बीच किस किस्म का मीडिया युद्ध होने वाला है ।
6 comments:
bharat mai aj tk kisi netagano ka inta mzak nh bna jitna is ban rha h wah PM ho modi ji ya rahul ji ho ye tarika galat h app virodh ki jiye lekin sabhyata se atal ji bhi kehthe the ki desh ki maryadao ka khyal rkhna chaiye modi ji aur rahul ji dono k samarthako ko is tarah se nh ladna chaiye vrna election sirf pappu vs feku pr hi reh jayega aur public phir dhoka khayegi
Ravish ji,
Jis tarah se aapne iska shirshak rakha hai aur pictures lagaye hain, lagta hai aap patrkaar nahin, Congressi ban gaye hain. Congressi hona koi bimari thode hai jo aap saaf bolne se darte ho. Boliye na ki aapki hamdardi hai Pappu se. Khulke aaiye maidan mei Ravish ji.
सही नजरिया है
आप के twitter/fb etc SM से निराशा की वजह ...
मताधिकार सिर्फ tweet post करनेवाले या रेली supporters को ही नहीं इनको green signal देनेवालों को भी है
जैसे की 'संसद मैं हंगामा' बिना green signal के हो सकता है?
Open secrets-not for change:-(
One of those cases, where a certain narrative from social media has crept into the "mainstream" (whatever that means)
इसका मतलब है कि अभी स्तर और गिरेगा पर कहाँ तक ये सोचना ना हमारे वश में है ना आपके क्योकि सोचने के लिए उस स्तर तक अपनी सोच को भी गिराना पड़ेगा जिस स्तर तक तमाम राजनीतिक दलों के अन्धभक्त जा चुके है l डर लगता है कहीं ये लोग इस बार गली के शराबियो की तरह ना लड़ पड़े और उसी भाषा का इस्तेमाल भी ना शुरू कर दे
haha aise or jokes daala kijiye :P
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