अब मैं अपने साथ कैनन का एक कैमरा रखने लगा हूं। दफ्तर का कैमरा रोल होने से पहले ही क्लिक करने लगता हूं। आज इस हफ्ते की रवीश की रिपोर्ट के लिए सोनिया विहार के साढ़े चार पुस्ता में घूम रहा था। वहीं गाय और कुत्ते की यह लीला देखी। भूखे कुत्ते के लिए गाय की सहनशीलता,वो भी इस भयानक ठंडी में। बस कैमरा क्लिक कर गया।
3 comments:
cute......
सर जी,
गाय आखीर माता जो है, उसके मन मै सब समान।
कोइ भी खायेगा पुण्य तो मिलेगा ही।
सवजी चौधरी, अहमदाबाद- ९९९८० ४३२३८.
अब पता लगा गाय को माता कहना अकारण नहीं है। सहिष्णुता भी ऐसा ही एक गुण है ।
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